LAKSHMI MAA ARTI IN ALL LANGUAGES

ARTI IN ASSAMESE

॥আৰতিশ্ৰীলক্ষ্মীজী॥

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা,

মাইয়াজয়লক্ষ্মীমাতা।

 

তুমিনিশিদায়সেৱত,

হৰিবিষ্ণুবিধানতা॥

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

উমা, ৰাম, ব্ৰহ্মাণী,

তুমিজগ-মাতা।

 

সূৰ্য-চন্দ্ৰধ্যান,

নাৰদঋষিগাইতা|

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

দুৰ্গাৰূপছনিৰঞ্জনী,

সুখৰএজনধনীপ্ৰদানকাৰী।

 

যিআপোনাৰওপৰতধ্যানকৰে,

সমৃদ্ধিআৰুসমৃদ্ধিহৈছেসম্পদ।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

তুমিঅল্ডৱৰ্ল্ড,

আপুনিভাল-প্ৰদানকাৰী।

 

কৰ্মপ্ৰভাৱ-ফটোকিনি,

ভবানিধিৰট্ৰাভা।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

আপুনিবাসকৰাঘৰ,

সকলোগুণআহে।

 

সকলোসম্ভৱহ’লহেতেঁন,

ভয়নকৰিবা।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

আপুনিএটাচৰ্চা-নিগনিনহ’লেহেতেঁন,

কোনেওকাপোৰবিচাৰিনাপায়।

 

খাদ্যৰস্প্লিণ্ডৰ,

সকলোৱেআপোনাৰপৰাআহে।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

শুভগুণমন্দিৰসুন্দৰ,

তেওঁজাইৰোলজিলৈযায়।

 

ৰত্নাচতুৰ্ষতুমবিন,

কোনেওগমপোৱানাছিল।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

 

মহালক্ষ্মীজীৰআৰতি,

যিসকলেগ’ব।

 

আপোনাৰআনন্দ,

পাপবন্ধহৈযায়।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতাদ্বিতীয়

ARTI IN BENGALI

॥আরতিশ্রীলক্ষ্মীজি॥

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা,

মাইয়াজয়লক্ষ্মীমাতা।

 

নিশিদানসেবাততোমাকে,

হরিবিষ্ণুবিদাতা

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

উমা, রামা, মহাজাগতিক,

তুমিমা-মা।

 

সূর্য-চাঁদফোকাস,

নারদsষিগায়।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

দুর্গারুপনিরঞ্জনী,

প্লেজারদাতা।

 

যেআপনাকেমনোযোগদেয়,

Iddদ্ধি-সিদ্ধিধনলাভকরে

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

আপনিস্থানীয়,

আপনিদাতা।

 

কর্ম-প্রভাব-প্রকাশিনী,

ভবানীধিকিতাতার

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

যেবাড়িতেআপনিথাকেন,

সমস্তপুণ্যআসে।

 

সবকিছুসম্ভবহবে,

মনআতঙ্কিতহয়না

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

তুমিকুরবানিকরতনা

কেউকাপড়খুঁজেপায়না।

 

খাবারওপানীয়েরজাঁকজমক,

আপনারকাছথেকেসবকিছুআসে

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

শুভমন্দিরসুন্দর,

ক্ষীরোদধি-জটা।

 

রত্নাচতুর্দশতোমাকেছাড়া,

কেউপায়না

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

 

মহালক্ষ্মীজীরআরতি,

যেগানকরে

 

উরআনন্দসমতা,

পাপচলেযায়।

 

ওমজয়লক্ষ্মীমাতা

ARTI IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN ENGLISH

॥Aarti Shri Lakshmi Ji Ki॥

 

Om Jai Lakshmi Mata,

Maiya Jai Lakshmi Mata।

 

TumakoNishidinSevat,

Hari Vishnu Vidhata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

Uma Rama Brahmani,

Tum Hi Jag-Mata।

 

Surya-ChandramaDhyavat

Naarad Rishi Gata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

DurgaRoopNiranjani,

SukhSampatti Data।

 

Jo Koi TumakoDhyavat,

Riddhi-Siddhi DhanPata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

Tum Patal-Nivasini,

Tum Hi Shubhdata।

 

Karma-Prabhav-Prakashini,

Bhavanidhi Ki Trata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

JisGhar Mein Tum Rahti,

Sab SadgunAata।

 

Sab SambhavHoJata,

Man NahiGhabrata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

Tum Bin Yagya Na Hote,

Vastra Na Koi Pata।

 

Khan-Pan KaVaibhav,

Sab TumaseAata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

Shubh-Gun MandirSundar,

Kshirodadhi-Jata।

 

RatnaChaturdash Tum Bin,

Koi NahiPata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

 

Mahalakshmi Ji Ki Aarti,

Jo Koi Jan Gata।

 

Ur AnandSamata,

PaapUtarJata॥

 

Om Jai Lakshmi Mata॥

ARTI IN GUJRATI

॥આરતીશ્રીલક્ષ્મીજી॥

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા,

મૈયાજયલક્ષ્મીમાતા.

 

નિશીદાનસેવતતને,

હરિવિષ્ણુવિધાતા॥

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

ઉમા, રામ, કોસ્મિક,

તમેમાતાઅનેમાતાછો.

 

સૂર્ય-ચંદ્રકેન્દ્રિત,

નારદગાયછે॥

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

દુર્ગારુપનિરંજની,

આનંદઆપનાર.

 

જેતમારુંધ્યાનઆપેછે,

રિદ્ધિ-સિદ્ધિથીસંપત્તિમળેછે

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

તમેવતનીછો,

તમેદાતાછો.

 

કર્મ-પ્રભાવ-પ્રકાસિની,

ભવનિધિકીત્રાતા

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

તમેજ્યાંરહોછોતેઘર,

બધાગુણઆવેછે.

 

બધુંશક્યહશે,

મનગભરાતુંનથી

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

તમેબલિદાનનઆપ્યુંહોત

કોઈનેકપડામળતાનથી.

 

ખાવા-પીવાનીભવ્યતા,

બધુંતમારીપાસેથીઆવેછે

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

શુભમંદિરસુંદર,

ક્ષિરોદાધિ-જાતા.

 

રત્નાચતુર્દશતારાવિના,

કોઈમળતુંનથી

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

 

મહાલક્ષ્મીજીનીઆરતી,

જેગાયછે

 

આનંદસમાતા,

પાપદૂરજાયછે.

 

ઓમજયલક્ષ્મીમાતા

ARTI IN HINDI

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN KANNADA

॥ಆರತಿಶ್ರೀಲಕ್ಷ್ಮಿಜಿ॥

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ,

ಮೈಯಾಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ.

 

ನಿಶಿದಾನ್ಸೇವಾತ್ನಿಮಗೆ,

ಹರಿವಿಷ್ಣುವಿಧಾನ॥

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ಉಮಾ, ರಾಮ, ಕಾಸ್ಮಿಕ್,

ನೀವುತಾಯಿಮತ್ತುತಾಯಿ.

 

ಸೂರ್ಯ-ಚಂದ್ರನಗಮನ,

ನಾರದಷಿಹಾಡಿದ್ದಾರೆ

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ದುರ್ಗಾರುಪ್ನಿರಂಜನಿ,

ಸಂತೋಷನೀಡುವವರು.

 

ಯಾರುನಿಮ್ಮಬಗ್ಗೆಗಮನಹರಿಸುತ್ತಾರೋ,

ರಿದ್ಧಿ-ಸಿದ್ಧಿಗೆಸಂಪತ್ತುಸಿಗುತ್ತದೆ

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ನೀವುಸ್ಥಳೀಯರು,

ನೀವುಉತ್ತಮಶಕ್ತಿಶಾಲಿ.

 

ಕರ್ಮ-ಪ್ರಭವ-ಪ್ರಕಾಶಿನಿ,

ಭವಾನಿಧಿಕಿತ್ರತಾ

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ನೀವುವಾಸಿಸುವಮನೆ,

ಎಲ್ಲಾಸದ್ಗುಣಗಳುಬರುತ್ತದೆ.

 

ಎಲ್ಲವೂಸಾಧ್ಯ,

ಮನಸ್ಸುಭಯಭೀತರಾಗುವುದಿಲ್ಲ

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ನೀವುತ್ಯಾಗಮಾಡುತ್ತಿರಲಿಲ್ಲ

ಯಾರೂಬಟ್ಟೆಕಾಣುವುದಿಲ್ಲ.

 

ಆಹಾರಮತ್ತುಪಾನೀಯದವೈಭವ,

ಎಲ್ಲವೂನಿಮ್ಮಿಂದಬರುತ್ತದೆ

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ಶುಭದೇವಾಲಯಸುಂದರ,

ಕ್ಷಿರೋದಾಧಿ-ಜಾತಾ.

 

ನೀವುಇಲ್ಲದೆರತ್ನಚತುರ್ದಾಶ್,

ಯಾರೂಸಿಗುವುದಿಲ್ಲ

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

 

ಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿಜಿಯಆರತಿ,

ಯಾರುಹಾಡುತ್ತಾರೋ

 

ಸಂತೋಷದಸಮತಾ,

ಪಾಪಹೋಗುತ್ತದೆ.

 

ಓಂಜೈಲಕ್ಷ್ಮಿಮಾತಾ

ARTI IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN MALAYALAM

॥ആരതിശ്രീലക്ഷ്മിജി॥

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ,

മായജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ.

 

നിഷിദാൻസേവത്ത്നിങ്ങൾക്ക്,

ഹരിവിഷ്ണുവിധ॥

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

ഉമ, രാമ, കോസ്മിക്,

നിങ്ങൾഅമ്മയുംഅമ്മയുമാണ്.

 

സൂര്യചന്ദ്രൻഫോക്കസ്,

നാരദമുനിപാടുന്നു

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

ദുർഗരൂപനിരഞ്ജനി,

ആനന്ദംനൽകുന്നയാൾ.

 

ആരെങ്കിലുംനിങ്ങളെശ്രദ്ധിക്കുന്നു,

റിധി-സിദ്ധിക്ക്സമ്പത്ത്ലഭിക്കുന്നു

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

നിങ്ങൾസ്വദേശികളാണ്,

നിങ്ങളാണ്മികച്ചത്.

 

കർമ്മ-പ്രഭാവ-പ്രകാശിനി,

ഭവാനിധികിട്രാത

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

നിങ്ങൾതാമസിക്കുന്നവീട്,

എല്ലാപുണ്യവുംവരുന്നു.

 

എല്ലാംസാധ്യമാകും,

മനസ്സ്പരിഭ്രാന്തരാകുന്നില്ല

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

നിങ്ങൾത്യാഗംചെയ്യുമായിരുന്നില്ല

ആരുംവസ്ത്രങ്ങൾകണ്ടെത്തുന്നില്ല.

 

ഭക്ഷണത്തിന്റെയുംപാനീയത്തിന്റെയുംആംബരം,

എല്ലാംനിങ്ങളിൽനിന്നാണ്

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

ശുഭക്ഷേത്രംമനോഹരമാണ്,

ക്ഷിരോദാദി-ജാത.

 

നിങ്ങൾഇല്ലാതെരത്‌നചതുർദാഷ്,

ആർക്കുംലഭിക്കുന്നില്ല

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

 

മഹാലക്ഷ്മിജിയുടെആരതി,

ആരെങ്കിലുംപാടുന്നു

 

ഉർസന്തോഷംസമത,

പാപംപോകുന്നു.

 

ഓംജയ്ലക്ഷ്മിമാതാ

ARTI IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN MARATHI

॥आरतीश्रीलक्ष्मीजी॥

 

ओमजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता.

 

निशिदानसेवातुला,

हरीविष्णूविधाता॥

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

उमा, रामा, लौकिक,

आपणआईआणिआईआहात.

 

सूर्य-चंद्रफोकस,

नारदषीगाते॥

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

दुर्गारूपनिरंजनी,

सुखदेणारा.

 

जोतुमच्याकडेलक्षदेतो,

रिद्धि-सिद्धिसंपत्तीमिळवते

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

तुम्हीमूळचेआहात,

आपणदेणारा

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

आपणजिथेराहतातेघर,

सर्वपुण्ययेते.

 

सर्वकाहीशक्यहोईल,

मनघाबरतनाही

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

आपणबलिदानकेलेनसते

कोणालाहीकपडेसापडतनाहीत.

 

खाण्यापिण्याचेवैभव,

सर्वकाहीआपल्याकडूनचआलेआहे

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

शुभमंदिरसुंदर,

क्षीरोदाधी-जटा.

 

रत्नचतुर्दशतुझ्याशिवाय,

कोणालाहीमिळतनाही

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

 

महालक्ष्मीजींचीआरती,

जोगातां

 

 

उरआनंदसमता,

पापनिघूनजाते.

 

ओमजयलक्ष्मीमाता

ARTI IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN ODIA

॥ଆରତୀଶ୍ରୀଲକ୍ଷ୍ମୀଜୀ॥

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା,

ମାୟାଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ନିଶିଦାନସେବାତତୁମକୁ,

ହରିବିଷ୍ଣୁବିଦ୍ୟା॥

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ଉମା, ରାମା, ବ୍ରହ୍ମାଣ୍ଡ,

ତୁମେମାତାଏବଂମାତା |

 

ସୂର୍ଯ୍ୟ-ଚନ୍ଦ୍ରଧ୍ୟାନ,

ନାରଡାଷୀଗୀତ।

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ଦୁର୍ଗାରୂପନିରଂଜନ,

ପ୍ରସନ୍ନଦାତା |

 

ଯିଏତୁମକୁଧ୍ୟାନଦେବ,

ରିଦ୍ଧି-ସିଦ୍ଧଧନପ୍ରାପ୍ତହୁଏ |

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ତୁମେଦେଶବାସୀ,

ତୁମେଶ୍ରେଷ୍ଠ

 

କର୍ମ-ପ୍ରଭାସ-ପ୍ରାକାସିନି,

ଭବାନୀଡିକିତ୍ରାତା |

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ତୁମେରହୁଥିବାଘର,

ସମସ୍ତଗୁଣଆସେ |

 

ସବୁକିଛିସମ୍ଭବହେବ,

ମନଭୟଭୀତହୁଏନାହିଁ |

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ଆପଣବଳିଦାନଦେଇନଥାନ୍ତେ |

କେହିପୋଷାକପାଇଲେନାହିଁ |

 

ଖାଦ୍ୟଏବଂପାନୀୟରଗରବ,

ସବୁକିଛିତୁମଠାରୁଆସିଥାଏ |

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ଶୁଭମନ୍ଦିରସୁନ୍ଦର,

କ୍ଷୀରୋଡାଡି-ଜଟା |

 

ରତ୍ନାଚାଟୁରଦଶତୁମବିନା,

କେହିପାଆନ୍ତିନାହିଁ |

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

 

ମହାଲକ୍ଷ୍ମୀଜୀଙ୍କଆରତୀ,

ଯିଏଗାନକରେ

 

ଉରଆନନ୍ଦସମତା,

ପାପଦୂରହୁଏ |

 

ଓମ୍ଜୟଲକ୍ଷ୍ମୀମାତା |

ARTI IN PUNJABI

॥ਆਰਤੀਸ਼੍ਰੀਲਕਸ਼ਮੀਜੀ॥

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ,

ਮਾਈਆਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ।

 

ਨਿਸ਼ੀਦਾਨਸੇਵਤਤੁਹਾਨੂੰ,

ਹਰਿਵਿਸ਼ਨੁਵਿਧਾਤਾ.

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਉਮਾ, ਰਾਮ, ਬ੍ਰਹਿਮੰਡੀ,

ਤੁਸੀਂਮਾਂਅਤੇਮਾਂਹੋ.

 

ਸੂਰਜ-ਮੂਨਫੋਕਸ,

ਨਾਰਦਾਰਿਸ਼ੀਗਾਉਂਦਾਹੈ॥

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਦੁਰਗਾਰੂਪਨਿਰੰਜਨੀ,

ਖੁਸ਼ੀਦੇਣਵਾਲਾ.

 

ਜਿਹੜਾਵੀਤੁਹਾਡੇਵੱਲਧਿਆਨਦਿੰਦਾਹੈ,

ਰਿਧੀ-ਸਿੱਧੀਧਨਪ੍ਰਾਪਤਕਰਦੀਹੈ

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਤੁਸੀਂਮੂਲਲੋਕਹੋ,

ਤੂੰਦਾਤਾਰਹੈਂ।

 

 

ਕਰਮ-ਪ੍ਰਭਾਵਾ-ਪ੍ਰਕਾਸਿਨੀ,

ਭਵਾਨੀਧੀਕੀਟ੍ਰਟਾ

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਜਿਸਘਰਵਿਚਤੁਸੀਂਰਹਿੰਦੇਹੋ,

ਸਾਰੇਗੁਣਆਉਂਦੇਹਨ.

 

ਸਭਕੁਝਸੰਭਵਹੋਵੇਗਾ,

ਮਨਘਬਰਾਉਂਦਾਨਹੀਂ

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਤੁਸੀਂਕੁਰਬਾਨੀਨਹੀਂਦਿੱਤੀਹੁੰਦੀ

ਕਿਸੇਨੂੰਕੱਪੜੇਨਹੀਂਮਿਲਦੇ.

 

ਖਾਣਪੀਣਦੀਸ਼ਾਨ,

ਸਭਕੁਝਤੁਹਾਡੇਵੱਲੋਂਆਉਂਦਾਹੈ

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਸੁਹਜਮੰਦਰਸੁੰਦਰ,

ਕਸ਼ਿਰੋਦਾਧੀ-ਜਟਾ.

 

 

ਰਤਨਾਚਤੁਰਦਾਸ਼ਤੇਰੇਬਿਨਾਂ,

ਕੋਈਨਹੀਂਮਿਲਦਾ

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

 

ਮਹਾਲਕਸ਼ਮੀਜੀਦੀਆਰਤੀ,

ਜਿਹੜਾਵੀਗਾਉਂਦਾਹੈ

 

ਉਰਆਨੰਦਸਮਤਾ,

ਪਾਪਦੂਰਹੋਜਾਂਦਾਹੈ.

 

ਓਮਜੈਲਕਸ਼ਮੀਮਾਤਾ

ARTI IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

ॐजयलक्ष्मीमाता,

मैयाजयलक्ष्मीमाता।

 

तुमकोनिशिदिनसेवत,

हरिविष्णुविधाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुमहीजग-माता।

 

सूर्य-चन्द्रमाध्यावत,

नारदऋषिगाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

दुर्गारुपनिरंजनी,

सुखसम्पत्तिदाता।

 

जोकोईतुमकोध्यावत,

ऋद्धि-सिद्धिधनपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमपाताल-निवासिनि,

तुमहीशुभदाता।

 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधिकीत्राता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

जिसघरमेंतुमरहतीं,

सबसद्गुणआता।

 

सबसम्भवहोजाता,

मननहींघबराता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

तुमबिनयज्ञनहोते,

वस्त्रनकोईपाता।

 

खान-पानकावैभव,

सबतुमसेआता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

शुभ-गुणमन्दिरसुन्दर,

क्षीरोदधि-जाता।

 

रत्नचतुर्दशतुमबिन,

कोईनहींपाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

 

 

महालक्ष्मीजीकीआरती,

जोकोईजनगाता।

 

उरआनन्दसमाता,

पापउतरजाता॥

 

ॐजयलक्ष्मीमाता॥

ARTI IN TAMIL

॥ஆர்த்திஸ்ரீலட்சுமிஜி॥

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா,

மையாஜெய்லட்சுமிமாதா.

 

உங்களுக்குநிஷிதன்சேவத்,

ஹரிவிஷ்ணுவிததா॥

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

உமா, ராம, அண்ட,

நீங்கள்தாயும்தாயும்.

 

சூரியன்-சந்திரன்கவனம்,

நாரதமுனிவர்பாடுகிறார்

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

துர்காரூப்நிரஞ்சனி,

இன்பம்கொடுப்பவர்.

 

யார்உங்களிடம்கவனம்செலுத்துகிறாரோ,

ரித்தி-சித்திக்குசெல்வம்கிடைக்கிறது

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

நீங்கள்பூர்வீகம்,

நீங்கள்சிறந்தவர்.

 

கர்மா-பிரபாவ-பிரகசினி,

பவானிதிகிடிராட்டா

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

நீங்கள்வசிக்கும்வீடு,

எல்லாநற்பண்புகளும்வருகிறது.

 

எல்லாம்சாத்தியமாகும்,

மனம்பீதியடையாது

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

நீங்கள்தியாகம்செய்திருக்கமாட்டீர்கள்

யாரும்துணிகளைக்காணவில்லை.

 

உணவுமற்றும்பானத்தின்மகிமை,

எல்லாம்உங்களிடமிருந்துவருகிறது

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

நல்லகோயில்அழகானது,

க்ஷிரோதாதி-ஜதா.

 

நீங்கள்இல்லாமல்ரத்னாசதுர்தாஷ்,

யாரும்பெறுவதில்லை

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

 

மஹாலட்சுமிஜியின்ஆர்த்தி,

யார்பாடியாலும்

 

உர்மகிழ்ச்சிசமதா,

பாவம்நீங்கும்.

 

ஓம்ஜெய்லட்சுமிமாதா

ARTI IN TELUGU

॥ఆర్తిశ్రీలక్ష్మిజీ॥

 

ఓంజైలక్ష్మిమాతా,

మైయాజైలక్ష్మిమాతా.

 

మీకునిషిదాన్సేవత్,

హరివిష్ణువిధాత॥

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

ఉమా, రామ, విశ్వ,

మీరుతల్లిమరియుతల్లి.

 

సూర్య-చంద్రదృష్టి,

నారదషిపాడాడు

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

దుర్గారూప్నిరంజని,

ఆనందంఇచ్చేవాడు.

 

ఎవరైతేమీపైశ్రద్ధవహిస్తారో,

రిద్ధి-సిద్ధికిసంపదలభిస్తుంది

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

మీరుస్థానికులు,

మీరుఉత్తమశక్తి.

 

కర్మ-ప్రభావ-ప్రకాసిని,

భవనిధికిత్రత

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

మీరునివసించేఇల్లు,

అన్నిధర్మంవస్తుంది.

 

ప్రతిదీసాధ్యమవుతుంది,

మనస్సుభయపడదు

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

మీరుత్యాగంచేసిఉండరు

ఎవరూబట్టలుకనుగొనరు.

 

ఆహారంమరియుపానీయాలవైభవం,

అంతామీనుండివస్తుంది

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

పవిత్రఆలయంఅందమైనది,

క్షిరోదాది-జాత.

 

మీరులేకుండారత్నచతుర్దాష్,

ఎవరూపొందరు

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

 

మహాలక్ష్మీజీయొక్కఆర్తి,

ఎవరైతేపాడతారు

 

ఉర్ఆనందంసమతా,

పాపంపోతుంది.

 

ఓంజైలక్ష్మీమాతా

ARTI IN URDU

॥آرتیشریلکشمیجی॥

 

اومجئےلکشمیماتا،

مائیاجئےلکشمیماتا۔

 

آپکونسیڈانسیوت،

ہریوشنوودھاٹا॥

 

اومجئےلکشمیماتا

 

اما،رام،کائناتی،

آپماںاورماںہیں۔

 

سورج-چاندکیتوجہ،

ناردابابانےگائے۔

 

اومجئےلکشمیماتا

 

درگاروپنرنجانی،

خوشیدینےوالا۔

 

جوآپکیطرفتوجہدیتاہے،

رِدھیسدھیکودولتملتیہے

 

اومجئےلکشمیماتا

 

آپمقامیہیں،

آپعطاکرنےوالےہیں۔

 

کرماپربھاوا – پرکاسینی،

بھوانییدیکیٹرٹا

 

اومجئےلکشمیماتا

 

جسگھرمیںآپرہتےہیں،

تمامفضیلتآتیہے۔

 

سبکچھممکنہوگا،

دماغگھبراتانہیںہے

 

اومجئےلکشمیماتا

 

آپقربانینہدیتے

کسیکوکپڑےنہیںملتےہیں۔

 

کھانےپینےکیشان،

سبکچھآپسےآتاہے

 

اومجئےلکشمیماتا

 

پرہیزگارہیکلخوبصورت،

کشیرودھی۔جاتا۔

 

آپکےبغیررتناچترداش،

کوئینہیںملتا

 

اومجئےلکشمیماتا

 

مہالکشمیجیکیآرتی،

جوبھیگائےگا

 

اورخوشیسمتا،

گناہدورہوجاتاہے۔

 

اومجئےلکشمیماتا

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