KSHETRAPAL CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

|| দোহা ||

 

ক্ষেত্ৰপাল মহাৰাজ কো, মান মন্দিৰ মাই ধ্যায়ে |

লিখনে কা সহস কাৰু, চলিচা সুখদায়ে ||

বিজ্ঞান মগলকৰণ, ক্ষেত্ৰপাল মহাৰাজ |

কৰু ভক্তি শ্ৰদ্ধা সাহিত, পুৰাণ কৰো সব কাজ ||

 

|| চোপাই ||

জান্ধৰাম প্ৰকৃতি খায়া, গ্ৰন্থ পুৰাণ মাই হে বটলয়া ||

উচমে বৰ্নিত কাই ভাকায়া হে, তিৰাথকাৰ প্ৰভু বচন শৰৎ হে ||

হুয়ে পূজায়ে আচাৰ্য হমাৰে, উন্ন বাচনো কো মন মাই ধাৰে ||

পুনাহ: প্ৰাণী হিট বাটলায়া, উধ্ৰভগতি কো উচমে পায়া ||

পূজায়েপাদ্দ আচাৰ্য এক হে, কাই গ্ৰন্থ ৰচনায়ে কি হে ||

উন্নে হাম চাবকো বটলায়া, পঞ্চমৃত অভিষেক বাটায়া ||

বা বাটায়া এক ভাকায়া হে, সাশন দেৱ দেৱ মান্য হে ||

চাব স্মায়াগদ্ৰাষ্টি কাহলায়ে, জিনচান ৰাখচক বাটলে ||

উনকে বচনো পে শ্ৰদ্ধা কাৰ, কেৰে বীৰজিৎ মন্দিৰ আন্দাৰ ||

জিনভাৰ সুম নহয় পূজায়ে কিন্টু য়ে, আদাৰ কৰ্ণে যোগ্য কাহে হে ||

জো মানে নাহি মিত্যদৃষ্টি, ভকত পে কেৰে কৃপা কি বৃষ্টি ||

উনমে ক্ষেত্ৰপল জগনামী, হৰ সুভ কৰিয়া মাই পূজা মণি ||

উনকা অহৱাহন কৰতে হে, সব নিৰ্বিঘ্ন কৰিয়া হোতে হে ||

ৰাজস্থান মাই জিলা কাৰোলি, গ্ৰাম দাব্ৰা কথা আনোখি ||

ক্ষেত্ৰপল বাবা কা মন্দিৰ, মেলা হো ভদো সুদি নৱমী ||

সহস বৰাশ পেহলকি ঘাটনা, প্ৰদয় বংশজ দ্বাৰ বান্না ||

মনোকমানা পূৰক বাবা, হৰতে ভূত প্ৰেত কি ভাধা ||

সংকট সাৰে পল মাই নাছে, বিঘান নাম জাপনে চে ভাগে ||

সকাল সোখে কে পুৰক তথ্য, ধন সম্পত্তি সোভাগ্য প্ৰদাতাই ||

পৰম কৃপালা, দিণ্ডিলা, হৰ মন্দিৰ মাই ইনকা আলা ||

দেৱ, সাস্ত্ৰ, গুৰু আয়তানো কি, ৰাখচা মাই তাতপাৰ ৰাচক জী ||

বাহাৰ্ট মাই কাই এক তিৰথ হে, ঝা বিৰাজে বাবাজী হে ||

বাদি মান্যতা কাই জাগাহ

হে, কাৰ্তে চাব তেলাভিছেক হে ||

ক্ষেত্ৰপল কি অৰ্চকা কাৰতে, সব মনভাঞ্চা পুৰী কাৰ্তে ||

শাশ্বত শ্ৰী সম্মেদশীখৰ জী, বাদি মান্যতা হে বাবা কি ||

আগৰ মাৰ্গ চে কোই ভাটকে, বাহন আকাৰ সংকট হৰ লে ||

মাৰ্গ দিখতা ৰাখচা কৰতা, ভকত স্বে মুখ চে ইয়াহ কহতা ||

যাত্ৰা কাথিন মাগৰ পুৰী হো, হৰ্চিত মন চাব নাৰ-নাৰী হো ||

পাচ নাম ইনকে বাটলে, বিজয় বীৰ মণিভ্ৰদ খাই হে ||

কুকাৰ বাহন খা আপকা, এক কৰ মাই তিৰশুল সোভতা ||

আটদাকাৰ ভদকাৰ হে, তদাকাৰ মাই প্ৰভু বিৰাজতে ||

জাম্বুদ্বীপ হস্তিনাপুৰা মাই, বাবা ৰাজে জিনমন্দিৰ মাই ||

ভকত মানোতি ৱাহা মনেট, সাথিয়া উল্টি ৱাহা ব্নেট ||

মন কি এক্চা পুৰী হোতি, আকাৰ ৱাহা জালেত জ্যোতি ||

বনা সাথিয়া চিধি ফিৰ ছে, তেল সিন্দুৰ হে অৰ্পণ কাৰ্তে ||

ৰক্ষকদেৱ বাদে আতিচাই, বিগদি চাবকি খুব বনৈ ||

মাই ভি দ্বাৰ তিহাৰে আয়া, চাংসাৰিক ধুক চে আকুলয়া ||

হে স্মায়াগদ্দীপ্তি বাবাজী, মেৰে চাৰে কসাত হাৰো জী ||

 

|| সম্ভু চান্দ ||

 

জিনচাশান কে ৰকচক দেৱা, সংকথৰতা মাগলহাৰ্তা |

তেৰে আৰাধন আৰু সুমিৰণ, ভাকাটো কি ঝোলি হে ভৰতা ||

 

মহিমা তেৰি হে ভুত চুনি, ইছলিয়ে ‘ ইন্দু’ লি তুম চাৰ্ণা |

জিন্ধৰম মাই শ্ৰদ্ধা বানী ৰহে, এণ্টিম চান প্ৰভু ধ্যান মন মা ||

CHALISA IN BENGALI

হিন্দিতে শ্রী ক্ষেত্রপাল চালিশা

 

শ্রী ক্ষেত্রপাল চালিশা

 

|| দোহার ||

 

ক্ষেত্রপাল মহারাজের কাছে মন মন্দিরে ধ্যান করুন।

সাহস লিখি, চলিস সুখাদে ||

বিঘ্নাহরণ মঙ্গলকরন, ক্ষেত্রপাল মহারাজ |

শ্রদ্ধার সাথে ভক্তি করুন, সমস্ত কাজ সম্পন্ন করুন ||

 

|| চতুর্থাংশ ||

জৈন ধর্মকে প্রাকৃতিক বলা হয়, শাস্ত্রে বলা আছে ||

এর মধ্যে বহু বাক্য উল্লেখ আছে, তীর্থঙ্কর প্রভুর বাণী অর্থবহ।

আমাদের শ্রদ্ধেয় আচার্যগণ, সেই কথাগুলি মনে রাখবেন।

আবার পশুর আগ্রহের কথা বলা হয়েছে, কে তা গ্রহণ করেছে।

যাকে বলা হয় সমযজ্ঞাদি, তিনি পেয়েছিলেন র্ধ্বগতি।

পূজ্যপাদ আচার্য একজন, বহু বই রচনা করেছেন।

তিনি আমাদের সবাইকে বলেছিলেন, পঞ্চম্রিত অভিষেককে বলেছিলেন।

এবং সেখানে একটি বাক্য বলা আছে, শ্বরের নিয়ম বৈধ

সকলকে সম্যগৃষ্ণতী বলা হয়, যাকে অভিভাবক বলা হয়।

তাঁর কথায় বিশ্বাস রেখে মন্দিরের অভ্যন্তরে বিরজিৎ করুন।

জিনভার উপাস্য নয়, তবে তারা শ্রদ্ধার যোগ্য বলে মনে হয়।

যারা মিথ্যে বিশ্বাস করে না, তারা ভক্তের উপর বরকত বর্ষণ করে।

এর মধ্যে ক্ষেত্রপাল জগন্মি, প্রতিটি শুভ কাজে পূজা করেছিলেন।

তাদের আমন্ত্রণ করুন, সমস্ত কাজ মসৃণ হয়।

জেলা করুলি, রাজস্থানের দাবরা কথা আনোখি ||

ক্ষেত্রপাল বাবার মন্দির, মেলা হো ভাদন সুদি নবমী ||

এক হাজার বছর আগের ঘটনা, প্যারাড্যা বংশধররা তৈরি করেছেন ||

শুভেচ্ছা বাবাকে, ভূতে পরাজিত করার অন্তরায় ||

সংকট যেন প্রতিটি মুহুর্তে ধ্বংস হয়, বাধার নাম উচ্চারণ করা থেকে পালাতে পারেন।

স্থূল সম্পদের পরিপূরক দাতা, সম্পদ সরবরাহকারী এবং সৌভাগ্যবান ||

পরম কৃপাল, দীনদয়াল, প্রত্যেক মন্দিরে তাঁর জায়গা আছে।

দেব, শাস্ত্র, গুরু শ্লোক, ত্রাণকর্তা জি রক্ষার জন্য প্রস্তুত ||

ভারতে অনেক তীর্থস্থান রয়েছে, যেখানে বাবাজি বসে আছেন।

অনেক জায়গাতেই রয়েছে এক বিশাল বিশ্বাস, সকলেই করছেন তাইলা অভিষেক।

সমস্ত ইচ্ছা পূরণ করে ক্ষেত্রপাল উপাসনা।

চিরন্তন শ্রী সমেমেশিখর জি, বাবার মহান স্বীকৃতি আছে।

কেউ যদি রাস্তা থেকে সরে যায় তবে গাড়িটি এসে সমস্যাটি সরিয়ে নেবে।

উপায় দেখায় এবং সুরক্ষা দেয়, ভক্ত নিজেই মুখ দিয়ে এটি বলেন।

যাত্রাটি কঠিন তবে পরিপূর্ণ হতে পারে, সমস্ত পুরুষ এবং মহিলা আনন্দিত মনে রাখুক।

তাকে পাঁচটি নাম বলা হয়েছিল, বিজয় বীর মণিভদ্রকে ডাকা হয়েছিল।

অপরাজিত ভৈরবও নাম, তাঁর প্রতি আমার শ্রদ্ধা আছে।

কুকারের গাড়ি কোথায়||

আটডাকর এবং তদকর রয়েছে, তদকরে প্রভু বসে আছেন।

হস্তিনাপুরে জাম্বুদ্বীপ, বাবা রাজেন জিনমন্দিরে ||

ভক্তরা সেখানে মনৌতি উদযাপন করেন, সাথিয়াকে সেখানে বমি করেন।

মনের আকাঙ্ক্ষা পূরণ হয়ে যেত, সেখানে এসে শিখা জ্বালাতাম।

কলা সাথিয়া সিধি আবার, তেল সিঁদুর দেওয়া হয় ||

রক্ষাক্ষদেব খুব উদাসীন, সবাইকে লুণ্ঠন করেছেন, অনেক কিছু করেছেন ||

আমিও পার্থিব দুঃখের মুখোমুখি না হয়ে দরজার কাছে এসেছি।

হে সংঘদ্রস্তি বাবাজী, আমার সমস্ত ঝামেলা সরিয়ে দাও।

 

|| শম্ভু শ্লোক ||

 

জিনসানার রক্ষক, ঝামেলা-কর্তা মঙ্গলহারতা

তোমার পূজা আরু সুমিরান, ভক্তের ব্যাগ ভরে গেছে।

 

মহিমা তোমার, অনেক শুনেছি, এ কারণেই ‘ইন্দু’লি তুমি আশ্রয় গ্রহণ কর।

যে ধর্মের মধ্যে বিশ্বাস রয়ে যায়, সেখানে প্রভু শেষ মুহুর্তে ধ্যান করেন।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN ENGLISH

|| Doha ||

 

Kshetrapal Maharaj Ko, Mann Mandir Mai Dhyay |

Likhne Ka Sahas Karu,Chalisa Sukhdaye ||

Viganharan Magalkaran, Kshetrapal Maharaj |

Karu Bhakti Shradha Sahit,Puran Karo Sab Kaj ||

 

|| Chaupai ||

Jandharam Prakriti Khaya,Granth Puran Mai Hai Batlaya ||

Usme Varnit Kayi Vakaya Hai , Tirathkar Prabhu Vachan Sarath Hai ||

Hue Pujaye Acharya Hmare,Unn Bachno Ko Mann Mai Dhare ||

Punah: Prani Hit Batlaya,Udhravgati Ko Usme Paya ||

Pujayepadd Acharya Ek Hai,Kayi Granth Rachnaye Ki Hai ||

Unne Hum Sabko Batlaya , Panchamrit Abhishek Bataya ||

Or Bataya Ek Vakaya Hai ,Sashan Devi Dev Manya Hai ||

Sab Smayagdrishti Kahlaye,Jinsashan Rakhchak Batlaye ||

Unke Bachno Pe Shradha Kar , Kare Virajit Mandir Andar ||

Jinvar Sum Nahi Pujaye Kintu Ye, Aadar Karne Yogya Kahe Hai ||

Jo Mane Nahi Mithyadrishti, Bhakat Pe Kare Kripa Ki Vristi ||

Unme Kshetrapal Jagnami, Har Subh Karya Mai Puja Mani ||

Unka Ahvahan Karte Hai, Sab Nirvighan Karya Hote Hai ||

Rajasthan Mai Jila Karoli, Gram Dabra Ktha Anokhi ||

Kshetrapal Baba Ka Mandir, Mela Ho Bhado Sudi Nawmi ||

Sahas Varash Pehle Ki Ghatna, Pradaya Vanshaj Dwara Banna ||

Manokamana purak Baba , Harte Bhoot Pret Ki Bhadha ||

Sankat Sare Pall Mai Nashe,Vighan Naam Japne Se Bhage ||

Sakal Sokhye Ke Purak Data, Dhan Sampatti Sobhagya Pradata ||

Param Kripala,Dindyala,Har Mandir Mai Inka Ala ||

Dev,Sastra,Guru Aaytano Ki, Rakhcha Mai Tatpar Rachak Ji ||

Bahart Mai Kayi Ek Tirath Hai, Jha Viraje Babaji Hai ||

Badi Manyata Kayi Jagah

Hai, Karte Sab Telabhisek Hai ||

Kshetrapal Ki Archa Karte, Sab Manvancha Puri Karte ||

Shashwat Shri Sammedsikhar Ji,Badi Manyta Hai Baba Ki ||

Agar Marg Se Koi Bhatke, Vahan Akar Sankat Har Le ||

Marg Dikhata Rakhcha Karta, Bhakat Sway Mukh Se Yah Kahta ||

Yatra Kathin Magar Puri Ho, Harsit Mann Sab Nar-nari Ho ||

Pach Naam Inke Batlaye, Vijay Veer Manibhrad Khaye Hai ||

Kukar Vahan Kha Apka,Ek Kar Mai Tirshul Sobhta ||

Atdakar V Tdakar Hai,Tdakar Mai Prabhu Virajte ||

Jambudwip Hastinapura Mai, Baba Raje Jinmandir Mai ||

Bhakat Manoti Waha Mnate, Sathiya Ulti Waha Bnate ||

Mann Ki Ekcha Puri Hoti, Akar Waha Jalate Jyoti ||

Bna Sathiya Sidhi Fir Se, Tel Sindur Hai Arpan Karte ||

Rakshakdev Bade Atisayi, Bigdi Sabki Khub Bnayi ||

Mai Bhi Dwar Tihare Aya, Sansarik Dhuk Se Akulaya ||

Hai Smayagdrishti Babaji, Mere Sare Kasat Haro Ji ||

 

|| Sambhu Chand ||

 

Jinsashan Ke Rakchak Deva, Sankatharta Magalharta |

Tere Aradhan Aru Sumiran, Bhakato Ki Jholi Hai Bharta ||

 

Mahima Teri Hai Bhut Suni, Isliye ‘ Indu’ Li Tum  Sarna |

Jindharam Mai Shradha Bani Rahe, Antim Chan Prabhu Dhyan Mann Ma ||

CHALISA IN GUJRATI

હિન્દીમાં શ્રી ક્ષેત્રપાલ ચાલીસા

 

શ્રી ક્ષેત્રપાલ ચાલીસા

 

|| દોહા ||

 

ક્ષેત્રપાલ મહારાજને મન મંદિરમાં ધ્યાન કરો.

લખવાની હિંમત કરો, ચાલીસા સુખદાયે ||

વિઘ્નહરન મંગલકરણ, ક્ષેત્રપાલ મહારાજ |

આરાધના સાથે ભક્તિ કરો, બધા કામ પૂર્ણ કરો ||

 

 

|| ચતુર્ભુજ ||

જૈન ધર્મ પ્રાકૃતિક કહેવાય છે, તે શાસ્ત્રમાં કહેવામાં આવ્યું છે ||

તેમાં ઘણાં વાક્યોનો ઉલ્લેખ છે, તીર્થંકર પ્રભુના શબ્દો અર્થપૂર્ણ છે.

અમારા આદરણીય આચાર્ય, તે શબ્દોને ધ્યાનમાં રાખો.

ફરીથી પ્રાણીની રુચિ કહેવામાં આવી છે, જેણે તેને અપનાવ્યું છે.

જેને સમ્યાગૃષ્ટિ કહે છે, તેને ઉર્ધ્વગતિ મળી.

પૂજ્યપદ આચાર્ય એક છે, ઘણા પુસ્તકોની રચના કરી છે.

તેમણે અમને બધા કહ્યું, પંચામૃત અભિષેકને કહ્યું.

અને ત્યાં એક વાક્ય કહેવામાં આવ્યું છે, ભગવાનનો નિયમ માન્ય છે.

બધાને સમ્યગદૃષ્ટિ કહેવામાં આવે છે, જેને સંરક્ષક કહેવામાં આવે છે.

તેની વાતોમાં વિશ્વાસ રાખીને મંદિરની અંદર વિરજિત કરો.

જિનવર પૂજા પામનારા નથી, પરંતુ તેઓ આદરવા યોગ્ય છે તેમ કહેવામાં આવે છે.

જેઓ અસત્યને માનતા નથી, તે ભક્ત ઉપર આશીર્વાદ વરસાવતા હોય છે.

તેમાંથી ક્ષેત્રપાલ જગન્નામી, દરેક શુભ કાર્યમાં પૂજા-અર્ચના કરે છે.

તેમને આમંત્રણ આપો, બધા કાર્ય સરળ બને છે.

રાજસ્થાનમાં જિલ્લા કરાઉલી, ગામ ડબરા કથા અનોખી ||

ક્ષેત્રપાલ બાબાના મંદિરે, ફેર હો ભદોં સુદી નવમી ||

એક હજાર વર્ષ પહેલાની ઘટના, પરદ્યા વંશજો દ્વારા બનાવવામાં આવી રહી છે ||

શુભેચ્છા બાબા, ભૂતોને હરાવવાનો અવરોધ ||

દરેક ક્ષણમાં સંકટ નાશ પામે, અંતરાયના નામનો જાપ કરતા ભાગી જાય.

સ્થૂળ સંપત્તિનું પૂરક આપનાર, સંપત્તિ પ્રદાન કરનાર અને સારા નસીબ ||

પરમ કૃપાલા, દીનદયાળા, તે દરેક મંદિરમાં સ્થાન ધરાવે છે.

દેવ, ગ્રંથ, ગુરુ શ્લોકો, તારણહાર જીની રક્ષા માટે તૈયાર છે ||

ભારતમાં ઘણા યાત્રાધામો છે, જ્યાં બાબાજી બેઠા છે.

ઘણી જગ્યાએ મોટી માન્યતા છે, દરેક જૈન તૈલાભિષેક કરી રહ્યું છે.

ક્ષેત્રપાલની પૂજા, બધી મનોકામનાઓ પુરી.

શાશ્વત શ્રી સમ્મેડશિખર જી, બાબાની ખૂબ ઓળખ છે.

જો કોઈ માર્ગ પરથી ખેંચાય છે, તો વાહન આવીને મુશ્કેલી દૂર કરશે.

રસ્તો બતાવે છે અને રક્ષા કરે છે, ભક્ત પોતે આ મોંથી કહે છે.

મુસાફરી મુશ્કેલ, પરંતુ પરિપૂર્ણ થઈ શકે, બધા પુરુષો અને સ્ત્રીઓ આનંદી મનનું બને.

તેમને પાંચ નામો કહેવાયા, વિજય વીર મણિભદ્ર બોલાવાયા.

અપરાજિત ભૈરવનું નામ પણ છે, મારો તેમના માટે આદર છે.

કૂકર વાહન ક્યાં છે||

ત્યાં અટ્કાર અને તડાકર છે, તડાકરમાં ભગવાન બેસે છે.

હસ્તિનાપુરમાં જંબુદ્વીપ, બાબા રાજેન જિનમંદિરમાં ||

ભક્તો ત્યાં મનોતી ઉજવે છે, સાથિયાને ત્યાં ઉલટી કરે છે.

મનની ઈચ્છા પૂરી થઈ હોત, આવીને ત્યાં જ્યોત પ્રગટાવી.

બનાના સાથિયા સીધી ફરી, તેલ સિંદૂર ચ ાવવામાં આવે છે ||

રક્ષકદેવ ખૂબ જ દબંગ છે, બધાને બગાડે છે, ઘણું બનાવ્યું છે ||

હું પણ દરવાજા પાસે આવ્યો, દુન્યવી દુ lખથી બેફામ.

હે સંયગદ્રાસ્તિ બાબાજી, મારી બધી મુશ્કેલીઓ દૂર કરો.

 

|| શંભુ શ્લોક ||

 

જિનશાસનનો રક્ષક, મુશ્કેલી-નિર્માતા મંગલહર્તા.

તમારી પૂજા અરુ સુમિરન છે, ભક્તોની થેલી ભરાઈ છે.

 

કીર્તિ તમારું છે, ઘણું સાંભળ્યું છે, તેથી જ ‘ઇન્દુ’લી તમે આશરો લેશો.

જે ધર્મમાં વિશ્વાસ રહે છે, ત્યાં ભગવાન અંતિમ ક્ષણે ધ્યાન કરે છે.

CHALISA IN HINDI

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN KANNADA

ಹಿಂದಿಯಲ್ಲಿ ಶ್ರೀ ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಚಾಲಿಸಾ

 

ಶ್ರೀ ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಚಾಲಿಸಾ

 

|| ದೋಹಾ ||

 

ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಮಹಾರಾಜರಿಗೆ, ಮನ್ ಮಂದಿರದಲ್ಲಿ ಧ್ಯಾನ ಮಾಡಿ.

ಬರೆಯಲು ಧೈರ್ಯ, ಚಾಲಿಸಾ ಸುಖಡೇ ||

ವಿಘ್ನಹರನ್ ಮಂಗಲ್ಕರನ್, ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಮಹಾರಾಜ್ |

ಭಕ್ತಿಯಿಂದ ಭಕ್ತಿ ಮಾಡಿ, ಎಲ್ಲಾ ಕೆಲಸಗಳನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಿ ||

 

|| ಚತುಷ್ಕೋನ ||

ಜೈನ ಧರ್ಮವು ಸ್ವಾಭಾವಿಕ ಎಂದು ಹೇಳಲಾಗುತ್ತದೆ, ಇದನ್ನು ಧರ್ಮಗ್ರಂಥಗಳಲ್ಲಿ ಹೇಳಲಾಗಿದೆ ||

ಅದರಲ್ಲಿ ಅನೇಕ ವಾಕ್ಯಗಳಿವೆ, ತೀರ್ಥಂಕರ್ ಪ್ರಭು ಅವರ ಮಾತುಗಳು ಅರ್ಥಪೂರ್ಣವಾಗಿವೆ.

ನಮ್ಮ ಪೂಜ್ಯ ಆಚಾರ್ಯರು, ಆ ಮಾತುಗಳನ್ನು ನೆನಪಿನಲ್ಲಿಡಿ.

ಮತ್ತೆ ಪ್ರಾಣಿಗಳ ಆಸಕ್ತಿಯನ್ನು ತಿಳಿಸಲಾಗಿದೆ, ಅದನ್ನು ಯಾರು ಅಳವಡಿಸಿಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ.

ಅದನ್ನು ಸಮಯಗ್ರೀಷ್ಠಿ ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ, ಅವರು ಉರ್ಧ್ವತಿಯನ್ನು ಕಂಡುಕೊಂಡರು.

ಪೂಜ್ಯಪಾಡ್ ಆಚಾರ್ಯರು ಒಬ್ಬರು, ಅನೇಕ ಪುಸ್ತಕಗಳನ್ನು ರಚಿಸಿದ್ದಾರೆ.

ಅವರು ನಮ್ಮೆಲ್ಲರಿಗೂ ಹೇಳಿದರು, ಪಂಚಮೃತ್ ಅಭಿಷೇಕ್ ಹೇಳಿದರು.

ಮತ್ತು ಒಂದು ವಾಕ್ಯವನ್ನು ಹೇಳಲಾಗಿದೆ, ದೇವರ ನಿಯಮವು ಮಾನ್ಯವಾಗಿದೆ.

ಎಲ್ಲರನ್ನು ಸಮ್ಯಗ್ರೀಷ್ಠಿ ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ, ಅವರನ್ನು ರಕ್ಷಕರು ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಅವರ ಮಾತಿನಲ್ಲಿ ನಂಬಿಕೆ ಇಡುವ ಮೂಲಕ ದೇವಾಲಯದ ಒಳಗೆ ವಿರಾಜಿತ್ ಮಾಡಿ.

ಜಿನ್ವಾರ್ಗಳು ಪೂಜನೀಯವಲ್ಲ, ಆದರೆ ಅವರು ಗೌರವಕ್ಕೆ ಅರ್ಹರು ಎಂದು ಹೇಳಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಸುಳ್ಳನ್ನು ನಂಬದವರು, ಭಕ್ತನ ಮೇಲೆ ಆಶೀರ್ವಾದ ಮಾಡುತ್ತಾರೆ.

ಅವರಲ್ಲಿ ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಜಗ್ನಾಮಿ, ಪ್ರತಿ ಶುಭ ಕಾರ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಪೂಜಿಸುತ್ತಾರೆ.

ಅವರನ್ನು ಆಹ್ವಾನಿಸಿ, ಎಲ್ಲಾ ಕೆಲಸಗಳು ಸುಗಮವಾಗುತ್ತವೆ.

ಜಿಲ್ಲಾ ಕರೌಲಿ, ರಾಜಸ್ಥಾನದ ಗ್ರಾಮ ದಬ್ರಾ ಕಥಾ ಅನೋಖಿ ||

ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಬಾಬಾ ದೇವಸ್ಥಾನ, ನ್ಯಾಯೋಚಿತ ಹೋ ಭಡಾನ್ ಸೂಡಿ ನವಮಿ ||

ಒಂದು ಸಾವಿರ ವರ್ಷಗಳ ಹಿಂದಿನ ಘಟನೆ, ಪರತ್ಯ ವಂಶಸ್ಥರು ||

ಶುಭಾಶಯ ಬಾಬಾ, ದೆವ್ವಗಳನ್ನು ಸೋಲಿಸಲು ಅಡಚಣೆ ||

ಪ್ರತಿ ಕ್ಷಣದಲ್ಲೂ ಬಿಕ್ಕಟ್ಟು ನಾಶವಾಗಲಿ, ಅಡಚಣೆಯ ಹೆಸರನ್ನು ಜಪಿಸುವುದರಿಂದ ಓಡಿಹೋಗಲಿ.

ಒಟ್ಟು ಸಂಪತ್ತಿನ ಪೂರಕ ನೀಡುವವರು, ಸಂಪತ್ತು ಒದಗಿಸುವವರು ಮತ್ತು ಅದೃಷ್ಟ ||

ಪರಮ ಕೃಪಾಲ, ದೀಂದಯಲ, ಅವನಿಗೆ ಪ್ರತಿ ದೇವಾಲಯದಲ್ಲೂ ಸ್ಥಾನವಿದೆ.

ದೇವ್, ಧರ್ಮಗ್ರಂಥ, ಗುರು ಪದ್ಯಗಳು, ಸಂರಕ್ಷಕನನ್ನು ರಕ್ಷಿಸಲು ಸಿದ್ಧವಾಗಿದೆ ಜಿ ||

ಬಾಬಾಜಿ ಕುಳಿತಿರುವ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ಅನೇಕ ತೀರ್ಥಯಾತ್ರೆಗಳಿವೆ.

ಅನೇಕ ಸ್ಥಳಗಳಲ್ಲಿ ದೊಡ್ಡ ನಂಬಿಕೆ ಇದೆ, ಎಲ್ಲರೂ ತೈಲಾಭಿಷೇಕ್ ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದಾರೆ.

ಎಲ್ಲಾ ಆಸೆಗಳನ್ನು ಈಡೇರಿಸಿಕೊಂಡು ಕ್ಷೇತ್ರಪಾಲ್ ಅನ್ನು ಪೂಜಿಸುವುದು.

ಶಾಶ್ವತ ಶ್ರೀ ಸಮ್ಮದೇಶಿಕರ್ ಜಿ, ಬಾಬಾಗೆ ಹೆಚ್ಚಿನ ಮನ್ನಣೆ ಇದೆ.

ಯಾರಾದರೂ ರಸ್ತೆಯಿಂದ ದಾರಿ ತಪ್ಪಿದರೆ, ವಾಹನವು ಬಂದು ತೊಂದರೆಯನ್ನು ದೂರ ಮಾಡುತ್ತದೆ.

ದಾರಿ ತೋರಿಸುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ರಕ್ಷಿಸುತ್ತದೆ, ಭಕ್ತನು ಇದನ್ನು ತನ್ನ ಬಾಯಿಂದ ಹೇಳುತ್ತಾನೆ.

ಪ್ರಯಾಣವು ಕಷ್ಟಕರವಾದರೂ ಈಡೇರಲಿ, ಎಲ್ಲಾ ಪುರುಷರು ಮತ್ತು ಮಹಿಳೆಯರು ಸಂತೋಷದ ಮನಸ್ಸಿನಿಂದ ಇರಲಿ.

ಅವರಿಗೆ ಐದು ಹೆಸರುಗಳನ್ನು ತಿಳಿಸಲಾಯಿತು, ವಿಜಯ್ ವೀರ್ ಮಣಿಭದ್ರನನ್ನು ಕರೆಯಲಾಯಿತು.

ಅಪರಾಜಿತ್ ಭೈರವ್ ಕೂಡ ಹೆಸರು, ಅವರ ಬಗ್ಗೆ ನನಗೆ ಗೌರವವಿದೆ.

ಕುಕ್ಕರ್ ವಾಹನ ಎಲ್ಲಿದೆ||

ಅತ್ತಾಕರ್ ಮತ್ತು ತಡಕರ್ ಇವೆ, ತಡಕರ್ ನಲ್ಲಿ ಭಗವಂತ ಕುಳಿತುಕೊಳ್ಳುತ್ತಾನೆ.

ಹಸ್ತಿನಾಪುರದಲ್ಲಿ ಜಂಬುದ್ವೀಪ್, ಬಾಬಾ ರಾಜೇನ್ ಜಿನ್ಮಂದಿರ್ ||

ಭಕ್ತರು ಅಲ್ಲಿ ಮನೌತಿಯನ್ನು ಆಚರಿಸುತ್ತಾರೆ, ಅಲ್ಲಿ ಸತ್ಯ ವಾಂತಿ ಮಾಡುತ್ತಾರೆ.

ಮನಸ್ಸಿನ ಆಸೆ ಈಡೇರುತ್ತಿತ್ತು, ಅಲ್ಲಿಗೆ ಬಂದು ಜ್ವಾಲೆಯನ್ನು ಬೆಳಗಿಸುತ್ತಿತ್ತು.

ಬಾಳೆ ಸಾಥಿಯಾ ಸಿಧಿ ಮತ್ತೆ, ತೈಲ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ನೀಡಲಾಗುತ್ತದೆ ||

ರಕ್ಷಕದೇವ್ ತುಂಬಾ ಅತಿಯಾಗಿ ವರ್ತಿಸುತ್ತಾನೆ, ಎಲ್ಲರನ್ನೂ ಹಾಳುಮಾಡಿದ್ದಾನೆ, ಅದರಲ್ಲಿ ಬಹಳಷ್ಟು ಮಾಡಿದನು ||

ಲೌಕಿಕ ದುಃಖದಿಂದ ನಾನು ಕೂಡ ಬಾಗಿಲಿನ ಹತ್ತಿರ ಬಂದೆ.

ಓ ಸಮ್ಯಾಗ್ರಾಸ್ಟಿ ಬಾಬಾಜಿ, ನನ್ನ ಎಲ್ಲಾ ತೊಂದರೆಗಳನ್ನು ತೆಗೆದುಹಾಕಿ.

 

|| ಶಂಭು ಪದ್ಯ ||

 

ತೊಂದರೆಗೊಳಗಾದ ಮಂಗಲ್ಹರ್ತಾದ ಜಿನ್ಶಾಸನ ರಕ್ಷಕ.

ನಿಮ್ಮ ಆರಾಧನೆಯು ಅರು ಸುಮಿರನ್, ಭಕ್ತರ ಚೀಲ ತುಂಬಿದೆ.

 

ವೈಭವ ನಿಮ್ಮದಾಗಿದೆ, ಬಹಳಷ್ಟು ಆಲಿಸಿದೆ, ಅದಕ್ಕಾಗಿಯೇ ‘ಇಂದೂಲಿ ನೀವು ಆಶ್ರಯ ಪಡೆಯುತ್ತೀರಿ.

ನಂಬಿಕೆ ಉಳಿದಿರುವ ಧರ್ಮದಲ್ಲಿ, ಭಗವಂತ ಕೊನೆಯ ಕ್ಷಣದಲ್ಲಿ ಧ್ಯಾನಿಸುತ್ತಾನೆ.

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN MALAYALAM

ശ്രീക്ഷേത്രപാൽചാലിസഹിന്ദിയിൽ

 

ശ്രീക്ഷേത്രപാൽചാലിസ

 

|| ദോഹ ||

 

ക്ഷത്രപാൽമഹാരാജിന്മാൻമന്ദിറിൽധ്യാനിക്കുക.

എഴുതാൻധൈര്യപ്പെടുന്നു, ചാലിസസുഖാഡെ ||

വിഘ്‌നഹാരൻമംഗൽകരൻ, ക്ഷത്രപാൽമഹാരാജ് |

ഭക്തിയോടെഭക്തിപുലർത്തുക, എല്ലാജോലികളുംപൂർത്തിയാക്കുക ||

 

|| നാലിരട്ടി ||

ജൈനമതംസ്വാഭാവികമാണെന്ന്പറയപ്പെടുന്നു, അത്തിരുവെഴുത്തുകളിൽപറഞ്ഞിട്ടുണ്ട് ||

അതിൽനിരവധിവാക്യങ്ങൾപരാമർശിക്കുന്നുണ്ട്, തീർത്ഥങ്കർപ്രഭുവിന്റെവാക്കുകൾഅർത്ഥവത്താണ്.

ഞങ്ങളുടെബഹുമാനപ്പെട്ടആചാര്യന്മാരേ, ആവാക്കുകൾമനസ്സിൽവയ്ക്കുക.

മൃഗത്തിന്റെതാൽപ്പര്യംവീണ്ടുംപറഞ്ഞു, ആരാണ്ഇത്സ്വീകരിച്ചത്.

അതിനെസമയോഗ്രിസ്തിഎന്ന്വിളിക്കുന്നു, അദ്ദേഹംഉർധവാഗതിയെകണ്ടെത്തി.

പൂജ്യാപാട്ആചാര്യഒന്നാണ്, ധാരാളംപുസ്തകങ്ങൾരചിച്ചിട്ടുണ്ട്.

അദ്ദേഹംഞങ്ങളെയെല്ലാംപറഞ്ഞു, പഞ്ചമൃത്അഭിഷേക്കിനോട്പറഞ്ഞു.

ഒരുവാക്യംഉണ്ട്, ദൈവഭരണംസാധുവാണ്.

എല്ലാവരേയുംസാമ്യഗൃഷ്ടിഎന്ന്വിളിക്കുന്നു, അവരെസംരക്ഷകർഎന്ന്വിളിക്കുന്നു.

അദ്ദേഹത്തിന്റെവാക്കുകളിൽവിശ്വസിക്കുന്നതിലൂടെക്ഷേത്രത്തിനുള്ളിൽവിരാജിത്ചെയ്യുക.

ജിൻ‌വാറുകൾആരാധനാർഹമല്ല, പക്ഷേഅവബഹുമാനിക്കാൻയോഗ്യമാണെന്ന്പറയപ്പെടുന്നു.

അസത്യത്തിൽവിശ്വസിക്കാത്തവർഭക്തന്അനുഗ്രഹംചൊരിയുന്നു.

ക്ഷേത്രപാൽജഗ്നാമി, എല്ലാശുഭപ്രവൃത്തികളിലുംആരാധനനടത്തി.

അവരെക്ഷണിക്കുക, എല്ലാജോലികളുംസുഗമമായിത്തീരുന്നു.

ജില്ലാകരൗലി, രാജസ്ഥാനിലെവില്ലേജ്ദബ്രകഥഅനോഖി ||

ക്ഷത്രപാൽബാബയുടെക്ഷേത്രം, മേളഹോഭാദൻസുദിനവാമി ||

ആയിരംവർഷങ്ങൾക്ക്മുമ്പുള്ളസംഭവം, പരദിയപിൻഗാമികൾനിർമ്മിച്ചതാണ് ||

ആശംസകൾബാബ, പ്രേതങ്ങളെപരാജയപ്പെടുത്തുന്നതിനുള്ളതടസ്സം ||

പ്രതിസന്ധിഓരോനിമിഷവുംനശിക്കട്ടെ, തടസ്സത്തിന്റെപേര്ചൊല്ലുന്നതിൽനിന്ന്ഒളിച്ചോടുക.

മൊത്തസമ്പത്തിന്റെകോംപ്ലിമെന്ററിദാതാവ്, സമ്പത്ത്ദാതാവ്, ഭാഗ്യം ||

പരംകൃപാല, ദീന്ദയാല, എല്ലാക്ഷേത്രങ്ങളിലുംഅദ്ദേഹത്തിന്സ്ഥാനമുണ്ട്.

ദേവ്, തിരുവെഴുത്ത്, ഗുരുവാക്യങ്ങൾ, രക്ഷകനെസംരക്ഷിക്കാൻതയ്യാറാണ്ജി ||

ബാബാജിഇരിക്കുന്നനിരവധിതീർത്ഥാടനങ്ങൾഇന്ത്യയിലുണ്ട്.

പലസ്ഥലങ്ങളിലുംവലിയവിശ്വാസമുണ്ട്, എല്ലാവരുംതൈലാഭിഷെക്ചെയ്യുന്നു.

എല്ലാആഗ്രഹങ്ങളുംനിറവേറ്റിക്കൊണ്ട്ക്ഷത്രപാലത്തെആരാധിക്കുന്നു.

നിത്യശ്രീസമീദ്ഷികർജി, ബാബയ്ക്ക്വലിയഅംഗീകാരമുണ്ട്.

ആരെങ്കിലുംറോഡിൽനിന്ന്തെന്നിമാറിയാൽവാഹനംവന്ന്പ്രശ്‌നംനീക്കും.

വഴികാണിക്കുകയുംപരിരക്ഷിക്കുകയുംചെയ്യുന്നു, ഭക്തൻതന്നെഇത്വായകൊണ്ട്പറയുന്നു.

യാത്രദുഷ്‌കരവുംഎന്നാൽനിറവേറ്റുന്നതുംആയിരിക്കട്ടെ, എല്ലാപുരുഷന്മാരുംസ്ത്രീകളുംസന്തോഷകരമായമനസ്സുള്ളവരായിരിക്കട്ടെ.

അഞ്ച്പേരുകൾഅദ്ദേഹത്തോട്പറഞ്ഞു, വിജയ്വീർമണിഭദ്രയെവിളിച്ചു.

അപരജിത്ഭൈരവ്എന്നപേരും, അദ്ദേഹത്തോട്എനിക്ക്ബഹുമാനമുണ്ട്.

കുക്കർവാഹനംഎവിടെയാണ്||

അട്ടാകറുംതഡാക്കറുംഉണ്ട്, തഡാകറിൽകർത്താവ്ഇരിക്കുന്നു.

ഹസ്തിനാപൂരിലെജംബുദ്വീപ്, ബാബരാജെൻജിൻമന്ദിർ ||

ഭക്തർഅവിടെമാനൗതിആഘോഷിക്കുന്നു, സത്യയെഅവിടെഛർദ്ദിക്കുന്നു.

മനസ്സിന്റെആഗ്രഹംനിറവേറുകയുംഅവിടെവന്ന്തീജ്വാലകത്തിക്കുകയുംചെയ്യുമായിരുന്നു.

വാഴസാത്തിയസിധിവീണ്ടും, ഓയിൽവെർമിളിയൻവാഗ്ദാനംചെയ്യുന്നു ||

രക്ഷാദേവ്വളരെഅമിതനാണ്, എല്ലാവരേയുംകൊള്ളയടിച്ചു, ധാരാളംഉണ്ടാക്കി ||

ലൗകികസങ്കടത്താൽഞാൻവാതിലിനടുത്തെത്തി.

സാമ്യദ്രാസ്തിബാബാജി, എന്റെഎല്ലാപ്രശ്‌നങ്ങളുംനീക്കുക.

 

|| ശംഭുവാക്യം ||

 

പ്രശ്‌നമുണ്ടാക്കുന്നമംഗൽഹർത്തജിൻസാസാനയുടെസംരക്ഷകൻ.

നിങ്ങളുടെആരാധനഅരുസുമിരൻ, ഭക്തരുടെബാഗ്നിറഞ്ഞു.

 

മഹത്വംനിങ്ങളുടേതാണ്, വളരെയധികംശ്രദ്ധിച്ചു, അതുകൊണ്ടാണ് ‘ഇന്ദുലിനിങ്ങൾഅഭയംപ്രാപിക്കുന്നത്.

വിശ്വാസംനിലനിൽക്കുന്നമതത്തിൽ, കർത്താവ്അവസാനനിമിഷംധ്യാനിക്കുന്നു.

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN MARATHI

हिंदीमध्ये श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराजांना मान मंदिरात ध्यान करा.

लिहायला हिम्मत करा, चालीसा सुखदाई ||

विघ्नहरण मंगलकरण, क्षेत्रपाल महाराज |

श्रद्धापूर्वक भक्ती करा, सर्व काम पूर्ण करा ||

 

|| चतुर्भुज ||

जैन धर्म नैसर्गिक असल्याचे म्हटले आहे, असे शास्त्रात सांगितले आहे ||

त्यात बरीच वाक्ये नमूद आहेत, तीर्थंकर प्रभू यांचे शब्द अर्थपूर्ण आहेत.

आमच्या आदरणीय आचार्य, हे शब्द लक्षात ठेवा.

पुन्हा प्राण्याची आवड सांगितली गेली आहे, कोणी ती स्वीकारली आहे.

त्यास सम्यग्दर्शि म्हणतात, त्याला अर्ध्वगती मिळाली.

पूज्यपाद आचार्य हे एक आहेत, त्यांनी अनेक पुस्तके तयार केली आहेत.

त्यांनी आम्हा सर्वांना सांगितले, पंचमृत अभिषेक सांगितले.

आणि तेथे एक वाक्य सांगितले आहे, देवाचा नियम वैध आहे.

सर्वांना संज्ञृष्टी म्हणतात, ज्यांना संरक्षक म्हणतात.

त्याच्या बोलण्यावर विश्वास ठेवून मंदिरातील विरजित करा.

जिनवार पूजनीय नसतात, परंतु ते आदरणीय असल्याचे म्हटले जाते.

ज्यांना खोट्यावर विश्वास नाही, ते भक्तावर आशीर्वाद घेतात.

त्यापैकी क्षेत्रपाल जगन्नामी, प्रत्येक शुभ कामात पूजा करतात.

त्यांना आमंत्रित करा, सर्व कार्य गुळगुळीत होते.

जिल्हा करौली, राजस्थान मधील गाव डबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबांचे मंदिर, गोरा हो भडों सुदी नवमी ||

हजार वर्षापूर्वीचा घटना, पराडय वंशजांनी बनविला आहे ||

बाबांना शुभेच्छा, भुतांचा पराभव करण्याचा अडथळा ||

संकट प्रत्येक क्षणी नष्ट होऊ दे, अडथळ्याच्या नावाचा जप करण्यापासून पळ काढा.

स्थूल संपत्तीचा पूरक दाता, संपत्ती प्रदान करणारा आणि सौभाग्यवान ||

परम कृपाळा, दीनदयाला, त्याला प्रत्येक मंदिरात स्थान आहे.

देव, शास्त्र, गुरु श्लोक, तारणहार जीच्या रक्षणासाठी तयार ||

भारतात अनेक तीर्थक्षेत्र आहेत जिथे बाबाजी बसले आहेत.

बर्‍याच ठिकाणी मोठी श्रद्धा आहे, प्रत्येकजण तैलभिषेक करीत आहे.

क्षेत्रपालची पूजा करणे, सर्व मनोकामना पूर्ण करणे.

शाश्वत श्री सम्मेद्शिखर जी, बाबांची खूप ओळख आहे.

जर कोणी रस्त्यावरून ताटकळत असेल तर वाहन येऊन त्रास दूर करेल.

मार्ग दर्शवितो आणि संरक्षण करतो, भक्त स्वत: तोंडाने हे म्हणतो.

प्रवास कठीण परंतु पूर्ण होऊ शकेल, सर्व पुरुष आणि स्त्रिया आनंदी असू द्या.

त्याला पाच नावे सांगण्यात आली, विजय वीर मणिभद्र बोलावले गेले.

अपराजित भैरव हेही त्याचे नाव आहे, मला त्याचा आदर आहे.

कुकर वाहन कुठे आहे||

तिथे अटकार आणि तडाकर आहेत, तडकरात भगवान बसतात.

हस्तिनापुरात जंबूद्वीप, बाबा राजेन जिनमंदिरात ||

भाविक तेथे मनोती साजरे करतात, साठ्यांना तिथे उलट्या करतात.

मनाची इच्छा पूर्ण झाली असती, तिथे येऊन ज्योत पेटवत असत.

केला साथिया सीधी पुन्हा, तेल सिंदूर अर्पण केला जातो ||

रक्षकदेव खूप दबले आहेत, सर्वांना खराब केले, खूप केले ||

मीसुद्धा सांसारिक दु: खाच्या नजरेने दाराजवळ आलो.

हे संज्ञाद्रस्ती बाबाजी, माझे सर्व त्रास दूर करा.

 

|| शंभू श्लोक ||

 

जिन्शासनचा रक्षक, त्रास देणारा मंगलहरता.

तुझी पूजा अरु सुमिरन, भक्तांची पिशवी भरली आहे.

 

वैभव आपला आहे, खूप ऐकला आहे, म्हणूनच ‘इंदुली तू आश्रय घे.

ज्या धर्मात श्रद्धा आहे, त्या शेवटच्या क्षणी प्रभु ध्यान करतो.

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN ODIA

ହିନ୍ଦୀରେ ଶ୍ରୀ କ୍ଷେତ୍ରାପାଲ୍ ଚଲିସା |

 

ଶ୍ରୀ କ୍ଷେତ୍ରାପାଲ୍ ଚଲିସା |

 

|| ଦୋହା ||

 

କ୍ଷତ୍ରାପାଲ ମହାରାଜଙ୍କୁ, ମଣ୍ଡଳ ମଣ୍ଡପରେ ଧ୍ୟାନ କର |

ଲେଖିବାକୁ ସାହସ, ଚଲିସା ସୁଖାଦେ ||

ବିଗ୍ନାହରଙ୍ଗ ମଙ୍ଗଲକରନ୍, କ୍ଷତ୍ରାପାଲ ମହାରାଜ |

ସମ୍ମାନ ସହିତ ଭକ୍ତି କର, ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ସମାପ୍ତ କର ||

 

|| ଚତୁର୍ଭୁଜ ||

ଜ ନ ଧର୍ମ ପ୍ରାକୃତିକ ବୋଲି କୁହାଯାଏ, ଏହାକୁ ଶାସ୍ତ୍ରରେ କୁହାଯାଇଛି ||

ଏଥିରେ ଅନେକ ବାକ୍ୟ ଉଲ୍ଲେଖ କରାଯାଇଛି, ତିର୍ତ୍ତନକର ପ୍ରଭାସଙ୍କ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକ ଅର୍ଥପୂର୍ଣ୍ଣ |

ଆମର ସମ୍ମାନିତ ଆଚାର୍ଯ୍ୟ, ସେହି ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ମନେରଖ |

ପୁନର୍ବାର ପଶୁଙ୍କ ଆଗ୍ରହକୁ କୁହାଯାଇଛି, କିଏ ଏହାକୁ ଗ୍ରହଣ କରିଛି |

ଯାହାକୁ ସମାୟାଗଡ୍ରିଷ୍ଟୀ କୁହାଯାଏ, ସେ ଉର୍ଦ୍ଦବତୀ ପାଇଲେ |

ପୂଜାପଦ୍ ଆଚାର୍ଯ୍ୟ ଗୋଟିଏ, ଅନେକ ପୁସ୍ତକ ରଚନା କରିଛନ୍ତି |

ସେ ଆମ ସମସ୍ତଙ୍କୁ କହିଥିଲେ, ପଞ୍ଚମ୍ରିତ ଅଭିଷେକଙ୍କୁ କହିଛନ୍ତି।

ଏବଂ ସେଠାରେ ଏକ ବାକ୍ୟ ଅଛି, ଶ୍ବରଙ୍କ ନିୟମ ବ ଧ |

ସମସ୍ତଙ୍କୁ ସମୟଗଡ୍ରିଷ୍ଟୀ କୁହାଯାଏ, ଯାହାକୁ ରକ୍ଷକ କୁହାଯାଏ |

ତାଙ୍କ କଥାରେ ବିଶ୍ ାସ କରି ମନ୍ଦିର ଭିତରେ ବିରଜିତ୍ କର |

ଜିନ୍ଭାର ପୂଜାପାଠ ଯୋଗ୍ୟ ନୁହେଁ, କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କୁ ସମ୍ମାନର ଯୋଗ୍ୟ ବୋଲି କୁହାଯାଏ |

ଯେଉଁମାନେ ମିଥ୍ୟାରେ ବିଶ୍ୱାସ କରନ୍ତି ନାହିଁ, ଭକ୍ତଙ୍କ ଉପରେ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦିଅନ୍ତି |

ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କ୍ଷେତ୍ରାପାଲ ଜଗନାମୀ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଶୁଭ କାର୍ଯ୍ୟରେ ପୂଜା କରିଥିଲେ |

ସେମାନଙ୍କୁ ନିମନ୍ତ୍ରଣ କର, ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ସୁଗମ ହୋଇଯାଏ |

ଜିଲ୍ଲା କର ଲି, ରାଜସ୍ଥାନର ଗ୍ରାମ ଡବ୍ରା କଥୋ ଅନୋକି ||

କ୍ଷତ୍ରାପାଲ ବାବାଙ୍କ ମନ୍ଦିର, ମେଳା ହୋ ଭଦନ୍ ସୁଦି ନାଭାମି ||

ଏକ ହଜାର ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ ଇଭେଣ୍ଟ, ପାରାଦିଆ ବଂଶଧରଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ନିର୍ମିତ ||

ବାବାଙ୍କୁ ଇଚ୍ଛା, ଭୂତମାନଙ୍କୁ ପରାସ୍ତ କରିବାରେ ବାଧା ||

ପ୍ରତ୍ୟେକ ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ ସଙ୍କଟ ବିନଷ୍ଟ ହେଉ, ବାଧାବିଘ୍ନର ନାମ ଜପ କରିବାଠାରୁ ଦୂରେଇ ରୁହନ୍ତୁ |

ମୋଟ ସମ୍ପତ୍ତିର ସଂପୃକ୍ତ ଦାତା, ଧନ ପ୍ରଦାନକାରୀ ଏବଂ ଶୁଭ ଭାଗ୍ୟ ||

ପରମ କ୍ରିପାଲା, ଦେନ୍ଦାୟାଲା, ପ୍ରତ୍ୟେକ ମନ୍ଦିରରେ ତାଙ୍କର ସ୍ଥାନ ଅଛି |

ଦେବ, ଶାସ୍ତ୍ର, ଗୁରୁ ପଦ, ତ୍ରାଣକର୍ତ୍ତା ଜି || ର ସୁରକ୍ଷା ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ତୁତ ||

ଭାରତରେ ଅନେକ ତୀର୍ଥଯାତ୍ରା ଅଛି, ଯେଉଁଠାରେ ବାବାଜୀ ବସିଛନ୍ତି |

ଅନେକ ସ୍ଥାନରେ ଏକ ବଡ଼ ବିଶ୍ୱାସ ଅଛି, ସମସ୍ତେ ତାଇଲାବିଶେକ କରୁଛନ୍ତି |

ସମସ୍ତ ଇଚ୍ଛା ପୂରଣ କରି କ୍ଷତ୍ରାପାଲଙ୍କୁ ପୂଜା କରିବା |

ଅନନ୍ତ ଶ୍ରୀ ସମ୍ମେଦଶିକର ଜୀ, ବାବାଙ୍କର ବହୁତ ସ୍ୱୀକୃତି ଅଛି |

ଯଦି କେହି ରାସ୍ତାରୁ ବିଚ୍ୟୁତ ହୁଏ, ଗାଡି ଆସି ସମସ୍ୟା ଦୂର କରିବ |

ବାଟ ଦେଖାଏ ଏବଂ ସୁରକ୍ଷା କରେ, ଭକ୍ତ ନିଜେ ନିଜ ପାଟିରେ ଏହା କୁହନ୍ତି |

ଯାତ୍ରା କଷ୍ଟସାଧ୍ୟ ହେଉ କିନ୍ତୁ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଉ, ସମସ୍ତ ପୁରୁଷ ଓ ମହିଳା ଆନନ୍ଦିତ ହୁଅନ୍ତୁ |

ତାଙ୍କୁ ପାଞ୍ଚଟି ନାମ କୁହାଯାଇଥିଲା, ବିଜୟ ଭୀର ମଣିଭଦ୍ରଙ୍କୁ ଡକାଯାଇଥିଲା।

ଆପରାଜିତ ଭ ରବ ମଧ୍ୟ ନାମ, ମୁଁ ତାଙ୍କ ପ୍ରତି ମୋର ସମ୍ମାନ ଅଛି |

କୁକର ଗାଡି କେଉଁଠାରେ ଅଛି||

ସେଠାରେ ଅଟକକର ଏବଂ ତାଡକର ଅଛି, ତାଡାକରରେ ପ୍ରଭୁ ବସିଛନ୍ତି |

ହାସ୍ତିନାପୁରରେ ଜାମ୍ବୁଦ୍, ବାବା ରାଜେନ୍ ଜିନ୍ମାଣ୍ଡିରରେ ||

ଭକ୍ତମାନେ ସେଠାରେ ମାନୁତି ପାଳନ କରନ୍ତି, ସେଠାରେ ସାଥିଆକୁ ବାନ୍ତି କରନ୍ତି |

ମନର ଇଚ୍ଛା ପୂରଣ ହୋଇଥାନ୍ତା, ସେଠାରେ ନିଆଁ ଜଳାଇ |

ବାନା ସାଥିଆ ସିଦ୍ଧି ପୁଣି, ତେଲ ଭର୍ମିଲିୟନ ଦିଆଯାଏ ||

ରାକ୍ଷକଦେବ ଅତ୍ୟଧିକ ଭାରପ୍ରାପ୍ତ, ସମସ୍ତଙ୍କୁ ନଷ୍ଟ କରିଦେଲେ, ଏଥିରୁ ଅନେକ ତିଆରି କଲେ ||

ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ପହଞ୍ଚିଲି, ସାଂସାରିକ ଦୁଖରେ ବିରକ୍ତ |

ହେ ସମୟଗଡ୍ରସ୍ତି ବାବାଜୀ, ମୋର ସମସ୍ତ ଅସୁବିଧା ଦୂର କର |

 

|| ଶମ୍ଭୁ ପଦ ||

 

ଜିନ୍ନାସାନାର ରକ୍ଷକ, ଅସୁବିଧାକାରୀ ମଙ୍ଗଲହାର୍ଟା |

ତୁମର ପୂଜା ହେଉଛି ଅରୁ ସୁମିରାନ୍, ଭକ୍ତମାନଙ୍କର ବ୍ୟାଗ୍ ଭର୍ତ୍ତି ହୋଇଛି |

 

ଗ glory ରବ ତୁମର, ବହୁତ ଶୁଣିଲା, ସେଥିପାଇଁ ‘ଇନ୍ଦୁଲି ତୁମେ ଆଶ୍ରୟ ନିଅ |

ଯେଉଁ ଧର୍ମରେ ବିଶ୍ୱାସ ରହିଥାଏ, ପ୍ରଭୁ ଶେଷ ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ ଧ୍ୟାନ କରନ୍ତି |

CHALISA IN PUNJABI

ਹਿੰਦੀ ਵਿਚ ਸ਼੍ਰੀ ਖੇਤਰਪਾਲ ਚਾਲਿਸਾ

 

ਸ਼੍ਰੀਸ਼ੇਤਰਪਾਲ ਚਾਲੀਸਾ

 

|| ਦੋਹਾ ||

 

ਖੇਤਰਪਾਲ ਮਹਾਰਾਜ ਨੂੰ, ਮਨ ਮੰਦਰ ਵਿਚ ਅਭਿਆਸ ਕਰੋ.

ਲਿਖਣ ਦੀ ਹਿੰਮਤ ਕਰੋ, ਚਲਸਾ ਸੁਖਾਦਾ ||

ਵਿਘਨਹਾਰ ਮੰਗਲਕਰਨ, ਖੇਤਰਪਾਲ ਮਹਾਰਾਜ |

ਸ਼ਰਧਾ ਨਾਲ ਕਰੋ, ਸਾਰੇ ਕੰਮ ਪੂਰੇ ਕਰੋ ||

 

|| ਚੌਪਾਈ ||

ਜੈਨ ਧਰਮ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਇਹ ਧਰਮ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ||

ਇਸ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਵਾਕਾਂ ਦਾ ਜ਼ਿਕਰ ਹੈ, ਤੀਰਥੰਕਰ ਪ੍ਰਭੂ ਦੇ ਸ਼ਬਦ ਸਾਰਥਕ ਹਨ.

ਸਾਡੇ ਸਤਿਕਾਰਯੋਗ ਆਚਾਰੀਆ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਯਾਦ ਰੱਖੋ.

ਦੁਬਾਰਾ ਜਾਨਵਰ ਦੀ ਦਿਲਚਸਪੀ ਬਾਰੇ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਜਿਸਨੇ ਇਸਨੂੰ ਅਪਣਾਇਆ ਹੈ.

ਇਸ ਨੂੰ ਸਮਾਯਗਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਅਰਧਵਗਤੀ ਮਿਲੀ।

ਪੂਜਯਪਦ ਅਚਾਰੀਆ ਇਕ ਹੈ, ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ਹੈ.

ਉਸਨੇ ਸਾਨੂੰ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਦੱਸਿਆ, ਪੰਚਮ੍ਰਿਤ ਅਭਿਸ਼ੇਕ ਨੂੰ ਦੱਸਿਆ.

ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਾਕ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਪ੍ਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਨਿਯਮ ਪ੍ਰਮਾਣਕ ਹੈ.

ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਸਮਿਆਗ੍ਰਿਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਰਖਵਾਲਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਉਸ ਦੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ‘ਤੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਕਰਕੇ ਮੰਦਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਵੀਰਜੀਤ ਕਰੋ.

ਜਿਨਵਰ ਪੂਜਾ ਯੋਗ ਨਹੀਂ ਹਨ, ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਤਿਕਾਰ ਯੋਗ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਜੋ ਝੂਠ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਮੰਨਦੇ, ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਤੇ ਅਸੀਸਾਂ ਦਿੰਦੇ ਹਨ.

ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਖੇਤਰਪਾਲ ਜਗਨਾਮੀ, ਹਰ ਸ਼ੁਭ ਕਾਰਜ ਵਿਚ ਪੂਜਾ ਕਰਦੀ ਸੀ।

ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬੁਲਾਓ, ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਨਿਰਵਿਘਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਕਰੌਲੀ, ਰਾਜਸਥਾਨ ਵਿੱਚ ਪਿੰਡ ਡਬਰਾ ਕਥਾ ਅਨੋਖੀ ||

ਖੇਤਰਪਾਲ ਬਾਬੇ ਦਾ ਮੰਦਰ, ਮੇਲਾ ਹੋ ਭਾਦੋਂ ਸੁਦੀ ਨਵਾਮੀ ||

ਇਕ ਹਜ਼ਾਰ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਘਟਨਾ, ਪਰਾਦੀ ਵੰਸ਼ਜ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ||

ਬਾਬੇ ਦੀ ਇੱਛਾ, ਭੂਤਾਂ ਨੂੰ ਹਰਾਉਣ ਦੀ ਰੁਕਾਵਟ ||

ਸੰਕਟ ਹਰ ਪਲ ਖਤਮ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਰੁਕਾਵਟ ਦੇ ਨਾਮ ਦਾ ਜਾਪ ਕਰਨ ਤੋਂ ਭੱਜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਕੁੱਲ ਧਨ ਦਾ ਪੂਰਕ ਦਾਤਾਰ, ਧਨ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮਤ ਵਾਲਾ ||

ਪਰਮ ਕ੍ਰਿਪਾਲ, ਦੀਨਦਿਆਲਾ, ਉਸਦਾ ਹਰ ਮੰਦਰ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨ ਹੈ।

ਦੇਵ, ਧਰਮ ਗ੍ਰੰਥ, ਗੁਰੂ ਬਾਣੀ, ਬਚਾਉਣ ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਤਿਆਰ ||

ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਤੀਰਥ ਸਥਾਨ ਹਨ, ਜਿਥੇ ਬਾਬਾ ਜੀ ਬੈਠੇ ਹਨ.

ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਥਾਵਾਂ ਤੇ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੈ, ਹਰ ਕੋਈ ਤੈਲਾਭਿਸ਼ੇਕ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ.

ਸਾਰੀਆਂ ਇੱਛਾਵਾਂ ਪੂਰੀਆਂ ਕਰਦਿਆਂ, ਖੇਤ੍ਰਪਾਲ ਦੀ ਪੂਜਾ ਕਰਨਾ।

ਅਨਾਦਿ ਸ਼੍ਰੀ ਸੰਮਦਸ਼ੀਕਰ ਜੀ, ਬਾਬੇ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਮਾਨਤਾ ਹੈ.

ਜੇ ਕੋਈ ਸੜਕ ਤੋਂ ਭੱਜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਵਾਹਨ ਆਵੇਗਾ ਅਤੇ ਮੁਸੀਬਤ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰ ਦੇਵੇਗਾ.

ਰਸਤਾ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਭਗਤ ਖੁਦ ਆਪਣੇ ਮੂੰਹ ਨਾਲ ਇਹ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ.

ਯਾਤਰਾ ਮੁਸ਼ਕਲ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਪਰ ਪੂਰੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਸਾਰੇ ਆਦਮੀ ਅਤੇ joyਰਤਾਂ ਖ਼ੁਸ਼ ਮਨ ਹੋਣ.

ਉਸ ਨੂੰ ਪੰਜ ਨਾਮ ਦੱਸੇ ਗਏ, ਵਿਜੇ ਵੀਰ ਮਨੀਭੱਦਰ ਨੂੰ ਬੁਲਾਇਆ ਗਿਆ.

ਅਪਰਾਜਜੀਤ ਭੈਰਵ ਵੀ ਨਾਮ ਹੈ, ਮੇਰਾ ਉਸ ਲਈ ਸਤਿਕਾਰ ਹੈ।

ਕੂਕਰ ਵਾਹਨ ਕਿੱਥੇ ਹੈ||

ਇੱਥੇ ਅਟਕਕਰ ਅਤੇ ਤਦਾਕਰ ਹਨ, ਤਾਦਾਕਾਰ ਵਿਚ ਸੁਆਮੀ ਬੈਠਾ ਹੈ।

ਜੈਸਬੁਦਪ ਹਸਟੀਨਾਪੁਰ ਵਿਚ, ਬਾਬਾ ਰਾਜੇਨ ਜਿੰਮੰਦਿਰ ਵਿਚ ||

ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਉਥੇ ਮਨੌਤੀ ਮਨਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਸੱਤਿਆ ਨੂੰ ਉਥੇ ਉਲਟੀਆਂ ਕਰਦੇ ਹਨ.

ਮਨ ਦੀ ਇੱਛਾ ਪੂਰੀ ਹੋ ਗਈ ਹੋਵੇਗੀ, ਆਉਂਦੇ ਅਤੇ ਉਥੇ ਬਲਦੇ ਹੋਏ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਦੇ.

ਕੇਲਾ ਸਾਥੀਆ ਸਿਧਿ ਫਿਰ, ਤੇਲ ਦੀ ਸਿਜਾਈ ਚੜਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ||

ਰਕ੍ਸ਼੍ਕਦੇਵ ਬਹੁਤ ਦੁੱਖੀ ਹੈ, ਸਭ ਨੂੰ ਵਿਗਾੜਦਾ ਹੈ, ਬਹੁਤ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ||

ਮੈਂ ਵੀ ਦੁਆਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਇਆ, ਦੁਨਿਆਵੀ ਦੁੱਖਾਂ ਨਾਲ ਭੜਕਿਆ.

ਹੇ ਸੰਯਗਦ੍ਰਸਤੀ ਬਾਬਾ ਜੀ, ਮੇਰੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਮੁਸੀਬਤਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰੋ.

 

|| ਸ਼ੰਭੂ ਬਾਣੀ ||

 

ਜਿਨਹਾਸਨ ਦਾ ਰਖਵਾਲਾ, ਮੁਸੀਬਤ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਮੰਗਲਹਾਰਤਾ.

ਤੇਰੀ ਪੂਜਾ ਅਰੂ ਸੁਮਿਰਨ ਹੈ, ਭਗਤਾਂ ਦਾ ਬੈਗ ਭਰਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ।

 

ਵਡਿਆਈ ਤੇਰੀ ਹੈ, ਬਹੁਤ ਸੁਣਿਆ, ਇਸੇ ਲਈ ‘ਇੰਦੁਲੀ ਤੂੰ ਪਨਾਹ ਲੈ.

ਜਿਸ ਧਰਮ ਵਿਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ਼ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਵਿਚ ਪ੍ਰਭੂ ਆਖਰੀ ਪਲ ਸਿਮਰਦਾ ਹੈ.

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री क्षेत्रपाल चालीसा

 

|| दोहा ||

 

क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय |

लिखने का साहस करूं,चालीसा सुखदाय ||

विघ्नहरण मंगलकरण,क्षेत्रपाल महाराज |

करूं भक्ति श्रद्धा सहित,पूर्ण करो सब काज ||

 

|| चौपाई ||

जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||

उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||

हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||

पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||

वह समयग्दृष्टी कहलाया ,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||

पूज्यपाद आचार्य एक हैं, कई ग्रन्थ रचनाएं की हैं ||

उनने हम सबको बतलाया ,पंचामृत अभिषेक बताया ||

और बताया एक वाक्य है,शासन देवी देव मान्य हैं ||

सब सम्यग्द्रष्टी कहलाए ,जिनशासन रक्षक बतलाए ||

उनके वचनों पे श्रद्धा कर,करें विराजित मंदिर अंदर ||

जिनवर सम नहिं पूज्य किन्तु ये,आदर करने योग्य कहे हैं ||

जो माने नहिं मिथ्याद्रष्टी ,भक्त पे करें कृपा की वृष्टी ||

उनमें क्षेत्रपाल जगनामी ,हर शुभ कार्य में पूजा मानी ||

उनका आव्हानन करते हैं, सब निर्विघ्न कार्य होते हैं ||

राजस्थान में जिला करौली, ग्राम डाबरा कथा अनोखी ||

क्षेत्रपाल बाबा का मंदिर, मेला हो भादों सुदि नवमी ||

सहस वर्ष पहले की घटना, पराड्या वंशज द्वारा बनना ||

मनोकामनापूरक बाबा, हरते भूत प्रेत की बाधा ||

संकट सारे पल में नाशें, विघ्न नाम जपने से भागें ||

सकल सौख्य के पूरक दाता, धन सम्पति सौभाग्य प्रदाता ||

परम कृपाला, दीनदयाला , हर मंदिर में इनका आला ||

देव,शास्त्र,गुरु आयतनों की,रक्षा में तत्पर रक्षक जी ||

भारत में कई एक तीर्थ हैं ,जहां विराजे बाबाजी हैं ||

बड़ी मान्यता कई जगह है,करते सब तैलाभिषेक हैं ||

क्षेत्रपाल की अर्चा करते, सब मनवान्छा पूरी करते ||

शाश्वत श्री सम्मेदशिखर जी,बड़ी मान्यता है बाबा की ||

अगर मार्ग से कोई भटके, वाहन आकर संकट हर ले ||

मार्ग दिखाता रक्षा करता, भक्त स्वयं मुख से यह कहता ||

यात्रा कठिन मगर पूरी हो, हर्षित मन सब नर-नारी हों ||

पांच नाम इनके बतलाए , विजय वीर मणिभद्र कहाए ||

अपराजित भैरव भी नाम है, उनको शत मेरा प्रणाम है ||

कूकर वाहन कहा आपका, इक कर में तिरशूल शोभता ||

अतदाकार व तदाकार हैं, तदाकार में प्रभु विराजते ||

जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में, बाबा राजें जिनमंदिर में ||

भक्त मनौती वहाँ मनाते, सथिया उल्टी वहाँ बनाते ||

मन की इच्छा पूरी होती, आकर वहाँ जलाते ज्योती ||

बना साथिया सीधी फिर से,तेल सिंदूर हैं अर्पण करते ||

रक्षकदेव बड़े अतिशायी, बिगड़ी सबकी खूब बनाई ||

मैं भी द्वार तिहारे आया, सांसारिक दुःख से अकुलाया ||

हे सम्यग्द्रष्टी बाबाजी, मेरे सारे कष्ट हरो जी ||

 

|| शम्भु छंद ||

 

जिनशासन के रक्षक देवा, संकटहर्ता मंगलहर्ता |

तेरा आराधन अरु सुमिरन,भक्तों की झोली है भरता ||

 

महिमा तेरी है बहुत सुनी,इसलिए ‘इंदु’ली तुम शरणा |

जिनधर्म में श्रद्धा बनी रहे, अंतिम क्षण प्रभू ध्यान मन मा ||

CHALISA IN TAMIL

இந்தியில் ஸ்ரீ க்ஷேத்ரபால் சாலிசா

 

ஸ்ரீ க்ஷேத்ரபால் சாலிசா

 

|| தோஹா ||

 

க்ஷேத்ரபால் மகாராஜிடம், மன் மந்திரில் தியானியுங்கள்.

எழுத தைரியம், சாலிசா சுகதே ||

விக்னஹரன் மங்கல்கரன், க்ஷேத்ரபால் மகாராஜ் |

பக்தியுடன் பக்தியைச் செய்யுங்கள், எல்லா வேலைகளையும் முடிக்கவும் ||

 

|| நான்கு மடங்கு ||

சமண மதம் இயற்கையானது என்று கூறப்படுகிறது, அது வேதங்களில் கூறப்படுகிறது ||

அதில் பல வாக்கியங்கள் குறிப்பிடப்பட்டுள்ளன, தீர்த்தங்கர் பிரபுவின் வார்த்தைகள் அர்த்தமுள்ளவை.

எங்கள் மதிப்பிற்குரிய ஆச்சார்யர்களே, அந்த வார்த்தைகளை மனதில் கொள்ளுங்கள்.

மிருகத்தின் ஆர்வம் மீண்டும் சொல்லப்பட்டுள்ளது, அதை ஏற்றுக்கொண்டவர்.

அது சமாய்கிருஷ்டி என்று அழைக்கப்படுகிறது, அவர் உர்த்வகதியைக் கண்டுபிடித்தார்

பூஜ்யபாத் ஆச்சார்யா ஒன்று, பல நூல்களை இயற்றியுள்ளார்.

அவர் நம் அனைவரிடமும் சொன்னார், பஞ்சாமிருத் அபிஷேக்கிடம் கூறினார்.

ஒரு வாக்கியம் இருப்பதாகக் கூறப்பட்டால், கடவுளின் ஆட்சி செல்லுபடியாகும்.

அனைவரையும் சாமியகிருஷ்டி என்று அழைக்கிறார்கள், அவர்கள் பாதுகாவலர்கள் என்று அழைக்கப்படுகிறார்கள்.

அவரது வார்த்தைகளில் நம்பிக்கை வைத்திருப்பதன் மூலம், கோவிலுக்குள் விராஜித்தை செய்யுங்கள்.

ஜின்வார்கள் வழிபடக்கூடியவர்கள் அல்ல, ஆனால் அவர்கள் மரியாதைக்குரியவர்கள் என்று கூறப்படுகிறது.

பொய்யை நம்பாதவர்கள், பக்தருக்கு ஆசீர்வதிப்பார்கள்.

அவர்களில் க்ஷேத்ரபால் ஜக்னமி, ஒவ்வொரு புனித வேலைகளிலும் வழிபடுகிறார்.

அவர்களை அழைக்கவும், எல்லா வேலைகளும் சீராகின்றன.

மாவட்ட கர ul லி, ராஜஸ்தானில் கிராமம் தப்ரா கத அனோகி ||

க்ஷேத்ரபால் பாபாவின் கோயில், நியாயமான ஹோ படோன் சூடி நவமி ||

ஆயிரம் ஆண்டுகளுக்கு முன்பு நடந்த நிகழ்வு, பரத்யா சந்ததியினரால் செய்யப்பட்டது ||

விரும்பும் பாபா, பேய்களை தோற்கடிப்பதற்கான தடையாக ||

ஒவ்வொரு நொடியிலும் நெருக்கடி அழிக்கட்டும், தடையின் பெயரை உச்சரிப்பதில் இருந்து ஓடட்டும்.

மொத்த செல்வத்தை வழங்குபவர், செல்வத்தை வழங்குபவர் மற்றும் நல்ல அதிர்ஷ்டம் ||

பரம் கிருபாலா, தீண்டயாலா, அவருக்கு ஒவ்வொரு கோவிலிலும் ஒரு இடம் உண்டு.

தேவ், வேதம், குரு வசனங்கள், பாதுகாவலரைப் பாதுகாக்கத் தயாராக ஜி ||

பாபாஜி அமர்ந்திருக்கும் இந்தியாவில் பல யாத்திரைகள் உள்ளன.

பல இடங்களில் ஒரு பெரிய நம்பிக்கை உள்ளது, எல்லோரும் தைலாபிஷேக் செய்கிறார்கள்.

அனைத்து விருப்பங்களையும் நிறைவேற்றி, க்ஷேத்ரபாலை வணங்குதல்.

நித்திய ஸ்ரீ சம்மத்ஷிகர் ஜி, பாபா மீது மிகுந்த நம்பிக்கை உள்ளது.

யாராவது சாலையில் இருந்து விலகிச் சென்றால், வாகனம் வந்து சிக்கலை அகற்றிவிடும்.

வழியைக் காட்டி பாதுகாக்கிறது, பக்தரே இதை வாயால் சொல்கிறார்.

பயணம் கடினமாக இருந்தாலும் நிறைவேறட்டும், எல்லா ஆண்களும் பெண்களும் மகிழ்ச்சியான மனதில் இருக்கட்டும்.

ஐந்து பெயர்கள் அவரிடம் கூறப்பட்டன, விஜய் வீர் மணிபத்ரா அழைக்கப்பட்டார்.

அபராஜித் பைரவ் என்பதும் பெயர், நான் அவருக்கு முழு மனதுடன் வணக்கம் செலுத்துகிறேன்.

குக்கர் வாகனம் எங்கே||

அட்டகரும் தடகரும் இருக்கிறார்கள், தடாக்கரில் இறைவன் அமர்ந்திருக்கிறார்.

ஹஸ்தினாபூரில் ஜம்புத்வீப், பாபா ராஜன் ஜின்மந்தீரில் ||

பக்தர்கள் அங்கு மனாட்டியைக் கொண்டாடுகிறார்கள், சத்தியாவை அங்கே வாந்தியெடுக்கச் செய்கிறார்கள்.

மனதின் ஆசை பூர்த்திசெய்து, அங்கே வந்து சுடரை ஏற்றி வைத்திருக்கும்.

வாழை சாதியா சித்தி மீண்டும், எண்ணெய் வெர்மிலியன் வழங்கப்படுகிறது ||

ரக்ஷக்தேவ் மிகவும் தாங்கக்கூடியவர், அனைவரையும் கெடுத்துவிட்டார், நிறைய செய்தார் ||

உலக துக்கத்தால் அவிழ்க்கப்படாத நானும் வாசலுக்கு அருகில் வந்தேன்.

சாமியக்ராஸ்தி பாபாஜி, என் கஷ்டங்கள் அனைத்தையும் நீக்குங்கள்.

 

|| ஷம்பு வசனம் ||

 

ஜின்ஷாசனாவின் பாதுகாவலர், சிக்கலை உருவாக்கும் மங்கல்ஹார்த்தா.

உங்கள் வழிபாடு அரு சுமிரான், பக்தர்களின் பை நிரம்பியுள்ளது.

 

மகிமை உங்களுடையது, நிறைய கேட்டது, அதனால்தான் ‘இந்தூலி நீங்கள் தஞ்சம் அடைகிறீர்கள்.

விசுவாசம் இருக்கும் மதத்தில், கர்த்தர் கடைசி நேரத்தில் தியானிக்கிறார்.

CHALISA IN TELUGU

హిందీలో శ్రీ క్షేత్రపాల్ చలిసా

 

శ్రీ క్షేత్రపాల్ చలిసా

 

|| దోహా ||

 

క్షేత్రపాల్ మహారాజ్ కు, మన్ మందిరంలో ధ్యానం చేయండి.

రాయడానికి ధైర్యం, చలీసా సుఖడే ||

విఘ్నహరన్ మంగల్కరన్, క్షేత్రపాల్ మహారాజ్ |

భక్తితో భక్తి చేయండి, అన్ని పనులను పూర్తి చేయండి ||

 

|| చతురస్రం ||

జైన మతం సహజమని అంటారు, ఇది గ్రంథాలలో చెప్పబడింది ||

అందులో చాలా వాక్యాలు ప్రస్తావించబడ్డాయి, తీర్థంకర్ ప్రభు మాటలు అర్థవంతమైనవి.

మా గౌరవనీయమైన ఆచార్యులు, ఆ మాటలను గుర్తుంచుకోండి.

మళ్ళీ జంతువు యొక్క ఆసక్తి చెప్పబడింది, ఎవరు దానిని స్వీకరించారు.

దానిని సమయగ్రిష్టి అంటారు, అతను ఉర్ధ్వగతిని కనుగొన్నాడు.

పూజ్యపద్ ఆచార్య ఒకటి, చాలా పుస్తకాలు సమకూర్చారు.

ఆయన మా అందరికీ చెప్పారు, పంచమృత్ అభిషేక్ కి చెప్పారు.

మరియు ఒక వాక్యం చెప్పబడింది, దేవుని పాలన చెల్లుతుంది.

అందరినీ సమగగ్రిష్టి అంటారు, వారిని రక్షకులు అంటారు.

ఆయన మాటలపై నమ్మకం ఉంచడం ద్వారా ఆలయం లోపల విరాజిత్ చేయండి.

జిన్వర్లు పూజించదగినవి కావు, కాని అవి గౌరవానికి అర్హమైనవి.

అబద్ధాన్ని నమ్మని వారు, భక్తునిపై ఆశీర్వదిస్తారు.

వారిలో క్షేత్రపాల్ జగ్నమి, ప్రతి పవిత్రమైన పనిలో పూజలు చేస్తారు.

వారిని ఆహ్వానించండి, అన్ని పని సజావుగా మారుతుంది.

జిల్లా కరౌలి, రాజస్థాన్ లోని విలేజ్ దబ్రా కథ అనోకి ||

క్షేత్రపాల్ బాబా ఆలయం, సరసమైన హో భడోన్ సుడి నవమి ||

వెయ్యి సంవత్సరాల క్రితం జరిగిన సంఘటన, పరద్య వారసులు తయారు చేస్తున్నారు ||

శుభాకాంక్షలు బాబా, దెయ్యాలను ఓడించడానికి అడ్డంకి ||

ప్రతి క్షణంలో సంక్షోభం నశించి, అడ్డంకి పేరు జపించకుండా పారిపోండి.

స్థూల సంపదను అందించేవారు, సంపదను అందించేవారు మరియు అదృష్టం ||

పరమ కృపాల, దీన్‌దయాల, ఆయనకు ప్రతి ఆలయంలో చోటు ఉంది.

దేవ్, గ్రంథం, గురు శ్లోకాలు, రక్షకుడిని రక్షించడానికి సిద్ధంగా ఉంది జీ ||

భారతదేశంలో బాబాజీ కూర్చున్న అనేక తీర్థయాత్రలు ఉన్నాయి.

చాలా చోట్ల గొప్ప నమ్మకం ఉంది, అందరూ తైలాభిషేక్ చేస్తున్నారు.

క్షేత్రపాల్ ను ఆరాధించడం, అన్ని కోరికలను నెరవేర్చడం.

ఎటర్నల్ శ్రీ సమ్మద్శిఖర్ జీ, బాబాకు గొప్ప గుర్తింపు ఉంది.

ఎవరైనా రహదారి నుండి తప్పుకుంటే, వాహనం వచ్చి ఇబ్బందిని తొలగిస్తుంది.

మార్గం చూపిస్తుంది మరియు రక్షిస్తుంది, భక్తుడు తన నోటితో ఈ విషయం చెప్పాడు.

ప్రయాణం కష్టంగా ఉంటుంది కాని నెరవేరుతుంది, స్త్రీ, పురుషులందరూ ఆనందకరమైన మనస్సుతో ఉండండి.

అతనికి ఐదు పేర్లు చెప్పబడ్డాయి, విజయ్ వీర్ మణిభద్రను పిలిచారు.

అపరాజిత్ భైరవ్ కూడా పేరు, ఆయన పట్ల నాకు గౌరవం ఉంది.

కుక్కర్ వాహనం ఎక్కడ ఉంది||

అట్టాకర్ మరియు తడకర్ ఉన్నాయి, తడకర్లో భగవంతుడు కూర్చున్నాడు.

హస్తినాపూర్‌లో జంబూద్‌వీప్, బాబా రాజెన్ జిన్‌మండిర్‌లో ||

భక్తులు అక్కడ మనౌతిని జరుపుకుంటారు, అక్కడ సథియా వాంతి చేస్తారు.

మనస్సు యొక్క కోరిక నెరవేరి ఉండేది, అక్కడకు వచ్చి మంటను వెలిగిస్తుంది.

అరటి సాథియా సిధి మళ్ళీ, ఆయిల్ సింధూరాన్ని అందిస్తారు ||

రక్షాదేవ్ చాలా భరించలేడు, అందరినీ పాడుచేశాడు, చాలా చేసాడు ||

ప్రాపంచిక దు .ఖంతో నేను కూడా తలుపు దగ్గరకు వచ్చాను.

ఓ సమ్యద్రస్తీ బాబాజీ, నా కష్టాలన్నీ తీర్చండి.

 

|| శంభు పద్యం ||

 

జిన్షసానా యొక్క రక్షకుడు, ఇబ్బంది పెట్టే మంగళహర్త.

మీ ఆరాధన అరు సుమిరాన్, భక్తుల సంచి నిండి ఉంది.

 

కీర్తి మీదే, చాలా విన్నారు, అందుకే ‘ఇందూలీ మీరు ఆశ్రయం పొందుతారు.

విశ్వాసం ఉన్న మతంలో, ప్రభువు చివరి క్షణంలో ధ్యానం చేస్తాడు.

CHALISA IN URDU

 

شری کھیتراپل چالیسہ ہندی میں

 

شری کھیتراپل چالیسہ

 

|| دوحہ ||

 

کھیتراپل مہاراج کو ، من مندر میں دھیان دیں۔

چالیسہ سکھڈے لکھنے کی ہمت ، ||

وِگھنہارن منگلکاراں ، کھیتراپل مہاراج |

عقیدت کے ساتھ عقیدت کرو ، تمام کام مکمل کریں ||

 

|| چوکور ||

جین مت کو فطری کہا جاتا ہے ، یہ صحیفوں میں بتایا گیا ہے ||

اس میں بہت سارے جملوں کا تذکرہ کیا گیا ہے ، تیریشنکر پربھو کے الفاظ معنی خیز ہیں۔

ہمارے محترم آچاریوں ، ان الفاظ کو دھیان میں رکھیں۔

ایک بار پھر جانور کی دلچسپی بتائی گئی ہے ، جس نے اسے اپنایا ہے۔

اس کو سماگدریشتی کہا جاتا ہے ، اسے اردواگتی ملی

پوجیاپڈ آچاریہ ایک ہیں ، بہت ساری تحریروں پر مشتمل ہیں۔

اس نے ہم سب کو بتایا ، پنچمرت ابھیشیک کو بتایا۔

اور بتایا کہ ایک جملہ ہے ، خدا کی حکمرانی درست ہے۔

سب کو سمیاگدستی کہتے ہیں ، جنہیں محافظ کہا جاتا ہے۔

اس کی باتوں پر بھروسہ کرکے ، ویرجیت کو ہیکل کے اندر کریں۔

جنوار قابل عبادت نہیں ہیں ، لیکن کہا جاتا ہے کہ وہ قابل احترام ہیں۔

جو باطل کو نہیں مانتے وہ عقیدت مند پر رحمتیں برساتے ہیں۔

ان میں کھیتراپال جگنامی ، ہر نیک کام میں پوجا کرتے تھے۔

ان کو مدعو کریں ، تمام کام ہموار ہوجائیں۔

راجستھان میں ضلع کرولی ، گاؤں ڈبرا کتھا انوکھی ||

کھیترپال بابا کے مندر ، میلے ہو بھڈون سڈی نومی ||

ایک ہزار سال پہلے کا واقعہ ، جو پارادیہ اولاد سے بنایا جارہا ہے ||

بھوتوں کو شکست دینے میں رکاوٹ بابا کی خواہش ، ||

ہر لمحہ میں بحران ختم ہو ، رکاوٹ کے نام کے نعرے لگانے سے بھاگ جائے۔

مجموعی دولت کا پورا دینے والا ، دولت فراہم کرنے والا اور خوش قسمتی والا ||

پیر کرپالا ، دینیل والا ، ہر مندر میں اس کا ایک مقام ہے۔

دیو ، صحیفہ ، گرو آیات ، محافظ جی کی حفاظت کے لئے تیار ہیں ||

ہندوستان میں بہت سارے یاترا ہیں ، جہاں بابا جی بیٹھے ہیں۔

بہت ساری جگہوں پر ایک بہت بڑا عقیدہ ہے ، ہر کوئی طیلا بھیش کر رہا ہے۔

کھیتروپال کی عبادت ، تمام خواہشات کو پورا کرنا۔

ابدی شری صمدشیکھر جی ، بابا کا بہت عقیدہ ہے۔

اگر کوئی سڑک سے بھاگتا ہے تو ، گاڑی آکر پریشانی دور کرے گی۔

راستہ دکھاتا ہے اور حفاظت کرتا ہے ، عقیدت خود اس کے منہ سے یہ کہتا ہے۔

سفر مشکل ہو لیکن پورا ہوسکے ، تمام مرد و خواتین خوشی خوش ذہن بنیں۔

اس کو پانچ نام بتائے گئے ، وجئے ویر منیب بھدر کو بلایا گیا۔

اپارجیت بھائراو the کا بھی نام ہے ، میں انہیں پورے دل سے سلام پیش کرتا ہوں۔

کوکر گاڑی کہاں ہے؟

اتداکر اور تداکار ہیں ، تداکار میں رب بیٹھتا ہے۔

بابا راجین جنمندر میں ، ہاسٹن پور میں جمودویپ ||

عقیدت مندان نے وہاں منوٹی منائی ، وہاں ستیا کو الٹ کروائیں۔

ذہن کی خواہش پوری ہو جاتی ، آتے اور وہاں شعلوں کو روشن کرتے۔

کیلے ساتیہ سدھی ایک بار پھر ، تیل کا شمشیر پیش کیا جاتا ہے ||

رخکشیو بہت دبنگ ہے ، سب کو خراب کیا ، اس کی بہت کچھ بنائی ہے ||

میں بھی دنیاوی غموں سے دوچار ، دروازے کے قریب آگیا۔

اے سمیاگدرسٹی بابا جی ، میری تمام پریشانیوں کو دور کرو۔

 

|| شمبھو آیت ||

 

جنشاسنا کا محافظ ، پریشانی کرنے والا منگلہارٹا۔

آپ کی عبادت ارو سومیران ہے ، عقیدت مندوں کا بیگ بھرا ہوا ہے۔

 

 

شان آپ کی ہے ، بہت سنا ہے ، اسی وجہ سے ‘اندولی آپ پناہ لیتے ہیں۔

جس مذہب میں ایمان باقی ہے ، خدا آخری وقت پر دھیان دیتا ہے۔

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