MAHAKALI CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

॥দোহা॥

জয়জয়চিতাৰামকে,

মেচিচিনিএএমবি।

 

দেহুদৰ্শজগদমব,

এতিয়ামাটোকপলমনকৰিব।

 

জয়তাৰাজয়কালিকা,

জয়দশবিদ্যাবৃন্দা।

 

কালীচালিচাৰাচত,

এটাসিদ্ধিকাবীহিন্দ।

 

ৰাতিপুৱাপঢ়ক,

দ্বাহাৰিয়াবাসন্ধিয়া।

 

দুখআঁতৰ োৱাহৈছে,

সিদ্ধিহোয়াসকলোকাম।

 

॥চৌপাই॥

জয়কালীকংকালমালিনী।

জয়মংগলামহাকাপালিনি॥

 

ৰক্তবীজবাদকাৰিনিমাতা।

সদায়ভক্তজননকীসুখতা।

 

চিৰোপ্ৰপিটালঅৱতৰণকৰিলে।

জয়কালীজয়মাদ্যমাৎগে।

 

প্ৰতিটোহৃদয়ৰসুভিলাচিনি।

জয়জগদম্বাগ্ৰছদুখনাশিকি॥

 

হৰিকালীশ্ৰীমহাকালী।

ক্ৰেইনকল্যাণীদক্ষিনকলি॥

 

জয়কালৱতীজয়বিদ্যাৱতী।

জয়তাৰাসুন্দৰীমহামতি॥

 

দেহুসুৱিতহাৰহুসকলোসংকট।

হোহুভকৰকাষতপৰগাত॥

 

জয়ওমকৰেজয়হুকাৰে।

মহাশক্তিজয়অপাৰ।

 

কমলালৌহবয়সডাৰ্পডেষ্ট্ৰুক্টিনি।

সদায়ভক্তলোকসকলৰভয়।

 

এতিয়া, জগদবাপলমকৈসংলগ্ননহয়।

দুখদৰিদ্ৰতাময়ুৰআঁতৰোৱা।

 

জয়টিকৰিলকালিকামাতা।

কালানালআকিনদিটিটা॥

 

জয়শংকৰীসুৰেহি।

শ্ৰেণীসিদ্ধিকবিমাটাপৰমৱৰ্তীতা॥

 

কাপাৰ্দিনীকল্পবাদাম।

জয়বিকশিতনৱনিনি।

 

সুখীকৰনি, আন্তনিধন।

দ্বিতীয়দেহুমাতুমহিনিৰ্মলগ্যনা

 

কৰুণামৃতসাগৰমিনিওন।

হোহুএতিয়াদুষ্টলোকসকলৰপ্ৰতিনিষ্ঠুৰ।

 

চূড়ান্তপিয়াৰাহ’বপৰাস্থূলজীৱ।

গ্ৰোচৱৰ্ল্ডটৰফাউণ্ডেচন॥

 

প্ৰলয়কালতনাৰতানকৰিনি।

জয়জননীসকলোজগকিপালানী॥

 

মাহদৰীমহেশ্বৰীমাইয়া।

বিশ্বৰছাঁৰহণীয়াহ’ল |

 

স্বচিন্দ্ৰেমাৰাদধুনীমাহিকঅস্বীকাৰকৰিছিল।

গৰজাততুমহিআৰুকৌনাহি।

 

স্ফুৰ্টিমণিগানফৰ্ম।

তাৰাগানাতুবিজৰ্মভিটানে|

 

শ্ৰীধাৰেসান্তানহিটকাৰ্নি।

অগ্নিপানিঅতিদুষ্টভিথিনি॥

 

ধোৱাদেৱলোচনীপ্ৰাণমুক্তি।

শূম্বমনিচুম্বমথনিদ্বিতীয়বৰ্লোচনী।

 

চাহছভুজিসৰুহমালিনী।

চামাউন্দ্ৰেমাৰঘাট॥ৱাচিনি

 

খাপাৰমধ্য-ফুলাসাজি।

মাৰ্হুমাম’মীষসুৰপাজি॥

 

অম্বিকাচান্দচান্দিকা।

সকলোএকেআপুনিইত্যাদি।

 

এচচিএকৰূপবহুৰূপ।

অকস্মাৎবৰ্ণতাভশক্তিঅনুপা॥

 

কলিকতাৰদক্ষিণদ্বাৰ।

মূৰ্তিতোৰমহাশীআপাৰে॥

 

কদবাকৰিপানৰতশ্যামা।

জয়মাটাংগীকামৰধামা॥

 

কমলাচানভাচিনিকমল্যনি।

জয়শ্যামাজয়জয়শ্যাম্যনি॥

 

মাটাংগীজয়জয়তীপ্ৰকৃতি।

জয়তিভক্তিহৈছেআপোনাৰকুমাতিসুপতি।

 

কটিব্ৰাহ্মশিৱবিষ্ণুকামডা।

জয়ীঅ’হীমচাধৰ্মজনৱদা|

 

জলথালনোবোস্ফিয়াৰতভিপিনি।

দরকষাকটিমধ্যএলপিনি॥

 

ঝন্ননতাচ্চিমৰিয়ননাদিনি।

জয়সৰস্বতীবীনাভাদিনী॥

 

ওমএ।

কলিতগৰ্জগ্ৰেছডনাৰন্দ॥

 

জয়ব্ৰহ্মন্দসিদ্ধিকবিমাতা।

কামাখ্যাআৰুকালীমাতা।

 

হিংলাজবিন্ধ্যাচলভাসিনি।

আট্টাহাচিনিঅৰুআঘাননাচিনি॥

 

কিমানপ্ৰশংসাকৰিবলাগেপ্ৰশংসাকৰক।

আপোনাৰশক্তিৰমহাবিশ্বআছে।

 

কৰহুৱেসবপেজগদম্বাকঅনুগ্ৰহকৰে।

ৰহহীণনিশাঙ্কতৰআৱালবা|

 

চতুৰ্ভুজীকালীতুমিশ্যামা।

আপোনাৰমহানঅভিৰামহিচাপে।

 

খাগআৰুখাপাৰআৰুছোহাট।

সুৰনৰমুনিসকলোৰেমন।

 

আপুনিযিকোনোব্যক্তিৰওপৰতসন্তুষ্ট।

ৰোগটোশোককৰানহয়।

 

এইপাঠটোকৰাচালিচা।

তাপাৰসন্তুষ্টগৌৰশা|

 

॥দোহা॥

জয়কাপালিনিজয়শিৱ,

জয়জয়জগডম্বা।

 

সদায়ভক্তসকলেকষ্টভোগকৰে,

মাটাআৱালব॥

CHALISA IN BENGALI

॥দোহা॥

জয়জয়সীতারাম,

মধ্যবাসিনীআম্ব।

 

দেহুদর্শনজগদম্ব,

এখনআরদেরিকরবেননা

 

জয়তারাজয়কালিকা,

জয়দাসবিদ্যাবৃন্দ।

 

কালোচালিশা,

একজনসিদ্ধিকবিহিন্দ।

 

পড়ারজন্যখুবসকালেউঠুন,

দুপাহারিয়াবাসন্ধ্যা।

 

দারিদ্র্যেরযন্ত্রণাযেনদূরেথাকুক,

সমস্তকাজসম্পন্নকরাউচিত

 

॥বাউন্ড॥

জয়কালীকঙ্কালমালিনী।

জয়মঙ্গলালামহাকাপালিনী।

 

ব্লাডবায়ারসমা।

সর্বদাবিশ্বস্তভক্ত

 

শিরোমালিকাভোসিতআংয়ে।

জয়কালীজয়মায়ামাতঙ্গে

 

প্রতিহৃদয়রবিন্দসুবিলাসিনী।

জয়জগদম্বাস্থূলদুঃখনাশিনী।

 

শ্রীকালীশ্রীমহাকালী।

কৃষ্ণকল্যাণীদক্ষিণাকালী।

 

জয়কলবতীজয়বিদাবতী।

জয়তারাসুন্দরীমহামতি৪

 

দেহুসুবধিহারহুসবসঙ্কট।

হোগুভক্তেরসামনেপরগাত।

 

জয়ওমকরেজয়হুঁকরে

মহাশক্তিজয়উপমপরে।

 

কমলাকলিয়ুগদারূপবশিষিনী।

চিরস্থায়ীমানুষেরভয়ঙ্করমানুষ

 

এখনজগদম্বেরআরদেরিহয়নি

দুঃখময়ূরময়ূর

 

জয়তিকরালকালিকামাতা।

স্তন্যপানকর্নেলেরসমান

 

জয়শঙ্করীসুরেশীসানাতানি।

কোটিসিদ্ধিকবিমাতুপুরাণি।

 

কাপর্দিনীকালীকল্পনাবিমোচানি।

জয়নতুননলিনভিলোচানিবিকশিতকরল।

 

আনন্দকরণিআনন্দনিধনা।

দেহুমাতুমহিনির্মলজ্ঞান।

 

করুণাময়সাগরকৃপময়ী।

হোহুদুষ্টলোকএখননির্মম।

 

স্থূলপ্রাণীচূড়ান্তপ্রিয়।

স্থূলবিশ্বতারেআধার।

 

হলোকাস্টযুগেনরতনকরিনী।

জয়জনানীসবজাগকিপালানী

 

মহোদরীমহেশ্বরীমায়া।

হিমগিরিসুত্তবিশ্বেরছায়া।

 

স্বাচাঁদর‌্যাডমার্ডধিনিমাহি

গরজাততুমহিওকাউনাহি।

 

স্ফুর্তিমান্নিগারপ্রতাণ।

তারাগানতুইবিমবিতানে।

 

দানশীলপুত্রমিঃসাহস।

অগ্নিপানিখুবদুষ্টবিদারিণী

 

ধোঁয়াশ্বাস

শুম্ভনিশুম্ভমাথানীভারলোচনী

 

সাহসভুজিসররোহমালিনী।

চামুন্দেমারঘাটেরভাসুন্দি

 

খপরমাঝেরসাজসজ্জাসাজি।

মারেহুমামহিষাসুরপাজি।

 

অম্বঅম্বিকাচাঁদচণ্ডিকা।

সমস্তএকেআপনিইত্যাদি।

 

আজাঅভিন্নতাবহুত্ববাদ।

পরমচরিত্রতভশক্তিঅনুপা।

 

কলকাতারদক্ষিণগেট।

মুর্তিতোমহেশীঅপারে।

 

কদম্বরীপানরতশ্যামা।

জয়মাতঙ্গীকামকেধামা

 

কমলাসনভাসিনীকমলায়ণি।

জয়শ্যামাজয়জয়শ্যামনি

 

মাতঙ্গীজয়জয়তিপ্রকৃতি।

জয়তিভক্তিউরকুমতিসুমতিহৈ

 

কোটিব্রহ্মশিববিষ্ণুকামদা।

জয়তিআহিমসাধর্মজনমদা।

 

জলাবদ্ধকরিডোরব্যবসা

সৌদামিনীমধ্যআলাপিনী॥

 

ঝানাননতছরুমেরিরিননাদিনী।

জয়সরস্বতীবীণাভাদিনী।

 

ॐআমিএখানেফ্রি

কলিতঘাটেশোভিতনড়মুণ্ড।

 

জয়ব্রহ্মসিদ্ধিকবিমা।

কামাখ্যাএবংকালীমাতা

 

হিংলাজবিন্ধ্যাচলভাসিনী।

আঠাসিনীঅরুঅগ্ননাশিনী।

 

আখন্দেরকতপ্রশংসাকরব

তুমিব্রহ্মান্ডেশক্তিজিৎচণ্ডে

 

করদুকৃপাসবপেজগাদম্বা

রহিননিশঙ্কথেকেআওলাম্বা

 

চতুরভূজিকালীতুমিশ্যামা।

রূপতুমারমহাঅভিরাম

 

সোহটবাইখড়গওখাপর।

সুর ​​নারমুনিসবাইমুগ্ধ

 

যেআপনারদোয়াপায়

রোগটিশোকহবেনা

 

যিনিএইচালিশাপড়েন।

ঈশ্বরতোমারমঙ্গলকরুক

 

॥দোহা॥

জয়কপালিনীজয়শিব,

জয়জয়জয়জগদম্ব।

 

সর্বদাদুঃখীভক্ত, দুখীআত্মা,

মতুসাপোর্ট॥

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN ENGLISH

॥ Doha ॥

Mat Shree Mahakalika Dhyaoon Sheesh Navay ।
Jan Mohi Nijadas Sab Dijai Kaj Banay॥

॥ Chaupai ॥

Namo Maha Kalika Bhavani।
Mahima Amit Na Jay Bakhani॥

Tumharo Yash Tihun Lokan Chhayo।
Sur Nar Munin Saban Gun Gayo॥

Pari Gadh Devan Par Jab Jab।
Kiyo Sahay Matu TumTab Tab॥

Mahakalika Ghor Swaroopa।
Sohat Shyamal Badan Anoopa॥

Jibhya Lal Dant Vikarala ।
Teen Netra Gal Mundan Mala ॥

Char bhuj Shiv Shobhat Asan।
Khadga Khappar Kinhe Sab Dharan॥

Rahe Yogini Chausath Sanga।
Daityan Ke Mad Kinha Bhanga ॥

Chand Mund Ko Patak Pachhara ।
Pal Me raktabeej Ko Mara ॥

Diyo Sahajan Daityan Ko Mari ।
Machyo Madhy Ran Hahakari ॥

Kinho Hai Phir Krodh Apara ।
Badhi Agari Karat Sanhara ॥

Dekh Dasha Sab Sur Ghabadaye।
Pas Shambhu Ke Hain Phir Dhaye॥

Vinay Kari Shankar Ki Ja Ke ।
Hal Yuddh Ka Diyo Bata Ke॥

Tab Shiv Diyo Deh Vistar ।
Gayo Let Ahe Tripurari ॥

Jyon Hi Kali Badhi Agari ।
Khada Pair Ur Diyo Nihari ॥

Dekha Mahadev Ko Jabahi ।
Jeebh Kadhi Lajjit Bhai Tabahi ॥

Bhai Shanti Chahun Anad Chhayo ।
Nabh SeSuran Suman Barasayo ॥

Jai Jai Jai Dhwani Bhai Akasha ।
Sur Nar Muni Sab Huye Hulasha ॥

Dushtan Ke Tum Maran Kara ।
Kinha Char Roop Nij Dharan ॥

Chandi Dura Kali Mai ।
Aur Maha Kali Kahalai ॥

Poojat Tumahi Sakal Sansara ।
Karat Sada Dar Dhyan Tumhara ॥

Main Sharanagat Mat Tihari ।
Karaun Ay Ab Mohi Sukhari ॥

Sumirau Maha Kalika Mai ।
Hou Sahay Mat Tum Ai ॥

Dharoon Dhyan Nish Din Tab Mata ।
Sakal Dukh Matu Karahu Nipata॥

Ao Mat Na Der Lagao ।
Mam Shatrughn Ko Pakad Nashao ॥

Sunahu Mat Yah Vinay Hamari।
Pooran Ho Abhilasha Sari ॥

Mat karahu Tum Raksha Ake।
Mam Shatrun Ko Dev Mita Ke ॥

Nish Vasar Main Tumhe Manaoon ।
Sada Tumhare Hi Gun Gaun

Daya drishti Ab Mopar Kijai ।
Rahun Sukhi Ye Hi Var Dijai ॥

Namo Namo Nij Kaj Saivarani ।
Namo Namo He Kahalan Vidarani ॥

Namo Namo Jan Badha Harani ।
Namo Namo Dushtan mad Chharani ॥

Namo Namo Jai Kali Maharani ।
Tribhuvan Me Nahin Tumhari Sani ॥

Bhaktan Pe Ho Mar Dayala ।
Katahu Ay Sakal Bhav Jala ॥

Main Hoon Sharan Tumhari Amba ।
Avahu Begi Na Karahu Vilamba ॥

Mujh Par Hoke Mat Dayala ।
Sab Vidhi Kijai Mohi Nihala ॥

Kare Nity Jo Tumhare Poojan ।
Take Kaj Hoy Sab Pooran ॥

Nirdhan Ho Jo Bahu Dhan Pavai ।
Dushman Ho So Motra Ho Javai ॥

Jin Ghar Ho Bhoot Baitala ।
Bhagi Jay Ghar Se Tatkala ॥

Rahe Nahi Phir Dukh Lava Lesha।
Mit Jay Jo Hoy Kalesha ॥

Jo Kuchh Ichchha Hove Man Me ।
nshay Nahin Pooran Ho Kshan Me॥

Aurahu Phal Sansarik Jete ।
Teri Kripa Milain Sab Tete ॥

॥ Doha ॥

Doha Mahakalika Ki Padhai Nit Chalisa Joy ।
Manavanchhit Phal Pavahi Govind Janau Soy ॥

॥ Iti Shree Mahakalika Chalisa Ends॥

CHALISA IN GUJRATI

॥દોહા॥

જયજયસીતારામ,

માધ્યાવાસિનીઅંબ.

 

દેહુદર્શનજગદમ્બ,

હવેવિલંબથશોનહીં

 

જયતારાજયકાલિકા,

જયદાસવિદ્યાવૃંદ.

 

બ્લેકચાલીસા,

એકસિદ્ધિકવિહિંદ॥

 

વાંચવામાટેવહેલીસવારેઠો,

દુપહરીયાકેસાંજ.

 

ગરીબીનીપીડાદૂરથવાદો,

બધાકામસિદ્ધથવાજોઈએ

 

 ॥બાઉન્ડ ॥

જયકાલીસ્કેલેટનમાલિની.

જયમંગળામહાકપાલીની॥

 

 

બ્લડબિયર્સનીમાતા.

હંમેશાંવિશ્વાસુભક્ત

 

શિરોમાલીકાભોસીતઆંગ્યે.

જયકાલીજયમદ્યામાતેંગે

 

પ્રત્યેકહૃદયરવિંદસુવિલાસિની.

જયજગદંબાસ્થૂલદુખનશિની॥

 

શ્રીકાલીશ્રીમહાકાળી.

કૃણકલ્યાણીદક્ષિણિકાળી॥

 

જયકલાવતીજયવિદ્યાવતી.

જયતારાસુંદરીમહામતી ॥

 

દેહુસુબુધિહરહુસર્વસંકટ.

હોહુભક્તનીઆગળપરગટ.

 

જયઓમકરેજયહંકરે

મહાશક્તિજયઉપમપરે ॥

 

કમલાકળિયુગદરુપવશિની.

કાયમીલોકોનોભયભીતલોકો

 

હવેજગદમ્બમોડોથયોનથી

ઉદાસીમોરમોર

 

જયતીકરલકાલિકામાતા.

કોલોનજેવુંજસ્તનપાન

 

જયશંકરીસુરેશીસનાતાની.

કોટિસિદ્ધિકવિમાતુપુરાણી॥

 

કપર્દિનીકાલિકલ્પબિમોચની।

જયવિકસિતનવીનલિનવિલોચની॥

 

આનંદકરણીઆનંદનિધના.

દેહમાતુમોહિનિર્મલજ્anaાન ॥

 

કરુણાસાગરકૃપમયિ।

હોહદુષ્ટલોકોહવેનિર્દય॥

 

સ્થૂળપ્રાણીએઅંતિમપ્રિયછે.

કુલવિશ્વતારેઆધાર॥

 

 

હોલોકોસ્ટયુગમાંનર્તનકરિની.

જયજાનનીસબજગકીપલાની

 

મહોદરીમહેશ્વરીમાયા.

હિમગિરિસુત્તાવિશ્વનીછાયા॥

 

સ્વચંદરાદમર્દધિનીમહી

ગરજતતુમ્હીઅનેકોઉનહીં॥

 

સ્ફૂર્તિમણિગરપ્રાર્થના.

તારાગનતુબેમવિતાને॥

 

પરોપકારપુત્રશ્રીહિંમત.

અગ્નિપાનીબહુદુષ્ટવિદારિણી

 

ધુમાડોઇનહેલેશન

શુમ્ભનિશુમ્ભમથનીવરલોચની

 

સહસભુજીસરોરૂહમાલિની.

ચામુંડેમાર્ગઘાટનીવસુંદી

 

ખપરમધ્યમસુશોભિતસાજી.

મરેહુમામહિષાસુરાપાજી॥

 

અંબઅંબિકાચાંદચાંડિકા.

બધાએકેતમેવગેરે.

 

આજાએકરૂપતાપymલિમોર્ફિઝમ.

સંપૂર્ણપાત્રતવશક્તિઅનુપા॥

 

કલકત્તાનોદક્ષિણદરવાજો.

મૂર્તિતોમહેશીઅપારે॥

 

કદમ્બરીપનરતશ્યામા.

જયમાતંગીકામકેધમા

 

કમલાસનવસિનીકમલાયાની.

જયશ્યામાજયજયશ્યામાની ॥

 

માતંગીજયજયતીપ્રકૃતિછે.

જયતીભક્તિકુમતીસુમતીહૈ

 

કોટિબ્રહ્મશિવવિષ્ણુકામદા.

જયતિઅહિંસાધર્મજનમદા॥

 

 

જળલગકોરિડોરમાંવ્યવસાય.

સૌદામિનીમધ્યઅલાપિની ॥

 

ઝાનાનાનટાચરુમરિરીનનાદિની।

જયસરસ્વતીવીણાવાદિની॥

 

ॐહુંઅહીંછુ.

કલીતઘાટશોભિતનરમુન્દા॥

 

જયબ્રહ્મસિધ્ધિકવિમાતા.

કામખ્યાઅનેકાલીમાતા

 

હિંગળાજવિંધ્યાચલવાસિની.

અથસિનીઅરુઅઘનનશીની॥

 

હુંઅખંડેનીકેટલીપ્રશંસાકરું

તમેબ્રહ્મંડેશક્તિજીતચાંદે

 

કરડુકૃપાસબપેજગદંબા

રહીનનિશાંકથીઅવલાંબા

 

ચતુર્ભુજીકાલીતુમશ્યામા.

રૂપતુમ્હારમાહઅભિરામ

 

ખડગઅનેખાપરદ્વારાસોહટ.

સુરનરમુનિસૌમોહિતછે

 

જેનેતમારુંઆશીર્વાદમળે

રોગશોકકારકરહેશેનહીં

 

જેણેઆચાલીસાવાંચીછે.

ભગવાનતારુભલુકરે

 

 ॥દોહા॥

જયકપાલિનીજયશિવા,

જયજયજયજગદમ્બ.

 

સદાદુખભક્ત, દુfulખીઆત્મા,

માટુસપોર્ટ ॥

CHALISA IN HINDI

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN KANNADA

॥ದೋಹಾ॥

ಜೈಜೈಸೀತಾರಾಮ್,

ಮಧ್ಯವಾಸಿನಿಅಂಬ್.

 

ದೇಹುದರ್ಶಜಗದಾಂಬ್,

ಈಗವಿಳಂಬಮಾಡಬೇಡಿ

 

ಜೈತಾರಾಜೈಕಾಳಿಕಾ,

ಜೈದಾಸ್ವಿದ್ಯಾವೃಂದ.

 

ಕಪ್ಪುಚಾಲಿಸಾ,

ಸಿದ್ಧಿಕವಿಹಿಂದ್

 

ಓದಲುಮುಂಜಾನೆಎದ್ದೇಳಿ,

ದುಪಹರಿಯಾಅಥವಾಸಂಜೆ.

 

ಬಡತನದನೋವುಹೋಗಲಿ,

ಎಲ್ಲಾಕೆಲಸಗಳನ್ನುಸಾಧಿಸಬೇಕು

 

 ॥ಬೌಂಡ್ ॥

ಜೈಕಾಳಿಅಸ್ಥಿಪಂಜರಮಾಲಿನಿ.

ಜೈಮಂಗಳಮಹಾಕಪಲಿನಿ

 

ಬ್ಲಡ್ಬಿಯರ್ಸ್ತಾಯಿ.

ಯಾವಾಗಲೂನಿಷ್ಠಾವಂತಭಕ್ತ

 

ಶಿರೋಮಾಲಿಕಾಭೋಸಿತ್ಆಂಗೆ.

ಜೈಕಾಳಿಜೈಮದ್ಯಾಮಾತಂಗೇ

 

ಪ್ರತಿಹೃದಯಾರ್ವಿಂದ್ಸುವಿಲಸಿನಿ.

ಜೈಜಗದಂಬತೀವ್ರದುಃಖನಶಿನಿ

 

ಶ್ರೀಕಾಳಿಶ್ರೀಮಹಾಕಾಳಿ.

ಕ್ರಿನ್ಕಲ್ಯಾಣಿದಕ್ಷಿಣಕಲಿ

 

ಜೈಕಲಾವತಿಜೈವಿದ್ಯಾವತಿ.

ಜೈತಾರಾಸುಂದರಿಮಹಾಮತಿ ॥

 

ದೇಹುಸುಬುದಿಹರ್ಹುಎಲ್ಲಾಬಿಕ್ಕಟ್ಟು.

ಹೋಹುಭಕ್ತನಮುಂದೆಪರ್ಗತ್.

 

ಜೈಓಂಕರೇಜೈಹುಂಕರೆ

ಮಹಾಶಕ್ತಿಜೈಉಪಂಪರೆ ॥

 

ಕಮಲಾಕಲಿಯುಗ್ದಾರುಪ್ವಶಿಶಿನಿ.

ನಿತ್ಯಜನರಭಯಭೀತಜನರು

 

ಈಗಜಗದಾಂಬ್ತಡವಾಗಿಲ್ಲ

ದುಃಖನವಿಲುನವಿಲು

 

ಜಯತಿಕರಾಲ್ಕಾಳಿಕಾಮಾತಾ.

ಕೊಲೊನ್ಅನ್ನುಹೋಲುವಹಾಲುಣಿಸುವಿಕೆ

 

ಜಯಶಂಕರಿಸುರೇಶಿಸನಾತನಿ.

ಕೋಟಿಸಿದ್ಧಿಕವಿಮಾಟುಪುರಾಣಿ

 

ಕಪರ್ದಿನಿಕಾಳಿಕಲ್ಪಬಿಮೋಚಾನಿ.

ಜೈಹೊಸನಲಿನ್‌ವಿಲೋಚಾನಿಯನ್ನುಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸಿದ

 

ಆನಂದ್ಕರಣಿಆನಂದನಿಧನ.

ದೆಹುಮಾತುಮೋಹಿನಿರ್ಮಲ್ಜ್ಞಾನ ॥

 

ಸಹಾನುಭೂತಿಯಸಾಗರ್ಕೃಪಮಯಿ.

ಹೋಹುದುಷ್ಟಜನರುಈಗನಿರ್ದಯರು

 

ಒಟ್ಟುಜೀವಿಅಂತಿಮಪ್ರಿಯ.

ಒಟ್ಟುವಿಶ್ವತಾರೆಆಧಾರ್

 

ಹತ್ಯಾಕಾಂಡದಯುಗದಲ್ಲಿನರ್ತನ್ಕರಿಣಿ.

ಜೈಜನಾನಿಸಬ್ಜಗ್ಕಿಪಳನಿ

 

ಮಹೋದರಿಮಹೇಶ್ವರಿಮಾಯಾ.

ಹಿಮಗಿರಿಸುಟ್ಟಾಪ್ರಪಂಚದನೆರಳು

 

ಸ್ವಚಂದ್ರಾಡ್ಮಾರ್ಡ್ಧಿನಿಮಾಹಿ

ಗರ್ಜತ್ತುಮ್ಹಿಮತ್ತುಕೌನಹಿ

 

 

ಸ್ಫೂರ್ತಿಮನ್ನಿಗರ್ಪ್ರತಾನ.

ತರಗನ್ತುಬೀಮ್ವಿಟಾನೆ

 

ಶ್ರೀಡೇರ್, ಪರೋಪಕಾರಿಮಗ.

ಅಗ್ನಿಪಾನಿಬಹಳದುಷ್ಟವಿದಾರಿನಿ

 

ಹೊಗೆಉಸಿರಾಡುವಿಕೆ

ಶುಂಭನಿಶುಭ್ಮಾಥನಿವರ್ಲೋಚಾನಿ

 

ಸಹಾಸ್ಭುಜಿಸರೋರುಮಾಲಿನಿ.

ಚಾಮುಂಡೆಮಾರ್ಗಟ್‌ನವಸುಂಡಿ

 

ಖಾಪರ್ಮಧ್ಯಮಸುಂದರಸಾಜಿ.

ಮಾರೆಹುಮಾಮಹಿಷಾಸುರಪಾಜಿ

 

ಅಂಬ್ಅಂಬಿಕಾಚಂದ್ಚಂಡಿಕಾ.

ಎಲ್ಲಾಎಕೆನೀವುಇತ್ಯಾದಿ.

 

ಅಜಾಏಕರೂಪತೆಯಬಹುರೂಪತೆ.

ಸಂಪೂರ್ಣಪಾತ್ರತವ್ಶಕ್ತಿಅನುಪಾ

 

ಕಲ್ಕತ್ತಾದದಕ್ಷಿಣಗೇಟ್.

ಮೂರ್ತಿಟುಮಹೇಶಿಅಪಾರೆ

 

ಕಡಂಬರಿಪನ್ರಾತ್ಶ್ಯಾಮಾ.

ಜೈಮಾತಂಗಿಕಾಮಕೆಧಮಾ

 

ಕಮಲಾಸನ್ವಾಸಿನಿಕಮಲಾಯಣಿ.

ಜೈಶ್ಯಾಮಾಜೈಜೈಶ್ಯಾಮಾನಿ ॥

 

ಮಾತಂಗಿಜೈಜಯತಿಪ್ರಕೃತಿ.

ಜಯತಿಭಕ್ತಿಉರ್ಕುಮತಿಸುಮತಿಹೈ

 

ಕೋಟಿಬ್ರಹಂಶಿವವಿಷ್ಣುಕಾಮದ.

ಜಯತಿಅಹಿಂಸಾಧರ್ಮಜನ್ಮದ

 

ನೀರಿನಲಾಗ್ಕಾರಿಡಾರ್ನಲ್ಲಿವ್ಯಾಪಾರ.

ಸೌದಾಮಿನಿಮಧ್ಯಅಲಾಪಿನಿ ॥

 

ಾನನ್ತಚ್ರುಮರಿರಿನ್ನಾಡಿನಿ.

ಜೈಸರಸ್ವತಿವೀಣಾವಾಡಿನಿ

 

ॐನಾನುಇಲ್ಲಿಸ್ವತಂತ್ರ.

ಕಲಿತ್ಗಾರ್ಜ್ಶೋಭಿತ್ನರಮುಂದ

 

 

ಜೈಬ್ರಹ್ಮಸಿದ್ಧಿಕವಿತಾಯಿ.

ಕಾಮಾಖ್ಯಾಮತ್ತುಕಾಳಿಮಾತಾ

 

ಹಿಂಗ್ಲಾಜ್ವಿಂಧ್ಯಾಚಲ್ವಾಸಿನಿ.

ಅತ್ತಾಸಿನಿಅರುಅಘಾನ್ನಾಶಿನಿ

 

ನಾನುಅಖಂಡೆಯನ್ನುಎಷ್ಟುಹೊಗಳಬೇಕು

ನೀವುಬ್ರಹ್ಮಂಡೆಶಕ್ತಿಜಿತ್ಚಾಂಡೆ

 

ಕಾರ್ಡುಕೃಪಾಸಪ್ಪೆಜಗದಂಬ

ರಹೀನ್ನಿಶಾಂಕ್ಅವ್ಲಾಂಬಾಗೆ

 

ಚತುರ್ಭುಜಿಕಾಳಿತುಮ್ಶ್ಯಾಮಾ.

ರೂಪ್ತುಮ್ಹಾರ್ಮಹಾಅಭಿರಾಮ

 

ಖಾದ್ಮತ್ತುಖಾಪರ್ಅವರಿಂದಸೊಹ್ತ್.

ಸುರ್ನರ್ಮುನಿಎಲ್ಲರೂಆಕರ್ಷಿತರಾಗಿದ್ದಾರೆ

 

ಯಾರುನಿಮ್ಮಆಶೀರ್ವಾದಪಡೆಯುತ್ತಾರೆ

ರೋಗವುಶೋಕವಾಗುವುದಿಲ್ಲ

 

ಈಚಾಲಿಸಾವನ್ನುಓದುವವನು.

ದೇವರುನಿಮ್ಮನ್ನುಆಶೀರ್ವದಿಸುತ್ತಾನೆ

 

 ॥ದೋಹಾ॥

ಜೈಕಪಲಿನಿಜೈಶಿವ,

ಜೈಜೈಜೈಜಗದಾಂಬ್.

 

ಯಾವಾಗಲೂದುಃಖಭಕ್ತ, ದುಃಖಕರಆತ್ಮ,

ಮಾಟುಬೆಂಬಲ ॥

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN MALAYALAM

॥ദോഹ॥

ജയ്ജയ്സീതാറാം,

മധ്യവാസിനിഅം.

 

ദേഹുദർശജഗ്ദാംബ്,

ഇപ്പോൾവൈകരുത്

 

 

ജയ്താരജയ്കാലിക,

ജയ്ദാസ്വിദ്യവൃന്ദ്.

 

കറുത്തചാലിസ,

ഒരുസിദ്ധികവിഹിന്ദ്

 

വായിക്കാൻഅതിരാവിലെഎഴുന്നേൽക്കുക,

ദുപാരിയഅല്ലെങ്കിൽവൈകുന്നേരം.

 

ദാരിദ്ര്യത്തിന്റെവേദനനീങ്ങട്ടെ,

എല്ലാജോലികളുംപൂർത്തിയാക്കണം

 

 ॥അതിർത്തി ॥

ജയ്കാളിഅസ്ഥികൂടംമാലിനി.

ജയ്മംഗളമഹാകപാലിനി

 

ബ്ലഡ്ബിയേഴ്സിന്റെഅമ്മ.

എല്ലായ്പ്പോഴുംവിശ്വസ്തനായഭക്തൻ

 

ഷിരോമാലികഭോസിത്ആംഗ്യേ.

ജയ്കാളിജയ്മാത്യമാതങ്കെ

 

ഓരോഹൃദയയാർവിന്ദ്സുവിലാസിനി.

ജയ്ജഗദാംബയുടെദുorrow ഖംനാഷിനി

 

 

ശ്രീകാളിശ്രീമഹാകാളി.

ക്രിൻകല്യാണിദക്ഷിണകാലി

 

ജയ്കലാവതിജയ്വിദ്യാവതി.

ജയ്താരസുന്ദരിമഹാമതി ॥

 

ദേഹുസുബുധിഹർഹുഎല്ലാപ്രതിസന്ധികളും.

ഹോഹുഭക്തന്റെമുന്നിൽപർഗത്.

 

ജയ്ഓംകരേജയ്ഹുങ്കരെ

മഹശക്തിജയ്ഉപമ്പാരെ ॥

 

കമലകലിയുഗ്ദാരുപ്വശിഷിനി.

നിത്യജീവികളെഭയപ്പെടുന്നആളുകൾ

 

ഇപ്പോൾജഗദാംബ്വൈകിയിട്ടില്ല

സങ്കടംമയിൽമയിൽ

 

ജയതികരൽകലികമാതാ.

വൻകുടലിന്സമാനമായമുലയൂട്ടൽ

 

ജയശങ്കരിസുരേഷിസനാതാനി.

കോട്ടിസിദ്ധികവിമാട്ടുപുരാണി

 

 

കപാർദിനികാളികൽപ്ബിമോചാനി.

ജയ്പുതിയനളിൻ‌വിലോചാനിവികസിപ്പിച്ചു

 

ആനന്ദ്കരണിആനന്ദ്നിധാന.

ദേഹാമത്തുമോഹിനിർമ്മൽഗ്യാന ॥

 

അനുകമ്പയുള്ളസാഗർകൃപമയി.

ഹോഹുദുഷ്ടന്മാർഇപ്പോൾനിഷ്‌കരുണം

 

മൊത്തംസൃഷ്ടിആത്യന്തികപ്രിയപ്പെട്ടവനാണ്.

മൊത്തംലോകതാരെആധാർ

 

ഹോളോകോസ്റ്റ്കാലഘട്ടത്തിലെനാർട്ടൻകരിനി.

ജയ്ജനാനിസാബ്ജാഗ്കിപാലാനി

 

മഹോദരിമഹേശ്വരിമായ.

ഹിംഗിരിസുത്തലോകത്തിന്റെനിഴൽ

 

സ്വച്ഛന്ദ്റാഡ്മാർഡ്ധിനിമാഹി

ഗർജത്തുംഹിയുംകൊനഹിയും

 

സ്പുർത്തിമന്നിഗാർപ്രതാന.

താരഗൻതുബിയോംവിറ്റാനെ

 

 

ശ്രേഷ്ഠനായമകൻശ്രീ.

അഗ്നിപാനിവളരെദുഷ്ടനായവിദാരിനി

 

പുകശ്വസനം

ശംഭ്നിഷുംബ്മത്താനിവർലോചാനി

 

സഹാസ്ഭുജിസരോരുമാലിനി.

ചാമുണ്ടെമാർഗത്തിന്റെവസുണ്ടി

 

ഖാപർമിഡിൽബ്യൂട്ടിഫൈഡ്സാജി.

മാരെഹുമാമഹിഷാസുരപാജി

 

അംബ്അംബികചന്ദ്ചാണ്ടിക.

എല്ലാംഎകെയുമുതലായവ.

 

അജായൂണിഫോമിറ്റിപോളിമോർഫിസം.

സമ്പൂർണ്ണകഥാപാത്രംതവ്ശക്തിഅനുപ

 

കൊൽക്കത്തയുടെസൗത്ത്ഗേറ്റ്.

മൂർത്തിമുതൽമഹേഷിഅപാരെ

 

കടമ്പരിപാൻറത്ത്ശ്യാമ.

ജയ്മാതാംഗികാമകെധാമ

 

കമലാസൻവാസിനികമലായാനി.

ജയ്ശ്യാമജയ്ജയ്ശ്യാമണി ॥

 

മാതാംഗിജയ്ജയതിപ്രാകൃതിയാണ്.

ജയതിഭക്തിഉർകുമാതിസുമതിഹായ്

 

കോട്ടിബ്രഹാംശിവവിഷ്ണുകാമഡ.

ജയതിഅഹിംസധർമ്മജന്മദ

 

വാട്ടർലോഗിൻഇടനാഴിയിലെബിസിനസ്സ്.

സud ദാമിനിമിഡിൽഅലാപിനി ॥

 

ജാനനൻതച്രുമാരിൻനാദിനി.

ജയ്സരസ്വതിവീണവാദിനി

 

ॐഞാൻഇവിടെസ്വതന്ത്രനാണ്.

കലിത്ജോർജ്ജ്ശോഭിത്നരാമുണ്ട

 

ജയ്ബ്രഹ്മസിദ്ധികവിഅമ്മ.

കാമാഖ്യയുംകാളിമാതയും

 

ഹിംഗ്ലാജ്വിന്ധ്യാചൽവാസിനി.

അത്താസിനിഅരുഅഗാൻനാഷിനി

 

അഖണ്ഡെയെഞാൻഎത്രമാത്രംപ്രശംസിക്കണം

നിങ്ങൾബ്രഹ്മണ്ടെശക്തിജിത്ചന്ദെ

 

 

കർദുകൃപസാപ്പെജഗദാംബ

റാഹിൻനിഷങ്ക്മുതൽഅവ്‌ലമ്പവരെ

 

ചതുർഭുജികാളിതുംശ്യാമ.

രൂപതുംഹാർമഹാഅഭിരാമ

 

ഖാദ്, ഖാപർഎന്നിവരുടെസോഹ്ത്.

സർനർമുനിഎല്ലാവരേയുംആകർഷിച്ചു

 

നിങ്ങളുടെഅനുഗ്രഹംലഭിക്കുന്നവൻ

രോഗംവിലപിക്കുകയില്ല

 

ഈചാലിസവായിക്കുന്നയാൾ.

ദൈവംനിന്നെഅനുഗ്രഹിക്കട്ടെ

 

 ॥ദോഹ॥

ജയ്കപാലിനിജയ്ശിവ,

ജയ്ജയ്ജയ്ജഗ്ദാംബ്.

 

എല്ലായ്പ്പോഴുംദുsad ഖിതനായഭക്തൻ, ദുorrow ഖിതനായആത്മാവ്,

മാട്ടുപിന്തുണ ॥

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN MARATHI

Marathi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥दोहा॥

जयजयसीताराम,

माध्यवासिनीअंब.

 

देहुदर्शजगदंब,

आताउशीरकरूनका

 

जयताराजयकालिका,

जयदासविद्यावृंद.

 

ब्लॅकचालीसा,

एकसिद्धिकवीहिंद॥

 

वाचायलासकाळीउठून,

दुपारीकिंवासंध्याकाळ.

 

गरीबीचीवेदनादूरहोऊद्या,

सर्वकामसाध्यकेलेपाहिजे

 

 

 

 ॥चौकार ॥

जयकालीकंकालमालिनी।

जयमंगलामहाकपालिनी॥

 

ब्लडबियर्सचीआई.

सदाविश्वासूभक्त

 

शिरोमलिकाभोसितआंग्ये.

जयकालीजयमदयामातंगे

 

प्रत्येकहृदयरविंदसुविलासीनी।

जयजगदंबास्थूलदुःखनशिनी॥

 

श्रीकालीश्रीमहाकाली.

कृणकल्याणीदक्षिणनाकली॥

 

जयकलावतीजयविद्यावती.

जयतारासुंदरीमहामती ॥

 

देहुसुबुधीहरहुसर्वसंकट।

होगुभक्तासमोरपरगट.

 

 

जयओमकरेजयहुंकारे

महाशक्तीजयउपमपारे.

 

कमलाकलियुगदारूपवशिनी।

चिरंतनलोकांचीभीती

 

आताजगदंबउशीरझालेलानाही

उदासीमोरमोर

 

जयतीकरालकालिकामाता.

कोलनप्रमाणेचस्तनपान

 

जयशंकारीसुरेशीसनातानी.

कोटिसिद्धिकवीमातुपुराणी॥

 

कपर्दिनीकालीकल्पबिमोचनी।

जयविकसितनवीननलिनीविलोचनी॥

 

आनंदकरणीआनंदनिधाना।

देहुमातुमोहिनिर्मलज्ञान ॥

 

करुणासागरकृपामयी।

होहूदुष्टलोकआतानिर्दय॥

 

स्थूलप्राणीपरमप्रियआहे.

सकलविश्वतारेआधार॥

 

होलोकॉस्टयुगातीलनर्तनकरीनी.

जयजनानीसबजगकीपलानी

 

माहोदरीमाहेश्वरीमाया।

हिमगिरीसुताजगाचीसावली॥

 

स्वचंदरडमर्दधीनीमाही

गर्जततुम्हिआणिकौनाहीं॥

 

स्फुर्थीमणिगरप्रथा।

तारागणतूबीमविटाने॥

 

श्री. दरे, परोपकारीमुलगा.

अग्निपानीअतिदुष्टविदारिणी

 

धूरइनहेलेशन

शुंभनिशुंभमाथानीवरलोचनी

 

 

सहासभुजीसरोरुहमालिनी।

चामुंडेमार्गघाटचीवासुंदी

 

खापरमध्यमसुशोभितसाजी।

मारेहुमांमहिषासुरपाजी॥

 

अंबअंबिकाचंदचंडिका.

सर्वएकेतुम्हीइ.

 

अजाएकरूपताबहुरूप।

परिपूर्णवर्णतवशक्तिअनुप॥

 

कलकत्ताचादक्षिणदरवाजा.

मूर्तीतेमाहेरीआपरे॥

 

कदंबरीपंरतश्यामा।

जयमातंगीकामकेधामा

 

कमलासनवासिनीकमलायनी।

जयश्यामाजयजयश्यामणी ॥

 

मातंगीजयजयतीप्रकृतिआहे.

जयतीभक्तिउरकुमतिसुमतीहै ||

 

कोटिब्रह्मशिवविष्णूकामदा।

जयतीअहिंसाधर्मजनमादा॥

 

वॉटरलॉगकॉरिडॉरमधीलव्यवसाय

सौदामिनीमध्यअलापिनी ॥

 

झानाननतचरूमारिरिननादिनी।

जयसरस्वतीवीणावादिनी॥

 

ॐमीयेथेमोकळाआहे.

कालीतीघाटशोभितनरमुंडा॥

 

जयब्रह्मसिद्धीकवीआई.

कामाख्याआणिकालीमाता

 

हिंगलाजविंध्याचलवासिनी।

अथसिनीअरुअघणनशिनी॥

 

मीअखंडेंचेकितीकौतुककरावे

तूब्रह्मांडेशक्तीजितचंदे ||

 

 

कर्दूकृपासबपेजगदंबा

राहीननिशंकतेअवलम्बा

 

चतुर्भुजीकालीतुमश्यामा।

रूपतुम्हारमहाअभिराम

 

खडगआणिखापरयांनीसोहट.

सुरनरमुनिसर्वांनामोहित

 

ज्यालातुमचाआशीर्वादमिळेल

रोगशोककरणारनाही

 

जोहाचाळीसावाचतो.

देवतुम्हालाआशीर्वाददेईल

 

 ॥दोहा॥

जयकपालिनीजयशिवा,

जयजयजयजगदंब.

 

सदैवदु: खीभक्त, दु: खीआत्मा,

मातुसमर्थन ॥

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN ODIA

॥ଦୋହା।

ଜୟଜୟସୀତାରାମ,

ମାଧ୍ୟାଭାସିନିଆମ୍।

 

ଦେହୁଦର୍ଶନଜଗଦମ୍,

ବର୍ତ୍ତମାନବିଳମ୍ବକରନାହିଁ |

 

ଜୟତରଜୟକାଲିକା,

ଜୟଦାସବିଦ୍ୟାଶ୍ରୀମନ୍ଦିର।

 

କଳାଚଲିସା,

ଜଣେସିଦ୍ଧକବିହିନ୍ଦ।

 

ପିବାକୁସକାଳୁଉଠି,

ଦୁପାହାରିଆକିମ୍ବାସନ୍ଧ୍ୟା |

 

ଦାରିଦ୍ର୍ୟରଯନ୍ତ୍ରଣାଦୂରକର,

ସମସ୍ତକାର୍ଯ୍ୟସମ୍ପନ୍ନହେବାଉଚିତ୍ |

 

 ॥ସୀମା ॥

ଜୟକାଳୀକଙ୍କାଳମଲିନି |

ଜୟମଙ୍ଗଳାମହାପାଲିନି।

 

ରକ୍ତଦାନରମାତା |

ସର୍ବଦାବିଶ୍ୱସ୍ତଭକ୍ତ |

 

ଶିରୋମଲିକାଭୋସିଟ୍ଆଙ୍ଗେ |

ଜୟକାଳୀଜୟମାଦୟାମାଟେଙ୍ଗେ |

 

ପ୍ରତ୍ୟେକହ୍ରଦୟର୍ବିନ୍ଦସୁଭିଲାସିନି |

ଜୟଜଗଦମ୍ବାଚରମଦୁଖନାଶିନୀ।

 

ଜୟକାଲାବତୀଜୟବିଦ୍ୟାବତୀ |

ଜୟତରସୁନ୍ଦରାରିମହାମତି ॥ |

 

ଦେହୁସୁବୁଧୀହରହୁସମସ୍ତସଙ୍କଟ |

ହୋହୁଭକ୍ତଙ୍କସାମ୍ନାରେପରଗେଟ୍ |

 

ଜୟଓମ୍କରଜୟହୁଙ୍କାରେ |

ମହାଶକ୍ତିଜୟଉପାମ୍ପେର୍ ॥ |

 

କମଲାକାଲିୟୁଗଦାରୁପଭାଶିଶିଣୀ |

ଅନନ୍ତଲୋକମାନଙ୍କରଭୟଭୀତଲୋକ |

 

ବର୍ତ୍ତମାନଜଗଦମ୍ବବିଳମ୍ବନୁହେଁ |

ଦୁଖମୟୂରମୟୂର |

 

 

ଜୟତିକରାଲକାଲିକାମାତା |

କୋଲନ୍ପରିଲାକ୍ଟେସନ୍ |

 

ଜୟଶଙ୍କରସୁରେଶିସନାତନ।

କୋଟିସିଦ୍ଧକବିମତୁପୁରାନୀ।

 

କପାର୍ଡିନୀକାଳୀକଲପବିମୋଚାନି |

ଜୟନୂତନନାଲିନଭିଲୋଚାନିବିକଶିତକଲା |

 

ଆନନ୍ଦକରାନିଆନନ୍ଦନିଦାନ।

ଦେହୁମାଟୁମୋହିନିର୍ମଲଗୟାନା ॥ |

 

ଦୟାଳୁସାଗରକ୍ରିପାମୟୀ |

ହୋହୁଦୁଷ୍ଟଲୋକମାନେବର୍ତ୍ତମାନନିର୍ଦ୍ଦୟ।

 

ସମୁଦାୟପ୍ରାଣୀହେଉଛିଚରମପ୍ରିୟ |

ମୋଟବିଶ୍ୱତାରଆଧାର।

 

ହୋଲକୋଷ୍ଟଯୁଗରେନରତକରିନି |

ଜୟଜାନାନିସାବଜଗକିପାଲାନି |

 

ମହୋଦାରୀମହେଶ୍ୱରୀମାୟା |

ହିମଗିରିସୂତାଜଗତରଛାୟା।

 

 

ସ୍ାଚାନ୍ଦରାଡମର୍ଡଧିନିମାହି |

ଗାରଜତ ​​ତୁମିଏବଂକୋଉନାହି।

 

 

ତାରାଗାନ୍ତୁବିମ୍ଭିଟାନେ।

 

ଦୟାଳୁଙ୍କପୁଅଶ୍ରୀଡାରେ |

ଅଗ୍ନିପାନିଅତ୍ୟନ୍ତଦୁଷ୍ଟବିଦାରିଣୀ |

 

ଧୂଆଁନିଶ୍ୱାସ

ଶୁମ୍ନିଶୁମ୍ବମଥାନିଭର୍ଲୋଚାନି |

 

ସାହସଭୁଜିସାରୁହୁମାଲିନି |

ଚାମୁଣ୍ଡେମାର୍ଗତରଭାସୁଣ୍ଡି |

 

ଖାପରମଧ୍ୟମସୁନ୍ଦରୀସାଜି |

ମାରେହୁମାମହିଷାସୁରାପାଜି।

 

ଆମ୍ଅମ୍ବିକାଚାନ୍ଦିକା |

ସମସ୍ତତୁମେଇତ୍ୟାଦି |

 

ଅଜାସମାନତାପଲିମୋର୍ଫିଜିମ୍ |

ସଂପୂର୍ଣ୍ଣଚରିତ୍ରତାଭଶକ୍ତିଅନୁପ।

 

 

କଲିକତାରଦକ୍ଷିଣଦ୍ୱାର |

ମର୍ତ୍ତୀରୁମହେଶୀଆପାରେ।

 

କାଦମ୍ବରୀପାନ୍ରାଟଶ୍ୟାମା |

ଜୟମାଟାଙ୍ଗିକାମକେଧାମା |

 

କମଲାସନ୍ଭାସିନିକମଲାୟାନି |

ଜୟଶ୍ୟାମାଜୟଜୟଶ୍ୟାମାନି ॥

 

ମାତାଙ୍ଗୀଜୟଜୟତିହେଉଛନ୍ତିପ୍ରକୃତି |

ଜୟତିଭକ୍ତିଉରକୁମତିସୁମତିହi |

 

କୋଟିବ୍ରହ୍ମଶିବବିଷ୍ଣୁକାମଡା |

ଜୟତିଅହିମସାଧର୍ମଜନମା।

 

ଜଳଲଗ୍କରିଡରରେବ୍ୟବସାୟ |

ସud ଦାମିନୀମଧ୍ୟମଆଲାପିନି ॥ |

 

ଜାନାନାନ୍ତାଚ୍ରୁମାରିରିନ୍ନାଡିନି |

ଜୟସରସ୍ୱତୀଭୀନାଭଦିନି।

 

ॐମୁଁଏଠାରେମୁକ୍ତଅଟେ |

କାଲିଟ୍ଘାଟଶୋବିଟ୍ନରାମୁଣ୍ଡା।

 

ଜୟବ୍ରହ୍ମସିଦ୍ଧକବିମାତା।

କାମାଖିଆଏବଂକାଳୀମାତା |

 

ହିଙ୍ଗଲାଜବିନ୍ଦୁଚାଲ୍ଭାସିନି |

ଆଥାଥାସିନିଅରୁଆଗନ୍ନାଶିନି।

 

ମୁଁଅଖଣ୍ଡେଙ୍କୁକେତେପ୍ରଶଂସାକରିବି?

ତୁମେବ୍ରାହ୍ମଣଶକ୍ତିଜିତ୍ଚାନ୍ଦେ |

 

କରଡୁକ୍ରିପାସାବପେଜଗଦମ୍ବା |

ରାହିନ୍ନିଶାଙ୍କ୍କୁଆୱଲାମ୍ବା |

 

ଚାଟୁର୍ବୁଜୀକାଳୀତୁଶ୍ୟାମା |

ରୁପତୁମହରମହାଅଭିରାମା |

 

ଏବଂଦ୍ୱାରାସୋହଟ୍ |

ସୁରନରମୁନିସମସ୍ତେଆକର୍ଷିତ |

 

ଯିଏତୁମରଆଶୀର୍ବାଦପାଏ |

ଏହିରୋଗଶୋକହେବନାହିଁ

 

ଯିଏଏହିଚଲିସାପନ୍ତି |

ଭଗବାନ଼ତୁମରମଙ୍ଗଳକରନ୍ତୁ

 

 

 ॥ଦୋହା।

ଜୟକାପାଲିନିଜୟଶିବ,

ଜୟଜୟଜୟଜଗଦମ୍ |

 

ସର୍ବଦାଦୁଖଭକ୍ତ, ଦୁଖୀଆତ୍ମା,

ମାଟୁସମର୍ଥନ ॥

CHALISA IN PUNJABI

 ॥ਦੋਹਾ॥

ਜੈਜੈਸੀਤਾਰਾਮ,

ਮਾਧਿਵਾਸਨੀਅੰਬ.

 

ਦੇਹੁਦਰਸ਼ਾਜਗਦੰਬ,

ਹੁਣਦੇਰੀਨਾਕਰੋ

 

ਜੈਤਾਰਾਜੈਕਾਲਿਕਾ,

ਜੈਦਾਸਵਿਦਿਆਵਰਿੰਦ।

 

ਕਾਲੀਚਾਲੀਸਾ,

ਏਸਿਧੀਕਵੀਹਿੰਦ॥

 

 

ਸਵੇਰੇਉੱਠਕੇਪੜ੍ਹਨਲਈ,

ਦੁਪਹਿਰੀਆਜਾਂਸ਼ਾਮਨੂੰ.

 

ਗਰੀਬੀਦੀਆਂਪੀੜਾਂਦੂਰਹੋਣਦਿਓ,

ਸਾਰਾਕੰਮਪੂਰਾਹੋਣਾਚਾਹੀਦਾਹੈ

 

 ॥ਚੌਪਾਈ॥

ਜੈਕਾਲੀਸਕੈਲਟਨਮਾਲਿਨੀ।

ਜੈਮੰਗਲਾਮਹਾਂਕਪਾਲਿਨੀ॥

 

ਖੂਨਦੀਬਿਮਾਰੀਦੀਮਾਂ.

ਸਦਾਵਫ਼ਾਦਾਰਭਗਤ

 

ਸ਼ੀਰੋਮਲਿਕਾਭੋਸੀਤਅੰਗੀ।

ਜੈਕਾਲੀਜੈਮਦਿਆਮਤੰਗੇ

 

ਹਰਿਹਰਿਦਰਯਵਿਨਦਸੁਵਿਲਾਸਿਨੀ।

ਜੈਜਗਦੰਬਾਸਕਲਦੁਖਨਸਿਨੀ॥

 

ਸ਼੍ਰੀਕਾਲੀਸ਼੍ਰੀਮਹਾਕਾਲੀ।

ਕ੍ਰਿਣਕਲਿਆਣੀਦੱਖਣਕਾਲੀ॥

 

 

ਜੈਕਲਾਵਤੀਜੈਵਿਦਿਆਵਤੀ।

ਜੈਤਾਰਾਸੁੰਦਰੀਮਹਾਂਮਤਿ ॥

 

ਦੇਹੁਸੁਬਧਿਹਰਹੁਸਭਸੰਕਟ।

ਪਰਗਟਹੋਹੁਭਗਤਦੇਸਾਮ੍ਹਣੇ।

 

ਜੈਓਮਕਰੀਜੈਹੰਕਾਰੇ

ਮਹਾਂਸ਼ਕਤੀਜੈਉਪਪਾਰੇ ॥

 

ਕਮਲਾਕਲਯੁਗਦਰਪਵਸ਼ੀਸ਼ਿਨੀ।

ਸਦਾਕਾਇਮਰਹਿਣਵਾਲੇਲੋਕਾਂਤੋਂਡਰਦੇਲੋਕ

 

ਹੁਣਜਗਾਦੰਬਨੂੰਦੇਰਨਹੀਂਹੋਈ

ਉਦਾਸੀਮੋਰਮੋਰ

 

ਜੈਯਤਿਕਰਲਕਾਲਿਕਾਮਾਤਾ।

ਕੋਲਨਵਰਗਾਦੁੱਧਚੁੰਘਾਉਣਾ

 

ਜਯਸ਼ੰਕਰੀਸੁਰੇਸ਼ੀਸਨਾਤਨੀ।

ਕੋਟਿਸਿਧਿਕਵੀਮਤੁਪੁਰਾਣੀ॥

 

ਕਪਾਰਦਿਨੀਕਾਲੀਕਲਪਬਿਮੋਚਨੀ।

ਜੈਵਿਕਸਿਤਨਵੀਂਨਲਿਨਵਿਲੋਚਨੀ॥

 

ਅਨੰਦਕਰਣੀਅਨੰਦਨਿਧਾਨਾ।

ਦੇਹੁਮਤੁਮੋਹਿਨਿਰਮਲਗਿਆਨ ॥

 

ਹਮਦਰਦਸਾਗਰਕ੍ਰਿਪਾਯੈ।

ਹੋਹੁਦੁਸ਼ਟਲੋਕਹੁਣਬੇਰਹਿਮ॥

 

ਸਕਲਜੀਵਅੰਤਮਪਿਆਰਾਹੈ।

ਸਕਲਸੰਸਾਰਤਾਰੇਅਧਾਰ॥

 

ਸਰਬੋਤਮਯੁੱਗਵਿੱਚਨਰਤਨਕਰੀਨੀ.

ਜੈਜਨਨੀਸਭਜਗਕੀਪਲਾਨੀ

 

ਮਹੋਦਾਰੀਮਹੇਸ਼ਵਰੀਮਾਇਆ।

ਹਿਮਗਿਰੀਸੁਤਾਸੰਸਾਰਦਾਪਰਛਾਵਾਂ॥

 

ਸਵਚੰਦਰਾਡਮਾਰਦਧਨੀਮਾਹੀ

ਗਰਜਤਤੁਹੀਤੇਕਉਨਹੀ॥

 

ਸਪੂਰਥੀਮਨੀਗਰਪ੍ਰਤਾਣਾ।

ਤਰਾਗਣਤੁਬੋਮਵਿਟਾਨ॥

 

 

ਮਿਹਰਬਾਨੀਕਰਨਵਾਲੇਦਾਪੁੱਤਰ, ਸ਼੍ਰੀਮਾਨ

ਅਗਨੀਪਾਨੀਬਹੁਤਦੁਸ਼ਟਵਿਦਾਰਿਣੀ

 

ਧੂੰਆਂਧੂੰਆਂ

ਸ਼ੁੰਭਨਿਸ਼ੂਮਭਮਥਾਨੀਵਰਲੋਚਨੀ

 

ਸਹਸਭੁਜੀਸਰੋਰੁਹਮਾਲਿਨੀ।

ਚਮੁੰਡੇਮਾਰਘਾਟਦੀਵਸੁੰਦੀ

 

ਖਾਪਰਮੱਧਸੁਨਹਿਰੀਸਾਜੀ।

ਮੇਰਹੁਮੈਮਹਿਸਾਸੁਰਪਾਜੀ॥

 

ਅੰਬਅੰਬਿਕਾਚੰਦਚੰਦਿਕਾ।

ਸਾਰੇਏਕੇਤੁਸੀਂਆਦਿ.

 

ਅਜਾਇਕਸਾਰਤਾਬਹੁਪ੍ਰਿਯਮ੍।

ਸੰਪੂਰਨਪਾਤਰਤਵਸ਼ਕਤੀਅਨੂਪਾ॥

 

ਕਲਕੱਤਾਦਾਦੱਖਣੀਗੇਟ.

ਮੂਰਤਿਕੋਮਹੇਸ਼ੀਅਪਾਰੇ॥

 

ਕਦੰਬਰੀਪੰਰਤਸ਼ਿਆਮਾ।

ਜੈਮਤੰਗੀਕਾਮਾਧਾਮਾ

 

ਕਮਲਾਸਨਵਾਸਿਨੀਕਮਲਾਯਾਨੀ।

ਜੈਸ਼ਿਆਮਾਜੈਜੈਸ਼ਿਆਮਣੀ.

 

ਮਤੰਗੀਜੈਜੈਯਤਿਪ੍ਰਕ੍ਰਿਤੀਹੈ।

ਜੈਯਤਿਭਕਤਿਉਰਕੁਮਤੀਸੁਮਤੀਹੈ

 

ਕੋਟਿਬ੍ਰਹ੍ਮਸ਼ਿਵਵਿਸ਼੍ਣੁਕਾਮਦਾ।

ਜਯਤਿਅਹੰਸਾਧਰਮਜਨਮਦਾ॥

 

ਪਾਣੀਨਾਲਜੁੜੇਗਲਿਆਰੇਵਿੱਚਕਾਰੋਬਾਰ.

ਸੌਦਾਮੀਨੀਮਿਡਲਅਲਾਪਿਨੀ.

 

ਜਹਾਨਨਂਤਾਚ੍ਰੁਮਾਰੀਂਨਦਿਨੀ।

ਜੈਸਰਸਵਤੀਵੀਨਾਵਡਿਨੀ॥

 

ॐਮੈਂਇੱਥੇਅਜ਼ਾਦਹਾਂ

ਕਲਿਤਘੋੜੀਸ਼ੋਭਿਤਨਰਮੁੰਡਾ॥

 

ਜੈਬ੍ਰਹਮਸਿੱਧੀਕਵੀਮਾਤਾ.

ਕਾਮਾਖਿਆਅਤੇਕਾਲੀਮਾਤਾ

 

 

ਹਿੰਗਲਾਜਵਿੰਡਿਆਚਲਵਾਸਿਨੀ.

ਅਥਾਸਿਨੀਅਰੁਅਘਨਨਾਸਿਨੀ॥

 

ਮੈਂਅਖੰਡੇਦੀਕਿੰਨੀਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾਕਰਾਂ?

ਤੁਸੀਂਬ੍ਰਹਮਾਂਦੇਸ਼ਕਤੀਜੀਤਚੰਦੇ

 

ਕਰਦੁਕ੍ਰਿਪਾਸਭੈਜਗਦੰਬਾ

ਰਹਿਨਨਿਸ਼ਾਂਕਤੋਂਅਲਾੰਬਾ

 

ਚਤੁਰਭੁਜੀਕਾਲੀਤੁਮਸ਼ਿਆਮਾ।

ਰੂਪਤੁਮ੍ਹਾਰਮਹਾਅਭਿਰਾਮ

 

ਖੜਗਅਤੇਖਾਪੜਦੁਆਰਾਸੋਹਤ.

ਸੁਰਨਰਮੁਨੀਹਰਕੋਈਮੋਹਿਤਹੈ

 

ਜਿਸਨੂੰਤੇਰੀਅਸੀਸਮਿਲੇ

ਬਿਮਾਰੀਸੋਗਨਹੀਂਹੋਵੇਗੀ

 

ਜਿਸਨੇਇਹਛਲਿਸਾਪੜ੍ਹਿਆ.

ਭਗਵਾਨਤੁਹਾਡਾਭਲਾਕਰੇ

 

 ॥ਦੋਹਾ॥

ਜੈਕਪਾਲਿਨੀਜੈਸ਼ਿਵਾ,

ਜੈਜੈਜੈਜਗਦੰਬ।

 

ਸਦਾਦੁਖੀਭਗਤ, ਦੁਖੀਆਤਮਾ,

ਮਤੁਸਪੋਰਟ.

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥

तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥

परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥

महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥

जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥

चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥

रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥

चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥

दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥

कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥

देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥

विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥

तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥

ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥

देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥

भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥

जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥

दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥

चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥

पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥

मैं शरणागत मात तिहारी।
करौं आय अब मोहि सुखारी॥

सुमिरौ महा कालिका माई।
होउ सहाय मात तुम आई॥

धरूँ ध्यान निश दिन तब माता।
सकल दुःख मातु करहु निपाता॥

आओ मात न देर लगाओ।
मम शत्रुघ्न को पकड़ नशाओ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी।
पूरण हो अभिलाषा सारी॥

मात करहु तुम रक्षा आके।
मम शत्रुघ्न को देव मिटा को॥

निश वासर मैं तुम्हें मनाऊं।
सदा तुम्हारे ही गुण गाउं॥

दया दृष्टि अब मोपर कीजै।
रहूँ सुखी ये ही वर दीजै॥

नमो नमो निज काज सैवारनि।
नमो नमो हे खलन विदारनि॥

नमो नमो जन बाधा हरनी।
नमो नमो दुष्टन मद छरनी॥

नमो नमो जय काली महारानी।
त्रिभुवन में नहिं तुम्हरी सानी॥

भक्तन पे हो मात दयाला।
काटहु आय सकल भव जाला॥

मैं हूँ शरण तुम्हारी अम्बा।
आवहू बेगि न करहु विलम्बा॥

मुझ पर होके मात दयाला।
सब विधि कीजै मोहि निहाला॥

करे नित्य जो तुम्हरो पूजन।
ताके काज होय सब पूरन॥

निर्धन हो जो बहु धन पावै।
दुश्मन हो सो मित्र हो जावै॥

जिन घर हो भूत बैताला।
भागि जाय घर से तत्काला॥

रहे नही फिर दुःख लवलेशा।
मिट जाय जो होय कलेशा॥

जो कुछ इच्छा होवें मन में।
सशय नहिं पूरन हो क्षण में॥

औरहु फल संसारिक जेते।
तेरी कृपा मिलैं सब तेते॥

॥ दोहा ॥

दोहा महाकलिका कीपढ़ै नित चालीसा जोय।
मनवांछित फल पावहि गोविन्द जानौ सोय॥

।। इति महाकाली चालीसा समाप्त ।।

CHALISA IN TAMIL

॥தோஹா

ஜெய்ஜெய்சீதாராம்,

மத்தியவாசினிஅம்ப்.

 

தேஹுதர்ஷாஜக்தாம்ப்,

இப்போதுதாமதிக்கவேண்டாம்

 

ஜெய்தாராஜெய்காளிகா,

ஜெய்தாஸ்வித்யாவிருந்த்.

 

கருப்புசாலிசா,

ஒருசித்திகவிஞர்ஹிந்த்

 

படிக்கஅதிகாலையில்எழுந்து,

துபஹாரியாஅல்லதுமாலை.

 

வறுமையின்வேதனைகள்நீங்கட்டும்,

அனைத்துவேலைகளும்நிறைவேற்றப்படவேண்டும்

 

 ॥கட்டு ॥

ஜெய்காளிஎலும்புக்கூடுமாலினி.

ஜெய்மங்களமகாகபாலினி

 

ரத்தகரடிகளின்தாய்.

எப்போதும்உண்மையுள்ளபக்தர்

 

ஷிரோமாலிகாபோசிட்ஆங்கே.

ஜெய்காளிஜெய்மத்யாமாடங்கே

 

ஒவ்வொருஹிருதயர்விந்த்சுவிலாசினி.

ஜெய்ஜகதம்பமொத்ததுக்கம்நாஷினி

 

ஸ்ரீகாளிஸ்ரீமகாகலி.

கிரின்கல்யாணிதட்சிநாகலி

 

ஜெய்கலாவதிஜெய்வித்யாவதி.

ஜெய்தாராசுந்தரிமகாமதி ॥

 

தேஹுசுபுதிஹர்ஹுஅனைத்துநெருக்கடிகளும்.

ஹோஹுபக்தருக்குமுன்னால்பர்கட்.

 

ஜெய்ஓம்கரேஜெய்ஹங்கரே

மகாசக்திஜெய்உபம்பரே ॥

 

கமலாகலியுக்தாருப்வஷிஷினி.

நித்தியமக்களுக்குபயந்தமக்கள்

 

இப்போதுஜெகதாம்ப்தாமதமாகவில்லை

சோகமயில்மயில்

 

ஜெயதிகரல்காளிகாமாதா.

பெருங்குடல்போன்றபாலூட்டுதல்

 

ஜெயசங்கரிசுரேஷிசனாதானி.

கோட்டிசித்திகவிஞர்மாதுபுராணி

 

கபர்தினிகாளிகல்ப்பிமோச்சனி.

ஜெய்புதியநலின்வில்லோச்சனியைஉருவாக்கினார்

 

ஆனந்த்கரணிஆனந்த்நிதனா.

தேஹமத்துமோஹிநிர்மல்கயானா ॥

 

இரக்கமுள்ளசாகர்கிருபமாயி.

ஹோஹுதுன்மார்க்கர்கள்இப்போதுஇரக்கமற்றவர்கள்

 

மொத்தஉயிரினம்இறுதிகாதலி.

மொத்தஉலகதாரேஆதார்

 

ஹோலோகாஸ்ட்சகாப்தத்தில்நார்டன்கரினி.

ஜெய்ஜனனிசப்ஜக்கிபழனி

 

மஹோதரிமகேஸ்வரிமாயா.

ஹிம்கிரிசுட்டாஉலகின்நிழல்

 

ஸ்வச்சந்த்ராட்மார்ட்தினிமஹி

கர்ஜத்தும்ஹிமற்றும்கou நஹி

 

ஸ்பூர்த்திமன்னிகர்பிரதானா.

தரகன்துபீம்விட்டேன்

 

திரு. டேர், நற்பண்புள்ளவரின்மகன்.

அக்னிபானிமிகவும்பொல்லாதவிதரினி

 

புகைஉள்ளிழுத்தல்

ஷும்ப்நிஷும்ப்மதானிவர்லோச்சனி

 

சஹாஸ்பூஜிசரோருமாலினி.

சாமுண்டேமார்கட்டின்வசுண்டி

 

கப்பர்நடுத்தரஅழகுபடுத்தப்பட்டசஜி.

மரேஹுமாமஹிஷாசுராபாஜி

 

 

அம்ப்அம்பிகாசந்த்சண்டிகா.

அனைத்துஏ.கேநீங்கள்முதலியன.

 

அஜாசீரானபாலிமார்பிசம்.

முழுமையானபாத்திரம்தவ்சக்திஅனுபா

 

கல்கத்தாவின்தெற்குவாயில்.

மூர்த்திமுதல்மகேஷிஅபரே

 

கடம்பரிபன்ரத்ஷியாமா.

ஜெய்மாதங்கிகாமகேதமா

 

கமலாசன்வாசினிகமலயானி.

ஜெய்ஷியாமாஜெய்ஜெய்ஷியாமணி ॥

 

மாதங்கிஜெய்ஜெயதிபிரகிருதி.

ஜெயதிபக்திஉர்குமதிசுமதிஹை

 

கோதிபிரம்சிவன்விஷ்ணுகாமதா.

ஜெயதிஅஹிம்சாதர்மஜன்மதா

 

நீர்உள்நுழைந்தநடைபாதையில்வணிகம்.

சதமினிமத்தியஅலபினி ॥

 

 

ஜனனன்தச்ருமரின்நாடினி.

ஜெய்சரஸ்வதிவீணாவாடினி

 

ॐநான்இங்கேசுதந்திரமாகஇருக்கிறேன்.

காளித்பள்ளத்தாக்குஷோபித்நரமுண்டா

 

ஜெய்பிரம்சித்திகவிஞர்தாய்.

காமாக்யாமற்றும்காளிமாதா

 

ஹிங்லாஜ்விந்தியாச்சல்வாசினி.

அத்தாசினிஅருஅகன்நாஷினி

 

அகண்டேவைநான்எவ்வளவுபுகழவேண்டும்

நீங்கள்பிரம்மந்தேசக்திஜித்சாண்டே

 

கர்துகிருபாசப்பேஜகதம்பா

ரஹின்நிஷாங்க்முதல்அவ்லாம்பாவரை

 

சதுர்பூஜிகாளிதும்ஷியாமா.

ரூப்தும்ஹர்மஹாஅபிராமா

 

காட்மற்றும்கபரால்சோஹத்.

சுர்நர்முனிஎல்லோரும்கவரப்படுகிறார்கள்

 

 

யார்உங்கள்ஆசீர்வாதங்களைப்பெறுகிறார்களோ

நோய்துக்கமாகஇருக்காது

 

இந்தசாலிசாவைப்படிப்பவர்.

கடவுள்உன்னைஆசிர்வதிக்கட்டும்

 

 ॥தோஹ ॥

ஜெய்கபாலினிஜெய்சிவா,

ஜெய்ஜெய்ஜெய்ஜக்தாம்ப்.

 

எப்போதும்சோகமானபக்தர், துக்கமானஆத்மா,

மாதுஆதரவு ॥

CHALISA IN TELUGU

॥దోహా॥

జైజైసీతారాం,

మధ్యవాసినిఅంబ.

 

దేహుదర్శజగదాంబ్,

ఇప్పుడుఆలస్యంచేయవద్దు

 

జైతారాజైకలికా,

జైదాస్విద్యాబృందా.

 

బ్లాక్చాలిసా,

సిద్ధికవిహింద్

 

చదవడానికిఉదయాన్నేలేచి,

దుపహరియలేదాసాయంత్రం.

 

పేదరికంయొక్కబాధలుతొలగిపోతాయి,

అన్నిపనులునెరవేర్చాలి

 

 ॥బౌండ్ ॥

జైకాళిఅస్థిపంజరంమాలిని.

జైమంగళమహాకపాలిని

 

బ్లడ్బేర్స్తల్లి.

ఎల్లప్పుడూనమ్మకమైనభక్తుడు

 

షిరోమాలికాభోసిత్ఆంగ్యే.

జైకాళిజైమాధ్యమాతంగే

 

ప్రతిహృదయార్వింద్సువిలసిని.

జైజగదాంబస్థూలదుఖంనాషిని

 

శ్రీకాశీశ్రీమహాకాళి.

క్రిన్కళ్యాణిదక్షిణాకళి

 

జైకళావతిజైవిద్యావతి.

జైతారాసుందరిమహామతి ॥

 

దేహుసుబుధిహర్హుఅంతాసంక్షోభం.

హోహుభక్తుడిముందుపర్గత్.

 

జైఓంకరేజైహుంకారే

మహాశక్తిజైఉపంపారే ॥

 

కమలకలియుగ్దారుప్వశిషిని.

నిత్యప్రజలభయపడేప్రజలు

 

ఇప్పుడుజగదాంబ్ఆలస్యంకాలేదు

విచారంనెమలినెమలి

 

జయతికరాల్కలికామాతా.

పెద్దప్రేగుమాదిరిగానేచనుబాలివ్వడం

 

 

జయశంకరిసురేషిసనాతనీ.

కోటిసిద్ధికవిమాతుపురాణి

 

కపర్దినికాళికల్ప్బిమోచాని.

జైకొత్తనలిన్విలోచనినిఅభివృద్ధిచేశాడు

 

ఆనంద్కరణిఆనంద్నిధన.

దేహుమాతుమోహినిర్మల్జ్ఞాన ॥

 

కారుణ్యసాగర్కృపామాయి.

హోహుదుర్మార్గులుఇప్పుడుక్రూరంగాఉన్నారు

 

స్థూలజీవిఅంతిమప్రియమైనది.

స్థూలప్రపంచతారేఆధార్

 

హోలోకాస్ట్యుగంలోనార్టన్కరిని.

జైజనానిసబ్జగ్కిపళని

 

మహోదరిమహేశ్వరిమాయ.

హిమ్గిరిసుత్తాప్రపంచనీడ

 

స్వచంద్రాడ్మార్డ్ధనిమాహి

గార్జాత్తుమ్హిమరియుకౌనహి

 

స్ఫుర్తిమణిగర్ప్రతనా.

తారగన్తుబీమ్విటానే

 

మిస్టర్డేర్, దయగలకుమారుడు.

అగ్నిపాణిచాలాదుష్టవిదరిని

 

పొగపీల్చడం

శంభ్నిశుంబ్మథానివర్లోచని

 

సహస్భుజీసరోరుహ్మాలిని.

చాముండేమార్గట్యొక్కవాసుండి

 

ఖాపర్మిడిల్బ్యూటిఫైడ్సాజి.

మరేహుమామహిషాసురపాజీ

 

అంబఅంబికాచంద్చండికా.

అన్నిమీరుమొదలైనవి.

 

అజాఏకరూపతపాలిమార్ఫిజం.

సంపూర్ణపాత్రతవ్శక్తిఅనుప

 

 

కలకత్తాసౌత్గేట్.

మూర్తినుండిమహేషిఅపారే

 

కదంబరిపన్రత్శ్యామా.

జైమాతంగికామకేధమా

 

కమలాసన్వాసినికమలయాని.

జైశ్యామాజైజైశ్యామణి ॥

 

మాతంగిజయజయతిప్రకృతి.

జయతిభక్తిఉర్కుమతిసుమతిహై

 

కోటిబ్రహంశివవిష్ణుకామడ.

జయతిఅహింసాధర్మజన్మద

 

నీటిలాగిన్కారిడార్‌లోవ్యాపారం.

సౌదామినిమిడిల్అలపిని ॥

 

ానానన్తాక్రుమారిరిన్నాదిని.

జైసరస్వతివీణవాదిని

 

 

ॐనేనుఇక్కడస్వేచ్ఛగాఉన్నాను.

కలిత్జార్జ్శోభిత్నారాముంద

 

జైబ్రహ్మసిద్ధికవితల్లి.

కామాఖ్యామరియుకాళిమాతా

 

హింగ్లాజ్వింధ్యచల్వాసిని.

అత్తాసినిఅరుఅఘన్నాషిని

 

నేనుఅఖండేనుఎంతగాప్రశంసించాలి

మీరుబ్రహ్మండేశక్తిజిత్చందే

 

కర్డుకృపాసబ్పేజగదంబ

రహీన్నిశాంక్టుఅవ్లాంబ

 

చతుర్భుజికాళితుమ్శ్యామా.

రూప్తుమ్హార్మహాఅభిరామ

 

ఖాద్గ్మరియుఖాపర్చేతసోహ్ట్.

సుర్నార్మునిఅందరూఆకర్షితులయ్యారు

 

ఎవరైతేమీఆశీర్వాదంపొందుతారు

వ్యాధిసంతాపంకాదు

 

ఈచాలీసాచదివినవాడు.

దేవుడునిన్నుదీవించును

 

 ॥దోహా॥

జైకపాలినిజైశివ,

జైజైజైజగదాంబ్.

 

ఎల్లప్పుడూవిచారకరమైనభక్తుడు, దుorrow ఖకరమైనఆత్మ,

మాటుమద్దతు ॥

CHALISA IN URDU

॥دوحہ۔॥

جئےجئےسیتارام،

مدھیواسینیامب۔

 

دھودرشہجگدیم،

ابتاخیرنہکیج.

 

جئےتاراجئےکالیکا،

جئےداسودیاورند۔

 

 

سیاہچالیسہ،

ایکسدھیشاعرہند۔

 

صبحسویرےاٹھنےکےلئے،

دوپہریایاشام۔

 

غربتکیاذیتیںدورہونےدیں،

تمامکامپورےہونےچاہئیں

 

 ॥پابند ॥

جئےکلیسکیلٹنمالینی۔

جئےمنگلامہاکپالینی۔

 

بلڈبیئرکیماں۔

ہمیشہوفادارعقیدتمند

 

شیروملیکابھوسیٹانگے۔

جئےکالیجئےمدیاماتنگے

 

ہردلداروندسوویلاسینی۔

جئےجگدبہگراسغمناشینی۔

 

شریکلیشریمہاکالی۔

کرینکلیانیجنوبیکالی۔

 

جئےکالاوتیجئےودیاوتی۔

جئےتاراسندریمہامتی ॥

 

دھوسبودھیہڑھوتمامبحران۔

ہوگوبھکتکےسامنےپرگت۔

 

جئےاومکرےجئےہنکارے

مہاطاقتجئےاپمپارے ॥

 

کمالہکالیگداروپواشیینی۔

لازواللوگوںکےخوفزدہلوگ

 

ابجگادمبکودیرنہیںہوئی

اداسیمیورمور

 

جئےتیکرنالکالیکاماتا۔

بڑیآنتسےمشابہت

 

جیاشکریسوریشیسناتنی۔

کوٹیسدھیشاعرمتوپورانی۔

 

کپردینیکالیکلپبیموچانی۔

جئےنےترقیکینئینلنویلوچانی۔

 

آنندکرنانیآنندندھانا۔

دیہوماتوموہینرملگیانا ॥

 

ہمدردساگرکرپماyی۔

ہوہوبدکاراببےرحم۔

 

مجموعیمخلوقحتمیمحبوبہے۔

مجموعیدنیاتارےآدھار۔

 

ہولوکاسٹکےدورمیںنارتنکرینی۔

جئےجانانیسبجگکیپالانی

 

مہودریمہیشوریمایا۔

ہیمگریسوتہدنیاکاسایہ۔

 

سوچندراڈمرددھنیماہی

گرجتتمھیتےکوؤنہیں۔

 

اسپورتھیمننیگرپریتانا۔

تراگنٹوبیوموٹانے۔

 

مسٹرہمت،خیربخشکابیٹا۔

اگنیپانیبہتشریرودرینی

 

دھواںسانس

شمبھنشومبھمتھانیورلوچانی

 

سہسبھوجیسوروحمالینی۔

چموندےمارگھٹکیواسندی

 

کھپردرمیانیخوبصورتیساجی۔

ماریہومامہیشوراپاجی۔

 

امبامبیکاچندچندیکا۔

تماماےکےآپوغیرہ

 

ایجایکسانیتکیکثیرالمثالیت۔

مطلقکردارتاوطاقتانوپا۔

 

کلکتہکاساؤتھگیٹ۔

مورتیتامہشیاپارے॥

 

کدامبریپینتشیامہ۔

جئےماتنگیکمادھما

 

کمالسانوسینیکمالانی۔

جئےشیامہجئےجیشیامانی ॥

 

ماتنگیجئےجیاٹیپراکرتیہیں۔

جےتیبھکتیاورکمتیسمتیہے

 

کوٹیبراہمشیووشنوکمڈا۔

جئےتیآہنسادھرمجنماڈا۔

 

واٹرلاگڈکوریڈورمیںکاروبار

سعودیمینیمشرقالاپینی ॥

 

جھاننانٹچروماریننادینی۔

جئےسرسوتیویناواڈینی۔

 

ॐمیںیہاںآزادہوں۔

کلیتگھاٹیشوبیتنارمنڈہ۔

 

جئےبرہمسدھیشاعرماں۔

کامکھیااورکالیماتا

 

ہنگلاجونڈیاچلواسنی۔

اتھاسینیاروآغانناشینی۔

 

مجھےآخندےکیکتنیتعریفکرنیچاہئے

آپبرہمنڈےشکجیتچاندے

 

کاردوکرپاسبپےجگدبہ

راہیننشانکسےاولمبا

 

چتوربھوجیکالیتمشیامہ۔

روپتمھاراماحیاڑامہ

 

سوہتبہکھڈگاورکھپر۔

سورنارمونیہرکوئیمتوجہہے

 

جسکوبھیآپکیبرکتملے

بیماریسوگنہیںہوگی

 

جسنےیہچالیسہپڑھا۔

اللہاپپررحمتکرے

 

 ॥دوحہ۔

جئےکپلینیجئےشیو،

جئےجئےجئےجگدیمب۔

 

ہمیشہغمگینعقیدتمند،غمزدہروح،

متوسپورٹ ॥

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