RANI SATI CHALISA IN ALL LANGUAGE

CHALISA IN ASSAMESE

॥ দোহা ||

শ্ৰী গুৰু পোষ্ট পংকজ নমন, দূষিত অনুভূতিৰ উন্নতি।

ৰাণী সতি সুভিমল যশৰ মতে, বৰনমতী।

কামৰাধ বস্তুলোভত, ভৰামৰ পৃথিৱী।

শৰণ ঘি কৰুণামায়ী, সুখ সম্পত্তি যোগাযোগ|

 

॥ চৌপাই ||

নমো নমো শ্ৰী সতি ভৱন। জগ সকলো মন বিখ্যাত।

নমো নমো সংকট। সকলো বিচৰা পূৰণ কৰিবলৈ মন।

নমো নমো জয় জয় জগদাম্বা। ভকতান হংজ না হয় বিলম্ব।

নমো নমো জয়-জয় জগ তাৰিনি। সেৱক জানৰ হিজ সংশোধন।

ঐশ্বৰিক ৰূপৰ মুৰটো চুমা চহে। জগধাত কুণ্ডল মন মোহে ||

চিণ্ডুৰ সুকজাৰ টিকিৰ দাবী। গজ মুকুতা নাথ সুন্দৰৰ নিকি দ্বিতীয়

গাল বৈজান্তি মাল বিৰাজ। ষোলতম সাজ-সজ্জা।

গুৰচামালজীৰ বাবে ভাগ্যআশীৰ্বাদ। জন্মৰ বাবে ডকাৱা অভিযান।

তঁধান দস পতিৱৰে পোৱা গৈছিল। দুপংশ মংগল হঁত সাৱয়ী

জালিৰাম ৰ ল’ৰা কইনা। বীজটো মুঠ ডোকৰ দ্বাৰা পবিত্ৰ কৰা হয়।

স্বামী দেৱ ৰণে নমস্কাৰ কৰে। সততা ৰূপ শত্ৰু।

স্বামীয়ে এটা ভাল গতি ল’বলৈ সক্ষম হৈছিল। সুৰ মন হৰ্ষ সুমন বাৰছে ই।।

ৰাণাজীৰ সৈতে আশীৰ্বাদ লাভ কৰি ধন্য। সুফল হউৱা কৰ দাৰুস সততা।

বিক্ৰম থাই শ। মংগহেড বাদি নৌমি মঙ্গলকান।

নগৰ ঝুনঝুনু প্ৰাগতি মাতা। জগ েসুমংগল দাতাৰ প্ৰদৰ্শন কৰিছিল।

দূৰৰ দেশৰ যাত্ৰী। চানী দীপ নৱেচ্য নৈবেদ্য ||

তেওঁলোক আনন্দৰ বাবে মুকলি। শ্ৰী ফলৰ পৰা পূজা তান মন ধন।

যদুলা ৰাতি জিলা। বনশাল গোটি সকলো মানৱে|

পূজন পাঠ টো পঢ়া হয়। বেদ মুখতকৈ ওপৰৰ শব্দ।

নানাৰ দৰে। বিপজানসকল খুব জিমানা নহয়।

তেওঁৰ ভক্তিৰে ভক্তি আছে। সেৱকৰ মন হ’ব আকাংক্ষিত ফল।

জয় জয় কৰ কৰ পুৰুষ মহিলা। শ্ৰী ৰনি সটিৰ বালিহাৰী ||

দুৱাৰৰ কোটটো এটা নৌবাট। হট মেকআপ সঁজুলিটো অতি ভালদৰে বন্ধ।

গহনা সিংহাসন প্ৰতিফলিত হয়। মুহুৰ্ত আৰু মুহূৰ্ত, ধ্যান ৰস।

ভদ্ৰ কৃষ্ণ মাওচ দিৱস লীলা। মেলা ৰং ৰঞ্জীলা || পূৰণ কৰে

ভক্তসকলৰ সুজনৰ ভিৰ আছে। দৰ্শনৰ আগ্ৰহ আঁতৰাই নিয়া নহয়।

অটল ভুৱনত জ্যোতি টিহাৰী। তেজ পুঞ্জ জগ মায়ে উজিয়াৰী ||

আদি হৈছে শক্তিত পোৱা পোহৰ। দেশখন দেশত হওক।

নানা আইন আৰু উপাসনা। নিশ দিন ধ্যান টিহাৰা ধাৰতে|

দুখ, দুখ, নাসিনি। কৰুণামায়ী ঝুনঝুনু দ্বিতীয় ভাচিনী

প্ৰথম সতি নাৰায়ণী নমাম। ডডেকেশ আৰু হোৱাই ইচি ধামা ||

৩০ জন লোকৰ এটা কীৰ্তি। শ্ৰী ৰাণী সতিৰ ফিৰি দুহাই।

আৰতি ৰাতিপুৱা অৱতৰণ কৰিছিল। নৌবাট আৱাৰ চাউণ্ড টেংকাৰে।

ৰাগ চট্টিচাচ বাঞ্জো বাজে। ত্ৰয়োদশ মানুহজন ধুনীয়া।

মই আশ্ৰয়ৰ এক ট্ৰেজেডী। দাসৰ মানুহজনৰ হৃদয় পুৰো।

মোৰ এটা ভাৰোছো টেৰো আছে। সংস্কাৰিত কাৰাজ মেৰোৰ ওপৰত।

উপাসনাৰ নাম নাজানে। নিৰ্মল ম’হমা নিৰন্তৰ।

ভক্তসকলৰ প্ৰতিটো আপত্তি লোৱা। ল’ৰাটোক নাতি আৰু সম্পত্তি দিয়ক।

এই চালিচা টো পঢ়ক যিটো এটা শতিকাৰ। হয় সিদ্ধ মন মনহি বিকাৰ|

‘গোপাৰাম’ (আমি) আশ্ৰয় লৈছিল। দুঃখিত আমাৰ সকলো বাদ পৰা।

 

॥ দোহা ||

দুখদুৰ্যোগ ৰক্ষা, জগ জীৱন আধাৰ।

ডাঙৰ বস্তুটো উন্নত কৰক, সকলো অপৰাধ বিচ্ছুৰিত হৈ আছে।

 মাত শ্ৰী ৰাণী সতজী কি জয়

CHALISA IN BENGALI

||  দোহা ||

শ্রী গুরু পদ পঙ্কজ নামান, দুর্নীতিবাজ অনুভূতি উন্নতি।

রানি সতী সুভিমল যশ মতে, ব্যারোনামতি।

কামক্রোধ মাধ লোভ, ভরত রাহयो সংসার।

শরণ গা করুণাময়ী, সুখের সম্পত্তি যোগাযোগ

 

|| বাউন্ড ||

নমো নমো শ্রী সতী ভবান। বিশ্ব সবার কাছে সম্মানিত হিসাবে পরিচিত

নমো নমো সংক্রান্তি হার্নি সমস্ত কাঙ্ক্ষিত সিদ্ধি করুন।

নমো নমো জয় জয় জগদম্বা। ভক্তদের হতাশ করা উচিত নয়

নমো নমো জয়-জয় জগ তারিনী। চাকর জানের কাজ সংস্কারক।

শিক রূপটি মাথার দ্বারা ময়লা হয়। ঝকঝকে কুণ্ডল মন মোহে

ডিমান্ড সিন্দুর সুকাজার টিকি। গজ মুক্ত নাথ সুন্দরার নিকি।

গাল বিজন্তি সাময়ে সেজে। সোলহু সাজ বদন পে সাজে।

গুরসামালজির শুভকামনা রইল। মহাম ডকোয়া জন্মদিন সতী

তন্দন দাস স্বামীকে পেলেন। আনন্দ মঙ্গল হোত সাওয়ে

জালিরামের পুত্র কনে। রাজবংশ মোট দু’জনকে পবিত্র করেছেন

স্বামী দেব রণ মায়ে ভূঞারে সতী রূপ হো শতরু সানহরে

স্বামীর সাথে, তিনি শান্তি অর্জন করেছিলেন। সুর ​​মন হর্ষ সুমন বরসাই

ধন্য সেই রানা জী। সফল হওয়ার পরে দারস সতীর ||

বিক্রম তেত্রে একশো বাহান্ন মঙ্গলসির বড় নওমি মঙ্গলকুন।

নগর ঝুনঝুনু প্রগতি মাতা। জগ বিশিষ্ট সুমঙ্গল দাতা

দূর দেশ থেকে ভ্রমণকারীরা আসেন। ধুপ দীপ নৈবেদ্য নৈবেদ্য

আনন্দের সাথে সমস্যার সমাধান করুন। পূজা তন মন ধন শ্রী ফল

রাত জাগা রাত জাগুল। বনসাল গোথী সব মানভে।

উপাসকরা পাঠটি পড়তেন এবং পড়তেন। বেদ শব্দে আরোহী।

অনেকের মতো রান্না করা। উইজার্ডদের নতুন জীবন

ভক্তি ও নিষ্ঠার সাথে হারশতে। চাকররা কাঙ্ক্ষিত ফলাফল পান।

জয় জয় কর মরে পুরুষ মিঃ রানি সতীর বলিহরি

একবারে দরজা এবং কোট তৈরি করুন। গরম মেকআপ সরঞ্জাম

নিকো সিংহাসনকে মহিমান্বিত করলেন। প্রতি মুহূর্তে সতীর প্রতি ধ্যান ও ধ্যান করা হয়।

ভদ্র কৃষ্ণ মাওসের দিন লীলা। ভারত মেলা রঙ রঙ্গিলা।

ভক্ত সুজনের বিশাল ভিড় রয়েছে। দর্শনের আগ্রহ নষ্ট হয় না।

অটল ভুবনে জ্যোতি তিহারি। তেজ পুঞ্জ জগ মায়ে উজিয়ারি ||

শুরুর দিকে একটি আলো আছে। দেশে ভালো অনুভূতি রয়েছে।

মাতামাতি হিসাবে পূজা করছিলেন। মেডিটেশনের দিন আমরা ধ্যান করে বসে থাকতাম

ট্রাবলশুটার, দুঃখের ক্ষয়কারী। করুণাময়ী ঝুনঝুনু ভাসিনী।

প্রথম সতী নারায়ণির নাম। দ্বাদশ ও হুই ইসি ধামা  ||

তিহু লোকে কীর্তির আধিপত্য। শ্রী রানী সতীর গোধূলি দুই

সকাল ও সন্ধ্যায় আরতি করা হত। ঘন্টা কয়েক ঘন্টা বাছাই।

রাগ ছাতিসন বাজা বাজে থিরু মান্ডা খুব সুন্দর

আপনার আশ্রয়, আপনি শান্তিতে পুরা মন কি আশ দাশ কি

একটি আমাকে পূরণ করুন। আপনার গাড়ি উন্নত করুন

নামাজ ও নাম জানে না। নির্মল মহিমা নিত্য বাখনু।

ভক্তের আপত্তি নিন। পুত্র নাতি বর সম্পত্তি

এই চালিশা পড়ুন যা সাতবাড়া। হৈ সিদ্ধ মন মাহি বিচারা।

‘গোপীরাম’ (আমি) আশ্রয় নিয়েছিলাম। আমাদের সমস্ত খেলাপি দুঃখিত।

 

 

 

 

 

 

|| দোহা ||

দুঃখ ও বিপর্যয়, প্রাণহানি, জীবনই সেই ভিত্তি।

খারাপ খবরটি উন্নতি করুন, সমস্ত অপরাধ চলে গেছে

 সাথী শ্রী রানি সতীজী কি জয়

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN ENGLISH

|| DOHA ||

Sri Guru Pad Pankaj Naman, Dushit Bhav Sudhar
Ranisati Suvimal yash, Barnau Mati Anusar
Kaam Krodh mad lobh me, Bharam rahyo sansar
Sharan gahi karunamayi, Sukh sampatti sanchar

|| CHOUPAAI ||

Rani Sati Dadi Chalisa Namo Namo Sri Sati Bhavani, Jag vikhyat sabhi man manni || 1 ||
Namo Namo Sanktakun harni, mann vanchit pura sab karni || 2 ||
Namo Namo jai jai Jagdamba, bhaktan kaaj na hoy vilamba || 3 ||
Namo Namo jai jai Jagtarini, sevak jann ke kaaj sudharini || || ||

Divya roop sir chundar sohe, jagmagat kundal mann mohe || 5 ||
Maang sindoor sukajal tikki, gaj mukta nath sundar niki || 6 ||
Gale baijanti maal biraje, solah saaj badan pe saaje || 7 ||
Dhanya bhaag Gursamal jee ko, maham dokva janam Sati ko || || ||

Tandhan Das pativar paaye, anand mangal hot savaye || 9 ||
Jaliram putra vadhu hoke, vansh pavitra kiya kul doke || 10 ||
Pati Dev Rann maay jhunjhare,Sati roop ho shatru sanghare ||11||
Pati Sang le sadgati paayi, surr mann harsh suman barsai || 12 ||

Dhanya dhanya uss Ranajee ko, sufal hua kar daras Sati ko || 13 ||
Vikram terah so bavanku, mangsir badi Naomi Mangal ku || 1|| ||
Nagar Jhunjhnun pragati Maata,jag vikhyat sumangal daata || 15 ||
Durr desh ke yatri aave,dhoop deep navaidya chadave || 16 ||
Uchad uchad te hain anand se,pooja tan man dhan srifal se ||17||

Jaat jadula raat jagave,bansal goti sabhi manave || 1|| ||
Poojan path pathan dvij karte,ved dhwani mukh se ucharte ||19||
Nana bhanti bhanti pakwana,vipra jano ko nyut jimana || 20 ||
Sradha bhakti sahit harshate,sevak mann vanchit phal paate ||21||
Jai jai kar kare narr naari,Sri Ranisati ki balihari || 22 ||

Dwar kot nit naubat baaje,hot sringar saaj ati saaje || 23 ||
Ratna Singhasan jhalke niko,pal pal chin chin dhyan Sati ko || 2|| ||
Bhadra krishna mavas din leela,bharta mela rang rangeela || 25 ||
Bhakt sujanki sakad bheed hai,darshanke hit nahin chid hai||26||

Atal bhuvan me jyoti tihari,tej punj jag mayin ujari || 27 ||
Adi Shakti me mili jyoti hai,desh desh me bhavan bhoti hai || 2|| ||
Nana vidhi so puja karte,nish din dhyan tihara dharte || 29 ||
Kashta nivarani,dukkh nashini,karunamayi Jhunjhnun vasini ||30||
Pratham Sati Narayani nama,dwadas aur hui issi dhaama || 31 ||

Tihun lok me kirti chayi,Sri Rani Sati ki phiri duhai || 32 ||
Subah shaam Aarti utare,naubat ghanta dhwani tankare || 33 ||
Raag chattison baaja baaje,terahun mand sundar ati saaje ||3||||
Trahi Trahi me sharan aapki,poori mann ki aas daas ki || 35 ||

Mujhko ek bharoso tero,aan sudharo karaj mero || 36 ||
Pooja jap tap nem na jaanu,nirmal mahima nitya bakhanu || 37 ||
Bhaktan ki aapati har leni,putra pautra varr sampati deni || 3|| ||
Padhe yeh Chalisa jo shat baara…

hoy siddhi mann mahi bichara || 39 ||
Sagla bhakta sharan li thari,kshama karo sab chuk hamari || ||40 ||

|| DOHA ||

Dukh aapad tavpada haran, Jagjeevan aadhar
Bigdi baat sudhariye, Sab apradh bisar

Bol Sri Ranisati Dadi ki jai
Maat Jagdambe Sati Ji ki jai

CHALISA IN GUJRATI

|| દોહા ||

શ્રી ગુરુ પદ પંકજ નમન, બગડેલ સેન્ટિમેન્ટ ઇમ્પ્રૂવમેન્ટ.

રાણો સતી સુવિમલ યશ અનુસાર, બેરોનમતી.

કામક્રોધ માધ લોભ, ભરત રહયો સંસાર.

શરણ ગા કરુણમયી, સુખ સંપત્તિ સંચાર

 

|| બાઉન્ડ ||

નમો નમો શ્રી સતી ભવન. વિશ્વના બધા દ્વારા આદર માનવામાં આવે છે

નમો નમો સંક્રાંતિ હરણી બધી ઇચ્છિત પરિપૂર્ણતા કરો.

નમો નમો જય જય જગદંબા. ભક્તોએ નિરાશ થવું જોઈએ નહીં

નમો નમો જય-જય જગ તારીણી. સેવક જનનો કાજ સુધારક॥

દૈવી સ્વરૂપ માથેથી મલમ છે. સ્પાર્કલ કુંડલ મન મોહે

માંગ સિંદૂર સુકાજર ટીકી. ગજ મુક્તા નાથ સુંદરાર નીકી॥

ગલ બિજન્તિ સમે ageષિ. સોલ્હુ સાજ બદન પે સાજે॥

ગુરસ્મલજીને આશીર્વાદ. મહામ ડોકવા જન્મદિવસ સતી

તંધનદાસને પતિ મળે છે. આનંદ મંગલ હોત સવેયે

જલિરામનો પુત્ર એક કન્યા છે. રાજવંશએ કુલ બેને પવિત્ર કર્યા

પતિ દેવ રણ માયે ભુજારે સતી રૂપ હો શત્રુ સંહારે

તેના પતિ સાથે, તેણીને શાંતિ પ્રાપ્ત થઈ. સુર મન હર્ષ સુમન બરસાઈ

ધન્ય છે કે રાણા જી. સફળ થયા પછી || દરશ સતી

વિક્રમ તેરા સો બાવન મંગસિર મોટી નૌમિ મંગલકુંન॥

નાગર ઝુંઝુનુ પ્રગતિ માતા. જગ પ્રખ્યાત સુમંગલ દાતા

દૂરદૂરથી મુસાફરો આવે છે. ધૂપ દીપ નૈવેદ્યનો તકો

આનંદ સાથે મુશ્કેલીનિવારણ. ફળો સાથે પૂજા તન મન ધન શ્રી

જાટ જાદુલા રાત જાગી. બંસલ ગોથી બધા માનવે॥

ઉપાસકો પાઠ વાંચતા અને વાંચતા. વેદ અવાજ ચડતો॥

ઘણા જેવા રસોઇ કરવા. વિઝાર્ડ્સને નવું જીવન

ભક્તિ અને નિષ્ઠાથી હર્ષતે. નોકરો ઇચ્છિત પરિણામ મેળવે છે.

જય જય કર મારે માલે શ્રી રાણી સતીની બલિહારી

એક સાથે દરવાજો અને કોટ બનાવો. ગરમ મેકઅપ ટૂલ્સ

નિકોએ સિંહાસનનો મહિમા કર્યો. પ્રત્યેક ક્ષણે સતીનું ધ્યાન અને ધ્યાન કરવામાં આવે છે.

ભદ્ર ​​કૃષ્ણ માવસ દિવસની લીલા. ભરત મેળા રંગ રંગીલા॥

ભક્ત સુજાનની ભારે ભીડ છે. ફિલસૂફીનો રસ ખોવાતો નથી.

અટલ ભુવનમાં જ્યોતિ તિહારી. તેજ પુંજ જગ માયે ઉજિયારી ||

શરૂઆતની શરૂઆતમાં એક પ્રકાશ છે. દેશમાં સારી લાગણી છે.

માતૃદાદા તરીકે પૂજા કરતા હતા. ધ્યાનના દિવસે, આપણે ધ્યાનમાં બેસતા

મુશ્કેલીનિવારણ, દુ ખનું વહન કરનાર. કરૂણમયી ઝુનઝુનુ વસિની॥

પ્રથમ સતી નારાયણી નામ. દ્વાદશ અને હુઇ ઇસી ધમા ||

તિહુ લોકમાં કીર્તિનું વર્ચસ્વ હતું. શ્રી રાણી સતીની સંધિકાળ દુઆઈ

સવારે અને સાંજે આરતી કરવામાં આવી હતી. કલાકો સુધી અવાજની સ .ર્ટ કરો.

રાગ છટીસોં બાજા બાજે તિરુ મંડા ખૂબ સુંદર છે

તમારી આશ્રય, તમે શાંતિથી પૂરા મન કી આશ દાસ કી

મને એક ભરો. તમારી કાર સુધારો

પૂજા અને જાપનું નામ નથી જાણતા. નિર્મલ મહિમા નિત્ય બખાનુ॥

ભક્તનો વાંધો લો. પુત્ર પૌત્ર વરની સંપત્તિ

આ ચાલીસા વાંચો જે સાતબારા છે. હોય સિદ્ધ મન મહી બિચારા॥

‘ગોપીરામ’ (મેં) આશરો લીધો. માફ કરશો અમારા બધા ડિફોલ્ટ.

|| દોહા॥

દુ: ખ અને દુર્ઘટના, જીવનનું નુકસાન, જીવન એ આધાર છે.

ખરાબ સમાચારોમાં સુધારો કરો, તમામ ગુનાઓ દૂર થઈ ગયા છે

 સાથી શ્રી રાણી સતીજી કી જય

CHALISA IN HINDI

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN KANNADA

|| ದೋಹಾ | |

ಶ್ರೀ ಗುರು ಪ್ಯಾಡ್ ಪಂಕಜ್ ನಮನ್, ಭ್ರಷ್ಟ ಭಾವನೆ ಸುಧಾರಣೆ.

ರಾಣಿ ಸತಿ ಸುವಿಮಲ್ ಯಶ್ ಪ್ರಕಾರ, ಬರೋನಮತಿ.

ಕಾಮ್ಕ್ರೋಧ್ ಮಾಧ್ ದುರಾಸೆ, ಭಾರತ್ ರಹಯೋ ಸಂಸಾರ.

ಶರಣ್ ಗಹ್ ಕರುಣಮಯಿ, ಸಂತೋಷ ಆಸ್ತಿ ಸಂವಹನ

 

|| ಬೌಂಡ್ ||

ನಮೋ ನಮೋ ಶ್ರೀ ಸತಿ ಭವನ. ಜಗತ್ತನ್ನು ಎಲ್ಲರೂ ಗೌರವಿಸುತ್ತಾರೆ ಎಂದು ತಿಳಿದುಬಂದಿದೆ

ನಮೋ ನಮೋ ಸಂಕ್ರಾಂತಿ ಹರ್ನಿ ಎಲ್ಲಾ ಅಪೇಕ್ಷಿತ ನೆರವೇರಿಕೆ ಮಾಡಿ.

ನಮೋ ನಮೋ ಜೈ ಜೈ ಜಗದಂಬ. ಭಕ್ತರು ನಿರಾಶೆಗೊಳ್ಳಬಾರದು

ನಮೋ ನಮೋ ಜೈ-ಜೈ ಜಗ ತಾರಿನಿ. ಸೇವಕ ಜಾನ್ಸ್ ಕಾಜ್ ಸುಧಾರಕ

ದೈವಿಕ ರೂಪವು ತಲೆಯಿಂದ ಮಣ್ಣಾಗುತ್ತದೆ. ಪ್ರಕಾಶ ಕುಂಡಲ್ ಮ್ಯಾನ್ ಮೋಹೆ

ಸಿಂದೂರ್ ಸುಕಜಾರ್ ಟಿಕಿ ಬೇಡಿಕೆ. ಗಜ್ ಮುಕ್ತಾ ನಾಥ್ ಸುಂದರಾರ್ ನಿಕಿ

ಗಾಲ್ ಬಿಜಂತಿ ಸಮಾ age ಷಿ. ಸೊಲ್ಹು ಸಾಜ್ ಬದನ್ ಪೆ ಸಾಜೆ

ಗುರ್ಸಮಾಲ್ಜಿಗೆ ಆಶೀರ್ವಾದ. ಮಹಮ್ ಡೋಕ್ವಾ ಜನ್ಮದಿನ ಸತಿ

ತಂಧನ್ ದಾಸ್ ಗಂಡನನ್ನು ಹುಡುಕುತ್ತಾನೆ. ಆನಂದ್ ಮಂಗಲ್ ಹೋಟ್ ಸವೇ

ಜಲಿರಾಮ್ ಮಗ ವಧು. ರಾಜವಂಶವು ಒಟ್ಟು ಎರಡನ್ನು ಪವಿತ್ರಗೊಳಿಸಿತು

ಪತಿ ದೇವ್ ರನ್ ಮಾಯ್ ಭುಜಾರೆ ಸತಿ ರೂಪ್ ಹೋ ಶತ್ರು ಸಂಹರೆ

ತನ್ನ ಗಂಡನೊಂದಿಗೆ, ಅವಳು ಶಾಂತಿಯನ್ನು ಗಳಿಸಿದಳು. ಸುರ್ ಮ್ಯಾನ್ ಹರ್ಷ್ ಸುಮನ್ ಬರ್ಸಾಯಿ

ಆ ರಾಣಾ ಜಿ ಆಶೀರ್ವದಿಸಲಿ. ಯಶಸ್ವಿಯಾದ ನಂತರ || ದರ್ಸ್ ಸತಿ

ವಿಕ್ರಮ್ ತೇರಾ ನೂರ ಐವತ್ತೆರಡು ಮಂಗ್ಸೀರ್ ಬಾಡಿ ನೌಮಿ ಮಂಗಳಕುನ್

ನಗರ ುನು ಪ್ರಗತಿ ಮಾತಾ. ಜಗ್ ಪ್ರಖ್ಯಾತ ಸುಮಂಗಲ್ ದಾನಿ

ದೂರದ ದೇಶಗಳಿಂದ ಪ್ರಯಾಣಿಕರು ಬರುತ್ತಾರೆ. ಧೂಪ್ ದೀಪ ನೈವೇದ್ಯ ಅರ್ಪಣೆ

ಸಂತೋಷದಿಂದ ನಿವಾರಣೆ. ಪೂಜಾ ತನ್ ಮನ ಧನ್ ಶ್ರೀ ಹಣ್ಣುಗಳೊಂದಿಗೆ

ಜಾಟ್ ಜಡುಲಾ ಎಚ್ಚರ ರಾತ್ರಿ. ಬನ್ಸಾಲ್ ಗೋಥಿ ಎಲ್ಲಾ ಮಾನವೆ

ಆರಾಧಕರು ಪಠ್ಯವನ್ನು ಓದುತ್ತಿದ್ದರು ಮತ್ತು ಓದುತ್ತಿದ್ದರು. ವೇದಗಳು ಧ್ವನಿ ಆರೋಹಣ

ಅನೇಕರಂತೆ ಅಡುಗೆ ಮಾಡಲು. ಮಾಂತ್ರಿಕರಿಗೆ ಹೊಸ ಜೀವನ

ಭಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಭಕ್ತಿಯಿಂದ ಹರಶಟೆ. ಸೇವಕರು ಬಯಸಿದ ಫಲಿತಾಂಶಗಳನ್ನು ಪಡೆಯುತ್ತಾರೆ.

ಜೈ ಜೈ ಕರ್ ಮಾರೆ ಪುರುಷ ಶ್ರೀ ರಾಣಿ ಸತಿ ಅವರ ಬಲಿಹಾರಿ

ಬಾಗಿಲು ಮತ್ತು ಕೋಟ್ ಅನ್ನು ಒಮ್ಮೆಗೇ ಮಾಡಿ. ಬಿಸಿ ಮೇಕಪ್ ಉಪಕರಣಗಳು

ನಿಕೊ ಸಿಂಹಾಸನವನ್ನು ವೈಭವೀಕರಿಸಿದ. ಪ್ರತಿ ಕ್ಷಣ, ಸತಿಗೆ ಧ್ಯಾನ ಮತ್ತು ಧ್ಯಾನ ಮಾಡಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಭದೃ ಕೃಷ್ಣ ಮಾವಸ್ ದಿನ ಲೀಲಾ. ಭರತ ಮೇಳ ರಂಗ್ ರಂಗೀಲ

ಭಕ್ತ ಸುಜನ್ ಅವರ ದೊಡ್ಡ ಗುಂಪು ಇದೆ. ತತ್ತ್ವಶಾಸ್ತ್ರದ ಆಸಕ್ತಿಯನ್ನು ಕಳೆದುಕೊಳ್ಳುವುದಿಲ್ಲ.

ಅಟಲ್ ಭುವನ್‌ನಲ್ಲಿ ಜ್ಯೋತಿ ತಿಹಾರಿ. ತೇಜ್ ಪಂಜ್ ಜಗ್ ಮಾಯ್ ಉಜಿಯಾರಿ ||

ಆರಂಭದ ಆರಂಭದಲ್ಲಿ ಒಂದು ಬೆಳಕು ಇದೆ. ದೇಶದಲ್ಲಿ ಒಳ್ಳೆಯ ಭಾವನೆ ಇದೆ.

ತಾಯಿಯ ಅಜ್ಜನಾಗಿ ಪೂಜಿಸುತ್ತಿದ್ದರು. ಧ್ಯಾನದ ದಿನ ನಾವು ಧ್ಯಾನದಲ್ಲಿ ಕುಳಿತುಕೊಳ್ಳುತ್ತೇವೆ

ನಿವಾರಣೆ, ದುಃಖದ ದುಃಖ. ಕರುಣಮಯಿ ುನು ವಾಸಿನಿ

ಮೊದಲ ಸತಿ ನಾರಾಯಣಿ ನಾಮ್. ದ್ವಾಡಶ್ ಮತ್ತು ಹುಯಿ ಇಸಿ ಧಮಾ ||

ತಿಹು ಲೋಕದಲ್ಲಿ ಕೀರ್ತಿ ಪ್ರಾಬಲ್ಯ ಹೊಂದಿದೆ. ಶ್ರೀ ರಾಣಿ ಸತಿ ಅವರ ಟ್ವಿಲೈಟ್ ದುವಾಯಿ

ಬೆಳಿಗ್ಗೆ ಮತ್ತು ಸಂಜೆ ಆರತಿಯನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಲಾಯಿತು. ಗಂಟೆಗಳವರೆಗೆ ಧ್ವನಿಯನ್ನು ವಿಂಗಡಿಸಿ.

ರಾಗ hat ಾಟಿಸನ್ ಬಾಜಾ ಬಾಜೆ ತಿರು ಮಂದಾ ತುಂಬಾ ಸುಂದರವಾಗಿದೆ

ನಿಮ್ಮ ಆಶ್ರಯ, ನೀವು ಶಾಂತಿಯಿಂದ ಪೂರಾ ಮನ ಕಿ ಆಶ್ ದಾಸ್ ಕಿ

ಒಂದರಿಂದ ನನ್ನನ್ನು ತುಂಬಿಸಿ. ನಿಮ್ಮ ಕಾರುಗಳನ್ನು ಸುಧಾರಿಸಿ

ಪೂಜೆ ಮತ್ತು ಜಪಗಳ ಹೆಸರು ಗೊತ್ತಿಲ್ಲ. ನಿರ್ಮಲ್ ಮಹಿಮಾ ನಿತ್ಯ ಬಖಾನು

ಭಕ್ತರಿಂದ ಆಕ್ಷೇಪಣೆ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಿ. ಮಗ ಮೊಮ್ಮಗ ವರನ ಆಸ್ತಿ

ಸತ್ಬರಾ ಎಂಬ ಈ ಚಾಲಿಸಾವನ್ನು ಓದಿ. ಹೋಯ್ ಸಿದ್ಧ ಮನ್ ಮಹಿ ಬಿಚರಾ

‘ಗೋಪಿರಾಮ್’ (ನಾನು) ಆಶ್ರಯ ಪಡೆದರು. ಕ್ಷಮಿಸಿ ನಮ್ಮ ಎಲ್ಲಾ ಡೀಫಾಲ್ಟ್‌ಗಳು.

 

 

 

 

|| ದೋಹಾ ||

ದುಃಖ ಮತ್ತು ವಿಪತ್ತು, ಪ್ರಾಣಹಾನಿ, ಜೀವನವೇ ಆಧಾರವಾಗಿದೆ.

ಕೆಟ್ಟ ಸುದ್ದಿಯನ್ನು ಸುಧಾರಿಸಿ, ಎಲ್ಲಾ ಅಪರಾಧಗಳು ಹೋಗಿವೆ

 ಸಂಗಾತಿ ಶ್ರೀ ರಾಣಿ ಸತಿಜಿ ಕಿ ಜೈ

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN MALAYALAM

|| ദോഹ॥

ശ്രീ ഗുരു പാഡ് പങ്കജ് നമൻ, അഴിമതി വികാരം മെച്ചപ്പെടുത്തൽ.

റാണി സതി സുവിമൽ യാഷിന്റെ അഭിപ്രായത്തിൽ ബറോനാമതി.

കാംക്രോദ് മാഷ് അത്യാഗ്രഹം, ഭാരത് റഹിയോ സംസാരം.

ശരൺ ഗാ കരുണമയി, സന്തോഷ സ്വത്ത് ആശയവിനിമയം

 

|| അതിർത്തി ||

നമോ നമോ ശ്രീ സതി ഭവൻ. ലോകം എല്ലാവരും ബഹുമാനിക്കുന്നതായി അറിയപ്പെടുന്നു

നമോ നമോ സംക്രാന്തി ഹാർനി ആഗ്രഹിച്ച എല്ലാ നിവൃത്തിയും ചെയ്യുക.

നമോ നമോ ജയ് ജയ് ജഗ്ദാംബ. ഭക്തർ നിരാശപ്പെടരുത്

നമോ നമോ ജയ്-ജയ് ജാഗ് തരിനി. സേവകൻ ജാൻസിന്റെ കാജ് പരിഷ്കർത്താവ്

ദിവ്യരൂപം തലയിൽ മലിനമാണ്. സ്പാർക്കിൾ കുണ്ടാൽ മാൻ മോഹെ

സിന്ദൂർ സുകജാർ ടിക്കി ആവശ്യപ്പെടുന്നു. ഗജ് മുക്ത നാഥ് സുന്ദരൻ നിക്കി

ഗാൽ ബിജന്തി സമേ മുനി. സോൾഹു സാജ് ബദാൻ പെ സാജെ

ഗുർസമാൽജിക്ക് ഭാഗ്യകരമായ ഭാഗ്യം. മഹാം ഡോക്വ ജന്മദിനം സതി

തണ്ടൻ ദാസ് ഭർത്താവിനെ കണ്ടെത്തുന്നു. ആനന്ദ് മംഗൽ ഹോട്ട് സവേ

ജലീരാമിന്റെ മകൻ ഒരു മണവാട്ടിയാണ്. രാജവംശം ആകെ രണ്ടെണ്ണം വിശുദ്ധീകരിച്ചു

ഭർത്താവ് ദേവ് റാൻ മായ് ഭുജാരെ സതി റൂപ്പ് ഹോ ഷത്രു സൻഹാരെ

ഭർത്താവിനൊപ്പം അവൾ സമാധാനം നേടി. സുർ മാൻ ഹർഷ് സുമൻ ബർസായി

റാണ ജിക്ക് ഭാഗ്യമുണ്ടാകട്ടെ. വിജയകരമായതിന് ശേഷം || ദാർ സതി

വിക്രം തേര നൂറ്റമ്പത്തിരണ്ട് മംഗ്‌സിർ ബാദി ന um മി മംഗലകുൻ

നഗർ ജുഞ്ജുനു പ്രഗതി മാതാ. ജഗ് പ്രശസ്ത സുമംഗൽ ദാതാവ്

വിദൂര രാജ്യങ്ങളിൽ നിന്നുള്ള യാത്രക്കാർ വരുന്നു. ധൂപ് ഡീപ് നൈവേദ്യ വഴിപാടുകൾ

സന്തോഷത്തോടെ പരിഹരിക്കുക. പൂജ തൻ മന ധൻ ശ്രീ

ജാട്ട് ജാദുല രാത്രി ഉണരുക. ബൻസൽ ഗോതി എല്ലാം മാനവേ

ആരാധകർ വാചകം വായിക്കുകയും വായിക്കുകയും ചെയ്യാറുണ്ടായിരുന്നു. വേദങ്ങളുടെ ശബ്ദ ആരോഹണം

പലരെയും പോലെ പാചകം ചെയ്യാൻ. മാന്ത്രികർക്ക് പുതിയ ജീവിതം

ഭക്തിയും ഭക്തിയും ഉള്ള ഹരാഷതേ. സേവകർക്ക് ആവശ്യമുള്ള ഫലങ്ങൾ ലഭിക്കും.

ജയ് ജയ് കാർ മാരെ പുരുഷൻ ശ്രീ റാണി സതിയുടെ ബാലിഹാരി

വാതിലും കോട്ടും ഒരേസമയം ഉണ്ടാക്കുക. ചൂടുള്ള മേക്കപ്പ് ഉപകരണങ്ങൾ

നിക്കോ സിംഹാസനത്തെ മഹത്വപ്പെടുത്തി. ഓരോ നിമിഷവും ധ്യാനവും ധ്യാനവും സതിയെ ചെയ്യുന്നു.

ഭദ്ര കൃഷ്ണ മാവാസ് ഡേ ലീല. ഭാരത മേള രംഗ് രംഗില

ഭക്തനായ സുജന്റെ ഒരു വലിയ ജനക്കൂട്ടമുണ്ട്. തത്ത്വചിന്തയുടെ താൽപര്യം നഷ്ടപ്പെടുന്നില്ല.

അടൽ ഭുവനിലെ ജ്യോതി തിഹാരി. തേജ് പുഞ്ച് ജഗ് മായ് ഉജിയാരി ||

തുടക്കത്തിന്റെ തുടക്കത്തിൽ ഒരു പ്രകാശമുണ്ട്. രാജ്യത്ത് നല്ല വികാരമുണ്ട്.

മാതൃപിതാവായി ആരാധന നടത്തിയിരുന്നു. ധ്യാന ദിവസം ഞങ്ങൾ ധ്യാനത്തിൽ ഇരിക്കും

ട്രബിൾഷൂട്ടർ, ദു orrow ഖത്തിന്റെ ദു orrow ഖം. കരുണമയി ജുഞ്ജുനു വാസിനി

ആദ്യത്തെ സതി നാരായണി നാമം. ദ്വാദാഷും ഹുയി ഇസി ധാമയും ||

തിഹു ലോക്കിലാണ് കീർത്തിക്ക് ആധിപത്യം. ശ്രീ റാണി സതിയുടെ സന്ധ്യ ദുവായ്

രാവിലെയും വൈകുന്നേരവും ആരതി അവതരിപ്പിച്ചു. മണിക്കൂറുകളോളം ശബ്‌ദം അടുക്കുക.

രാഗ ചട്ടിസൺ ​​ബജാ ബാജെ തിരു മണ്ട വളരെ മനോഹരമാണ്

നിങ്ങളുടെ അഭയം, നിങ്ങൾ സമാധാനത്തോടെ പൂര മന കി ആഷ് ദാസ് കി

ഒന്ന് എന്നെ പൂരിപ്പിക്കുക. നിങ്ങളുടെ കാറുകൾ മെച്ചപ്പെടുത്തുക

ആരാധനയുടെയും മന്ത്രോച്ചാരണത്തിന്റെയും പേര് അറിയില്ല. നിർമ്മൽ മഹിമ നിത്യ ബഖാനു॥

ഭക്തനിൽ നിന്ന് എതിർപ്പ് എടുക്കുക. മകൻ ചെറുമകൻ വരന്റെ സ്വത്ത്

സത്ബാര എന്ന ഈ ചാലിസ വായിക്കുക. ഹോയ് സിദ്ധ മാൻ മഹി ബിചാറ ra

‘ഗോപിറാം’ (ഞാൻ) അഭയം പ്രാപിച്ചു. ക്ഷമിക്കണം ഞങ്ങളുടെ എല്ലാ സ്ഥിരസ്ഥിതികളും.

 

|| ദോഹ॥

ദു and ഖവും ദുരന്തവും, ജീവൻ നഷ്ടപ്പെടുന്നതും, ജീവിതമാണ് അടിസ്ഥാനം.

മോശം വാർത്ത മെച്ചപ്പെടുത്തുക, എല്ലാ കുറ്റകൃത്യങ്ങളും ഇല്ലാതായി

 മേറ്റ് ശ്രീ റാണി സതിജി കി ജയ്

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN MARATHI

|| दोहा॥

श्रीगुरू पद पंकज नमन, भ्रष्ट भावना सुधार.

राणी सती सुविमल यश, बरोणामतीच्या मते.

कामक्रोध मध लोभ, भरत रहायो संसार।

शरण गह करुणामय, आनंद मालमत्ता संचार

 

|| चौकार ||

नमो नमो श्री सती भवन। जगाचा आदर सर्वांनाच होतो

नमो नमो संक्रांति हरणी सर्व इच्छित पूर्ती करा.

नमो नमो जय जय जगदंबा। भक्तांनी निराश होऊ नये

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन काज सुधारक॥

दैवी रूप डोक्यात मातीमोल आहे. चमचमी कुंडल मान मोहे

डिमांड सिंदूर सुकाझर टिकी. गज मुक्ता नाथ सुंदरर निकी॥

गेल बिजंती समे Sषि। सोल्हू साज बदन पे साजे॥

गुरसमलजींना शुभेच्छा. महम डोकवा वाढदिवस सती

तंधन दास यांना नवरा सापडला. आनंद मंगल होट सावे

जळीराम यांचा मुलगा वधू आहे. राजवंशाने एकूण दोन शुद्ध केले

नवरा देव रण माये भुजारे सती रूप हो शत्रुु संहारे

तिच्या पतीबरोबरच तिला शांती मिळाली. सुर माण हर्ष सुमन बरसाई

धन्य ती राणा जी। यशस्वी झाल्यावर || पैकी दर्स सती

विक्रम तेरा शंभर बावन मंगसीर बडी नौमी मंगलकुन॥

नगर झुंझुनू प्रगती माता. जग प्रख्यात सुमंगल दाता

दूरदूर देशातून प्रवासी येतात. धूप दीप नैवेद्य अर्पण

आनंदाने समस्यानिवारण. पूजा तान मन धन श्री फळांसह

जाट जादुला रात्र जागो। बंसल गोठी सर्व मानवे॥

उपासक मजकूर वाचून वाचत असत. वेद ध्वनी चढती॥

बर्‍याच जणांना शिजवण्यासाठी. जादूगारांना नवीन जीवन

भक्ती आणि भक्तीने हरशाते. नोकरांना इच्छित परिणाम मिळतात.

जय जय कर मारे माले श्री राणी सतीचा बलीहारी

एकदा दार आणि कोट बनवा. गरम मेकअप साधने

निकोने सिंहासनाचा गौरव केला. प्रत्येक क्षणी ध्यान आणि ध्यान सती केले जाते.

भद्रा कृष्णा मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगिला॥

तेथे भक्त सुजनांची मोठी गर्दी आहे. तत्वज्ञानाची आवड हरवली नाही.

अटल भुवनमधील ज्योती तिवारी. तेज पुंज जग म उजियारी ||

सुरवातीच्या सुरूवातीस एक प्रकाश आहे. देशात चांगली भावना आहे.

मातृ आजोबा म्हणून पूजा करत होते. ध्यानस्थानाच्या दिवशी आम्ही ध्यानस्थ बसू

समस्यानिवारक, दु: खाचा त्रास देणारा. करुणामय झुंझुनु वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नाम। द्वादश आणि हुई ईसी धामा ||

तिहु लोकात कीर्तींचे वर्चस्व होते. श्री राणी सतीची संध्याकाळ दुई

सकाळी व संध्याकाळी आरती करण्यात आली. तासांचे क्रमवारी लावा.

राग छातीसन बाजा बाजे तिरु मंदा खूप सुंदर आहे

आपला आश्रय, आपण शांततेत पूर मना की आकाश दास की

मला एक भरा. आपल्या कार सुधारित करा

पूजा आणि नामस्मरण माहित नाही. निर्मल महिमा नित्य बखानू॥

भक्तांकडून आक्षेप घ्या. मुलगा नातू मालमत्ता

ही चालीसा वाचा जी सातबारा आहे. होई सिद्ध मान माही बिचार॥

‘गोपीराम’ (मी) आश्रय घेतला. क्षमस्व आमच्या सर्व डीफॉल्ट्स.

 

|| दोहा॥

दु: ख आणि आपत्ती, जीव गमावणे, जीवन हे आधार आहे.

वाईट बातमी सुधारा, सर्व गुन्हा संपला

 मते श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN ODIA

|| ଦୋହା।

ଶ୍ରୀ ଗୁରୁ ପ୍ୟାଡ୍ ପଙ୍କଜ ନମନ୍, ଦୁର୍ନୀତିଗ୍ରସ୍ତ ଭାବନା ଉନ୍ନତି |

ରାନୀ ସତୀ ସୁବିମଲ ଯଶଙ୍କ ଅନୁଯାୟୀ, ବରୁଣାମତି |

କାମକ୍ରୋଡ ପାଗଳ ଲୋଭ, ଭରତ ରାହୁ ସମସାରା |

ଶରଣ ଗହ କରୁଣାମୟୀ, ସୁଖ ସମ୍ପତ୍ତି ଯୋଗାଯୋଗ

 

 

 

|| ସୀମା ||

ନାମୋ ନାମୋ ଶ୍ରୀ ସତୀ ଭବନ | ଦୁନିଆ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ସମ୍ମାନିତ ବୋଲି ଜଣାଶୁଣା |

ନାମୋ ନମୋ ସଙ୍କ୍ରାନ୍ତୀ ହର୍ନି | ସମସ୍ତ ଇଚ୍ଛା ପୂରଣ କର |

ନାମୋ ନାମୋ ଜୟ ଜୟ ଜଗଦମ୍ବା | ଭକ୍ତମାନେ ନିରାଶ ହେବା ଉଚିତ୍ ନୁହେଁ |

ନାମୋ ନାମୋ ଜୟ-ଜୟ ଜଗ ତାରିନି | ସେବକ ଜନଙ୍କ କାଜ ସଂସ୍କାରକ।

Divine ଶ୍ୱରୀୟ ରୂପ ମୁଣ୍ଡ ଦ୍ୱାରା ଅପରିଷ୍କାର | ସ୍ପାର୍କଲ୍ କୁଣ୍ଡାଲ୍ ମ୍ୟାନ୍ ମୋହେ |

ସିନ୍ଦୂର ସୁକଜାର ଟିକିର ଚାହିଦା | ଗଜ ମୁଖା ନାଥ ସୁନ୍ଦରାର ନିକି।

ଗାଲ୍ ବିଜନ୍ତୀ ସମେ age ଷ |

ଗୁରୁସମାଲଜୀଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ ମହମ୍ ଡୋକୱା ଜନ୍ମଦିନ ସତୀ |

ତନ୍ଦନ ଦାସ ସ୍ୱାମୀ ପାଇଲେ। ଆନନ୍ଦ ମଙ୍ଗଲ ହୋଟ୍ ସାୱେ |

ଜଲିରାମଙ୍କ ପୁଅ ଜଣେ ବର। ରାଜବଂଶ ସମୁଦାୟ ଦୁଇଜଣଙ୍କୁ ପବିତ୍ର କଲେ |

ସ୍ୱାମୀ ଦେବ ରନ୍ ମା ଭୁଜାରେ ସତୀ ରୁପ ହୋ ଶାଟ୍ରୁ ସାନହରେ |

ତାଙ୍କ ସ୍ୱାମୀଙ୍କ ସହ ସେ ଶାନ୍ତି ଲାଭ କରିଥିଲେ। ସୁର ମ୍ୟାନ୍ ହର୍ଷ ସୁମନ ବାରସାଇ |

ଆଶୀର୍ବାଦ ଯେ ରାଣା ଜୀ। ସଫଳ ହେବା ପରେ ଦାର୍ସ ସତୀଙ୍କର || |

ବିକ୍ରମ ତେରା ଶହେ ପଚାଶ ଦୁଇ |

ନାଗର ଜୁ j ୍ଜୁନୁ ପ୍ରଗତି ମାତା | ଜଗ ବିଶିଷ୍ଟ ସୁମଙ୍ଗଲ ଦାତା |

ଦୂର ଦେଶରୁ ଯାତ୍ରୀମାନେ ଆସନ୍ତି | ଧୁପ୍ ଦୀପ ନାଇଭେଡିଆ ନ ings ବେଦ୍ୟ |

ଆନନ୍ଦ ସହିତ ସମସ୍ୟା ସମାଧାନ କରନ୍ତୁ | ଫଳ ସହିତ ପୂଜା ତାନ୍ ମାନ ଧନ ଶ୍ରୀ |

ଜାଟ ଜାଡୁଲା ଜାଗ୍ରତ ରାତି | ବନସାଲ ଗୋଥୀ ସମସ୍ତ ମନଭେ।

ପୂଜକମାନେ ପାଠ ପ ୁଥିଲେ ଏବଂ ପ ୁଥିଲେ। ବେଦ ଧ୍ୱନି

ଅନେକ ପରି ରାନ୍ଧିବା ପାଇଁ | ଯାଦୁଗରମାନଙ୍କ ପାଇଁ ନୂତନ ଜୀବନ |

ଭକ୍ତି ଏବଂ ଭକ୍ତି ସହିତ ହାରାଶେଟ୍ | ସେବକମାନେ ଆବଶ୍ୟକୀୟ ଫଳାଫଳ ପାଆନ୍ତି |

ଜୟ ଜୟ କର ମାରେ ପୁରୁଷ | ଶ୍ରୀ ରାନୀ ସତୀଙ୍କ ବାଲିହାରୀ |

ଥରେ କବାଟ ଏବଂ କୋଟ ତିଆରି କର | ଗରମ ମେକଅପ୍ ଉପକରଣଗୁଡିକ |

ନିକୋ ସିଂହାସନକୁ ଗ ରବାନ୍ୱିତ କଲେ। ପ୍ରତି ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ ଧ୍ୟାନ ଏବଂ ଧ୍ୟାନ ସତୀ ପାଇଁ କରାଯାଏ |

ଭଦ୍ର କୃଷ୍ଣ ମାଭାସ ଦିନ ଲୀଲା | ଭାରତ ମେଲା ରଙ୍ଗ ରଙ୍ଗିଲା।

ଭକ୍ତ ସୁଜନଙ୍କ ଭିଡ଼ ଜମିଛି। ଦାର୍ଶନିକର ଆଗ୍ରହ ହଜିନାହିଁ |

ଅଟଳ ଭୁବନରେ ଜ୍ୟୋତି ତିହାରୀ | ତେଜ ପଞ୍ଜ ଜଗ ମା ଉଜିଆରି || |

ଆରମ୍ଭର ଆରମ୍ଭରେ ଏକ ଆଲୋକ ଅଛି | ଦେଶରେ ଭଲ ଅନୁଭବ ଅଛି |

ଜଣେ ମାତାପିତା ଭାବରେ ପୂଜା କରୁଥିଲେ | ଧ୍ୟାନ ଦିନ, ଆମେ ଧ୍ୟାନରେ ବସିବା |

ତ୍ରୁଟି ନିବାରଣକାରୀ, ଦୁ ଖର ଦୁ ଖ | କରୁଣାମୟୀ ଜୁଞ୍ଜୁନୁ ଭାସିନି।

ପ୍ରଥମ ସତୀ ନାରାୟଣ ନାମ | ଦ୍ୱାଦଶ ଏବଂ ହୁଇ ଇସି ଧାମା || |

ତିହୁ ଲୋକରେ କିର୍ତ୍ତୀ ପ୍ରାଧାନ୍ୟ ବିସ୍ତାର କରିଥିଲେ | ଶ୍ରୀ ରାନୀ ସତୀଙ୍କ ଦ୍ୱିପ୍ରହର ଦୁଆ |

ସକାଳେ ଏବଂ ସନ୍ଧ୍ୟାରେ ଆରତୀ ପରିବେଷଣ କରାଯାଇଥିଲା | ଘଣ୍ଟା ପାଇଁ ଧ୍ୱନି ସର୍ଟ କରନ୍ତୁ |

ରାଗା ଛତିସନ୍ ବାଜା ବାଜେ | ତିରୁ ମାଣ୍ଡା ବହୁତ ସୁନ୍ଦର |

ତୁମର ଆଶ୍ରୟ, ତୁମେ ଶାନ୍ତିରେ |

ମୋତେ ଗୋଟିଏରେ ପୁରଣ କର | ତୁମର କାରରେ ଉନ୍ନତି କର |

ପୂଜା ଏବଂ ଜପ ନାମ ଜାଣ ନାହିଁ | ନିର୍ମଳ ମହିମା ନିତ୍ୟ ବଖାନୁ।

ଭକ୍ତଙ୍କଠାରୁ ଆପତ୍ତି ନିଅନ୍ତୁ | ପୁଅ ନାତି ବର ସମ୍ପତ୍ତି |

ଏହି ଚଲାଇସା ପ ଼ନ୍ତୁ ଯାହା ସତ୍ୟବାରା | ହୋ ସିଦ୍ଧ ମନ୍ ମା ବିଚାରା।

‘ଗୋପିରାମ’ (ମୁଁ) ଆଶ୍ରୟ ନେଇଥିଲି | ଦୁ ଖିତ ଆମର ସମସ୍ତ ଡିଫଲ୍ଟ |

 

|| ଦୋହା | |

ଦୁ ଖ ଏବଂ ବିପର୍ଯ୍ୟୟ, ଜୀବନ ହରାଇବା, ଜୀବନ ହେଉଛି ଆଧାର |

ଖରାପ ଖବରର ଉନ୍ନତି କର, ସମସ୍ତ ଅପରାଧ ଦୂର ହୋଇଗଲା |

 ସାଥୀ ଶ୍ରୀ ରାନୀ ସତୀଜୀ କି ଜୟ |

CHALISA IN PUNJABI

|| ਦੋਹਾ॥

ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਪਦ ਪੰਕਜ ਨਮਨ, ਭ੍ਰਿਸ਼ਟ ਭਾਵਨਾ ਸੁਧਾਰ।

ਰਾਣੀ ਸਤੀ ਸੁਵਿਮਲ ਯਸ਼ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ, ਬਰਨੋਮਤੀ.

ਕਾਮਕਰੋਧ ਮਧ ਲਾਲਚ, ਭਰਤਿ ਰਹਯੋ ਸਮਸਾਰਾ।

ਸ਼ਰਨ ਗਹੁ ਕਰੁਣਾਮੈ, ਖੁਸ਼ਹਾਲੀ ਸੰਪਤੀ ਸੰਚਾਰ

|| ਚੌਪਾਈ  ||

ਨਮੋ ਨਮੋ ਸ਼੍ਰੀ ਸਤੀ ਭਵਨ। ਦੁਨੀਆਂ ਨੂੰ ਸਭ ਦੁਆਰਾ ਸਤਿਕਾਰਿਆ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ

ਨਮੋ ਨਮੋ ਸੰਕਰਾਂਤੀ ਹਰਨੀ ਸਾਰੀ ਲੋੜੀਂਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਰੋ.

ਨਮੋ ਨਮੋ ਜੈ ਜੈ ਜਗਦੰਬਾ। ਸ਼ਰਧਾਲੂਆਂ ਨੂੰ ਨਿਰਾਸ਼ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ

ਨਮੋ ਨਮੋ ਜੈ-ਜੈ ਜਗ ਤਾਰਿਣੀ। ਸੇਵਕ ਜਨ ਕੇ ਕਾਜ ਸੁਧਾਰਕ॥

ਬ੍ਰਹਮ ਸਰੂਪ ਸਿਰ ਨਾਲ ਗੰਦਾ ਹੈ. ਸਪਾਰਕਲ ਕੁੰਡਲ ਮਨ ਮੋਹੇ

ਡਿਮਾਂਡ ਸਿੰਡੂਰ ਸੁਕਾਜਰ ਟਿੱਕੀ. ਗਜ ਮੁਕਤਾ ਨਾਥ ਸੁੰਦਰਾਰ ਨੀਕੀ॥

ਗਾਲ ਬਿਜਨਤਿ ਸਮੈ ਸੇਜ। ਸੋਲਹੁ ਸਾਜ ਬਦਨ ਪੇ ਸਾਜੇ॥

ਗੁਰਸਾਮਲਜੀ ਨੂੰ ਮੁਬਾਰਕ। ਮਹਾਂ ਡੋਕਵਾ ਜਨਮਦਿਨ ਸਤੀ

ਤੰਦਨ ਦਾਸ ਪਤੀ ਨੂੰ ਲੱਭਦਾ ਹੈ. ਅਨੰਦ ਮੰਗਲ ਹੋਤ ਸਵੈਏ

ਜਲੀਰਾਮ ਦਾ ਬੇਟਾ ਇਕ ਦੁਲਹਨ ਹੈ. ਰਾਜਵੰਸ਼ ਨੇ ਕੁਲ ਦੋ ਨੂੰ ਪਵਿੱਤਰ ਕੀਤਾ

ਪਤੀ ਦੇਵ ਰਨ ਮਾਏ ਭੁਜਾਰੇ ਸਤੀ ਰੂਪ ਹੋ ਸ਼ਤਰੂ ਸਨਹਾਰੇ

ਆਪਣੇ ਪਤੀ ਨਾਲ, ਉਸਨੇ ਸ਼ਾਂਤੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ. ਸੁਰ ਮਨ ਹਰਸ਼ ਸੁਮਨ ਬਰਸੈ॥

ਧੰਨ ਹੈ ਉਹ ਰਾਣਾ ਜੀ। || ਦਰਸ ਸਤੀ ਦੇ ਸਫਲ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ

ਵਿਕਰਮ ਤੇਰਾ ਸੌ ਬਵੰਜਾ ਮੰਗਸੀਰ ਬਦੀ ਨੌਮੀ ਮੰਗਲਕੁਨ॥

ਨਗਰ ਝੁੰਝੁਨੁ ਪ੍ਰਗਤੀ ਮਾਤਾ। ਜਗ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸੁਮੰਗਲ ਦਾਨੀ

ਦੂਰ ਦੇਸ਼ ਤੋਂ ਯਾਤਰੀ ਆਉਂਦੇ ਹਨ. ਧੂਪ ਦੀਪ ਨੈਵਦਿਆ ਭੇਟ

ਖੁਸ਼ੀ ਦੇ ਨਾਲ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ. ਪੂਜਾ ਤਨ ਮਨ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਫਲ ਨਾਲ

ਜੱਟ ਜਦੂਲਾ ਰਾਤ ਜਾਗਦਾ। ਬਾਂਸਲ ਗੋਠੀ ਸਭ ਮਾਨਵ॥

ਉਪਾਸਕ ਪਾਠ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਦੇ ਅਤੇ ਪੜ੍ਹਦੇ ਸਨ. ਵੇਦ ਆਵਾਜ਼ ਚੜਾਈ॥

ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਦੀ ਤਰਾਂ ਪਕਾਉਣ ਲਈ. ਜਾਦੂਗਰਾਂ ਨੂੰ ਨਵੀਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ

ਸ਼ਰਧਾ ਅਤੇ ਸ਼ਰਧਾ ਨਾਲ ਹਰਸ਼ਤੇ. ਨੌਕਰ ਲੋੜੀਂਦੇ ਨਤੀਜੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ.

ਜੈ ਜੈ ਕਾਰ ਮੇਰ ਨਰ ਸ਼੍ਰੀ ਰਾਣੀ ਸਤੀ ਦੀ ਬਲਿਹਾਰੀ

ਇਕੋ ਵੇਲੇ ਦਰਵਾਜ਼ਾ ਅਤੇ ਕੋਟ ਬਣਾਓ. ਗਰਮ ਮੇਕਅਪ ਟੂਲ

ਨਿਕੋ ਨੇ ਗੱਦੀ ਦੀ ਵਡਿਆਈ ਕੀਤੀ. ਹਰ ਪਲ, ਧਿਆਨ ਅਤੇ ਧਿਆਨ ਸਤੀ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਭਦ੍ਰ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਮਵਾਸ ਦਿਵਸ ਲੀਲਾ। ਭਰਤ ਮੇਲਾ ਰੰਗ ਰੰਗੀਲਾ॥

 

 

ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਸੁਜਾਨ ਦੀ ਭਾਰੀ ਭੀੜ ਹੈ। ਦਰਸ਼ਨ ਦੀ ਦਿਲਚਸਪੀ ਖਤਮ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ.

ਅਟਲ ਭੁਵਨ ਵਿਚ ਜੋਤੀ ਤਿਹਾਰੀ। ਤੇਜ ਪੁੰਜ ਜਗ ਮੈ ਉਜਯਾਰੀ ||

ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਦੇ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਰੋਸ਼ਨੀ ਹੈ. ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਚੰਗੀ ਭਾਵਨਾ ਹੈ.

ਇਕ ਨਾਨਾ-ਨਾਨੀ ਵਜੋਂ ਪੂਜਾ ਕਰ ਰਹੇ ਸਨ। ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਦਿਨ, ਅਸੀਂ ਅਭਿਆਸ ਵਿਚ ਬੈਠਾਂਗੇ

ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ, ਦੁਖੀ ਕਰਨ ਵਾਲਾ. ਕਰੁਣਾਮਯੀ ਝੁੰਝਨੁ ਵਾਸਿਨੀ॥

ਪਹਿਲਾ ਸਤੀ ਨਾਰਾਇਣੀ ਨਾਮ। ਦੁਦਾਸ਼ ਅਤੇ ਹੁਈ ਇਸਿ ਧਮਾ ||

ਤਿਹੁ ਲੋਕ ਵਿਚ ਕੀਰਤੀ ਦਾ ਦਬਦਬਾ ਸੀ। ਸ੍ਰੀ ਰਾਣੀ ਸਤੀ ਦੀ ਸੰਧਿਆ ਦੁਇ

ਸਵੇਰੇ ਅਤੇ ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਆਰਤੀ ਕੀਤੀ ਗਈ। ਘੰਟਿਆਂ ਲਈ ਆਵਾਜ਼ ਦੀ ਛਾਂਟੀ.

ਰਾਗ ਛਤੀਸਨ ਬਾਜਾ ਬਾਜੇ ਥਿਰੂ ਮੰਡਾ ਬਹੁਤ ਸੋਹਣਾ ਹੈ

ਤੇਰੀ ਪਨਾਹ, ਤੂੰ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨਾਲ ਪੂਰਾ ਮਨ ਕੀ ਆਸ਼ ਦਾਸ ਕੀ

ਮੈਨੂੰ ਇੱਕ ਨਾਲ ਭਰੋ. ਆਪਣੀਆਂ ਕਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰੋ

ਪੂਜਾ ਅਤੇ ਜਾਪ ਦਾ ਨਾਮ ਨਹੀਂ ਜਾਣਦੇ. ਨਿਰਮਲ ਮਹਿਮਾ ਨਿਤਿਆ ਬਖਾਨੁ॥

ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਤੋਂ ਇਤਰਾਜ਼ ਲਓ. ਪੁੱਤਰ ਪੋਤਾ ਲਾੜੇ ਦੀ ਜਾਇਦਾਦ

ਇਹ ਚਾਲੀਸਾ ਪੜ੍ਹੋ ਜੋ ਸਤਬਾਰਾ ਹੈ. ਹੋਇ ਸਿਧ ਮਨ ਮਾਹੀ ਬਿਚਾਰਾ॥

‘ਗੋਪੀਰਾਮ’ (ਆਈ) ਨੇ ਸ਼ਰਨ ਲੈ ਲਈ। ਮਾਫ ਕਰਨਾ ਸਾਡੇ ਸਾਰੇ ਡਿਫਾਲਟਸ.

 

|| ਦੋਹਾ॥

ਦੁਖੀ ਅਤੇ ਤਬਾਹੀ, ਜਾਨੀ ਨੁਕਸਾਨ, ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਅਧਾਰ ਹੈ.

ਬੁਰੀ ਖ਼ਬਰ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰੋ, ਸਾਰਾ ਜੁਰਮ ਖਤਮ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ

 ਸਾਥੀ ਸ਼੍ਰੀ ਰਾਣੀ ਸਤੀਜੀ ਕੀ ਜੈ

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार।

राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥

कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार।

शरण गहि करूणामयी, सुख सम्पत्ति संचार॥

॥ चौपाई ॥

नमो नमो श्री सती भवान। जग विख्यात सभी मन मानी॥

नमो नमो संकटकूँ हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी॥

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा॥

नमो नमो जय-जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी॥

दिव्य रूप सिर चूँदर सोहे। जगमगात कुण्डल मन मोहे॥

माँग सिन्दूर सुकाजर टीकी। गज मुक्ता नथ सुन्दरर नीकी॥

गल बैजन्ती माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे॥

धन्य भाग्य गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को॥

तनधन दास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये॥

जालीराम पुत्र वधू होके। वंश पवित्र किया कुल दोके॥

पति देव रण माँय झुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे॥

पति संग ले सद् गति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुवा कर दरस सती का॥

विक्रम तेरा सौ बावनकूँ। मंगसिर बदी नौमी मंगलकूँ॥

नगर झुँझुनू प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता॥

दूर देश के यात्री आवे। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे॥

उछाङ-उछाङते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्री फल से॥

जात जडूला रात जगावे। बाँसल गोती सभी मनावे॥

पूजन पाठ पठन द्विज करते। वेद ध्वनि मुख से उच्चरते॥

नाना भाँति-भाँति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना॥

श्रद्धा भक्ति सहित हरषाते। सेवक मन वाँछित फल पाते॥

जय जय कार करे नर नारी। श्री राणी सती की बलिहारी॥

द्वार कोट नित नौबत बाजे। होत श्रृंगार साज अति साजे॥

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल-पल छिन-छिन ध्यान सती को॥

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरता मेला रंग रंगीला॥

भक्त सुजन की सकड़ भीड़ है। दर्शन के हित नहीं छीड़ है॥

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग माँय उजियारी॥

आदि शक्ति में मिली ज्योति है। देश देश में भव भौति है॥

नाना विधि सो पूजा करते। निश दिन ध्यान तिहारा धरते॥

कष्ट निवारिणी, दु:ख नाशिनी। करूणामयी झुँझुनू वासिनी॥

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादश और हुई इसि धामा॥

तिहूँ लोक में कीर्ति छाई। श्री राणी सती की फिरी दुहाई॥

सुबह शाम आरती उतारे। नौबत घण्टा ध्वनि टँकारे॥

राग छत्तिसों बाजा बाजे। तेरहुँ मण्ड सुन्दर अति साजे॥

त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी। पूरो मन की आश दास की॥

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो॥

पूजा जप तप नेम न जानूँ। निर्मल महिमा नित्य बखानूँ॥

भक्तन की आपत्ति हर लेनी। पुत्र पौत्र वर सम्पत्ति देनी॥

पढ़े यह चालीसा जो शतबारा। होय सिद्ध मन माँहि बिचारा॥

‘गोपीराम’ (मैं) शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी॥

॥ दोहा ॥

दुख आपद विपदा हरण, जग जीवन आधार।

बिगङी बात सुधारिये, सब अपराध बिसार॥

 मात श्री राणी सतीजी की जय

CHALISA IN TAMIL

|| தோஹா

ஸ்ரீ குரு பேட் பங்கஜ் நமன், சிதைந்த உணர்வு மேம்பாடு.

ராணி சதி சுவிமல் யாஷின் கூற்றுப்படி, பரோனமதி.

காம்கிரோத் மத் பேராசை, பாரத் ரஹியோ சம்சாரம்.

ஷரன் கா கருணாமய், மகிழ்ச்சி சொத்து தொடர்பு

|| கட்டு ||

நமோ நமோ ஸ்ரீ சதி பவன். உலகம் அனைவராலும் மதிக்கப்படுவதாக அறியப்படுகிறது

நமோ நமோ சங்கராந்தி ஹார்னி விரும்பிய அனைத்து நிறைவேற்றத்தையும் செய்யுங்கள்.

நமோ நமோ ஜெய் ஜெய்தம்பா. பக்தர்கள் ஏமாற்றமடையக்கூடாது

நமோ நமோ ஜெய்-ஜெய் ஜாக் தரினி. வேலைக்காரன் ஜானின் காஜ் சீர்திருத்தவாதி

தெய்வீக வடிவம் தலையால் மண்ணாகிறது. பிரகாசமான குண்டல் நாயகன் மோஹே

சிண்டூர் சுகஜர் டிக்கி தேவை. கஜ் முக்தா நாத் சுந்தரர் நிகி

கால் பிஜாந்தி சமே முனிவர். சோல்ஹு சாஜ் பதான் பெ சாஜே

குர்சமல்ஜிக்கு அதிர்ஷ்டம். மஹாம் டோக்வா பிறந்தநாள் சதி

தந்தன் தாஸ் கணவரைக் காண்கிறார். ஆனந்த் மங்கல் ஹோட் சவே

ஜலிராமின் மகன் ஒரு மணமகள். வம்சம் மொத்தம் இரண்டை புனிதப்படுத்தியது

கணவர் தேவ் ரன் மே புஜாரே சதி ரூப் ஹோ சத்ரு சன்ஹாரே

கணவருடன், அவர் அமைதி பெற்றார். சுர் மேன் ஹர்ஷ் சுமன் பர்சாய்

அந்த ராணா ஜி ஆசீர்வதிக்கப்படுவார். || தார்ஸ் சதி வெற்றி பெற்ற பிறகு

விக்ரம் தேரா நூற்று ஐம்பத்து இரண்டு மங்சீர் பாடி ந au மி மங்களகுன்

நகர் ஜுன்ஜுனு பிரகதி மாதா. ஜாக் புகழ்பெற்ற சுமங்கல் நன்கொடையாளர்

தொலைதூர நாடுகளிலிருந்து பயணிகள் வருகிறார்கள். தூப் டீப் நைவேத்யா பிரசாதம்

மகிழ்ச்சியுடன் சரிசெய்யவும். பழங்களுடன் பூஜா டான் மன தன் ஸ்ரீ

ஜாட் ஜதுலா விழித்திருக்கும் இரவு. பன்சால் கோதி அனைவரும் மனவே॥

வழிபாட்டாளர்கள் உரையைப் படித்து வாசிப்பார்கள். வேதங்களின் ஒலி ஏறுதல்

பலரைப் போல சமைக்க. மந்திரவாதிகளுக்கு புதிய வாழ்க்கை

பக்தி மற்றும் பக்தியுடன் ஹராஷேட். ஊழியர்கள் விரும்பிய முடிவுகளைப் பெறுவார்கள்.

ஜெய் ஜெய் கார் மாரே ஆண் திரு ராணி சதியின் பாலிஹாரி

ஒரே நேரத்தில் கதவு மற்றும் கோட் செய்யுங்கள். சூடான ஒப்பனை கருவிகள்

நிக்கோ சிம்மாசனத்தை மகிமைப்படுத்தினார். ஒவ்வொரு கணமும், தியானமும் தியானமும் சதிக்கு செய்யப்படுகிறது.

பத்ரா கிருஷ்ணா மாவாஸ் நாள் லீலா. பாரத மேளா ரங் ரங்கிலா

பக்தர் சுஜனின் பெரும் கூட்டம் உள்ளது. தத்துவத்தின் ஆர்வம் இழக்கப்படவில்லை.

அடல் புவானில் ஜோதி திஹாரி. தேஜ் புஞ்ச் ஜக் மே உஜியாரி ||

ஆரம்பத்தில் ஒரு ஒளி இருக்கிறது. நாட்டில் நல்ல உணர்வு இருக்கிறது.

தாய்வழி தாத்தாவாக வழிபட்டு வந்தனர். தியான நாளில், நாங்கள் தியானத்தில் அமர்ந்திருப்போம்

சரிசெய்தல், துக்கத்தின் துக்கம். கருணாமய் ஜுன்ஜுனு வாசினி

முதல் சதி நாராயணி நாம். த்வாதாஷ் மற்றும் ஹுய் இசி தமா ||

திஹு லோக்கில் கீர்த்தி ஆதிக்கம் செலுத்தியது. ஸ்ரீ ராணி சதியின் அந்தி துவை

ஆரத்தி காலையிலும் மாலையிலும் நிகழ்த்தப்பட்டது. மணிநேரங்களுக்கு ஒலியின் வரிசை.

ராக சாடிசன் பாஜா பாஜே திரு மந்தா மிகவும் அழகாக இருக்கிறார்

உங்கள் அடைக்கலம், நீங்கள் நிம்மதியாக இருக்கிறீர்கள் பூரா மன கி ஆஷ் தாஸ் கி

ஒன்றில் என்னை நிரப்பவும். உங்கள் கார்களை மேம்படுத்தவும்

வழிபாடு மற்றும் கோஷத்தின் பெயர் தெரியாது. நிர்மல் மஹிமா நித்யா பக்கானு

பக்தரிடமிருந்து ஆட்சேபனை எடுத்துக் கொள்ளுங்கள். மகன் பேரன் மணமகன் சொத்து

சத்பரா என்ற இந்த சாலிசாவைப் படியுங்கள். ஹோய் சித்த மன் மஹி பிச்சாரா

‘கோபிராம்’ (நான்) தஞ்சம் புகுந்தது. எங்கள் எல்லா இயல்புநிலைகளுக்கும் மன்னிக்கவும்.

 

|| தோஹா | |

துக்கமும் பேரழிவும், உயிர் இழப்பு, வாழ்க்கையே அடிப்படை.

கெட்ட செய்தியை மேம்படுத்துங்கள், குற்றங்கள் அனைத்தும் நீங்கிவிட்டன

 துணையை ஸ்ரீ ராணி சதிஜி கி ஜெய்

CHALISA IN TELUGU

|| దోహా | |

శ్రీ గురు ప్యాడ్ పంకజ్ నమన్, పాడైన సెంటిమెంట్ మెరుగుదల.

రాణి సతి సువిమల్ యష్ ప్రకారం, బరోనామతి.

కామక్రోడ్ మధ్ దురాశ, భారత్ రహయో సంసారం.

శరణ్ గహ్ కరుణమయి, ఆనందం ఆస్తి కమ్యూనికేషన్

 

|| బౌండ్ ||

నామో నామో శ్రీ సతీ భవన్. ప్రపంచం అందరిచేత గౌరవించబడుతోంది

నమో నామో సంక్రాంతి హర్ని కావలసిన అన్ని నెరవేర్పు చేయండి.

నమో నమో జై జై జగదాంబ. భక్తులు నిరాశ చెందకూడదు

నామో నామో జై-జై జగ్ తారిని. సేవకుడు జాన్ యొక్క కాజ్ సంస్కర్త

దైవిక రూపం తల ద్వారా ముంచినది. మరుపు కుండల్ మాన్ మోహే

సిందూర్ సుకాజర్ టికి డిమాండ్. గజ్ ముక్త నాథ్ సుందర్ నికి

గాల్ బిజాంతి సమే సేజ్. సోల్హు సాజ్ బాదన్ పె సాజే

గుర్సమల్జీకి అదృష్టం. మహాం డోక్వా పుట్టినరోజు సతి

తాంధన్ దాస్ భర్తను కనుగొంటాడు. ఆనంద్ మంగల్ హోట్ సవే

జలీరామ్ కొడుకు వధువు. రాజవంశం మొత్తం రెండు పవిత్రం చేసింది

భర్త దేవ్ రన్ మే భుజారే సతి రూప్ హో షత్రు సంహారే

తన భర్తతో, ఆమె శాంతిని పొందింది. సుర్ మ్యాన్ హర్ష్ సుమన్ బార్సాయ్

ఆ రానా జీ ధన్యులు. విజయవంతం అయిన తరువాత || దర్స్ సతి

విక్రమ్ తేరా నూట యాభై రెండు మంగ్సీర్ బడి నౌమి మంగళకున్

నగర్ h ుం h ును ప్రగతి మాతా. జగ్ ప్రముఖ సుమంగల్ దాత

దూర దేశాల నుండి ప్రయాణికులు వస్తారు. ధూప్ డీప్ నైవేద్య సమర్పణలు

ఆనందంతో పరిష్కరించండి. పండ్లతో పూజ టాన్ మన ధన్ శ్రీ

జాట్ జాదులా మేల్కొని రాత్రి. బన్సాల్ గోతి అందరూ మానవే

ఆరాధకులు వచనాన్ని చదివి చదివేవారు. వేదాలు ధ్వని ఆరోహణ

చాలా మందిలా ఉడికించాలి. తాంత్రికులకు కొత్త జీవితం

భక్తి మరియు భక్తితో హరషతే. సేవకులు ఆశించిన ఫలితాలను పొందుతారు.

జై జై కర్ మారే మగ మిస్టర్ రాణి సతి బలిహరి

తలుపు మరియు కోటు ఒకేసారి చేయండి. హాట్ మేకప్ టూల్స్

నికో సింహాసనాన్ని కీర్తిస్తాడు. ప్రతి క్షణం, ధ్యానం మరియు ధ్యానం సతీకి జరుగుతుంది.

భద్ర కృష్ణ మావాస్ డే లీలా. భరత మేళ రంగ్ రంగిల

భక్తుడు సుజన్ భారీ సంఖ్యలో జనం ఉన్నారు. తత్వశాస్త్రం యొక్క ఆసక్తిని కోల్పోరు.

అటల్ భువన్ లో జ్యోతి తిహారీ. తేజ్ పుంజ్ జగ్ మే ఉజియారి ||

ప్రారంభంలో ఒక కాంతి ఉంది. దేశంలో మంచి అనుభూతి ఉంది.

మాతృమూర్తిగా పూజించేవారు. ధ్యాన రోజున మేము ధ్యానంలో కూర్చుంటాము

ట్రబుల్షూటర్, దు orrow ఖం యొక్క దు orrow ఖం. కరుణమయి h ుం h ును వాసిని

మొదటి సతి నారాయణి నామ్. ద్వాదాష్ మరియు హుయ్ ఇసి ధామా ||

తిహు లోక్‌లో కీర్తి ఆధిపత్యం. శ్రీ రాణి సతి యొక్క ట్విలైట్ దువై

ఉదయం మరియు సాయంత్రం ఆర్తి ప్రదర్శించారు. గంటల తరబడి ధ్వనిని క్రమబద్ధీకరించండి.

రాగ ఛతిసన్ బాజా బాజే తిరు మందా చాలా అందంగా ఉంది

మీ ఆశ్రయం, మీరు శాంతితో ఉన్నారు పూర మన కి ఆష్ దాస్ కి

ఒకదానితో నన్ను నింపండి. మీ కార్లను మెరుగుపరచండి

ఆరాధన మరియు శ్లోకం పేరు తెలియదు. నిర్మల్ మహిమా నిత్య బఖాను

భక్తుడి నుండి అభ్యంతరం తీసుకోండి. కొడుకు మనవడు వరుడు ఆస్తి

సత్బారా అయిన ఈ చలిసాను చదవండి. హాయ్ సిద్ధ మన్ మహి బిచారా

‘గోపిరామ్’ (నేను) ఆశ్రయం పొందాను. క్షమించండి మా డిఫాల్ట్‌లన్నీ.

|| దోహా ||

దు ఖం మరియు విపత్తు, ప్రాణ నష్టం, జీవితమే ఆధారం.

చెడ్డ వార్తలను మెరుగుపరచండి, నేరాలన్నీ పోయాయి

 సహచరుడు శ్రీ రాణి సతీజీ కి జై

CHALISA IN URDU

|| دوحہ۔ | |

سری گرو پیڈ پنکج نعمان ، بدعنوان جذبات کی بہتری۔

رانی ستی سوویمل یاش کے مطابق ، بیرونماٹی۔

کامکرودھ مدھ لالچ ، بھارت رہیو سمسرہ۔

شرن گاہ کرونامعی ، خوشی سے متعلق املاک مواصلت

 

|| پابند ||

نمو نمو شری ستی بھون۔ دنیا میں سب کو عزت دی جاتی ہے

نمو نامو سنکرتی ہرنی تمام مطلوبہ تکمیل کریں۔

نمو نامو جئے جئے جگدبہ۔ عقیدت مندوں کو مایوس نہیں ہونا چاہئے

نمو نامو جئے-جئے جاگ تارینی۔ خادم جان کا کاج مصلح۔

خدائی شکل سر سے مٹی ہے۔ چمک کنڈل من موے

مطالبہ سندور ساکجر ٹکی۔ گج مکتہ ناتھ سندر نکی۔

گل بجنتی سمے سیج۔ سولھو ساج بادن پہ ساجے۔

گورسمال جی کو مبارک ہو۔ ماہم ڈوکوا سالگرہ ستی

ٹھنڈن داس شوہر کو ڈھونڈتا ہے۔ آنند منگل ہوت ساوے

جلیرم کا بیٹا دلہن ہے۔ سلطنت نے کل دو کو تقدیس دیا

شوہر دیو رن مائے بھوجارے ستی روپ ہو شترو سنہارے

اپنے شوہر کے ساتھ ، اس نے سکون حاصل کیا۔ سور من ہرش سمن سمنئی

مبارک ہو کہ رانا جی۔ || درس ستی کامیاب ہونے کے بعد

وکرم تیرہ سو باون منگسیر بادی نومی منگلاکون۔

نگر جھنجھنو پراگتی ماتا۔ جگ نامور سمنگل ڈونر

دور دراز کے ممالک سے مسافر آتے ہیں۔ ڈھوپ دیپ نائویڈیا کی پیش کش

خوشی سے دشواری کا ازالہ کریں۔ پھلوں کے ساتھ پوجا تان من مان دھن سری

جاٹ جادولا رات جاگے۔ بنسال گوٹھھی سارے مانوا۔

نمازی متن کو پڑھتے اور پڑھتے تھے۔ وید آواز چڑھتے ہو॥۔

بہت سے لوگوں کو کھانا پکانا جادوگروں کے لئے نئی زندگی

عقیدت اور عقیدت کے ساتھ ہرشتے نوکروں کو مطلوبہ نتائج ملتے ہیں۔

جئے جئے کار مارے مرد مسٹر رانی ستی کا بلیہاری

ایک ساتھ دروازہ اور کوٹ بنائیں۔ مکین مشکل کے اوزار

نیکو نے تخت کی تسبیح کی۔ ہر لمحہ ، مراقبہ اور مراقبہ ستی کے ساتھ کیا جاتا ہے۔

بھدر کرشنا ماواس دن لیلا۔ بھرتہ میلہ رنگ رنگیلا۔

عقیدت مند سوجن کا بہت بڑا ہجوم ہے۔ فلسفہ کی دلچسپی ختم نہیں ہوئی ہے۔

اٹل بھون میں جیوتی تہاری۔ تیج پنج جگ مائے اجیاری ||

آغاز کے آغاز میں ایک روشنی ہے۔ ملک میں اچھا احساس ہے۔

مادر دادا کی حیثیت سے پوجا کررہے تھے۔ مراقبہ کے دن ، ہم مراقبہ میں بیٹھ جاتے

پریشانی ، غم کی غمازی کرنے والا۔ کرونامئی جھنجھنو واسینی۔

پہلے ستی نارائنی نام۔ درودش اور ھوئی عیسی دھما ||

تیہو لوک میں کیرتی کا غلبہ تھا۔ سری رانی ستی کی گودھولی دوئی

صبح و شام آرتی کی گئی۔ گھنٹوں آواز کی ترتیب دیں۔

راگ چھٹیسن باجا باجے تری مانڈہ بہت خوبصورت ہے

آپ کی پناہ ، آپ سکون سے پورہ مانا آش داس کی

مجھے ایک سے بھر دو۔ اپنی کاروں کو بہتر بنائیں

عبادت اور منانے کا نام نہیں جانتے۔ نرمل ماہیمہ نیتہ بکھانو۔

عقیدت مند سے اعتراض کریں۔ بیٹا پوتا دولہا جائداد

یہ چالیسہ پڑھیں جو ستبارہ ہے۔ ہوئے سدھا مان ماہی بیچارا۔

‘گوپیرم’ (میں) نے پناہ لی۔ معذرت ہمارے تمام ڈیفالٹس۔

 

|| دوحہ۔ | |

غم اور تباہی ، جان کا نقصان ، زندگی کی بنیاد ہے۔

بری خبر کو بہتر بنائیں ، سارا جرم ختم ہوگیا

 ساتھی شری رانی ستی جی کی جئے

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