KRISHNA JI CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

।।দোহা।।

বংশীয়েআকৰ্শআৰুকোমলহ’ল, নীলশীঘ্ৰেইপাতলশ্যামল।

অৰুণঅধৰজানুবিম্বাফল, নয়নকমলঅভিৰাম।

 

পুৰণ্ডুঅৰবিন্দমুখ, পিতামবৰশুভচাজল।

জয়মনমোহনমদনছবি, কৃষচন্দ্ৰমহাৰাজ।

 

জয়যদুনদুননজয়জগবণ্ডন, এলজয়বাসুদেৱদেৱকীনান।

জয়যশোড়াসুথনান্দদুলাৰে, এলজয়প্ৰভুভকতান।

 

জয়নাটনগৰনাগনাথিয়া, এলকৃষ্ণকহ্নাইয়াধানুচৰিয়া।

ভগৱানগিৰিৱৰধাৰো, মইপুনিখতদিনানবেদনালৈআহোঁ।

 

বংশীসুইটেষ্টলিম্বোধাৰীতেৰি, এলহৱেফিলিংমৰথমেৰি।।

সেউজীয়াপুনিমাখনচাংখোআহক, আজি, ভক্ষণৰচিকিৎসা।

 

গোলকাপোলচিবুকঅৰুণাৰে, এলমৰিদুলস্মাইলচাইৰেনদাৰে।

ৰক্তৰাজীৱনয়নভিসলা, এলমোৰটিয়াৰাবৈষ্ণজয়ন্তীমালা।

 

কুণ্ডলীশ্ৰৱণহালধীয়াপিতাতআচএলকাটিকিংকনিকাচনকচ্চে।

নীলজালাজসুন্দৰলঘুচোহে, এলছবিলাখীসুৰনাৰমুনিমনমোহে।

 

 

নোবতিলকএলককেঁকুৰা, এলশ্যামবাঁহীৰসৈতেআহে।

কৰিপিপান, পুটানিনতাৰো, এলওৰফেবাকাকাইগাসুৰমৰিও।।

 

মধুৱনজলতঅগ্নিযেতিয়াশিখা, এলভয়কোমল, লখীথিননাণ্ডলালা।

সুৰপতিযেতিয়াদলংৰিশাই, এলমুছাৰধৰবাৰীবৰসাঁইআৰোহণকৰে।

 

লাগত-লগাতদলং, বাহাও, এলগোবৰ্ধননাখধাৰীবচাও।

লাখীযশোদামনভ্ৰম, এলমুখমহন্তচৌদ্দভূৱন।

 

দুষ্টকংসাচৰমঘাল, এলশ্ৰেণীলোটাছয’তফুলআমন্ত্ৰণকৰাহয়।

নাথীকালিহি, তেতিয়াআপুনিই, ল।

 

ৰসবিলাসৰসৈতেকৰিগোপীন, l সকলোফিলিংকৰিকাম।

কেসিকমহাঅসুৰসংহাৰো, লকানাহিকেশীদিমৰিও।

 

মাতোপিতৃৰবন্দীমিমোচা, এলজেইসেন, য’ততেওঁৰাজ্যপৰিচালনাকৰিছিল।

মাহি, চুতলিও, এলমাটোদেৱকীৰমৃতব্যক্তিজনেশোকপ্ৰকাশকৰে।

 

ভোমাসুৰমুৰদানৱসংহাৰী, এললাইশদাশচাহাছকুমাৰী।

বিভিন্নট্ৰিঞ্চিয়াৰসংহাৰাক’তহত্যাকৰিছিল, এলজাৰসিন্ধুদানৱকহত্যাকৰাহৈছিল।

 

অসুৰবৃন্দাসুৰআদিকমৰিও, এলভকতাৰতেতিয়াৰসংকট।

দীনসুদামাৰদুখজনকতাৰিখ, এলতানদুলতিনিমুথিমুখদাৰো।

 

 

প্ৰেমৰসেউজীয়াবিচাৰিব, মই, দুৰ্যোধনৰবাদাম।

লাখীপ্ৰেমকিগৌৰৱগধুৰ, এলনৌমিশ্যামদিননহিতকাৰী।

 

মাৰ্থাৰপাৰ্থৰথ, হাঙ্কেৰবাবেচক্ৰকৰশক্তিনহয়, ল।

বিশেষগীতা, লভকতনৰহৃদয়সুধাৰজ্ঞানকওঁক।

 

মইমাতৱালীৰদৰেআছিলো, মইবিষমাতালহৈহাততালিদিছিলো।

ৰাণাইসাপপিতাৰীপঠিয়াইছিল, এলশালাগ্ৰামবনৱাৰীহৈপৰিছিল।

 

ব্যক্তিগতমাইয়াআপুনিঅআইনীদেখুৱাওক, মইআপোনাৰসন্দেহবোৰক’লে।

টাভাৰে১০০, এলজীৱনমুক্তভায়োশিশুপালালা।

 

যেতিয়াদ্ৰোপাদিইআৰৰোপণকৰাহৈছিল, তেতিয়াএতিয়াএলদীনানাথচিকিৎসাজাগ্ৰিতহয়।

অনাথৰনাথকানহাইয়া, এলদুবাতমাঈলষ্ট্ৰোমেনাইয়াকউদ্ধাৰকৰে।

 

সুন্দৰদাসআচআপোনাৰধাৰী, লদায়াভিজনকিজেবনৱাৰী।

নাথসকালমামকুমাতিনিভাৰো, এলচামোবেগঅপৰাধহামৰো।।

 

এতিয়াদৰ্শনকৰক, মইকৃষ্ণকহ্নাইয়াকওঁ।।

 

।।দোহা।।

এইচালিচাকৃষ্ণৰ, পথকৰাইতোমালোকৰধাৰী।

অষ্টসিদ্ধিনতুনসমৃদ্ধিফল, লাহেসামগ্ৰী।

CHALISA IN BENGALI

।।দোহ।।

বংশীমিষ্টিসজ্জিত, নীলশীঘ্রইতনুশ্যামল।

অরুণঅধরজানুবিম্বাফল, নয়নকামালঅভিরাম।

 

পুরানিন্দুঅরবিন্দমুখ, পিতাম্বরশুভাসজল।

জয়মনমোহনমদনচিত্র, কৃষ্ণচন্দ্রমহারাজ।

 

জয়যাদুনন্দনজয়জগবন্দন, জয়বাসুদেবদেবকীনন্দন।

জয়যশোদাসুতনন্দদুলারে, এলজীপ্রভুভক্তনেরমন্ত্র।

 

জয়নাটনগরনাগনাথিয়া, l কৃষ্ণকানহাইয়াধেনুচরাইয়া।

পুণিনাখেরউপরেভগবানগিরিবারধরন, l

 

বনসীমাধুরআধারীধরতেরি, l হাওপুরাণমনোরথমেরি।

এসো, সবুজকেমাখনকেশাস্তিদেওয়ারচেষ্টাকর, আমিআজলাজভক্তনেরছাই।

 

গোলগালচিবুকঅরুণে, l মৃদুলমুসকানমোহিনীসাহে।

রঞ্জিতরাজীবনয়নবিশাল, l ময়ূরমুকুটবৈজয়ন্তীমালা।

 

কয়েলহিয়ারিংকলস

নীলজলজসুন্দরতনুসোহে

 

কপালতিলকস্লিভারকোঁকড়ানো, কালোএবংসাদাআসা।

করীপাপান, পুত্নিনাহিতারিয়ো, এলওরফেবাকাকাগাসুরমারায়ো ..

 

মধুওয়ানজালাতঅগ্নিযখনশিখা, এল

সুরপতিযখনসেতুতেউঠেছিলরিসাই, l মাউসারধরবাড়ীবারসাই।

 

লগত-লগতব্রিজচাহবাহায়ো, l গোবর্ধননাখধারীবাচাও।

লখীযশোদামনবিভ্রান্তি, মুখদেখিচৌদ্দভুবন।

 

দুষ্টকানগুলিঅত্যন্তনিখুঁত।পদ্মেরফুলকোথায়অর্ডারকরাহবে।

নাথীকালিহিন, তুইতুইমরে, কেকেনির্ভীক।

 

রাসবিলাসতরকারীগোপিনেরসাথে, সমস্ততরকারিপূরণকরারইচ্ছাকরছি।

কেতিকমহাঅসুরসানহায়রো, l কাংশীকেশপাকদিদিমারাयो|

 

বাবারবন্দীমাতুউদ্ধারকরেছিলেন, যেখানেউগ্রসেনরাজ্যপরিচালনাকরেছিলেন।

মাহিথেকেছয়টিসূত্রআনুন, মাতুদেবেরদুঃখমুছেদিন।

 

ভোমসুরমুরদাইত্যাসানহারি, ল্যাশতদশসাহসকুমারী।

ভীত্রিঞ্চিরসানহুরা, l যেখানেজারসিন্ধুরাক্ষসনিহতহয়েছিল।

 

আশুরবৃক্ষসুরআদিকমারাও, আমিতখনভক্তদেরকষ্ট

দিনাসুদামারদুঃখ, l তন্দুলতিনমুঠিমুখাদরিও।

 

প্রেমেরবাড়িরজন্যজিজ্ঞাসাকরুন, বিদুরঘর, l দুর্যোধনেরবাদামফেলেদেওয়াহয়েছে।

লখীপ্রেমকিগৌরবভারী, l নওমিশ্যামদিননহিতকরি।।

 

ম্যারাথেররথগুলিরথদাঁড়িয়েছিল, তবেচক্রটিরকোনওশক্তিছিলনা।

আপনারগীতারজ্ঞানবলুন, আমিভক্তরাতাদেরহৃদয় .েলেদেয়।

 

মীরাএমনমাতালছিল, আমিবিষখেয়েতালিদিয়েছি।

রানাপ্রেরণকরলেনসাপেরবাক্স, l শালিগ্রামবানবানওয়ারি।

 

আপনাকেআইন-কানুনদেখানোহতেপারেতবেআপনাকেঅবশ্যইসন্দেহগুলিকাটিয়েউঠতেহবে।

তুমিসংসারেরনিন্দাকরবে, l জীবন-মুক্তভয়শিশুপাল।

 

যখনইদ্রৌপদীইনস্টলকরাহয়েছিল, দীননাথলাজএখনযায়।

অসমঅনাথেরনাথকানহাইয়া, l দোভুতভান্বরবাচাউতনাইয়া।

 

সুন্দরদাসসউরধরী, দয়াদৃষ্টিতে

নাথসাকালমামাকুমতিনিভ্রো, l ছোমবেগঅপরাধ

 

ধনুকটিখুলুন, এখনদেখুনদর্শন, l বলুনকৃষ্ণকানহাইয়ারজয়।

 

।।দোহ।।

এইচালিশাহ’লকৃষ্ণ, তোমারপথ।

অষ্টসিদ্ধিনিওনিধিফল, তাইচারিচারি।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN ENGLISH

Shri Krishna Chalisa (English)

ll Doha ll

Banshi shobhit kar madhur nil jald tanu shamal Arun, adhr janu bimba phal nayan kamal abhiram,
Purnandu Arvind much pitambar shubha sajal,
Jai Man Mohan Madan chhavi Krishnchandra maharaj

Jai jai Yadunandan jag vandan Jai Vasudev Devki nandan,
Jai Yashoda sut Nand dulare Jai prabhu bhagatan ke, rakhvare Jai Natnagar Naag nathaiea Krishna Kanhiya dhenu charea,
Puni nakh par Prabhu Girivar dharo aao dinan-kasht nivaro.

Bansi madhur adhar-dhari teri hove puran manorath meri,
Aao Hari puni makhan chakho aaj laaj bhagatan ki rakho,
Gol kapol chibuk arunare Mridul muskan mohini dare,
Rajit Rajiv nayen vishala Mor mukut vaijantimala
 
Kundal shravan pit pat ache Kati kinkini kachan kache,
Nil jalaj sundar tan sohe Chhavi lakhi sur nar muni man mohe,
Mastak tilak alak ghunghrale Ao Shyam bansuri vale,
Kari pi pan putanahi taryo Aka-bka kaga sur maryo
 
Madhuvan jalat agini jab jvala Bhe shital lakhatahi Nandlala,
Surpati jab Brij chadhyo risai Musar dhar bari barsai,
Lagat lagat Bnij chah bahaeo Govardhan nakh dhari bachaeo,
Lakhi Yashuda mann bhram adhikai Mukh moh chauda bhuvan dikhai

Dusht Kans ati udham machayo Koti kamal kaha phul mangaeo,
Nathi kaiyahi tab tum linhe Charan chinh de nirbhai kinhe,
Kari gopin sang raas bilasa Sab ki purn kari abhilasa 

ketik maha asur sanharyo Kansahi kesh pakadi dii mareo,
Matu pita ki bandi chudayi Ugrasen kahan raj dilai,
Mahi se mritak chaho sut layo Matu Devaki shok mitaeo,
bhumasur mur detye  sahari Laye shatdash sahas kumara,
 
Dii Bhinahi  trin chiri sahara Jarasindhu raksht kaha mara
 
Asur vrikasur adik mareo Nij bhagatan ke tab kasht nivareau,
Din Sudama ke dukh tareo Tandul tin muthi mukh dareo.prem ke saag vidur ghar mange,
Duryodhan ke meva teyago,
 Lakhi prem ki mahima bhari Naumi Sham dinan hitkari

Marath mein parath-rath hanke Liye chakra kar nahi bal thake,
Nij Gita ke gyan sunayi, Bhagatan hridai sudha barsaye,
Meera thi aisi matvali vish pi gayi bajakar tali,
Rana bheja saap pitari Shaligram bane banvari

Nij maya tum vidhiheen dikhaeo Urte sanshai sakal mitaeo,
Tav shat ninda kari tatkala jivan mukt bhayo shishupala,
Jabhi Draupadi ter lagai Dinanath laaj ab jayi,
As anath ke nath Kanhaiya Dubat bhanvar bachavat naiya
“Sundardas” Aas ur Dhari Deya Drishti Keje Banwari,
Nath sakal mam kumati nivaro chhamon veg apradh hamaro,
Kholo pat ab darshan dije  Bolo Krishna Kanhaiya ki jai 

Doha
Yah chalisa Krishna ka path kre ur dhari,
asht sidhi nav nidhi phal lhe padarath chari

CHALISA IN GUJRATI

।।દોહા।।

બંશીમીઠાશથીશોભે, નીલસૂનતનુશ્યામલ.

અરુણઅધરજાનુબિમ્બાફળ, નયનકમલઅભિરામ.

 

પુરાણિંદુઅરવિંદમુખ, પીતામ્બરશુભાસેજલ.

જયમનમોહનમદનછબી, કૃષ્ણચંદ્રમહારાજ.

 

જયયદુનંદનજયજગવંદન, જયવાસુદેવદેવકીનંદન.

જયયશોદાસુતનંદદુલારે, એલજીપ્રભુભક્તકેમંત્ર.

 

જયનાતનગરનાગનાળીયા, l કૃષ્ણકન્હૈયાધેનુચરૈયા.

પુનિનાખપરભગવાનગિરિવરધરણ, એલ

 

બંસીમધુરઅધિરધારીતેરી, l હોવપુરાનમનોરથમેરી.

આવો, લીલોસજામાખણનેઅજમાવજો, l આજેભજભતનનીરાખ.

 

ગોલગાલચિબુકઅરુણારે, l મૃદુલમુસ્કનમોહિનીડરે.

રણજીતરાજીવનયનવિશાલ, l મોરતાજવૈજયંતિમાલા.

 

કોઇલહિયરિંગરેડવાનુંએકમોટુંપાત્ર

નીલજલજસુંદરતનુસોહે

 

કપાળતિલકસ્લીવરવાંકડિયા, કાળાઅનેસફેદપરઆવેછે.

કરીપાપાન, પુટનીનહીંતારિઓ, એલઉર્ફબકાકાગાસુરમાર્યો ..

 

મધુવનજલાતઅગ્નિજ્યારેજ્યોત, એલ

સુરપતિજ્યારેપુલઉપરચed્યોરિસાઈ, l મૌસરધરબારીબરસાઈ.

 

લગત-લગતબ્રિજચાહબહાયો, l ગોવર્ધનનખધારીબચાવો.

લાખીયશોદામનમૂંઝવણ, l મોંદેખાયચૌદભુવન।

 

દુષ્ટકેન્સખૂબપ્રસન્નછેકમળનુંફૂલક્યાંથીઓર્ડરકરવામાંઆવશે.

નાથીકાલિહિં, તોપછીતુંમરીગયોછે, નિર્ભયકોણછે.

 

રાસવિલાસકરીગોપિનસાથે, હુંબધીકરીપૂરીકરવાઈચ્છુંછું.

કેતકમહાઅસુરાસનહાયરો, l કાંશીકેશપાકડીદીમરાયો।

પિતાનાઅપહરણકર્તામાટુએબચાવ્યો, જ્યાંઉગ્રાસેનરાજ્યનુંસંચાલનકરતોહતો.

મહીથીબધાછસૂત્રોલાવો, માતુદેવનુંદુ: ખભૂંસીનાખો.

 

ભોમાસુરમુરદૈત્યસંહારી, લાયેશતદશસહસકુમારી.

ભીત્રિંચિરસનહુરા, l જ્યાંજરાસિંધુરાક્ષસમાર્યોગયો.

 

અસુરવૃક્ષાસુરઆદિકમરાયો, ત્યારેભક્તોનીમુશ્કેલીઓ

દીનાસુદામાનાંદુsખ, l તાંડુલત્રણમુથિમુખાદરિયો।

 

પ્રેમનાઘરમાટેપૂછો, વિદુરઘર, l દુર્યોધનનીબદામછોડીદેવામાંઆવેછે.

લાખીપ્રેમકીભવ્યભારે, l નૌમિશ્યામદીનનહિતકારી।।

 

મરાથનારથરથ .ભાહતા, પરંતુચક્રમાટેકોઈબળનહોતું.

તમારીગીતાનુંજ્Tellાનકહો, l ભક્તોતેમનાહૃદયનેરેડશે.

 

મીરાઆવીનશામાંહતી, મેંઝેરપીધાપછીતાળીપાડી.

રાણાએસાપનોડબ્બોમોકલ્યો, એલશાલીગ્રામબનેબાણવારી.

 

 

તમનેબેધ્યાનબતાવવામાંઆવશે, પરંતુતમારેશંકાઓનેદૂરકરવીજજોઇએ.

તુંસંસારનીનિંદાકરશે, l જીવનમુક્તભયશિશુપાલ.

 

જ્યારેપણદ્રૌપદીસ્થાપિતથઈહતી, ત્યારેહવેદિનાનાથલાઝજાયછે.

જેમઅનાથનાનાથકન્હૈયા, l દોભુતભંવરબચતોનૈયા.

 

સુંદરદાસurસurરધારી, દયાઆંખો

નાથસકલમામાકુમતીનિવારો, l છોમ્બેગગુનો

 

ધનુષખોલો, હવેદ્રષ્ટિજુઓ, l કૃષ્ણકન્હૈયાનીજયબોલો.

 

।।દોહા।।

આચાળીસાકૃષ્ણનોમાર્ગછે, તમારોમાર્ગછે.

અષ્ટસિદ્ધિનીઓનિધિફળ, તેથીચરિચરિ।

CHALISA IN HINDI

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN KANNADA

।।ದೋಹಾ।।

ಬನ್ಶಿಸಿಹಿಯಾಗಿಅಲಂಕರಿಸಿದ್ದಾರೆ, ನೀಲ್ಸೂನ್ತನುಶ್ಯಾಮಲ್.

ಅರುಣ್ಅಧರ್ಜಾನುಬಿಂಬಾಹಣ್ಣು, ನಯನ್ಕಮಲ್ಅಭಿರಾಮ್.

 

ಪುರಾಣಿಂದುಅರವಿಂದ್ಮುಖ್, ಪಿತಾಂಬರ್ಶುಭಾಸಜ್ಲ್.

ಜೈಮನಮೋಹನ್ಮದನ್ಚಿತ್ರ, ಕೃಷ್ಣಚಂದ್ರಮಹಾರಾಜ್.

 

ಜೈಯದುನಾಂದನ್ಜೈಜಗವಂದನ್, ಜೈವಾಸುದೇವ್ದೇವಕಿನಂದನ್.

ಜೈಯಶೋದಸುತ್ನಂದ್ದುಲಾರೆ, ಎಲ್ಜೀಪ್ರಭುಭಕ್ತನ್ಕೆಮಂತ್ರ.

 

ಜೈನಟ್ನಗರನಾಗ್ನಾಥಿಯಾ, ಎಲ್ಕೃಷ್ಣಕನ್ಹಯ್ಯಧೇನುಚರೈಯಾ.

ಪುಣಿನಖ್ಮೇಲೆಭಗವಾನ್ಗಿರಿವರ್ಧರಣ್, ಎಲ್

 

ಬನ್ಸಿಮಾಧುರ್ಅಧರಿಧಾರಿತೇರಿ, ಎಲ್ಹೋವೆಪುರಾನ್ಮನೋರತ್ಮೇರಿ.

ಬನ್ನಿ, ಹಸಿರುಶಿಕ್ಷಿಸಲುಪ್ರಯತ್ನಿಸಿಮಖಾನ್, ಇಂದುಲಜ್ಭಕ್ತನಚಿತಾಭಸ್ಮ.

 

ಗೋಲ್ಕೆನ್ನೆಚಿಬುಕ್ಅರುಣರೆ, ಎಲ್ಮೃದೂಲ್ಮುಸ್ಕನ್ಮೋಹಿನಿಡೇರ್.

ರಂಜಿತ್ರಾಜೀವ್ನಯನ್ವಿಶಾಲಾ, ಎಲ್ನವಿಲುಕಿರೀಟವೈಜಯಂತಿಮಾಲಾ.

 

ಕಾಯಿಲ್ಹಿಯರಿಂಗ್ಪಿಚರ್.

ನೀಲ್ಜಲಾಜ್ಸುಂದರ್ತನುಸೋಹೆ

 

ಹಣೆಯತಿಲಕ್ಚಪ್ಪಲಿಕರ್ಲಿ, ಕಪ್ಪುಮತ್ತುಬಿಳಿಬಣ್ಣದಲ್ಲಿಬನ್ನಿ.

ಕರಿಪಾಪಾನ್, ಪುಟ್ನಿನಹಿತಾರ್ಯೋ, ಎಲ್ಅಕಾಬಾಕಾಕಾಗಸುರ್ಮರಿಯೊ|

 

ಜ್ವಾಲೆಯಾದಾಗಮಧುವಾನ್ಜಲತ್ಅಗ್ನಿ, ಎಲ್

ರಿಸೈ, ಎಲ್ಮೌಸರ್ಧಾರ್ಬರಿಬಾರ್ಸಾಯಿಸೇತುವೆಏರಿದಾಗಸುರಪತಿ.

 

ಲಗತ್-ಲಗತ್ಸೇತುವೆಚಾಹ್ಬಹಾಯೊ, ಎಲ್ಗೋವರ್ಧನ್ನಖ್ದಾರಿಬಚಾವೊ.

ಲಖಿಯಶೋದಮನಸ್ಸುಗೊಂದಲ, ಎಲ್ಬಾಯಿಹದಿನಾಲ್ಕುಭುವನ್ಕಾಣಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತದೆ.

 

ದುಷ್ಟಕಾನ್ಗಳುಬಹಳಭಾವಪರವಶರಾಗಿದ್ದಾರೆ. ಕಮಲದಹೂವನ್ನುಎಲ್ಲಿಆದೇಶಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

ನಾಥಿಕಲಿಹಿನ್, ಆಗನೀವುಸತ್ತಿದ್ದೀರಿ, ಯಾರುನಿರ್ಭಯರು.

 

ಕರಿಗೋಪಿನ್ಜೊತೆರಾಸ್ವಿಲಾಸಾ, ನಾನುಎಲ್ಲಾಮೇಲೋಗರವನ್ನುಪೂರೈಸಲುಬಯಸುತ್ತೇನೆ.

ಕೆತಿಕ್ಮಹಾಅಸುರಸಂಹಯಾರೊ, ಎಲ್ಕಾನ್ಶಿಕೇಶ್ಪಕ್ಡಿಡಿಮಾರಾಯೊ …

 

ತಂದೆಯಸೆರೆಯಾಳುಆಗಿದ್ದಮಾಟುನನ್ನುರಕ್ಷಿಸಲಾಯಿತು, ಅಲ್ಲಿಉಗ್ರಾಸೆನ್ರಾಜ್ಯವನ್ನುಆಳಿದನು.

ಮಾಹಿಯಿಂದಎಲ್ಲಾಆರುಸೂತ್ರಗಳನ್ನುತನ್ನಿ, ಮಾತುದೇವ್ಅವರದುಃಖವನ್ನುಅಳಿಸಿಹಾಕು.

 

ಭೋಮಸೂರ್ಮುರ್ದೈತ್ಯಸಂಹಾರಿ, ಲೇಶಟ್ಟಾಶ್ಸಹಾಸ್ಕುಮಾರಿ.

ಭೀಟ್ರಿಂಚಿರ್ಸಂಹುರಾ, l ಅಲ್ಲಿಜರಸಿಂಧುರಾಕ್ಷಸನನ್ನುಕೊಲ್ಲಲಾಯಿತು.

 

ಅಸುರವೃಕಾಸುರಆದಿಕ್ಮರಾಯೋ, ಆಗಭಕ್ತರತೊಂದರೆಗಳು

ದಿನಾಸುಡಮಾಅವರದುಃಖಗಳು, ಎಲ್ತಾಂಡುಲ್ಮೂರುಮುತಿಮುಖದಾರ್ಯೋ.

 

ಪ್ರೀತಿಯಮನೆ, ವಿದುರ್ಘರ್, ಎಲ್ದುರ್ಯೋಧನನಬೀಜಗಳನ್ನುತ್ಯಜಿಸಿ.

ಲಖಿಪ್ರೇಮ್ಕಿಗ್ಲೋರಿಹೆವಿ, ಎಲ್ನೌಮಿಶ್ಯಾಮ್ದಿನನ್ಹಿಟ್ಕಾರಿ|

 

ಮರಾಠದರಥರಥಗಳುನಿಂತವು, ಆದರೆಚಕ್ರಕ್ಕೆಯಾವುದೇಬಲವಿರಲಿಲ್ಲ.

ನಿಮ್ಮಗೀತೆಯಜ್ಞಾನವನ್ನುಹೇಳಿ, ಭಕ್ತರುತಮ್ಮಹೃದಯವನ್ನುಸುರಿಯುತ್ತಾರೆ.

 

ಮೀರಾಅಂತಹಕುಡಿದು, ವಿಷಸೇವಿಸಿದನಂತರಚಪ್ಪಾಳೆತಟ್ಟಿದರು.

ರಾಣಾಹಾವಿನಪೆಟ್ಟಿಗೆಯನ್ನುಕಳುಹಿಸಿದರು, ಎಲ್ಶಾಲಿಗ್ರಾಮ್ಬಾನೆಬನ್ವಾರಿ.

 

ನಿಮ್ಮನ್ನುಕಾನೂನುಬಾಹಿರಎಂದುತೋರಿಸಬಹುದು, ಆದರೆನೀವುಅನುಮಾನಗಳನ್ನುನಿವಾರಿಸಬೇಕು.

ನೀನುಜಗತ್ತನ್ನುಖಂಡಿಸುವೆ, ಜೀವಮುಕ್ತಭಯಶಿಶುಪಾಲ.

 

ದ್ರೌಪದಿಯನ್ನುಸ್ಥಾಪಿಸಿದಾಗಲೆಲ್ಲಾ, ದಿನನಾಥ್ಲಾಜ್ಈಗಹೋಗುತ್ತಾನೆ.

ಅಸ್ಅನಾಥರನಾಥ್ಕನ್ಹಯ್ಯ, ಎಲ್ದೋಭುತ್ಭನ್ವಾರ್ಬಚೌತ್ನೈಯಾ.

 

ಸುಂದರ್ದಾಸ್ಆಸ್ಉರ್ಧಾರಿ, ಎಲ್ದಯೆಯಕಣ್ಣುಗಳು

ನಾಥ್ಸಕಲ್ಮಾಮಾಕುಮ್ತಿನಿವ್ರೊ, ಎಲ್ಚೊಂಬೆಗ್ಅಪರಾಧ

 

ಬಿಲ್ಲುತೆರೆಯಿರಿ, ಈಗದೃಷ್ಟಿನೋಡಿ, l ಸೇಕೃಷ್ಣಕನ್ಹಯ್ಯಅವರಜೈ.

 

।।ದೋಹಾ।।

ಈಚಾಲಿಸಾಕೃಷ್ಣನಹಾದಿ, ಉರ್ಮಾರ್ಗ.

ಅಷ್ಟಸಿದ್ಧನಿಯೋನಿಡ್ಡಿಹಣ್ಣು, ಆದ್ದರಿಂದಚಾರಿಚಾರಿ.

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN MALAYALAM

।।ദോഹ।।

ബൻഷിമധുരമായിഅലങ്കരിച്ചിരിക്കുന്നു, നീൽഉടൻതനുശ്യാമൽ.

അരുൺഅധാർജാനുബിംബഫ്രൂട്ട്, നയൻകമൽഅഭിറാം.

 

പുരാണിന്ദുഅരവിന്ദ്മുഖ്, പിറ്റാംബർശുഭാസജൽ.

ജയ്മൻ‌മോഹൻമദൻഇമേജ്, കൃഷ്ണചന്ദ്രമഹാരാജ്.

 

ജയ്യാദുനന്ദൻജയ്ജഗവന്ദൻ, ജയ്വാസുദേവ് ​​ദേവകിനന്ദൻ.

ജയ്യശോദസുത്നന്ദ്ദുലാരെ, എൽജീപ്രഭുഭക്തൻകെമന്ത്രം.

 

ജയ്നാറ്റ്നഗർനാഗ്നതിയ, എൽകൃഷ്ണകൻഹയ്യധേനുചരയ്യ.

പുനിനഖിലെഗിരിവർധരൺപ്രഭു, എൽ

 

ബൻസിമധുർആധരിധാരി, ഹപുരൻമനോരത്ത്മേരി.

വരൂ, പച്ചയായമഖാനെശിക്ഷിക്കാൻശ്രമിക്കുക, ഇന്ന്ലജ്ഭക്തന്റെചാരം.

 

ഗോൾകവിൾചിബുക്അരുണാരെ, എൽമൃദുൽമസ്‌കാൻമോഹിനിഡെയർ.

രഞ്ജിത്രാജീവ്നയൻവിശാല, മയിൽകിരീടംവൈജയന്തിമാള.

 

കോയിൽശ്രവണപിച്ചർ.

നീൽജലാജ്സുന്ദർതനുസോഹെ

 

നെറ്റിതിലക്സ്ലൈവർചുരുണ്ട, കറുപ്പുംവെളുപ്പുംവരൂ.

കരിപാപാൻ, പുട്‌നിനഹിതരിയോ, എൽഅക്കബകകാഗസർമാരായോ ..

 

അഗ്നിജ്വാലയുള്ളപ്പോൾമധുവൻജലത്ത്അഗ്നി, എൽ

റിസായ്പാലംകയറിയപ്പോൾസുർപതി, എൽമausസർധാർബാരിബർസായി.

 

ലഗത്-ലഗത്പാലംചാബഹായോ, ഗോവർദ്ധൻനഖധാരിബച്ചാവോ.

ലഖിയശോദമനസ്ആശയക്കുഴപ്പം, l വായപതിനാല്ഭുവൻപ്രത്യക്ഷപ്പെടുന്നു.

 

ദുഷിച്ചകാൻ‌സ്വളരെഉല്ലാസപ്രിയരാണ്.കമലയുടെപുഷ്പംഎവിടെയാണ്ക്രമീകരിക്കുക.

നാഥികാളിഹിൻ, അപ്പോൾനിങ്ങൾമരിച്ചു, അവർനിർഭയരാണ്.

 

കറിഗോപിനൊപ്പംറാസ്വിലാസ, എല്ലാകറിയുംനിറവേറ്റാൻഞാൻആഗ്രഹിക്കുന്നു.

കെതിക്മഹഅസുരസൻഹയാരോ, എൽകാൻഷികേഷ്പക്ഡിഡിമറായോ …

 

പിതാവിന്റെബന്ദിയായമാതുരക്ഷപ്പെട്ടു, അവിടെഉഗ്രാസെൻരാജ്യംഭരിച്ചു.

മാഹിയിൽനിന്ന്ആറ്സൂത്രങ്ങളുംകൊണ്ടുവരിക, മാതുദേവിന്റെദുഖംമായ്ക്കുക.

 

ഭോമസൂർമുർദിവ്യസൻഹാരി, ലെയ്ഷദ്ദാഷ്സഹാസ്കുമാരി.

ഭാത്രിഞ്ചീർസൻഹുര, l ജരസിന്ധുരാക്ഷസൻകൊല്ലപ്പെട്ടസ്ഥലം.

 

അസുരവൃികാസുരആദിക്മറായോ, അന്ന്ഭക്തരുടെകഷ്ടതകൾ

ദിനസുഡാമയുടെസങ്കടങ്ങൾ, l തണ്ടുൽമൂന്ന്മുത്തിമുഖദാരിയോ.

 

പ്രണയത്തിന്റെവീട്, വിദുർഘർ, എൽദുര്യോധനന്റെഅണ്ടിപ്പരിപ്പ്ഉപേക്ഷിക്കുക.

ലഖിപ്രേംകിഗ്ലോറിഹെവി, എൽനum മിശ്യാംദിനാൻഹിറ്റ്കാരി ..

 

മറാത്തിലെരഥങ്ങൾരഥങ്ങൾനിന്നു, പക്ഷേസൈക്കിളിന്ശക്തിയില്ല.

നിങ്ങളുടെഗീതയെക്കുറിച്ചുള്ളഅറിവ്പറയുക, ഭക്തർഅവരുടെഹൃദയംപകരും.

 

മീരഅത്തരമൊരുമദ്യപാനിയായിരുന്നു, വിഷംകുടിച്ചതിന്ശേഷംഞാൻകയ്യടിച്ചു.

റാണപാമ്പ്പെട്ടിഅയച്ചു, എൽശാലിഗ്രാംബാനെബൻവാരി.

 

നിങ്ങളെനിയമവിരുദ്ധനാണെന്ന്കാണിച്ചേക്കാം, പക്ഷേനിങ്ങൾസംശയങ്ങളെമറികടക്കണം.

നീലോകത്തെകുറ്റംവിധിക്കും, ജീവൻഇല്ലാത്തഭയംശിഷുപാലൻ.

 

ദ്രൗപതിഇൻസ്റ്റാൾചെയ്യുമ്പോഴെല്ലാംദിനനാഥ്ലാസ്പോകുന്നു.

അസ്അനാഥരുടെനാഥ്കൻഹയ്യ, എൽദോബുത്ഭൻവർബചൗട്ട്നയ്യ.

 

സുന്ദർദാസ്ആസ്ഉർധാരി, ദയയുടെകണ്ണുകൾ

നാഥ്സക്കൽമമകുമതിനിവ്രോ, എൽചോംബെഗ്ക്രൈം

 

വില്ലുതുറക്കുക, ഇപ്പോൾദർശനംകാണുക, l കൃഷ്ണകൻഹയ്യയുടെജയ്.

 

।।ദോഹ।।

ഈചാലിസയാണ്കൃഷ്ണന്റെപാത, ഉർപാത.

അഷ്ടസിദ്ധിനിയോനിധിഫലം, അതിനാൽചാരിചാരി.

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN MARATHI

Marathi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

।।डोहा।।

बंशीनेगोडसुशोभितकेले, नीलसूनतनुश्यामल.

अरुणआधारजानूबिंबाफळ, नयनकमलअभिराम.

 

पुरानींदूअरविंदमुख, पितांबरशुभासजल.

जयमनमोहनमदनप्रतिमा, कृष्णचंद्रमहाराज.

 

जययदुनंदनजयजगवंदन, जयवासुदेवदेवकीनंदन.

जययशोदासुतनंददुलारे, एलजीप्रभुभक्तेंमंत्र.

 

जयनतनगरनागनाथिया, l कृष्णाकन्हैयाधेनुचरैया.

पुनीनाखवरभगवानगिरिवरधरणे, एल

 

बंसीमधुरअधारीधारीतेरी, l होवेपुराणमनोरथमेरी.

चला, माखनलाहिरवीशिक्षाकरण्याचाप्रयत्नकरा, आजलाजभक्ताचीराख.

 

गोलगालचिबुकअरुणारे, l मृदुलमुस्कानमोहिनीदरे.

रणजितराजीवनयनविशाला, एलमयूरमुकुटवैजयंतीमाला.

 

गुंडाळीऐकण्याचेपिचर

नीलजलजसुंदरतनुसोहे

 

कपाळटिळकस्लीव्हरकुरळे, काळाआणिपांढराये.

करीपापान, पुटणीनाहीतरयो, एलउर्फ ​​बाकाकागासुरमारयो ..

 

मधुवनजलतअग्निजेव्हाज्योत, एल

पूलचढल्यावररसाई, आरमासधरधरबरसाई।

 

लगत-लगतब्रिजचाहबहायो, l गोवर्धननाखधारीबचाओ.

लखीयशोदामनाचागोंधळ, तोंडतोंचौदाभुवनदिसे।

 

दुष्टकन्सअतिशयउत्साहीआहेतकमळाच्याफुलाचेऑर्डरकोठेदिलेजाईल.

नाथीकालिहिं, मगतूमेला, निर्भयकोण।

 

रासविलासासहकरीगोपीन, मीसर्वकरीपूर्णकरूइच्छितो.

केतिकमहाअसुरसनहायरो, l कांशीकेशपकडीदीमरायो …

 

वडिलांनीपळवूननेलेल्यामटूनेसुटकाकेलीवतेथेचउग्रसेननेराज्यकेले.

माहीकडूनसर्वसहासूत्रआणा, मातुदेवयांचेदुःखमिटवा.

 

भोमसुरमुरदैत्यसंहारी, लायशतदाससहसकुमारी।

भेतृणचिरसनहुरा, l जिथेजरासिंधूराक्षसमारलागेला.

 

 

असुरवृकसुराआदिकमरायो, तेंव्हाभक्तांचात्रास

दीनासुदामाचेदु: ख, l तंदूलतीनमुठीमुखेदरिओ।

 

प्रेमाचेघरविदुरघरविचारा, एलदुर्योधनाच्याकाजूटाकूनदिल्याआहेत.

लाखीप्रेमकीमहिमाभारी, l नौमीश्यामदिननहितकारी ..

 

मराठचेरथउभेहोते, परंतुसायकलसाठीकोणतेहीबलनव्हते.

आपल्यागीतेचेज्ञानसांगा, मीभक्तत्यांचेहृदयओततो.

 

मीराअशीमद्यपीहोती, विषपिऊनटाळ्यावाजवल्या.

राणायांनीसर्पबॉक्सपाठविला, l शालिग्रामबनेबनवारी.

 

आपणबेकायदेशीरअसल्याचेदर्शविलेजाऊशकते, परंतुआपणशंकादूरकरणेआवश्यकआहे.

तूजगाचानिषेधकर, जीवनमुक्तभीतीशिशुपाला।

 

जेव्हाजेव्हाद्रौपदीचीस्थापनाझालीतेव्हादीनानाथलाजआताजाते.

असअनाथांचेनाथकन्हैया, एलडोहुतभंवरबछौतनैया.

 

सुंदरदासurसउरधारि, दयाळूडोळे

नाथसकाळमामाकुमतीनिव्रो, l छोटीबेगगुन्हा

 

धनुष्यउघडा, आतादृष्टीबघा, कृष्णकन्हैयाचीजयम्हणा.

 

।।डोहा।।

हाचाळीसाहाकृष्णाचा, उरमार्गआहे.

अष्टसिद्धीनिओफळ, म्हणूनचरिचारी।

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN ODIA

।।ଦୋହ।।

ବାନସୀମଧୁରଭାବରେସଜ୍ଜିତହୋଇଥିଲେ, ନୀଲଶୀଘ୍ରତନୁଶ୍ୟାମଲ |

ଅରୁଣଆଦରଜାନୁବିମ୍ବାଫଳ, ନୟନକମଲଅଭିରାମ |

 

ପୁରାଣନ୍ଦଅରବିନ୍ଦମୁଖ, ପିଟମ୍ବରଶୁଭାସାଜଲ |

ଜୟମନମୋହନମଦନପ୍ରତିଛବି, କୃଷ୍ଣଚନ୍ଦ୍ରମହାରାଜ |

 

ଜୟଯାଦୁନନ୍ଦନଜୟଜଗବନ୍ଦନ, ଜୟଭାସୁଦେବଦେବକୀନନ୍ଦନ |

ଜୟଯଶୋଦାସୂତନନ୍ଦଦୁଲାରେ, ଏଲ୍ଜୀପ୍ରଭାସଭକ୍ତକେମନ୍ତ୍ର |

 

ଜୟନାଟନଗରନାଗନାଥିଆ, l କୃଷ୍ଣକାନହୟାଧନୁଚାରୁୟା |

ପୁନିନାଖରେପ୍ରଭୁଗିରିଭର୍ଧରଣ, l

ଆସ, ସବୁଜକୁଦଣ୍ଡଦିଅମଖାନ, ଆଜିଲାଜଭକ୍ତଙ୍କପାଉଁଶ |

 

ଗୋଲଗାଲଚିବୁକ୍ଅରୁଣାରେ, l ମ୍ରିଦୁଲ୍ମୁସ୍କାନ୍ମୋହିନୀଡେରେ |

ରଣଜିତ୍ରାଜୀବନୟନବିଶାଲା, l ମୟୂରମୁକୁଟଭାଇଜନ୍ତୀମଲା |

 

କୋଇଲ୍ଶ୍ରବଣପାତ୍ର |

ନୀଲଜଲାଜସୁନ୍ଦରତନୁସୋହେ |

 

କପାଳତିଲକସ୍ଲିଭରକୁଞ୍ଚିତ, କଳାଏବଂଧଳାଆସ |

କରୀପାନ୍, ପୁଟନିନାହିଟାରିଓ, l ଆକାବାକାକାଗାସୁରମାରାୟୋ ..

 

ମଧୁଭାନ୍ଜାଲତଅଗ୍ନିଯେତେବେଳେନିଆଁ, l

ଯେତେବେଳେବ୍ରିଜରାଇସାଇଉପରକୁଚିଗଲା, ସେତେବେଳେମus ସରଧରବାରିବାରସାଇ |

 

ଲାଗଟ୍-ଲାଗଟ୍ବ୍ରିଜ୍ଚାବାହୋଇ, l ଗୋବର୍ଦ୍ଧନନାଖଧାରୀବାଚାଓ |

ଲାଖୀଯଶୋଦାମନଦ୍ୱନ୍ଦ୍ୱ, l ପାଟିଚଉଦଭୁଭାନ୍ଦେଖାଯାଏ |

 

ଦୁଷ୍ଟକାନ୍ସଅତ୍ୟନ୍ତଆନନ୍ଦିତ | ଲଟାଫୁଲକୁକେଉଁଠାରେଅର୍ଡରକରାଯିବ |

ନାଥୀକାଲିହିନ୍, ତାପରେତୁମେମରିଛ, ଯେଉଁମାନେନିର୍ଭୀକ |

 

କ୍ୟାରିଗୋପିନ୍ସହିତରାସ୍ଭିଲାସା, ମୁଁସମସ୍ତତରକାରୀପୂରଣକରିବାକୁଇଚ୍ଛାକରେ |

କେଟିକ୍ମହାଅସୁରାସାନହାୟାରୋ, l କନ୍ସିକେଶପାକ୍ଡିଡିମାରାୟୋ …

 

ପିତାଙ୍କବନ୍ଦୀମାଟୁଉଦ୍ଧାରହୋଇଥିଲେ, ଯେଉଁଠାରେଉଗ୍ରେସେନ୍ରାଜ୍ୟପରିଚାଳନାକରିଥିଲେ।

ମାହିରୁସମସ୍ତଟିସୂତ୍ରଆଣ, ମତୁଦେବଙ୍କଦୁଖଦୂରକର |

 

ଭୋମାସୁରମୁରଦityତ୍ୟସାନହରୀ, ଲାଏଶାଟଦଶସାହାକୁମାରୀ |

ଭୀତ୍ରିଞ୍ଚିରସାନହୁରା, l ଯେଉଁଠାରେଜରାସିନ୍ଦହୁଭୂତକୁହତ୍ୟାକରାଯାଇଥିଲା |

 

ଅସୁରାଭ୍ରିକାସୁରାଆଡିକ୍ମାରାୟୋ, ସେତେବେଳେଭକ୍ତମାନଙ୍କରଅସୁବିଧା |

ଦିନାସୁଦାମାଙ୍କଦୁowsଖ, l ତାଣ୍ଡୁଲତିନିମୁଥୀମୁଖାଦାରିଓ |

 

ପ୍ରେମଘରମାଗନ୍ତୁ, ବିଦୁରଘର, l ଦୁର୍ଯ୍ୟୋଧନଙ୍କବାଦାମପରିତ୍ୟାଗକରାଯାଇଛି |

ଲାଖୀପ୍ରେମକିଗoryରବଭାରୀ, l ନାଉମିଶ୍ୟାମଦିନ୍ନ୍ହିଟକରୀ ..

 

ମରାଠାରରଥରଥଠିଆହେଲା, କିନ୍ତୁଚକ୍ରପାଇଁକଣସିଶକ୍ତିନଥିଲା |

ତୁମରଗୀତାବିଷୟରେଜ୍ଞାନକୁହ, ଭକ୍ତମାନେସେମାନଙ୍କହୃଦୟାଳନ୍ତି |

 

ମେରାଏପରିମଦ୍ୟପଥିଲେ, ବିଷପିଇବାପରେଚାପୁଡ଼ାମାରିଥିଲେ |

ରାଣାସାପବାକ୍ସ, l ଶଲିଗ୍ରାମବାନେବନୱାରୀପଠାଇଲେ |

 

ତୁମକୁଆଇନହୀନବୋଲିଦର୍ଶାଯାଇପାରେ, କିନ୍ତୁତୁମେସନ୍ଦେହକୁଦୂରକରିବାକୁପଡିବ |

ତୁମେଜଗତକୁନିନ୍ଦାକରିବ, l ଜୀବନମୁକ୍ତଭୟଶିଶୁପାଲା |

 

ଯେତେବେଳେଦ୍ରପଦୀସଂସ୍ଥାପିତହେଲା, ଦିନାଥଲାଜବର୍ତ୍ତମାନଯାଆନ୍ତି |

ଅନାଥମାନଙ୍କରନାଥକାନହାଇୟା, l

ସୁନ୍ଦରଦାସଉର୍ଧାରୀ, ଦୟାଆଖି |

ନାଥସାକାଲମାମାକୁମତିନିଭ୍ରୋ, l ଚୋମ୍ବେଗକ୍ରାଇମ |

ଧନୁଖୋଲ, ବର୍ତ୍ତମାନଦର୍ଶନଦେଖନ୍ତୁ, l କୃଷ୍ଣକାନହାଇୟାଙ୍କଜୟକୁହ |

 

।।ଦୋହ।।

ଏହିଚଲିସାହେଉଛିକୃଷ୍ଣଙ୍କରପଥ, ତୁମରପଥ |

ଅଷ୍ଟାସିଦ୍ଧନିଓନିଦିଫଳ, ତେଣୁରଥରଥ |

CHALISA IN PUNJABI

।।ਦੋਹਾ।।

ਬੰਸ਼ੀਮਿੱਠੀਮਿੱਠੀ, ਨੀਲਸੋਨਤੈਨੂਸ਼ਿਆਮਲ।

ਅਰੁਣਅਦਰਜਾਨੁਬਿਮਬਾਫਲ, ਨਯਨਕਮਲਅਭਿਰਾਮ।

 

ਪੂਰਨਿੰਦੁਅਰਵਿੰਦਮੁਖ, ਪਿਤਮਬਰਸ਼ੁਭਾਸਜਲ।

ਜੈਮਨਮੋਹਨਮਦਾਨਚਿੱਤਰ, ਕ੍ਰਿਸ਼ਨਚੰਦਰਮਹਾਰਾਜ.

 

ਜੈਯਦੁਨਨਦਨਜੈਜਗਵਦਨ, ਜੈਵਾਸੂਦੇਵਦੇਵਕੀਨੰਦਨ।

ਜੈਯਸ਼ੋਦਾਸੁਤਨੰਦਦੁਲਾਰੇ, ਐਲਜੀਪ੍ਰਭਭਗਤਕੇਮੰਤਰ॥

 

ਜੈਨਟਨਾਗਰਨਾਗਨਾਥਿਆ, l ਕ੍ਰਿਸ਼ਨਕਨ੍ਹਈਆਧੇਨੁਚਰੈਆ.

ਪੁਨੀਨਾਖਤੇਭਗਵਾਨਗਿਰੀਵਰਧਾਰਨ, l

 

ਬੰਸੀਮਧੁਰਅਧਾਰੀਧਾਰੀਤੇਰੀ, l ਹੋਵੇਪੂਰਨਮਨੋਰਥਮੈਰੀ।

ਆਓ, ਹਰੀਨੂੰਸਜਾਦੇਣਵਾਲੇਮੱਖਣਨੂੰਅਜ਼ਮਾਓ, l ਅੱਜਲਾਜਭਕਤਾਨਦੀਆਂਅਸਥੀਆਂ.

 

ਗੋਲਚੀਕਚਿਬੁਕਅਰੁਣਾਰੇ, l ਮ੍ਰਿਦੁਲਮੁਸਕਾਨਮੋਹਿਨੀਦਾਰੇ।

ਰਣਜੀਤਰਾਜੀਵਨਯਨਵਿਸ਼ਾ, l ਮੋਰਦਾਤਾਜਵੈਜਯੰਤੀਮਾਲਾ.

 

 

ਕੋਇਲਸੁਣਨਵਾਲਾਘੜਾ

ਨੀਲਜਲਜਸੁੰਦਰਤਨੁਸੋਹੇ॥

 

ਮੱਥੇਦਾਤਿਲਕਝੁਕਿਆਕਰਲੀ, ਕਾਲੇਅਤੇਚਿੱਟੇਤੇਆਓ.

ਕਰਿਪਾਪਾਨ, ਪੁਤਨੀਨਹੀਤਾਰਿਓ, ਐਲਉਰਫਕਾਕਾਸੁਰਮਾਰਯੋ।।

 

ਮਧੁਵਨਜਲਤਅਗਨੀਜਦੋਂਬਲਦੀ, ਐੱਲ

ਸੁਰਪਤਿਜਦੋਂਪੁਲਚੜ੍ਹਿਆਰੀਸੈ, l ਮੌਸਰਧਾਰਿਬਾਰਿਬਰਸਾਈ॥

 

ਲਗਤ-ਲਗਤਬ੍ਰਿਜਚਾਹਬਹਯੋ, l ਗੋਵਰਧਨਨਖਧਾਰੀਬਚਾਓ।

ਲਖੀਯਸ਼ੋਦਾਮਨਭੰਬਲਭੁਜ, l ਮੂੰਹਵਿਖਾਈਚੌਦਾਂਭੁਵਨ।

 

ਦੁਸ਼ਟਕੰਸਬਹੁਤਖੁਸ਼ਹਨ .ਕੱਥੇਕਮਲਾਂਦੇਫੁੱਲਮੰਗਵਾਏਜਾਣਗੇ.

ਨਾਥੀਕਲੀਨ, ਤਦਤੁਸੀਂਮਰੇਹੋ, ਜੋਨਿਰਭਉਹਨ.

 

ਰਾਸਵਿਲਾਸਾਕਰੀਗੋਪੀਨਨਾਲ, ਮੈਂਸਾਰੇਕਰੀਨੂੰਪੂਰਾਕਰਨਾਚਾਹੁੰਦਾਹਾਂ.

ਕੇਤਿਕਮਹਾਅਸੁਰਸਨਾਹੇਰੋ, l ਕਾਂਸ਼ੀਕੇਸ਼ਪਕੜੀਦੀਮਰਾਯੋ।

ਮੱਤੂ, ਪਿਤਾਦੇਗ਼ੁਲਾਮ, ਨੂੰਬਚਾਇਆਗਿਆ, ਜਿੱਥੇਉਗਰੇਸਨਨੇਰਾਜਦਾਪ੍ਰਬੰਧਕੀਤਾ.

ਸਾਰੇਛੇਸੂਤਰਮਾਹੀਤੋਂਲਿਆਓ, ਮਤੂਦੇਵਦੇਦੁੱਖਨੂੰਮਿਟਾਓ.

 

ਭੋਮਸੁਰਮੁਰਦੈਤਿਸੰਹਾਰੀ, ਲਾਇਸ਼ਤਦਾਸ਼ਸਹਸਕੁਮਾਰੀ।

ਭੀਤ੍ਰਿਚਿਨਸਨਹੁਰਾ, ਜਿਥੇਜਾਰਸਿੰਧੂਰਾਖਸ਼ਮਾਰਿਆਗਿਆ।

 

ਅਸੁਰਵਰਕਾਸੁਰਆਦਿਕਮਰਾਯੋ, ਤਦਸ਼ਰਧਾਲੂਆਂਦੀਆਂਮੁਸੀਬਤਾਂ

ਦੀਨਾਸੁਦਾਮਾਦੇਦੁੱਖ, l ਤੰਦੂਲਤਿੰਨਮੁਠਿਮੁਖਦਰਿਓ।

 

ਪਿਆਰਦੇਘਰਮੰਗੋ, ਵਿਦੂਰਘਰ, l ਦੁਰਯੋਧਨਦੀਆਂਗਿਰੀਆਂਛੱਡਦਿੱਤੀਆਂਗਈਆਂਹਨ.

ਲਖੀਪ੍ਰੇਮਕੀਮਹਿਮਾਭਾਰੀ, l ਨੌਮੀਸ਼ਿਆਮਦੀਨਨਹਿਤਕਾਰੀ।।

 

ਮਰਾਠਦਾਰਥਖੜਾਸੀ, ਪਰਚੱਕਰਲਈਕੋਈਤਾਕਤਨਹੀਂਸੀ.

ਆਪਣੀਗੀਤਾਦਾਗਿਆਨਦੱਸੋ, l

 

ਮੀਰਾਐਸੀਸ਼ਰਾਬੀਸੀ, ਮੈਂਜ਼ਹਿਰਪੀਕੇਤਾੜੀਆਂਮਾਰੀਆਂ।

ਰਾਣਾਨੇਸੱਪਦਾਡੱਬਾਭੇਜਿਆ, ਸ਼ਾਲੀਗ੍ਰਾਮਬਨੇਬਨਵਾਰੀ.

 

ਤੁਹਾਨੂੰਕਨੂੰਨੀਦਿਖਾਇਆਜਾਸਕਦਾਹੈ, ਪਰਤੁਹਾਨੂੰਸ਼ੰਕਾਵਾਂਨੂੰਦੂਰਕਰਨਾਚਾਹੀਦਾਹੈ.

ਤੂੰਦੁਨੀਆਦੀਨਿੰਦਾਕਰੇਂਗਾ, l ਜੀਵਨਮੁਕਤਡਰਸ਼ਿਸ਼ੂਪਲਾ।

 

ਜਦੋਂਵੀਦ੍ਰੌਪਦੀਸਥਾਪਿਤਕੀਤੀਜਾਂਦੀਸੀ, ਦੀਨਾਨਾਥਲਾਜ਼ਹੁਣਜਾਂਦੀਹੈ.

ਯਥਅਨਾਥਾਂਦਾਨਾਥਕਨ੍ਹਈਆ, ਡੁਭਟਭੰਵਰਬਚਤਨਾਇਆ।

 

ਸੁੰਦਰਦਾਸਆਸਉਰਧਾਰਿ, ਮਿਹਰਦੀਆਂਅੱਖਾਂ

ਨਾਥਸਕਲਮਾਮਾਕੁਮਤੀਨਿਵਰੋ, l ਛੋਮਬੇਗਅਪਰਾਧ

 

 

ਕਮਾਨਖੋਲ੍ਹੋ, ਹੁਣਦਰਸ਼ਨਵੇਖੋ, l ਕ੍ਰਿਸ਼ਨਕਨ੍ਹਈਆਦੀਜੈਕਹੋ.

 

।।ਦੋਹਾ।।

ਇਹਚਾਲਕ੍ਰਿਸ਼ਨਦਾਰਸਤਾਹੈ, ਤੁਹਾਡਾਰਸਤਾਹੈ।

ਅਸ਼ਟਸਿਧੀਨਿਓਨਿਧਿਫਲ, ਸੋਚਰਿਚਰਿ॥

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।

अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥

 

जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥

 

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

 

जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।आओ दीनन कष्ट निवारो॥

 

वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो॥

 

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला॥

 

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे।कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

 

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो।अका बका कागासुर मारयो॥

 

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला।भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई।मसूर धार वारि वर्षाई॥

 

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो।गोवर्धन नखधारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

 

दुष्ट कंस अति उधम मचायो।कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

 

करि गोपिन संग रास विलासा।सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो।कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥

 

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।मातु देवकी शोक मिटायो॥

 

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा।जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

 

असुर बकासुर आदिक मारयो।भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो।तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

 

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

 

भारत के पारथ रथ हांके।लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये।भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥

 

मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।शालिग्राम बने बनवारी॥

 

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

 

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

 

अस नाथ के नाथ कन्हैया।डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी।दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

 

नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥

 

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।

अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

CHALISA IN TAMIL

।।தோஹா।।

பன்ஷிஇனிமையாகஅலங்கரித்தார், நீல்சூன்தனுஷியாமல்.

அருண்ஆதர்ஜானுபிம்பாபழம், நயன்கமல்அபிராம்.

 

புராணிந்துஅரவிந்த்முக், பிதாம்பர்சுபாசஜ்ல்.

ஜெய்மன்மோகன்மதன்படம், கிருஷ்ணச்சந்திரமகாராஜ்.

 

ஜெய்யதுநந்தன்ஜெய்ஜகவந்தன், ஜெய்வாசுதேவ்தேவகிநந்தன்.

ஜெய்யசோதாசுத்நந்த்துலாரே, எல்ஜீபிரபுபக்தன்கேமந்திரம்.

 

ஜெய்நட்நகர்நாக்நாதியா, எல்கிருஷ்ணாகன்ஹையாதேனுசரையா.

புனிநாக்மீதுஇறைவன்கிரிவர்தரன், எல்

 

பன்சிமதுர்ஆத்ரிதாரிதேரி, எல்ஹோவ்புரான்மனோரத்மேரி.

வாருங்கள், பச்சைதண்டிக்கமுயற்சிமகானை, இன்றுலஜ்பக்தனின்சாம்பல்.

 

கோல்கன்னம்சிபுக்அருணாரே, எல்மிருதுல்மஸ்கன்மோகினிடேர்.

ரஞ்சித்ராஜீவ்நயன்விஷாலா, எல்மயில்கிரீடம்வைஜயந்திமாலா.

 

சுருள்கேட்கும்குடம்.

நீல்ஜலாஜ்சுந்தர்தனுசோஹே

 

நெற்றியில்திலக்செருப்புசுருள், கருப்புமற்றும்வெள்ளைநிறத்தில்வாருங்கள்.

கரிபாபான், புட்னிநஹிதர்யோ, எல்அக்காபாக்காகாகாசுர்மராயோ ..

 

மதுவன்ஜலத்அக்னிஎரியும்போது, ​​எல்

பாலம்ரிசாய்ஏறியபோதுசுர்பதி, எல்மausசர்தார்பாரிபார்சாய்.

 

லகத்-லகாட்பாலம்சாபஹாயோ, எல்கோவர்தன்நக்தரிபச்சாவ்.

லக்கியசோதாமனக்குழப்பம், எல்வாய்பதினான்குபுவன்தோன்றும்.

 

துன்மார்க்கர்கள்மிகவும்பரவசமானவர்கள். தாமரையின்பூஎங்கேகட்டளையிடப்படும்.

நாத்திகாளிஹின், நீங்கள்இறந்துவிட்டீர்கள், யார்அச்சமற்றவர்கள்.

 

கறிகோபினுடன்ராஸ்விலாசா, எல்லாகறிகளையும்நிறைவேற்றவிரும்புகிறேன்.

கெதிக்மகாஅசுராசன்ஹயாரோ, எல்கான்ஷிகேஷ்பக்திடிமராயோ …

 

தந்தையின்சிறைப்பிடிக்கப்பட்டமாத்துமீட்கப்பட்டார், அங்குஉக்ராசென்ராஜ்யத்தைநிர்வகித்தார்.

மஹியிலிருந்துஆறுசூத்திரங்களையும்கொண்டுவாருங்கள், மாதுதேவின்வருத்தத்தைஅழிக்கவும்.

 

போமசூர்முர்தைத்யாசன்ஹாரி, லேஷட்டாஷ்சஹாஸ்குமாரி.

பீதிரிஞ்சீர்சன்ஹுரா, l ஜரசிந்துஅரக்கன்கொல்லப்பட்டஇடம்.

 

அசுரவ்ரிகாசுராஆதிக்மராயோ, அப்போதுபக்தர்களின்தொல்லைகள்

தினாசுதாமாவின்துக்கம், எல்தண்டுல்மூன்றுமுத்திமுகதர்யோ.

 

அன்பின்வீட்டைக்கேளுங்கள், விதூர்கர், எல்துரியோதனனின்கொட்டைகள்அப்புறப்படுத்தப்படுகின்றன.

லக்கிபிரேம்கிகுளோரிஹெவி, எல்நau மிஷியாம்தினன்ஹிட்கரி ..

 

மராத்தின்தேர்ரதங்கள்நின்றன, ஆனால்சுழற்சிக்குஎந்தசக்தியும்இல்லை.

உங்கள்கீதையின்அறிவைச்சொல்லுங்கள், பக்தர்கள்தங்கள்இதயங்களைஊற்றுகிறார்கள்.

 

மீராஅத்தகையகுடிகாரன், நான்விஷம்குடித்தபின்கைதட்டினேன்.

ராணாபாம்புபெட்டியைஅனுப்பினார், எல்ஷாலிகிராம்பேன்பன்வாரி.

 

நீங்கள்சட்டவிரோதமானவராகக்காட்டப்படலாம், ஆனால்நீங்கள்சந்தேகங்களைவெல்லவேண்டும்.

உலகைநீகண்டிக்கவேண்டும், உயிர்இல்லாதஅச்சங்கள்ஷிஷுபாலா.

 

திரraபதிநிறுவப்பட்டபோதெல்லாம், தினநாத்லாஸ்இப்போதுசெல்கிறார்.

அஸ்அனாதைகளின்நாத்கன்ஹையா, எல்தோபுத்பன்வார்பச்சாட்நய்யா.

 

சுந்தர்தாஸ்ஆஸ்உர்தாரி, எல்கருணைகண்கள்

நாத்சாகல்மாமாகும்திநிவ்ரோ, எல்சோம்பேக்குற்றம்

 

வில்திறந்து, இப்போதுபார்வையைப்பாருங்கள், l கிருஷ்ணகன்ஹையாவின்ஜெய்.

 

।।தோஹா।।

இந்தசாலிசாகிருஷ்ணரின்பாதை, உர்பாதை.

அஷ்டசித்திநியோநித்திபழம், எனவேசாரிசாரி.

CHALISA IN TELUGU

।।దోహా।।

బాన్షితీపిగాఅలంకరించాడు, నీల్సూన్తనూశ్యామల్.

అరుణ్అధర్జానుబింబాఫ్రూట్, నయన్కమల్అభిరామ్.

 

పురాణిందుఅరవింద్ముఖ్, పితాంబర్శుభాసజ్ల్.

జైమన్మోహన్మదన్ఇమేజ్, కృష్ణచంద్రమహారాజ్.

 

జైయదునందన్జైజగవందన్, జైవాసుదేవ్దేవకినందన్.

జైయశోదసుత్నంద్దులారే, ఎల్జీప్రభుభక్తన్కేమంత్రం.

 

జైనట్నగర్నాగ్నాథియా, ఎల్కృష్ణకన్హయ్యధేనుచరయ్య.

పునినాఖ్పైలార్డ్గిరివర్ధరణ్, ఎల్

 

బన్సీమధుర్అధ్రీధరితేరి, ఎల్హోవేపురాన్మనోరత్మేరీ.

రండి, ఆకుపచ్చనుశిక్షించడానికిప్రయత్నించండిమఖన్, ఈరోజులాజ్భక్తన్యొక్కబూడిద.

 

గోల్చెంపచిబుక్అరుణారే, ఎల్మృదుల్ముస్కాన్మోహినిడేర్.

రంజిత్రాజీవ్నయన్విశాలా, ఎల్పీకాక్కిరీటంవైజయంతిమాలా.

 

కాయిల్వినికిడిమట్టి.

నీల్జలాజ్సుందర్తనూసోహే

 

నుదిటితిలక్సిల్వర్కర్లీ, నలుపుమరియుతెలుపురంగులోవస్తాయి.

కరిపాపాన్, పుట్నినహితారియో, ఎల్అకాబాకాకాగాసుర్మారయో ..

 

మధువజలత్అగ్నిమంటఉన్నప్పుడు, ఎల్

రిసాయి, ఎల్మౌసర్ధార్బారిబార్సాయ్వంతెనఎక్కినప్పుడుసుర్పతి.

 

లగత్-లగత్వంతెనచాబహయో, ఎల్గోవర్ధన్నఖధారిబచావో.

లఖియశోదమనస్సుగందరగోళం, l నోరుపద్నాలుగుభువన్కనిపిస్తుంది.

 

చెడ్డకాన్స్చాలాపారవశ్యం. లోటస్పువ్వుఎక్కడఆదేశించబడుతుంది.

నాతికలిహిన్, అప్పుడుమీరుచనిపోయారు, వారునిర్భయములు.

 

కూరగోపిన్‌తోరాస్విలాసా, అన్నికూరలనునెరవేర్చాలనికోరుకుంటున్నాను.

కేతిక్మహాఅసురసంహయారో, ఎల్కాన్షికేష్పక్దిడిమారయో …

 

 

తండ్రిబందీఅయినమాతురక్షించబడ్డాడు, అక్కడఉగ్రసేన్రాజ్యాన్నిపరిపాలించాడు.

మాహినుండిఆరుసూత్రాలనుతీసుకురండి, మాతుదేవ్యొక్కదుriefఖాన్నితొలగించండి.

 

భోమసూర్ముర్దైత్యసంహారి, లేషత్తాష్సహస్కుమారి.

భీత్రిన్చిర్సంహురా, lఎక్కడజరసింధుభూతంచంపబడింది.

 

అసురవృకసురఆదిక్మరయో, అప్పుడుభక్తులఇబ్బందులు

దినసుదామాదుఖాలు, ఎల్తాండుల్మూడుముతిముఖదర్యా.

 

ప్రేమఇంటికోసంఅడగండి, విదూర్ఘర్, ఎల్దుర్యోధనుడిగింజలువిస్మరించబడతాయి.

లఖిప్రేమ్‌కిగ్లోరీహెవీ, ఎల్నౌమిశ్యామ్దినన్హిట్‌కారి

 

మరాత్యొక్కరథంరథాలునిలబడిఉన్నాయి, కానీచక్రానికిశక్తిలేదు.

మీగీతజ్ఞానాన్నిచెప్పండి, భక్తులువారిహృదయాలనుకురిపిస్తారు.

 

మీరాఅటువంటితాగుబోతు, పాయిజన్తాగినతరువాతచప్పట్లుకొట్టారు.

రానాపాముపెట్టెనుపంపాడు, ఎల్షాలిగ్రామ్బనేబన్వారీ.

 

మీరుచట్టవిరుద్ధమనిచూపబడవచ్చు, కానిమీరుసందేహాలనుఅధిగమించాలి.

నీవుప్రపంచాన్నిఖండించావు, జీవితరహితభయాలుశిశుపాల.

 

 

ద్రౌపదినివ్యవస్థాపించినప్పుడల్లా, దిననాథ్లాజ్ఇప్పుడువెళ్తాడు.

అనాథలనాథ్కన్హయ్య, ఎల్దోభత్భన్వర్బచౌట్నయ్య.

 

సుందర్దాస్ఆస్ఉర్ధారి, ఎల్దయకళ్ళు

నాథ్సకల్మామాకుమ్తినివ్రో, ఎల్చోంబేగ్క్రైమ్

 

విల్లుతెరవండి, ఇప్పుడుదృష్టినిచూడండి, l కృష్ణకన్హయ్యయొక్కజై.

 

।।దోహా।।

ఈచలిసాకృష్ణుడిమార్గం, ఉర్మార్గం.

అష్టసిద్ధినియోనిధిపండు, కాబట్టిచారిచరి.

CHALISA IN URDU

।। دوحہ।।

بنشینےمیٹھامزاجسےمزینکیا،نیلسوونتنوشیمل۔

ارونآدھارجانوبِمبہپھل،نانکمالابھیرم۔

 

پورانیندواروندمک،پیٹمبرشبھاسجل۔

جئےمنموہنمدنامیج،کرشنچندرمہاراج۔

 

جئےیدونندھنجئےجگوندن،جئےواسودیودیوکینندن۔

جئےیشودہسوندننددالارے،ایلجیپربھوبھکاںکےمنتر۔

 

جئےنٹنگرناگنتھیا،l کرشناکنہیادھینوچرائیہ۔

لارڈگریویردھرنپرپونینکھ،ایل

 

بنسیمدھرادھریدھریتیری،ایلہوکیسےپورنمنوراتھمریم۔

آؤ،سبزسزادینےوالےمکھنکوآزمالو،آجآجلاجبھکتنکیراکھہے۔

 

گولگالچیبوکارنارے،ایلमृدلمسکانموہنیہمت۔

رنجیتراجیونائنوشالہ،l مورتاجتاجوجینتیمالا۔

 

کوئلسننےوالاگھڑا۔

نیلجلجسندرتنيوسوہے

 

پیشانیتلکسلورگھوبگھرالی،کالیاورسفیدآؤ۔

کریپاپان،پوٹنینہیںتریئو،ایلعرفباکاکاگاسورماریو ..

 

مدھوونجلاتاگنیجبشعلہ،ایل

سراپتی ​​جبپلچڑھکررسائی،ایلماثردھرباریبارسائی۔

 

لاجت-لاگٹپُلچاہبہائیو،ایلگووردھننکھدھریبچاؤ۔

لکھییشودہذہنالجھن،چہرہبھونظاہرہو۔

 

شریرکنسانتہائیپرجوشہیں ۔کہاںکملکےپھولکاآرڈرہوگا۔

ناتھھیکلہین،پھرتممرچکےہو،کوننڈرہے۔

 

راسولاسکریگوپنکےساتھ،میںتمامسالنکوپوراکرنےکیخواہشکرتاہوں۔

کیتکمہااسوراسنہایارو،l کانشیکیشپاکڈیدیمرایو …

 

والدکےاسیر،متونےبچالیا،جہاںیوگریننےسلطنتکاانتظامکیا۔

ماہیسےتمامچھسترالےآؤ،متودیوکاغممٹادو۔

 

بھومسورمردیتہسنہری،لاشتداشسہسکماری۔

بھیترنچیرسنہورا،جہاںجارسندھوراکشسماراگیا۔

 

اسورورکاسوراڈکمرایو،اسوقتعقیدتمندوںکیپریشانی

دیناسودامہکےدکھ،l تندولتینمتیمکھاڈاریو۔

 

پیارکےگھرکےبارےمیںپوچھو،ویدورگھر،l ڈوریودھنکیگریدارمیوےکوضائعکردیاگیاہے۔

لکھیپریمکیپاک،بھاری،نومیشیامدننہٹکاری ..

 

ماراتھکےرتھرتھکھڑےہوگئے،لیکنسائیکلکےلئےکوئیطاقتنہیںتھی۔

اپنیگیتاکاعلمبتائیں،l عقیدتمنداپنےدلوںکوانڈیلدیتےہیں

 

میراایساہینشہمیںتھا،زہرپینےکےبعدتالیاںبجاتاتھا۔

رانانےسانپباکسبھیجا،l شالگرامبنےبنواڑی۔

 

آپکولاقانونیدکھایاجاسکتاہے،لیکنآپکوشکوکوشبہاتکودورکرناہوگا۔

آپدنیاکیمذمتکریںگے،l زندگیسےپاکخوفشیشوپالا۔

 

جببھیدراوپڑیلگایاگیاتھا،ابدناناتھلزجاتاہے۔

آسیتیموںکےناتھکنہیا،ایلڈوبھٹبھنوربچاؤتنیا۔

 

سندرداسآسدھری،شفقتآنکھیں

ناتھسکلماماکمتینیرو،ایلچھمبیگکرائم

 

رکوعکھولیں،ابدیکھیںوژن،l کہیںکرشنکنہیاکیجئے۔

 

।।دوحہ۔।।

یہچالیسہکرشنکاراستہہے،آپکاراستہ۔

اشتاسدھینوندھیپھل،توچریچری۔

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