CHITRAGUPTA JI ARTI IN ALL LANGUAGES

ARTI IN ASSAMESE

॥শ্ৰীচিত্ৰগুপ্তজীকিআৰতি॥

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে,

স্বামীজয়চিতগুপ্তহৰে।

 

ভক্তসকলৰআকাংক্ষিত,

ফলটোসম্পূৰ্ণকৰক।

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

বাধাধ্বংসকাৰীমঙ্গলকাৰ,

সূৰ্যআনন্দদায়ক।

 

ভকতাণলৈকাউণ্টাৰ-কাউণ্টাৰ,

ত্ৰিভুৱনযশছায়াই|

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

প্ৰপত্ৰচতুৰ্ভুজ,

শ্যামলমূৰ্তি, পিতামবৰৰাজাই।

 

মাতাউইৰাৱতী,

দক্ষনা, বাওঁআণ্ডগসজাই।

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

দুখ-কষ্টপ্ৰতিৰোধ, দুষ্টতাৎক্ষণিক,

লৰ্ডইণ্টাৰ-ইয়ামি।

 

বিশ্বধ্বংস, ৰাজহুৱাদুখহেৰুওৱা,

স্বামীপ্ৰকাশকৰিছিল|

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

কলম, ঔষধ, শামখ,

আলোচনীখনকৰতঅতিভালদৰেবন্ধ।

 

বৈজয়ন্তীভানমালা,

ত্ৰিভুৱনমনমোহে|

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

সিংহাসনৰকাম,

ব্ৰহ্মাহৰ্ষ্য।

 

তেত্রিশশ্ৰেণীৰদেৱতা,

চৰণেধায়ে

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

নৰিপটিচাউদাছ, ভীষ্মপিতামাহ,

আপোনাককিন্নামনতৰাখিব।

 

বেগবিলম্বনকৰিব,

আকাংক্ষিতফলদিনা॥

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

দাৰা, সুথ, ভগনী,

আপোনাৰসকলোস্বাস্থ্যকাৰী।

 

আশ্ৰয়তক’তযাব,

তুমিতাজআইভৰতা।

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

বান্ধৱী, দেউতা, তুমিআয়ত্ত,

যাৰআশ্ৰয়আছে।

 

আপুনিবিনআৰুকুকুৰনহয়,

যিজনআছেতাৰবাবেচাৰিওফালেচাওঁক।

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

জোজানচিত্ৰগুপ্তজীৰআৰতি,

মৰমেৰে।

 

নিশ্চিতভাৱেচাৰিওকাটোবাদদিছিল,

আকাংক্ষিতফলটোএকেই।

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

 

বিচাৰকবৈকুন্তবাসিন্দা,

পাছেগুণলিখিছে।

 

আমিএচাইলামটিহাৰি,

এইটোনকৰিব।

 

ওমজয়চিত্ৰগুপ্তহৰে।

ARTI IN BENGALI

॥শ্রীচিত্রগুপ্তেরআরতি

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে,

স্বামীজয়চিত্রগুপ্তহরে।

 

ভক্তদেরদ্বারাপছন্দসই,

ফলটিসম্পূর্ণকরুন।

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

বিনষ্টকারীধ্বংসকারী,

বাচ্চারাখুশি।

 

ভক্তেরঅভিভাবক,

ত্রিভুবনযশছায়া

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

রূপচতুর্ভুজ,

শ্যামলমুর্তি, পিটম্বররাজাই।

 

মতুইরাবতী,

দক্ষিণ, বামএবংসজ্জিত

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

সমস্যাসমাধান, দুর্বৃত্তকোডিফিকেশন,

লর্ডঅন্তারামি।

 

শ্রুতিসানহরণ, জনদুঃখ,

স্বামীহাজির

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

কলম, দাওয়াত, চেইন,

ম্যাগাজিনটিকরেরমধ্যেঅনেকবেশি।

 

ভাইজয়ন্তিবনমালা,

ত্রিভুবনমনমোহাই

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

সিংহাসনপরিচালনা,

ব্রহ্মাহর্ষে

 

ত্রিশটিবিভাগেরদেবতা,

পর্যায়ে

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

নমপতিসওদাস, ভীষ্মপিতামাহ,

মনেআছেকোথায়||

 

দেরিকরবেননা,

কাঙ্ক্ষিতফলদিনহা।

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

দারা, সুত, ভাগিনী,

প্রত্যেকেইতারস্বাস্থ্যেরকরণীয়।

 

আমিকোথায়আশ্রয়নেব||

আপনিআমাকেগ্রহণকরেছেন

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

ভাই, বাবাআপনিমাস্টার,

কারআশ্রয়||

 

তুমিআমাকেছাড়াবাঁচতেপারবেনা,

আসকারকার।

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

জনচিত্রগুপ্তেরআরতি,

ভালোবাসানিয়েগ্রাম।

 

পঁচাশিনিশ্চয়ইএরথেকেঅব্যাহতিপ্রাপ্ত

পছন্দসইফল

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

 

বিচারকবৈকুন্ঠেরবাসিন্দা,

পাপপুণ্যলিখেছিলেন।

 

আমরাশরণতিহারি,

কিছুআশাকরবেননা

 

ওমজয়চিত্রগুপ্তহরে

ARTI IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN ENGLISH

Om Jai Chitragupta Hare,

Swami Jai Chitragupta Hare।

 

Bhakta JanoKeIchchhita,

PhalaKoPurnaKare॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

VighnaVinashakaMangalakarta,

Santana Sukhadayi।

 

BhaktanaKePratipalaka,

TribhuvanaYashaChhayi॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

RupaChaturbhuja,

ShyamalaMurati, PitambaraRajai।

 

MatuIravati,

Dakshina, VamaAngaSajai॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

KashtaNivarana, DushtaSamharana,

PrabhuAntaryami।

 

SrishtiSamharana, Jana DukhaHarana,

PrakataHuye Swami॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

Kalama Dawata, Shankha, Patrika,

Kara Mein AtiSohai।

 

VaijayantiVanamala,

TribhuvanaManaMohai॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

SimhasanaKaKaryaSambhala,

Brahma Harshaye।

 

TaintisaKotiDevata,

Charanana Mein Dhaye॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

NripatiSaudasa, BhishmaPitamaha,

Yada TumheKinha।

 

VegiVilamba Na Layo,

IchchhitaPhalaDinha॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

Dara, Suta, Bhagini,

SabaApneSwasthaKe Karta।

 

JaunKahanSharana Mein Kisaki,

TumaTaja Main Bharta॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

Bandhu, Pita Tuma Swami,

SharanaGahunKisaki।

 

Tuma Bina Aura Na Duja,

Asa Karun Jisaki॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

Jo Jana Chitragupta Ji Ki Aarti,

PremaSahitaGavain।

 

Chaurasi Se NishchitaChhutain,

IchchhitaPhalaPavain॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

 

NyayadhishaBaikunthaNivasi,

PaapPunyaLikhate।

 

Hama Hain SharanaTihari,

Asa Na Duji Karate॥

 

Om Jai Chitragupta Hare॥

ARTI IN GUJRATI

॥શ્રીચિત્રગુપ્તનીઆરતી॥

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે,

સ્વામીજયચિત્રગુપ્તહરે.

 

ભક્તોદ્વારાઇચ્છિત,

ફળપૂર્ણકરો.

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

ડિસ્ટ્રોયરનોવિનાશક,

બાળકોખુશછે.

 

ભક્તનાવાલી,

ત્રિભુવનયશછાયા

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

ફોર્મચતુર્ભુજ,

શ્યામલમૂર્તિ, પીતામ્બરરાજા.

 

માતુઇરાવતી,

દક્ષિણ, ડાબીબાજુઅનેસજાવવામાં

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

મુશ્કેલીનિવારણ, ઠગકોડિફિકેશન,

ભગવાનઅંતર્યામી.

 

સૃષ્ટિસંહારન, સામૂહિકઉદાસી,

સ્વામીદેખાયા

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

પેન, દાવાટ, સાંકળ,

મેગેઝિનટેક્સમાંખૂબછે.

 

 

વૈજયંતિવનમલા,

ત્રિભુવનમનમોહાય

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

સિંહાસનસંભાળ્યું,

બ્રહ્માહર્ષે

 

દેવતાઓનીત્રીસશ્રેણીઓ,

તબક્કાવાર

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

નૃપતિસૌદાસ, ભીષ્મપિતામહ,

તમનેક્યાંયાદઆવ્યું||

 

તેનેમોડુંનકરો,

ઇચ્છિતફળદિન્હા॥

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

દારા, સુત, ભાગિની,

દરેકવ્યક્તિતેનાસ્વાસ્થ્યનુંકર્તાછે.

 

મારેઆશ્રયમાંક્યાંજવુંજોઈએ,

તમેમનેસ્વીકાર્યું

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

ભાઈ, પિતાતમેમાસ્ટર,

તેકોનીઆશ્રયછે||

 

તમેમારાવગરજીવીશકશોનહીં,

આસજેનું॥

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

જનચિત્રગુપ્તનીઆરતી,

પ્રેમસાથેગામો.

 

ચોૈસીચોક્કસપણેમુક્તિછે

ઇચ્છિતફળ

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

 

 

ન્યાયાધીશબાઇકુંઠનિવાસી,

પાપપુણ્યલખ્યું.

 

અમેશરણતિહારીછીએ,

કંઈપણઅપેક્ષાનથી

 

ઓમજયચિત્રગુપ્તહરે

ARTI IN HINDI

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN KANNADA

॥ಶ್ರೀಚಿತ್ರಗುಪ್ತನಆರತಿ॥

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ,

ಸ್ವಾಮಿಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ.

 

ಭಕ್ತರಿಂದಅಪೇಕ್ಷಿತ,

ಹಣ್ಣುಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಿ.

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ಡೆಸ್ಟ್ರಾಯರ್ನಾಶಕ,

ಮಕ್ಕಳುಸಂತೋಷವಾಗಿದ್ದಾರೆ.

 

ಭಕ್ತರರಕ್ಷಕ,

ತ್ರಿಭುವನ್ಯಶ್ೇ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ಫಾರ್ಮ್ಚತುರ್ಭುಜ,

ಶ್ಯಾಮಲ್ಮೂರ್ತಿ, ಪಿತಾಂಬರ್ರಾಜೈ.

 

ಮಾಟುಐರಾವತಿ,

ದಕ್ಷಿಣ, ಎಡಮತ್ತುಅಲಂಕರಿಸಲಾಗಿದೆ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ನಿವಾರಣೆ, ರಾಕ್ಷಸಕ್ರೋಡೀಕರಣ,

ಭಗವಾನ್ಅಂಟರ್ಯಾಮಿ.

 

ಶ್ರೇಷ್ಠಸಂಹರನ್, ಸಾಮೂಹಿಕದುಃಖ,

ಸ್ವಾಮಿಕಾಣಿಸಿಕೊಂಡರು

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ಪೆನ್, ದಾವತ್, ಚೈನ್,

ಪತ್ರಿಕೆತೆರಿಗೆಯಲ್ಲಿದೆ.

 

ವೈಜಯಂತಿವನಮಾಲಾ,

ತ್ರಿಭುವನ್ಮ್ಯಾನ್ಮೊಹೈ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ಸಿಂಹಾಸನವನ್ನುನಿರ್ವಹಿಸಿದೆ,

ಬ್ರಹ್ಮಹರ್ಷ

 

 

ಮೂವತ್ತಮೂರುವರ್ಗಗಳದೇವರುಗಳು,

ಹಂತದಲ್ಲಿ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ನರಿಯಪತಿಸೌದಾಸ್, ಭೀಷ್ಮಪಿತಾಮ,

ನಿಮಗೆಎಲ್ಲಿನೆನಪಿದೆ||

 

ಅದನ್ನುವಿಳಂಬಮಾಡಬೇಡಿ,

ಅಪೇಕ್ಷಿತಹಣ್ಣುದಿನ್ಹಾ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ದಾರಾ, ಸುತ್, ಭಾಗಿನಿ,

ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬರೂಅವನಆರೋಗ್ಯವನ್ನುಮಾಡುವವರು.

 

ನಾನುಆಶ್ರಯದಲ್ಲಿಎಲ್ಲಿಗೆಹೋಗಬೇಕು,

ನೀವುನನ್ನನ್ನುಒಪ್ಪಿಕೊಂಡಿದ್ದೀರಿ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ಸಹೋದರ, ತಂದೆನೀವುಮಾಸ್ಟರ್,

ಇದುಯಾರಆಶ್ರಯ||

 

 

ನಾನುಇಲ್ಲದೆನೀವುಬದುಕಲುಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ,

ಆಸ್ಯಾರನ್ನು

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ಜನಚಿತ್ರಗುಪ್ತನಆರತಿ,

ಪ್ರೀತಿಯಗ್ರಾಮಗಳು.

 

ಎಂಭತ್ತನಾಲ್ಕುಖಂಡಿತವಾಗಿಯೂಅದರಿಂದವಿನಾಯಿತಿಪಡೆದಿವೆ

ಅಪೇಕ್ಷಿತಹಣ್ಣು

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

 

ನ್ಯಾಯಾಧೀಶಬೈಕುಂತ್ನಿವಾಸಿ,

ಪಾಪಸದ್ಗುಣವನ್ನುಬರೆದಿದ್ದಾರೆ.

 

ನಾವುಶರಣ್ತಿಹಾರಿ,

ಏನನ್ನೂನಿರೀಕ್ಷಿಸಬೇಡಿ

 

ಓಂಜೈಚಿತ್ರಗುಪ್ತಹರೇ

ARTI IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN MALAYALAM

॥ശ്രീചിത്രഗുപ്തന്റെആരതി॥

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ,

സ്വാമിജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ.

 

ഭക്തർആഗ്രഹിക്കുന്നു,

ഫലംപൂർത്തിയാക്കുക.

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

ഡിസ്ട്രോയർഡിസ്ട്രോയർ,

കുട്ടികൾസന്തുഷ്ടരാണ്.

 

ഭക്തന്റെരക്ഷാധികാരി,

ത്രിഭുവൻയാഷ്ചായ്

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

ഫോംചതുർഭുജം,

ശ്യാമൽമൂർത്തി, പിറ്റാംബർരാജായ്.

 

മാട്ടുഐരാവതി,

ദക്ഷിണ, ഇടത്അലങ്കരിച്ച

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

പ്രശ്‌നപരിഹാരം, തെമ്മാടികോഡിഫിക്കേഷൻ,

അന്റാരിയാമിപ്രഭു.

 

ശ്രേഷ്ഠസംഹാരൻ, കൂട്ടസങ്കടം,

സ്വാമിപ്രത്യക്ഷപ്പെട്ടു

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

പേന, ദാവത്ത്, ചെയിൻ,

മാഗസിൻനികുതിയിൽവളരെകൂടുതലാണ്.

 

വൈജയന്തിവനമാല,

ത്രിഭുവൻമാൻമൊഹായ്

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

സിംഹാസനംകൈകാര്യംചെയ്തു,

ബ്രഹ്മഹർഷെ

 

മുപ്പത്തിമൂന്ന്വിഭാഗത്തിലുള്ളദേവന്മാർ,

ആദ്യഘട്ടത്തിൽ

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

നിയാപതിസud ​​ദാസ്, ഭീഷ്മപിറ്റാമ,

നിങ്ങൾഎവിടെയാണ്ഓർമ്മിച്ചത്||

 

ഇത്വൈകരുത്,

ആഗ്രഹിച്ചഫ്രൂട്ട്ദിൻ‌ഹ

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

ദാര, സുത്, ഭാഗിനി,

എല്ലാവരുംഅവന്റെആരോഗ്യംചെയ്യുന്നവരാണ്.

 

ഞാൻഅഭയകേന്ദ്രത്തിൽഎവിടെപോകണം,

നിങ്ങൾഎന്നെസ്വീകരിച്ചു

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

സഹോദരാ, പിതാവേ,

ഇത്ആരുടെഅഭയസ്ഥാനമാണ്||

 

ഞാനില്ലാതെനിങ്ങൾക്ക്ജീവിക്കാൻകഴിയില്ല,

ആരുടെആരു

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

ജനചിത്രഗുപ്തന്റെആരതി,

സ്നേഹമുള്ളഗ്രാമങ്ങൾ.

 

എൺപത്തിനാല്തീർച്ചയായുംഇതിൽനിന്ന്ഒഴിവാക്കപ്പെടുന്നു

ആഗ്രഹിച്ചഫലം

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

 

ജഡ്ജിബൈകുന്ത്നിവാസികൾ,

പാപപുണ്യംഎഴുതി.

 

ഞങ്ങൾശരൺതിഹാരി,

ഒന്നുംപ്രതീക്ഷിക്കരുത്

 

ഓംജയ്ചിത്രഗുപ്തഹരേ

ARTI IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN MARATHI

॥श्रीचित्रगुप्तांचीआरती॥

ओमजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तांनीइच्छित,

फळपूर्णकरा.

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

विध्वंसक

मुलेआनंदीअसतात.

 

भक्तांचेपालक,

त्रिभुवनयशछाये

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

फॉर्मचतुर्भुज,

श्यामलमूर्ती, पितांबरराजाई.

 

मटूइरावती,

दक्षिणा, डावीकडीलआणिसजावटकेलेली

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

समस्यानिवारण, नकलीकोडिकरण,

भगवानअंतरीयामी.

 

सृष्टीसंहारन, जनदुःख,

स्वामीप्रकटझाले

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

पेन, दावत, साखळी,

मासिकखूपकरातआहे.

 

वैजयंतीवनमाला,

त्रिभुवनमानमोहै

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

सिंहासनहाताळले,

ब्रह्माहर्षे

 

देवतांचेतेतीसप्रकार,

टप्प्यात

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

नृपतीसौदास, भीष्मपितामह,

तुलाकुठेआठवलं||

 

उशीरकरूनका,

इच्छितफळदिन्हा॥

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

दारा, सुत, भगिनी,

प्रत्येकजणत्याच्याआरोग्याचाकर्ताअसतो.

 

मीआश्रयामध्येकुठेजावे,

आपणमलास्वीकारले

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

 

भाऊ, वडीलतूगुरुआहेस,

कोणाचाआश्रयआहे

 

तूमाझ्याशिवायजगूशकतनाहीस

आसज्याचे॥

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

जनचित्रगुप्तचीआरती,

प्रेमानेगावे.

 

पंच्याऐंशीलोकांनानिश्चितचयातूनसूटदेण्यातआलीआहे

इच्छितफळ

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

 

न्यायाधीशबैकुंठरहिवासी,

पापपुण्यलिहिले.

 

आम्हीशरणतिवारीआहोत,

कशाचीहीअपेक्षाकरूनका

 

ओमजयचित्रगुप्तहरे

ARTI IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN ODIA

॥ଶ୍ରୀଚିତ୍ରାଗୁପ୍ତରଆରତୀ॥

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ,

ସ୍ାମୀଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଭକ୍ତଙ୍କଦ୍ୱାରାଇଚ୍ଛା,

ଫଳସମାପ୍ତକରନ୍ତୁ |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ବିନାଶକାରୀବିନାଶକାରୀ,

ପିଲାମାନେଖୁସିଅଛନ୍ତି |

 

ଭକ୍ତଙ୍କଅଭିଭାବକ,

ତ୍ରିଭୁବନଯଶଛାୟା |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଚତୁର୍ଭୁଜଫର୍ମ,

ଶ୍ୟାମଲମୁର୍ତ୍ତୀ, ପିଟମ୍ବରରାଜାଇ |

 

ମତୁଇରାବତୀ,

ଡାକସିନା, ବାମଏବଂସଜ୍ଜିତ |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ତ୍ରୁଟିନିବାରଣ, ଦୁର୍ବୃତ୍ତକୋଡିଫିକେସନ୍,

ପ୍ରଭୁଆଣ୍ଟାରାମି |

 

ଶ୍ରୀସ୍ତିସନ୍ହାରନ୍, ଜନଦୁଖ,

ସ୍ାମୀଦେଖାଦେଲେ |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

କଲମ, ଡାୱାଟ, ଶୃଙ୍ଖଳା,

ପତ୍ରିକାଟିଟ୍ୟାକ୍ସରେବହୁତଅଛି |

 

ଟ୍ରିବୁଭାନ୍ମ୍ୟାନ୍ମୋହାଇ |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ସିଂହାସନପରିଚାଳନାକଲେ,

ବ୍ରହ୍ମାହର୍ଷ

 

ତିରିଶତିନୋଟିବର୍ଗଦେବତା,

ପର୍ଯ୍ୟାୟରେ

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଭୀଷ୍ମପିଟାମା,

ତୁମେକେଉଁଠାରେମନେରଖିଛ||

 

ଏହାକୁବିଳମ୍ବକରନାହିଁ,

ଇଚ୍ଛାକୃତଫଳଦିନା।

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଦାରା, ସୂତ, ଭାଗିନୀ,

ସମସ୍ତେତାଙ୍କସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟରକର୍ମକର୍ତ୍ତା |

 

ମୁଁଆଶ୍ରୟସ୍ଥଳକୁକେଉଁଠାକୁଯିବି,

ତୁମେମୋତେଗ୍ରହଣକଲ

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଭାଇ, ବାପାତୁମେଗୁରୁ,

ଏହାକାହାରଆଶ୍ରୟ||

 

ତୁମେମୋବିନାବଞ୍ଚିପାରିବନାହିଁ,

ଆସ୍ଯାହାରକାହାକୁ।

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଜନଚିତ୍ରଗୁପ୍ତରଆରତୀ,

ପ୍ରେମସହିତଗ୍ରାମଗୁଡିକ |

 

ଚବିଶଜଣନିଶ୍ଚିତଭାବରେଏଥିରୁମୁକ୍ତଅଟନ୍ତି |

ଇଚ୍ଛାକୃତଫଳ |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

 

ଜଜ୍ବାଇକୁନ୍ଥବାସିନ୍ଦା,

ପାପଗୁଣଲେଖିଛନ୍ତି |

 

ଆମେଶରଣତିହାରୀ,

କିଛିଆଶାକରନାହିଁ |

 

ଓମ୍ଜୟଚିତ୍ରଗୁପ୍ତହେରେ |

ARTI IN PUNJABI

॥ਸ਼੍ਰੀਚਿੱਤਰਗੁਪਤਦੀਆਰਤੀ॥

 

 

ਓਮਜੈਚਿੱਤਰਗੁਪਤਹਰੇ,

ਸਵਾਮੀਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹੇਰੇ।

 

ਸ਼ਰਧਾਲੂਆਂਦੁਆਰਾਲੋੜੀਂਦੇ,

ਫਲਪੂਰਾਕਰੋ.

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਵਿਨਾਸ਼ਕਰਨਵਾਲਾ,

ਬੱਚੇਖੁਸ਼ਹਨ.

 

ਭਗਤਦੇਸਰਪ੍ਰਸਤ,

ਤ੍ਰਿਭੁਵਨਯਸ਼ਛਯ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਫਾਰਮਚਤੁਰਭੁਜ,

ਸ਼ਿਆਮਲਮੂਰਤੀ, ਪੀਤਮਬਰਰਜਾਈ.

 

ਮਤੂਇਰਾਵਤੀ,

ਦਕਸ਼ੀਨਾ, ਖੱਬੇਅਤੇਸਜਾਇਆ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਸਮੱਸਿਆਦਾਹੱਲ, ਠੱਗਕੋਡਿਫਿਕੇਸ਼ਨ,

ਲਾਰਡਅੰਤਰੀਆਮੀ.

 

ਸ੍ਰਿਸ਼ਟੀਸਨਹਾਰਨ, ਜਨਤਕਉਦਾਸੀ,

ਸਵਾਮੀਪੇਸ਼ਹੋਏ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਕਲਮ, ਦਾਵਤ, ਚੇਨ,

ਰਸਾਲਾਟੈਕਸਵਿਚਬਹੁਤਜ਼ਿਆਦਾਹੈ.

 

ਵੈਜਯਾਂਤੀਵਣਮਾਲਾ,

ਤ੍ਰਿਭੁਵਨਮਨਮੋਹੈ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਤਖਤਨੂੰਸੰਭਾਲਿਆ,

ਬ੍ਰਹਮਾਹਰਸ਼ੇ

 

ਦੇਵਤਾਦੀਆਂਤੀਹਵਰਗਾਂ,

ਪੜਾਅਵਿਚ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਨ੍ਰਿਪਤੀਸੌਦਾਸ, ਭੀਸ਼ਮਪਿਤਾਮਾਹ,

ਤੁਹਾਨੂੰਕਿੱਥੇਯਾਦਆਇਆ||

 

ਇਸਵਿਚਦੇਰੀਨਾਕਰੋ,

ਇੱਛਤਫਲਦੀਨ੍ਹਾ॥

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਦਾਰਾ, ਸੂਤ, ਭਾਗਿਨੀ,

ਹਰਕੋਈਉਸਦੀਸਿਹਤਦਾਕਰਨਵਾਲਾਹੈ.

 

 

ਮੈਨੂੰਪਨਾਹਵਿਚਕਿੱਥੇਜਾਣਾਚਾਹੀਦਾਹੈ,

ਤੁਸੀਂਮੈਨੂੰਸਵੀਕਾਰਕਰਲਿਆ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਭਰਾ, ਪਿਤਾਜੀਤੁਸੀਂਮਾਸਟਰ,

ਇਹਕਿਸਦੀਪਨਾਹਹੈ||

 

ਤੁਸੀਂਮੇਰੇਬਗੈਰਨਹੀਂਰਹਿਸਕਦੇ,

ਆਸਜਿਸਦਾ॥

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਜਨਚਿੱਤਰਗੁਪਤਦੀਆਰਤੀ,

ਪਿਆਰਨਾਲਪਿੰਡ.

 

ਚੁਰਾਸੀਨਿਸ਼ਚਤਰੂਪਤੋਂਮੁਕਤਹਨ

ਲੋੜੀਂਦਾਫਲ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

 

ਜੱਜਬੈਕੁੰਠਨਿਵਾਸੀ,

ਪਾਪਗੁਣਲਿਖਿਆ.

 

 

ਅਸੀਂਸ਼ਰਨਤਿਹਾਰੀਹਾਂ,

ਕਿਸੇਵੀਚੀਜ਼ਦੀਉਮੀਦਨਾਕਰੋ

 

ਓਮਜੈਚਿਤ੍ਰਗੁਪਤਹਰੇ

ARTI IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीचित्रगुप्तजीकीआरती॥

ॐजयचित्रगुप्तहरे,

स्वामीजयचित्रगुप्तहरे।

 

भक्तजनोंकेइच्छित,

फलकोपूर्णकरे॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

विघ्नविनाशकमंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी।

 

भक्तनकेप्रतिपालक,

त्रिभुवनयशछायी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

रूपचतुर्भुज,

श्यामलमूरति, पीताम्बरराजै।

 

मातुइरावती,

दक्षिणा, वामअङ्गसाजै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कष्टनिवारण, दुष्टसंहारण,

प्रभुअन्तर्यामी।

 

सृष्टिसंहारण, जनदु:खहारण,

प्रकटहुयेस्वामी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

कलम, दवात, शङ्ख,

पत्रिका, करमेंअतिसोहै।

 

वैजयन्तीवनमाला,

त्रिभुवनमनमोहै॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

सिंहासनकाकार्यसम्भाला,

ब्रह्माहर्षाये।

 

तैंतीसकोटिदेवता,

चरणनमेंधाये॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

नृपतिसौदास, भीष्मपितामह,

यादतुम्हेंकीन्हा।

 

वेगिविलम्बनलायो,

इच्छितफलदीन्हा॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपनेस्वास्थकेकर्ता।

 

जाऊँकहाँशरणमेंकिसकी,

तुमतजमैंभर्ता॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

 

बन्धु, पितातुमस्वामी,

शरणगहूँकिसकी।

 

तुमबिनऔरनदूजा,

आसकरूँजिसकी॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

जोजनचित्रगुप्तजीकीआरती,

प्रेमसहितगावैं।

 

चौरासीसेनिश्चितछूटैं,

इच्छितफलपावैं॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

 

न्यायाधीशबैकुण्ठनिवासी,

पापपुण्यलिखते।

 

हमहैंशरणतिहारी,

आसनदूजीकरते॥

 

ॐजयचित्रगुप्तहरे॥

ARTI IN TAMIL

॥ ஸ்ரீசித்ரகுப்தரின்ஆரத்தி॥

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே,

சுவாமிஜெய்சித்ரகுப்தஹரே.

 

பக்தர்களால்விரும்பப்படுகிறது,

பழத்தைமுடிக்கவும்.

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

அழிப்பாளரைஅழிப்பவர்,

குழந்தைகள்மகிழ்ச்சியாகஉள்ளனர்.

 

பக்தரின்பாதுகாவலர்,

திரிபுவன்யஷ்சாய்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

படிவம்நாற்புற,

சியாமல்மூர்த்தி, பிதாம்பர்ராஜாய்.

 

மாதுஐராவதி,

தட்சிணா, இடதுமற்றும்அலங்கரிக்கப்பட்ட

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

சரிசெய்தல், முரட்டுகுறியீட்டுமுறை,

ஆண்டர்யாமி.

 

கிருஷ்டிசன்ஹரன், வெகுஜனசோகம்,

சுவாமிதோன்றினார்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

பேனா, தாவத், சங்கிலி,

பத்திரிகைவரியில்அதிகம்.

 

வைஜயந்திவனமலா,

திரிபுவன்மன்மொஹாய்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

சிம்மாசனத்தைக்கையாண்டது,

பிரம்மாஹர்ஷய்

 

தெய்வங்களின்முப்பத்துமூன்றுவகைகள்,

கட்டத்தில்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

நரியபதிசudதாஸ், பீஷ்மாபிதாமா,

உங்களுக்குஎங்கேநினைவிருந்தது||

 

தாமதிக்கவேண்டாம்,

விரும்பியபழம்தின்ஹா

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

தாரா, சுட், பாகினி,

எல்லோரும்அவருடையஉடல்நிலையைச்செய்பவர்கள்.

 

நான்தங்குமிடத்தில்எங்குசெல்லவேண்டும்,

நீங்கள்என்னைஏற்றுக்கொண்டீர்கள்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

தம்பி, தந்தைநீமாஸ்டர்,

இதுயாருடையஅடைக்கலம்||

 

நான்இல்லாமல்நீங்கள்வாழமுடியாது,

ஆஸ்யாருடைய

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

ஜனசித்ரகுப்தரின்ஆர்த்தி,

அன்புகொண்டகிராமங்கள்.

 

எண்பத்துநான்குநிச்சயமாகவிலக்கு

விரும்பியபழம்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

 

நீதிபதிபைகுந்த்குடியிருப்பாளர்,

பாவநல்லொழுக்கத்தைஎழுதினார்.

 

நாங்கள்ஷரன்திஹாரி,

எதையும்எதிர்பார்க்கவேண்டாம்

 

ஓம்ஜெய்சித்ரகுப்தஹரே

ARTI IN TELUGU

॥శ్రీచిత్రగుప్తుడిఆర్తి॥

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే,

స్వామిజైచిత్రగుప్తుహరే.

 

భక్తులుకోరుకుంటారు,

పండుపూర్తిచేయండి.

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

డిస్ట్రాయర్యొక్కడిస్ట్రాయర్,

పిల్లలుసంతోషంగాఉన్నారు.

 

భక్తుడిసంరక్షకుడు,

త్రిభువన్యష్ఛాయ్

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

ఫారంచతుర్భుజం,

శ్యామల్మూర్తి, పితాంబర్రాజాయ్.

 

మాతుఇరావతి,

దక్షిణ, ఎడమమరియుఅలంకరించబడిన

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

ట్రబుల్షూట్, రోగ్క్రోడిఫికేషన్,

అంటార్యామిప్రభువు.

 

శ్రీతిసంహరన్, సామూహికవిచారం,

స్వామికనిపించాడు

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

పెన్, దావత్, గొలుసు,

పత్రికపన్నులోచాలాఉంది.

 

వైజయంతివనమల,

త్రిభువన్మాన్మోహై

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

సింహాసనాన్నినిర్వహించింది,

బ్రహ్మహర్షయ్

 

దేవతలముప్పైమూడువర్గాలు,

దశలో

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

న్రియాపతిసౌదాస్, భీష్మపితామా,

మీకుఎక్కడగుర్తువచ్చింది||

 

ఆలస్యంచేయవద్దు,

కోరుకున్నఫ్రూట్దిన్హా

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

దారా, సూట్, భగిని,

ప్రతిఒక్కరూఅతనిఆరోగ్యాన్నిచేసేవారు.

 

నేనుఆశ్రయంలోఎక్కడికివెళ్ళాలి,

మీరునన్నుఅంగీకరించారు

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

సోదరుడు, తండ్రిమీరుమాస్టర్,

ఇదిఎవరిఆశ్రయం||

 

నేనులేకుండామీరుజీవించలేరు,

ఆస్ఎవరిని

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

జనచిత్రగుప్తయొక్కఆర్తి,

ప్రేమతోగ్రామాలు.

 

ఎనభైనాలుగుఖచ్చితంగామినహాయింపు

కోరుకున్నపండు

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

 

న్యాయమూర్తిబైకుంత్నివాసి,

పాపంధర్మంరాశారు.

 

మేముశరణ్తిహారీ,

ఏమీఆశించవద్దు

 

ఓంజైచిత్రగుప్తుహరే

ARTI IN URDU

 

॥شریچترگوپتکیآرتی

اومجئےچترگوپتہرے،

سوامیجئےتصویرگپتہرے۔

 

عقیدتمندوںکیخواہش،

پھلمکملکریں۔

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

ناشکرنےوالا،

بچےخوشہیں۔

 

عقیدتمندولی

تریھوونیشچھے

 

اومجئےچترگوپتہرے

 

 

فارمچوکور،

شیاملمورتی،پیٹمبررجائی۔

 

متوایراوتی،

جنوبی،بائیںاورسجاہوا

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

دشواریحل،بدمعاشکوڈفیکیشن،

لارڈانٹارامی۔

 

سریشتیسنہارن،بڑےپیمانےپردکھ،

سوامیپیشہوئے

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

قلم،دعوت،زنجیر،

ٹیکسمیںمیگزینبہتزیادہہے۔

 

واجینتیوانمالا،

تریھوونمانموہائ

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

تختسنبھالا،

برہماہرشے

 

خداؤںکیتینتیساقسام،

مرحلےمیں

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

نریپتیسعوداس،بھیشماپیٹمہ،

تمہیںکہاںیادآیا؟

 

اسمیںتاخیرنہکریں،

مطلوبہپھلڈنہھا۔

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

دارا،سوت،بھاگینی،

ہرایکاسکیصحتکاکامکرنےوالاہے۔

 

مجھےکہاںپناہمیںجاناچاہئے،

آپنےمجھےقبولکیا

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

بھائی،باپآپماسٹر،

یہکسکیپناہہے؟

 

تممیرےبغیرنہیںرہسکتے،

آسکسکی ۔۔۔

 

اومجئےتصویرگپتہرے

 

جناچترگوپتکیآرتی،

محبتکےساتھگاؤں۔

 

 

چوراسییقینیطورپرمستثنیٰہیں

مطلوبہپھل

 

اومجئےچترگوپتہرے

 

ججبیکنٹھکےرہائشی،

گناہکیفضیلتلکھی۔

 

ہمشرنتہہریہیں،

کسیچیزکیتوقعنہکریں

 

اومجئےتصویرگپتہرے

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