SANTOSHI MAA CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

॥ দোহা ||
শ্ৰী গণপতি পদ নাই হেড, ধিহি শৰদা ধ্যান।
সন্তোষী মা’ৰ কৰুণ, কীৰ্তি সকাল বখান ||
॥ চৌপাই ||
জয় সন্তোহি মা জগ জননি। খাল মাটি ৰগ দানৱ পাৰ্টি এনানিছ ||
গণপতি দেৱ আপোনাৰ তাইতা। ৰিধি সিদ্ধি কলাৱন মাতা|

মাক-দেউতাকৰ ৰাহু ডুলাৰী। কীৰ্তিৰ পদ্ধতিক আপোনাৰ বুলি কোৱা হয়।
ক্ৰেট মুকুট মুৰ অনুপম গধুৰ। কানন কুণ্ডলে ছবি ন্যাৰী || লাভ কৰে

ছোহাট অংগ ৰঙৰ ছবি কিউটি। সুন্দৰ ৰিপ সোণালী ষ্ট্ৰাইপ।
আপুনি চতুৰ্ভুজ ভাল। কাৰহু আলিঙ্গন বন মালা ধৰি ৰাখক|

ওচৰত গৰু আছে, অমিত ডাউলি। কৰহু ময়ৰ তুমি আস্বৰী।
আপোনালোক সকলোকে জনা প্ৰভু। সুৰ নাৰ মুনি সকলো কাৰহইন ব্ৰাদি।

তুমহাৰে দৰ্শ কৰত মুহূৰ্ত মাই। দুখসকলো নাচাই নাচাই।
বেদবোৰ আছিল পুৰাণ। আপুনি কাৰ্হু ভক্তসকলৰ ভিতৰত এজন।

ব্ৰহ্মা ধািং সৰস্বতী কহাই। লক্ষ্মীয়ে বিষ্ণু ধািং আই গঠন কৰে।
শিৱ দিং গীৰ্জায়ে বিৰজী গঠন কৰে। তিনিটা লোক গাজী ||ত গৌৰৱ

শক্তি-প্ৰপত্ৰ প্ৰকাশক হ’বলৈ। ৰুদ্ৰ ৰূপ মায়াম ভৱানী ||
দুষ্ট আগ্ৰহে ক’লা প্ৰকাশ কৰে। জাগগ জ্যোতি প্ৰচণ্ড নিৰালি ||

চান্দ মুণ্ড ম’হসুৰাক হত্যা কৰা হৈছিল। আৰম্ভণিৰ আৰম্ভণি হৈছে অসুৰ ৱানি দেৰে।
মহিমান্বিত বেদ পুৰণ বৰ্ণী। বিশেষ ভক্ত হৰনীৰ সংকট।

ফৰ্ম শৰদ হংস মোহিতি। নিৰ্কাৰ কৰ্পোৰিয়েল ৰাইট।
প্ৰগটাই আপত্তিজনক বিশেষ মাইয়া। কণা কণাটো তীক্ষ্ণ সময়ত আছে।

পৃথিৱী ৰ’ন মুন আৰু তাৰকা। তাভা পইণ্টবোৰ ক্ৰমত আছে।
আপুনি প্ৰতিপালন নকৰে। মুহূৰ্তটো ভঙ্গুৰ প্ৰণত আছে।

ব্ৰহ্মা বিষ্ণুৱে আপোনাৰ ওপৰত ধ্যান কৰিব। বাকী মহেশ সদা মন লাৱে।
মানসিক ভৰ্তি কৰা। পাপা ভয় হ’ব পাৰে।

আপোনাৰ মন টো আছে। গতিকে পুৰুষহৈছে সুখৰ সম্পত্তি।
আবদ্ধ নাৰী আপুনিই ধ্যান কৰে। পুষ্পা লতা চাম হে পাৱন।

স্বামী বিযোগী চৰম বিচলিত। আপুনি সংযোগ বিচলিত হৈছে।
এজন বীৰযযযিয়ে আপোনাৰ ওপৰত ধ্যান কৰে। আপোনাৰ মন আকাঙ্ক্ষিত আৰু পাৱাই।


নগৰীয়া গুণী হওক। আপোনাৰ লোকসকলৰ নাও।
আইনৰ দ্বাৰা এটা মানত যি টো যি হয়। তাহি অমিত সুখ এটা সম্পত্তি।

গুড় আৰু চানা হৈছে আগ্ৰহ। সেৱা কৰাই গতিকে দুখৰ |
শ্ৰদ্ধাৰে ধ্যান। গতিকে, আপুনি পুৰুষৰ বিশ্বাস ৰাখিব পাৰে।

আপুনি কৰা বাগিচা। তাকো সাহাজা কাৰ্হু চেলভেজ|
এটা অতি সুন্দৰ মানত। সুখ সম্পত্তি, ডক নিয়োগ।

সুমোৰত ৰ দৰে মন। গতিকে পুৰুষ ভাছো হৈছে ফল পাভা।
সাতটা শুক্ৰ যিটো এটা দ্ৰুত মন। সম্পূৰ্ণ মানসিকতা আৰু অধিক লওক।

সেৱা কৰি ভক্তি যুথ যোই। টাকো দূৰৰ দুৰ্ধৰ্ঘ্য।
আপোনাক আশ্ৰয় দিয়া লোকসকল। এই মুহূৰ্তত, কবজ টো তৈয়াৰ কৰা হৈছিল।

জয় জয় অম্বে কল্যাণী। অনুগ্ৰহ কৰি কাৰু মৰি মহাৰাণী|
যিয়ে চালিচা পঢ়ে। টেপ কৰহইন কৃপা জগদীচা ||
পাঠৰ এটা প্ৰতিলিপি। গতিকে পুৰুষ হওক, আপোনাৰ সুন্দৰ।
‘ লিথ’ নামৰ নামটো সকলো আঁতৰি গৈছিল। ৰোগৰ ত্ৰুটি কেতিয়া অনা নহ’ব।


॥ দোহা ||
ঘৃণাকৰা মাতৃৰ চিৰস্থায়ী, অসমিদাচ কণ্ঠ।
পূৰ্ণ মানসিকতা, সকাল, মা-ইন-হাৰু ভাৱ।

CHALISA IN BENGALI

|| দোহা ||
শ্রী গণপতি পদ নয়ি মাথা, ধরি হি শারদা ধ্যান।
সন্তোষ মা করুণ কীর্তি সঙ্কল বাখন।

|| বাউন্ড ||
জয় সন্তোষী মা জগ জনানী। খল মাতি দুষ্ট দানব দল হান্নি
গনেশ আপনার প্রিয়। রিদ্ধি সিদ্ধিকে মা বলা হয়

পিতামাতার দুলারি সাহস করি। কের্তি কেহি কেহি লৈ কাহানী আইয়ী
মুকুট হেড অনুপম ভারী ভারী। ছবিটি কানন কুন্ডালের কাছে

সোহাত আং ছাত ইমেজ চটি। সুন্দরী রাগ সোনার স্ট্রিপ।
তুই চতুর্ভুজ সুগদ বিশলা। ধরনা করহু আলিঙ্গ বন মালা।

 

গৈ অমিত দুলারি কাছে। করহু ময়ূর, আপনি অসম্পূর্ণ
তুমি সবাই জানো প্রভুতাই সুর ​​নার মুনি সব করি ভানি হৈ

আমি আপনার জন্য দুঃখিত। দুঃখ দরিদ্র, সবাই নাসাই যায়।
বেদ পুরাণ বিখ্যাত ছিল। করু ভক্ত কি সাহি হ্যায়

বলেছিলেন ব্রহ্মা ধীং সরস্বতী। লক্ষ্মী রূপ বিষ্ণু ধিং চোখ।
বিরাজী হিসাবে শিব ধিং গির্জা। গৌরব তিনটি বিশ্বের জন্য

জনি শক্তি আকারে উদ্ভাসিত। রুদ্র রূপ ভাই মাত ভবানী।
অশুভ আগ্রহটি কালো হিসাবে প্রকাশিত হয়েছিল। জগমগ জ্যোতি প্রচন্ড নিরালী ||

চাঁদ মুন্ড মহিষাসুরকে হত্যা করেছিলেন। শুম্ভ নিশুম্ভ অসুর হান সাহে
মহিমা বেদ পুরাণন বারানী। ব্যক্তিগত নিষ্ঠার সংকট

রূপ শারদা হংস মোহিনী। নিরাকার ঠিক বুঝে।
প্রগাতই চহুন্দীশ নিজ মায়া। কণা কণা একটি দ্রুত সময় আছে।

পৃথিবী তারকারা সূর্য চন্দ্র অরু। সমস্ত নির্দেশিত ক্রম ক্রমযুক্ত।
আপনি লালন-পালন করবেন না ভঙ্গুর মুহুর্তে কথা বলেছেন


ব্রহ্মা বিষ্ণু আপনার প্রতি খুব নিবেদিত। বাকি সবসময় মহেশ মনে রাখে
পূরণ করার ইচ্ছা আপনি পাপ কাটাতে পারেন

আপনার মন মনোযোগ দিন। সুতরাং লোকটি ধন এবং সুখের সন্ধান করে।
বান্ধি নারি তুমহেং জো ধায়ান। পুত্র পুষ্প লতা সাম সে পাঃ।

স্বামী অসমর্থিত হাইপারবোলিক। আপনি সংযোগ বিচ্ছিন্ন, খুব বিরক্ত।
যে মেয়েটি তোমার যত্ন করে। আপনার মনকে আপনার কাঙ্ক্ষিত বর করুন

শিলওয়ান পুণ্যবান, আমার প্রিয়। আপনার লোকদের নৌকা নৌকা
যে কেউ আইনত রোজা রাখে। তাহি অমিত সুখ সম্পত্তি ভরে না

গুড় ও ছোলা উপভোগ করা হয়। পরিবেশন করুন, আনন্দ পাভই
ধ্যান যে শ্রদ্ধা রাখে না। সুতরাং দয়া করে পুরুষ সম্পর্কে নিশ্চিত হন।

আপনার ব্যবসাটি আপনার হওয়া উচিত। তকো সহজ করহু নিস্তারা।
নারি সুহাগিন দ্রুত যা করত। আনন্দের সাথে প্রচুর ডক ock

যা মেজাজের মতো সুতরাং মানুষ একই ফল পেতে।
সাতটি শুক্র যে উপবাস করে বাসনা পূর্ণ


সেবা করহি ভক্তি যুত জো । দরিদ্র দুঃখ দূর কর
যা তোমার মায়ের আশ্রয়। এক মুহুর্তের মধ্যে একটি কব্জা তৈরি করুন

জয় জয় জয় আমে কল্যাণী। দয়া করে মরি মহারাণী।
যার পড়াশোনা, চালিশা তপ করহিন কৃপা জগদীশা।
প্রতি পাঠ কর খাও একাই বড়া তো মানুষ, তোমার প্রিয়।
নাম লেট ব্যায়দা সবাই পালিয়ে গেল। কখন আমার এই রোগ হওয়া উচিত নয়||

|| দোহা ||
সর্বদা সুখী শ্বাশুড়ি, শাশুড়ি
আপনি সম্পূর্ণ আশাবাদী হতে পারেন, হারু ভাব ট্র্যাজেডি ছাড়িয়ে যান।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN ENGLISH

॥ Doha ॥
Shri Ganapati Pada Naya Sira, Dhari Hiya Sharada Dhyana।
Santoshi Maa Ki Karun, Kirati Sakala Bakhana॥
॥ Chaupai ॥
Jai Santoshi Maa Jaga Janani। Khala Mati Dushta Daitya Dala Hanani॥
Ganapati Deva Tumhare Tata। Riddhi Siddhi Kahalavahan Mata॥

Mata-Pita Ki Rahau Dulari। Kirati Kehi Vidhi Kahun Tumhari॥
Krita Mukuta Sira Anupama Bhari। Kanana Kundala Ko Chhavi Nyari॥

Sohata Anga Chhata Chhavi Pyari। Sundara Chira Sunahari Dhari॥
Apa Chaturbhuja Sughada Vishala। Dharana Karahu Gale Vana Mala॥

Nikata Hai Gau Amita Dulari। Karahu Mayura Apa Asavari॥
Janata Sabahi Apa Prabhutayi। Sura Nara Muni Saba Karahi Badai॥

Tumhare Darasha Karata Kshana Mayi। Dukha Daridra Saba Jaya Nasayi॥
Veda Purana Rahe Yasha Gayi। Karahu Bhakata Ki Apa Sahai॥

Brahma Dhinga Saraswati Kahai। Lakshmi Rupa Vishnu Dhinga Ayi॥
Shiva Dhinga Girija Rupa Viraji। Mahima Tinon Loka Me Gaji॥

Shakti Rupa Pragati Jana Jani। Rudra Rupa Bhaya Mata Bhavani॥
Dushtadalana Hita Pragati Kali। Jagamaga Jyoti Prachanda Nirali॥

Chanda Munda Mahishasura Mare। Shumbha Nishumbha Asura Hani Dare॥
Mahima Veda Puranan Barani। Nija Bhaktana Ke Sankata Harani॥

Rupa Sharada Hansa Mohini। Nirankara Sakara Dahini॥
Pragatai Chahundisha Nija Maya। Kana Kana Mein Hai Teja Samaya॥

Prithvi Surya Chandra Aru Tare। Tava Ingita Krama Baddha Hain Sare॥
Palana Poshana Tumahi Karata। Kshana Bhangura Mein Prana Harata॥

Brahma Vishnu Tumahe Nita Dhyavain। Shesha Mahesha Sada Mana Lave॥
Manokamana Purana Karani। Papa Katani Bhava Bhaya Tarani॥
Chitta Lagaya Tumhe Jo Dhyata। So Nara Sukha Sampatti Hai Pata॥
Bandhya Nari Tumahin Jo Dhyavain। Putra Pushpa Lata Sama Vaha Pavain॥

Pati Viyogi Ati Vyakulanari। Tuma Viyoga Ati Vyakulayari॥
Kanya Jo Koi Tumako Dhyavai। Apana Mana Vanchhita Vara Pavai॥

Shilavana Gunavana Ho Maiya। Apane Jana Ki Nava Khivaiya॥
Vidhi Purvaka Vrata Jo Koi Karahi। Tahi Amita Sukha Sampatti Bharahi॥

Guda Aur Chana Bhoga Tohi Bhavai। Seva Karai So Ananda Pavai॥
Shraddha Yukta Dhyana Jo Dharahin। So Nara Nishchaya Bhava So Tarahin॥

Udyapana Jo Karahi Tumhara। Tako Sahaja Karahu Nistara॥
Nari Suhagina Vrata Jo Karati। Sukha Sampatti So Godi Bharati॥

Jo Sumirata Jaisi Mana Bhava। So Nar Vaiso Hi Phala Pava॥
Sata Shukra Jo Vrata Mana Dhare। Take Purna Manoratha Sare॥

Seva Karahi Bhakti Yuta Joyi। Tako Dura Daridra Dukha Hoyi॥
Jo Jan Sharana Mata Teri Avai। Take Kshana Mein Kaja Banavai॥

Jai Jai Jai Ambe Kalyani। Kripa Karau Mori Maharani॥
Jo Koi Padhai Mata Chalisa। Tape Karahin Kripa Jagadisha॥

Nita Prati Patha Karai Ik Bara। So Nara Rahai Tumhara Pyara॥
Nama Leta Byadha Saba Bhage। Roga Dosha Kabahun Nahin Lage॥

॥ Doha ॥
Santoshi Maa Ke Sada, Bandahun Paga Nisha Vasa।
Purna Manoratha Ho Sakala, Mata Harau Bhava Trasa॥

CHALISA IN GUJRATI

|| દોહા॥
શ્રી ગણપતિ પદ નાયી વડા, ધરિ હિ શારદા ધ્યાન.
સંતોષ મા કરૂણ કીર્તિ સંકલ બચ્ચન॥
|| બાઉન્ડ ||
જય સંતોષી મા જગ જાનની. ખલ માટી દુષ્ટ રાક્ષસ ટીમ હન્ની
ભગવાન ગણેશ તમારા પ્રિય છે. રિદ્ધિ સિદ્ધિને માતા કહેવામાં આવે છે

માતાપિતાની દુલારીની હિંમત કરો. કીર્તિ કેહી કાય કહાની આયી
બનાવ્યો તાજ વડા અનુપમ ભારે. કાનન કુંડલની તસવીર

સોહત આંગ છટ ઇમેજ ક્યુટી. સુંદર રાગ સુવર્ણ પટ્ટી॥
તમે ચતુર્ભુજ સુગદ વિશાલા. ધરના કરહુ આલિંગન વન માળા॥

ગ Amit અમિત દુલારી નજીક છે. કરહુ મયુર, તમે અસહ્ય છો
પ્રભુતા, તમે બધાને જાણો સુર નાર મુનિ સબ કરિ ભણી હૈ

હું તમારા માટે દિલગીર છું. ઉદાસી નબળી છે, દરેક નસાઈ તરફ જાય છે.
વેદ પુરાણ પ્રખ્યાત હતું. કરુ ભક્ત કી સહી હૈ


કહ્યું બ્રહ્મા ધિંગ સરસ્વતી. લક્ષ્મી રૂપ વિષ્ણુ ધિંગ આંખ॥
બિરાજી તરીકે શિવ ધિંગ ચર્ચ. મહિમા ત્રણેય જગતનો

જાની શક્તિના રૂપમાં પ્રગટ થઈ. રુદ્ર રૂપ ભાઈ માત ભવાની॥
દુષ્ટ હિત કાળો હોવાનું બહાર આવ્યું હતું. જગમાગ જ્યોતિ પ્રચંડ નિરાલી ||

ચાંદ મુંડે મહિષાસુરાનો વધ કર્યો. શુમ્ભ નિસુંભ અસુર હન દરે
મહિમા વેદ પુરાણન બરાણી. વ્યક્તિગત ભક્તિનો સંકટ

રૂપ શારદા હંસ મોહિની. નિરકર અધિકાર સાક્ષાત્કાર॥
પ્રગટાઇ ચહુંદીશ નિજ માયા. સૂક્ષ્મ કણમાં ઝડપી સમય હોય છે.

પૃથ્વી તારાઓ સૂર્યચંદ્ર અરુ. બધા સૂચવેલા ક્રમ ક્રમમાં છે.
તમે પાલનપોષણ કરતા નથી બરડ ક્ષણમાં બોલ્યા

બ્રહ્મા વિષ્ણુ તમને ખૂબ જ ભક્ત છે. બાકી મહેશ હંમેશા વાંધો
પૂર્ણ કરવા માંગો છો તમે પાપ પાક કરી શકો છો

તમારા મન પર ધ્યાન આપો. તેથી માણસને સંપત્તિ અને સુખ મળે છે.
બંધી નારી તુમ્હેં જો ધ્યાન પુત્ર પુષ્પ લતા સમા તે પાઉ.

પતિ અજાણતાં હાઈપરબોલિક. તમે ડિસ્કનેક્ટ કર્યું, ખૂબ વિક્ષેપિત.
છોકરી જે તમારી સંભાળ રાખે છે. તમારા મનને તમારા ઇચ્છિત વર બનાવો

શીલવાન સદ્ગુણ છે, મારા પ્રિય. તમારા લોકોની બોટ બોટ
કોઈપણ જે કાયદેસર રીતે ઉપવાસ કરે છે. તાહી અમિત સુખ સંપત્તિ ભરો નહીં

ગોળ અને ચણાનો આનંદ લેવામાં આવે છે. પીરસો, આનંદ પાવાઈ
ધ્યાન કે આદર નથી. તેથી કૃપા કરીને પુરુષની ખાતરી કરો.

તમારો વ્યવસાય તમારો હોવો જોઈએ. તકો સહજ કરહુ નિસ્તારા॥
નારી સુહાગિન ઉપવાસ જે કરતો હતો. આનંદ સાથે પુષ્કળ ગોદી

જે મૂડ જેવો છે તો માણસને પણ તે જ ફળ મળે છે.
સાત શુક્ર જે ઉપવાસ કરે છે ઇચ્છાથી ભરેલું રહેવું

સેવા કરહિ ભક્તિ યુત જોઈ. નબળું દુ: ખ દૂર કરો
જે તમારી માતાની શરણ છે. એક ક્ષણ માં એક કબજો બનાવો

જય જય જય અંબે કલ્યાણી. કૃપા કરી મોરી મહારાણી॥
અભ્યાસ કરે છે તે દરેક તપે કરહિં કૃપા જગદિશા॥

પાઠ દીઠ ખાય એક કરો બારા તો માણસ, તારો પ્રિય
નામ સ્વ બાયધા બધા ભાગી ગયા. મને ક્યારે રોગ થવો જોઈએ નહીં||

|| દોહા॥
હંમેશાં સુખી સાસુ, સાસુ
તમે સંપૂર્ણ આશાવાદી બનો, હાર્ ભવ દુર્ઘટનાને વટાવી દો.

CHALISA IN HINDI

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN KANNADA

|| ದೋಹಾ | |
ಶ್ರೀ ಗಣಪತಿ ಪ್ಯಾಡ್ ನಾಯಿ ಮುಖ್ಯಸ್ಥ, ಧರ್ಹಿ ಹಾಯ್ ಶಾರದಾ ಧ್ಯಾನ.
ಸಂತೋಷ್ ಮಾ ಕರೂನ್ ಕೀರ್ತಿ ಸಂಕಲ್ ಬಖಾನ್
|| ಬೌಂಡ್ ||
ಜೈ ಸಂತೋಶಿ ಮಾ ಜಗ ಜನಾನಿ. ಖಲ್ ಮತಿ ದುಷ್ಟ ದೈತ್ಯಾಕಾರದ ತಂಡ ಹನ್ನಿ
ಗಣೇಶ ನಿಮ್ಮ ನೆಚ್ಚಿನವನು. ರಿದ್ಧಿ ಸಿದ್ಧಿಯನ್ನು ತಾಯಿ ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ

ಪೋಷಕರ ಧೈರ್ಯ ದುಲಾರಿ. ಕೀರ್ತಿ ಕೆಹಿ ಕೆಹಿ ಕಾನೂನು ಕಹಾನಿ ಆಯಿ
ಕಿರೀಟ ತಲೆ ಅನುಪಮ್ ಹೆವಿ ರಚಿಸಲಾಗಿದೆ. ಕಾನನ್ ಕುಂಡಲ್ ಚಿತ್ರ

ಸೊಹತ್ ಆಂಗ್ ಾಟ್ ಇಮೇಜ್ ಮೋಹನಾಂಗಿ. ಸುಂದರವಾದ ಚಿಂದಿ ಚಿನ್ನದ ಪಟ್ಟೆ
ನೀವು ಚತುರ್ಭುಜ ಸುಘ್ ವಿಶಾಲಾ. ಧರಣಾ ಕರ್ಹು ಅರಣ್ಯದ ಹಾರವನ್ನು ತಬ್ಬಿಕೊಳ್ಳಿ

ಗೌ ಅಮಿತ್ ದುಲಾರಿ ಹತ್ತಿರದಲ್ಲಿದ್ದಾರೆ. ಕರ್ಹು ಮಯೂರ್, ನೀವು ಅಸಹ್ಯಕರ
ಪ್ರಭುತೈ, ನಿಮ್ಮೆಲ್ಲರನ್ನೂ ತಿಳಿದುಕೊಳ್ಳಿ ಸುರ್ ನರ್ ಮುನಿ ಸಬ್ ಕರ್ಹಿ ಭಾನಿ ಹೈ

ನಾನು ನಿಮಗಾಗಿ ಕ್ಷಮಿಸಿ. ದುಃಖ ಕಳಪೆಯಾಗಿದೆ, ಎಲ್ಲರೂ ನಾಸಾಯಿಗೆ ಹೋಗುತ್ತಾರೆ.
ವೇದ ಪುರಾಣ ಪ್ರಸಿದ್ಧವಾಗಿತ್ತು. ಕರು ಭಕ್ತಿ ಕಿ ಸಾಹಿ ಹೈ


ಬ್ರಹ್ಮ ಧಿಂಗ್ ಸರಸ್ವತಿ ಹೇಳಿದರು. ಲಕ್ಷ್ಮಿ ರೂಪ್ ವಿಷ್ಣು ಧಿಂಗ್ ಐ॥
ಬಿರಾಜಿಯಾಗಿ ಶಿವ ಧಿಂಗ್ ಚರ್ಚ್. ಮೂರು ಲೋಕಗಳಿಗೂ ಮಹಿಮೆ

ಜಾನಿ ಶಕ್ತಿಯ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಪ್ರಕಟವಾಯಿತು. ರುದ್ರ ರೂಪ್ ಭಾಯ್ ಮಾತ್ ಭವಾನಿ
ದುಷ್ಟ ಆಸಕ್ತಿ ಕಪ್ಪು ಎಂದು ಬಹಿರಂಗವಾಯಿತು. ಜಗ್ಮಾಗ್ ಜ್ಯೋತಿ ಪ್ರಚಾರಾ ನಿರಾಲಿ ||

ಚಂದ್ ಮುಂಡ್ ಮಹಿಷಾಸುರನನ್ನು ಕೊಂದನು. ಶುಂಭ ನಿಶುಭ್ ಅಸುರ ಹಾನ್ ಡೇರ್
ಮಹಿಮಾ ವೇದ ಪುರಾಣ ಬಾರಾನಿ. ವೈಯಕ್ತಿಕ ಭಕ್ತಿಯ ಬಿಕ್ಕಟ್ಟು

ರೂಪ್ ಶಾರದಾ ಹ್ಯಾನ್ಸ್ ಮೋಹಿನಿ. ನೀರಕ್ಕರ್ ಸರಿ ಅರಿತುಕೊಂಡರು
ಪ್ರಗತೈ ಚಹುಂಡಿಶ್ ನಿಜ್ ಮಾಯಾ. ಕಣ ಕಣವು ವೇಗವಾಗಿ ಸಮಯವನ್ನು ಹೊಂದಿರುತ್ತದೆ.

ಭೂಮಿಯ ನಕ್ಷತ್ರಗಳು ಸೂರ್ಯ ಚಂದ್ರ ಅರು. ಸೂಚಿಸಲಾದ ಎಲ್ಲಾ ಅನುಕ್ರಮಗಳು ಕ್ರಮದಲ್ಲಿವೆ.
ನೀವು ಪೋಷಿಸುವುದಿಲ್ಲ ಸ್ಥಿರವಾದ ಕ್ಷಣದಲ್ಲಿ ಮಾತನಾಡುತ್ತಾರೆ

ಬ್ರಹ್ಮ ವಿಷ್ಣು ನಿಮಗೆ ತುಂಬಾ ಭಕ್ತಿ. ಉಳಿದಿರುವ ಮಹೇಶ್ ಯಾವಾಗಲೂ ಮನಸ್ಸು ಮಾಡಿ
ಪೂರೈಸಲು ಹಾರೈಸುತ್ತೇನೆ ನೀವು ಪಾಪವನ್ನು ಕೊಯ್ಯಲಿ

ನಿಮ್ಮ ಮನಸ್ಸಿಗೆ ಗಮನ ಕೊಡಿ. ಆದ್ದರಿಂದ ಮನುಷ್ಯನು ಸಂಪತ್ತು ಮತ್ತು ಸಂತೋಷವನ್ನು ಕಂಡುಕೊಳ್ಳುತ್ತಾನೆ.
ಬಾಂಧಿ ನಾರಿ ತುಮ್ಹೆನ್ ಜೋ ಧ್ಯಾಯಾನ್. ಪುತ್ರ ಪುಷ್ಪ್ ಲತಾ ಸಾಮ ಶೀ ಪಾ.

ಗಂಡ ಅತಿಸೂಕ್ಷ್ಮ ಹೈಪರ್ಬೋಲಿಕ್. ನೀವು ಸಂಪರ್ಕ ಕಡಿತಗೊಂಡಿದ್ದೀರಿ, ತುಂಬಾ ತೊಂದರೆಗೀಡಾಗಿದ್ದೀರಿ.
ನಿಮ್ಮ ಬಗ್ಗೆ ಕಾಳಜಿ ವಹಿಸುವ ಹುಡುಗಿ. ನಿಮ್ಮ ಮನಸ್ಸನ್ನು ನಿಮ್ಮ ಅಪೇಕ್ಷಿತ ವರನನ್ನಾಗಿ ಮಾಡಿ

ಶೀಲ್ವಾನ್ ಸದ್ಗುಣಶೀಲ, ನನ್ನ ಪ್ರಿಯ. ನಿಮ್ಮ ಜನರ ದೋಣಿ ದೋಣಿ
ಕಾನೂನುಬದ್ಧವಾಗಿ ಉಪವಾಸ ಮಾಡುವ ಯಾರಾದರೂ. ತಾಹಿ ಅಮಿತ್ ಸುಖ್ ಆಸ್ತಿಯನ್ನು ಭರ್ತಿ ಮಾಡಿಲ್ಲ

ಬೆಲ್ಲ ಮತ್ತು ಗ್ರಾಂ ಅನ್ನು ಆನಂದಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಸರ್ವ್, ಆನಂದ್ ಪಾವೈ
ಪೂಜ್ಯತೆಯನ್ನು ಹೊಂದಿರದ ಧ್ಯಾನ. ಆದ್ದರಿಂದ ದಯವಿಟ್ಟು ಪುರುಷನ ಬಗ್ಗೆ ಖಚಿತವಾಗಿರಿ.

ನಿಮ್ಮ ವ್ಯವಹಾರವು ನಿಮ್ಮದಾಗಿರಬೇಕು. ಟಕೋ ಸಹಜ್ ಕರ್ಹು ನಿಸ್ತಾರಾ
ನಾರಿ ಸುಹಾಗಿನ್ ವೇಗವಾಗಿ ಮಾಡಲಾಗುತ್ತಿತ್ತು. ಸಂತೋಷದಿಂದ ಸಾಕಷ್ಟು ಡಾಕ್

ಇದು ಮನಸ್ಥಿತಿಯಂತಿದೆ ಆದ್ದರಿಂದ ಮನುಷ್ಯನು ಅದೇ ಹಣ್ಣನ್ನು ಪಡೆಯುತ್ತಾನೆ.
ಉಪವಾಸ ಮಾಡುವ ಏಳು ಶುಕ್ರ ಆಸೆಯಿಂದ ತುಂಬಿ ನೋಡಿ

ಸೇವಾ ಕರಹಿ ಭಕ್ತಿ ಯುಟ್ ಜೋಯಿ. ಕಳಪೆ ದುಃಖವನ್ನು ತೆಗೆದುಹಾಕಿ
ಇದು ನಿಮ್ಮ ತಾಯಿಯ ಆಶ್ರಯ. ಒಂದು ಕ್ಷಣದಲ್ಲಿ ಹಿಂಜ್ ಮಾಡಿ

ಜೈ ಜೈ ಜೈ ಅಂಬೆ ಕಲ್ಯಾಣಿ. ದಯವಿಟ್ಟು ಮೋರಿ ಮಹಾರಾಣಿ
ಅಧ್ಯಯನ ಮಾಡುವ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬರೂ, ಚಾಲಿಸಾ ಟೇಪ್ ಕಾರ್ಹಿನ್ ಕೃಪಾ ಜಗದಿಶಾ

ಪ್ರತಿ ಪಾಠಕ್ಕೆ ತಿನ್ನಿರಿ ಕರೈ ಇಕ್ ಬಾರಾ ಆದ್ದರಿಂದ ಮನುಷ್ಯ, ನಿಮ್ಮ ಪ್ರೀತಿಯ
ನಾಮ್ ಲೇಟ್ ಬೈಧಾ ಎಲ್ಲರೂ ಓಡಿಹೋದರು. ನಾನು ಯಾವಾಗ ರೋಗವನ್ನು ಪಡೆಯಬಾರದು||

|| ದೋಹಾ | |
ಯಾವಾಗಲೂ ಸಂತೋಷದ ಅತ್ತೆ, ಅತ್ತೆ
ನೀವು ಸಂಪೂರ್ಣವಾಗಿ ಭರವಸೆಯಿಡಲಿ, ಹರೂ ಭಾವ್ ದುರಂತವನ್ನು ಮೀರಿಸಲಿ.

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN MALAYALAM

|| ദോഹ॥
ശ്രീ ഗണപതി പാഡ് നായി ഹെഡ്, ധാർഹി ഹായ് ശാരദ ധ്യാനം.
സന്തോഷ് മാ കരൂൺ കീർത്തി സങ്കൽ ബഖാൻ

|| അതിർത്തി ||
ജയ് സന്തോഷി മാ ജാഗ് ജനാനി. ഖാൽ മാറ്റി ദുഷ്ട രാക്ഷസ ടീം ഹാനി
ഗണപതി നിങ്ങളുടെ പ്രിയപ്പെട്ടവനാണ്. റിദ്ദി സിദ്ധിയെ അമ്മ എന്നാണ് വിളിക്കുന്നത്

മാതാപിതാക്കളുടെ ധൈര്യമുള്ള ദുലാരി. കീർത്തി കെഹി കെഹി നിയമം കഹാനി അയായി
കിരീട തല അനുപം ഹെവി സൃഷ്ടിച്ചു. ചിത്രം കാനൻ കുണ്ഡലിന്

സോഹത് അംഗ് ചട്ട് ഇമേജ് ക്യൂട്ടി. മനോഹരമായ തുണിക്കഷണം സ്വർണ്ണ വര
നിങ്ങൾ ചതുർഭുജ സുധീ വിശാല. ധരണ കർജു ആലിംഗനം ഫോറസ്റ്റ് മാല

ഗ au അമിത് ദുലാരി അടുത്താണ്. കർഹു മയൂർ, നിങ്ങൾ അശ്രദ്ധനാണ്
എല്ലാവരേയും അറിയുക, പ്രഭുതൈ സുർ നർ മുനി സാബ് കരി ഭാനി ഹായ്

എനിയ്ക്ക് നിങ്ങളോട് സഹതാപമുണ്ട്. സങ്കടം മോശമാണ്, എല്ലാവരും നസായിലേക്ക് പോകുന്നു.
വേദ് പുരാണം പ്രസിദ്ധമായിരുന്നു. കരു ഭക്ത് കി സാഹി ഹായ്


ബ്രഹ്മ ഡിംഗ് സരസ്വതി പറഞ്ഞു. ലക്ഷ്മി റൂപ്പ് വിഷ്ണു ഡിംഗ് ഐ
ബിരാജിയായി ശിവ ധിംഗ് ചർച്ച്. മൂന്ന് ലോകങ്ങൾക്കും മഹത്വം

ജാനി അധികാരത്തിന്റെ രൂപത്തിൽ പ്രകടമായി. രുദ്ര റൂപ്പ് ഭായ് മാത് ഭവാനി
ദുഷിച്ച താൽപ്പര്യം കറുത്തതാണെന്ന് വെളിപ്പെടുത്തി. ജഗ്മാഗ് ജ്യോതി പ്രചന്ദ നിരാലി ||

ചന്ദ് മുണ്ട് മഹിഷാസുരനെ വധിച്ചു. ശംഭ് നിഷുംബ് അസുര ഹാൻ ഡെയർ
മഹിമ വേദ പുരാണൻ ബാരാനി. വ്യക്തിപരമായ ഭക്തിയുടെ പ്രതിസന്ധി

റൂപ്പ് ശാരദ ഹാൻസ് മോഹിനി. നീരാക്കർ ശരിയാണെന്ന് തിരിച്ചറിഞ്ഞു
പ്രഗതായ് ചാഹുണ്ടിഷ് നിജ് മായ. കണികാ കണങ്ങൾക്ക് വേഗതയേറിയ സമയമുണ്ട്.


ഭൂമിയിലെ നക്ഷത്രങ്ങൾ സൂര്യ ചന്ദ്ര അരു. സൂചിപ്പിച്ച എല്ലാ സീക്വൻസുകളും ക്രമത്തിലാണ്.
നിങ്ങൾ പരിപോഷിപ്പിക്കുന്നില്ല പൊട്ടുന്ന നിമിഷത്തിൽ സംസാരിക്കുക

ബ്രഹ്മവിഷ്ണു നിങ്ങളോട് വളരെ ഭക്തനാണ്. ശേഷിക്കുന്ന മഹേഷ് എപ്പോഴും ശ്രദ്ധിക്കുക
നിറവേറ്റാൻ ആഗ്രഹിക്കുന്നു നിങ്ങൾ പാപം കൊയ്യട്ടെ

നിങ്ങളുടെ മനസ്സിൽ ശ്രദ്ധിക്കുക. അതിനാൽ മനുഷ്യൻ സമ്പത്തും സന്തോഷവും കണ്ടെത്തുന്നു.
ബന്ദി നാരി തുംഹെയ്ൻ ജോ ധ്യാൻ. പുത്ര പുഷ്പ ലത സമാ ഷേ പോ.

ഭർത്താവ് അദൃശ്യമായ ഹൈപ്പർബോളിക്. നിങ്ങൾ വിച്ഛേദിച്ചു, വളരെ അസ്വസ്ഥനായി.
നിങ്ങളെ പരിപാലിക്കുന്ന പെൺകുട്ടി. നിങ്ങളുടെ മനസ്സിനെ നിങ്ങൾ ആഗ്രഹിക്കുന്ന വരനായി മാറ്റുക

ഷീൽ‌വാൻ സദ്‌ഗുണനാണ്, എന്റെ പ്രിയ. നിങ്ങളുടെ ജനങ്ങളുടെ ബോട്ട് ബോട്ട്
നിയമപരമായി ഉപവസിക്കുന്ന ആർക്കും. താഹി അമിത് സുഖ് സ്വത്ത് പൂരിപ്പിച്ചിട്ടില്ല

മല്ലിയും ഗ്രാമും ആസ്വദിക്കുന്നു. സേവിക്കുക, ആനന്ദ് പവായി
ഭക്തിയില്ലാത്ത ധ്യാനം. അതിനാൽ പുരുഷനെക്കുറിച്ച് ഉറപ്പാക്കുക.


നിങ്ങളുടെ ബിസിനസ്സ് നിങ്ങളുടേതായിരിക്കണം. ടാക്കോ സഹാജ് കർഹു നിസ്താര
ഉപയോഗിച്ചിരുന്ന നാരി സുഹാഗിൻ ഫാസ്റ്റ്. സന്തോഷത്തോടെ ധാരാളം ഡോക്ക്

ഇത് മാനസികാവസ്ഥ പോലെയാണ് അതിനാൽ മനുഷ്യന് ഒരേ ഫലം ലഭിക്കും.
ഉപവസിക്കുന്ന ഏഴു ശുക്രൻ ആഗ്രഹം നിറഞ്ഞുനിൽക്കുക

സേവാ കരാഹി ഭക്തി യൂത്ത് ജോയി. പാവപ്പെട്ട സങ്കടം നീക്കുക
നിങ്ങളുടെ അമ്മയുടെ അഭയം ഏതാണ്. ഒരു നിമിഷത്തിനുള്ളിൽ ഒരു ഹിഞ്ച് ഉണ്ടാക്കുക

ജയ് ജയ് ജയ് അംബെ കല്യാണി. ദയവായി മോറി മഹാറാണി
പഠിക്കുന്ന എല്ലാവരും, ചാലിസ ടേപ്പ് കാർഹിൻ കൃപ ജഗദിഷ

ഓരോ പാഠത്തിനും കഴിക്കുക karai ek bara അതിനാൽ മനുഷ്യാ, നിങ്ങളുടെ പ്രിയ
നാം പരേതനായ ബയാദ എല്ലാവരും ഓടിപ്പോയി. എപ്പോഴാണ് എനിക്ക് രോഗം വരാത്തത്||

|| ദോഹ॥
എല്ലായ്പ്പോഴും സന്തോഷമുള്ള അമ്മായിയമ്മ, അമ്മായിയമ്മ
നിങ്ങൾ പൂർണ്ണമായും പ്രതീക്ഷയോടെയിരിക്കട്ടെ, ഹരു ഭാവ് ദുരന്തത്തെ മറികടക്കുക.

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN MARATHI

|| दोहा॥
श्री गणपती पद नाय हेड, धरि हाय शारदा ध्यान.
संतोष मां करुण कीर्ती संकलन बखान॥

|| चौकार ||
जय संतोषी मां जग जनानी। खल मती दुष्ट राक्षस टीम हन्नी
भगवान गणेश तुमचे आवडते. रिद्धि सिद्धीला आई म्हणतात

पालकांची दुलारी हिम्मत करा. कीर्ती केहि काय कानून कहां आयी
मुकुट हेड अनुपम भारी. कानन कुंडल यांची प्रतिमा

सोहात अंग छट इमेज क्युटी. सुंदर रग सोन्याची पट्टी॥
तूं चतुर्भुज सुग्ध विशाला। धरणा करहु मिठी वन माला॥

गौ अमित दुलारी जवळ आहे. कर्हू मयूर, तू असुरक्षित आहेस
प्रभुताई, तुम्हा सर्वांना ठाऊक सुर नर मुनी सब कर भानी है

मला तुझ्यासाठी वाईट वाटते. दुःख कमकुवत आहे, प्रत्येकजण नासाईकडे जातो.
वेद पुराण प्रसिद्ध होते. करु भक्त की साही है


सांगितले ब्रह्मा धिंग सरस्वती। लक्ष्मी रूप विष्णू धिंग डोळा॥
बिराजी म्हणून शिवा धिंग चर्च. तिन्ही जगाचा महिमा होवो

जानी शक्तीच्या स्वरुपात प्रकट झाली. रुद्र रूप भाई मात भवानी॥
वाईट स्वारस्य काळा असल्याचे उघड झाले. जगमाग ज्योति प्रचंड निराली ||

चांद मुंड यांनी महिषासुराचा वध केला. शुंभ निशुंभ असुर हान दरे
महिमा वेद पुराणन बरानी। वैयक्तिक भक्तीचे संकट

रूप शारदा हंस मोहिनी। नीरकर हणजे बरोबर जाण॥
प्रगताई चहुंडिश निज माया। कण कण वेगवान वेळ आहे.

पृथ्वी तारे सूर्य चंद्र अरु. सर्व सूचित क्रम क्रमाने आहेत.
आपण पालनपोषण करीत नाही ठिसूळ क्षणात बोललो

ब्रह्मा विष्णू तुम्ही भक्त आहेत. शिल्लक राहिले महेश नेहमी
पूर्ण करण्याची इच्छा आहे आपण पाप कापू शकता

आपल्या मनाकडे लक्ष द्या. तर माणसाला संपत्ती आणि आनंद मिळतो.
बांधी नारी तुम्हे जो ध्यान। पुत्र पुष्प लता समा ती पाळ।


नवरा न कळणारी हायपरबोलिक. आपण डिस्कनेक्ट झाला, खूप विचलित झाला.
आपली काळजी घेणारी मुलगी. आपल्या मनाला आपला इच्छित वर बनवा

शीलवान पुण्यवान आहे, माझ्या प्रिय. आपल्या लोकांची बोट बोट
जो कोणी कायदेशीरपणे उपवास करतो. ताही अमित सुख संपत्ती भरत नाही

गुळ व हरभरा यांचा आनंद घेतला जातो. सर्व्ह करा, आनंद पावई
श्रद्धा न ठेवणारे ध्यान. तर कृपया पुरूषाबद्दल खात्री बाळगा.

आपला व्यवसाय आपला असावा ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारी सुहागिन व्रत जो पूर्वी होत असे. आनंदाने भरपूर गोदी

जे मूड सारखे आहे तर मनुष्याला तेच फळ मिळते.
सात व्हीन जे उपवास करतात इच्छा पूर्ण टक लावून पाहणे

सेवा करी भक्ति युत जोई। गरीब दु: ख दूर
जो तुमच्या आईचा आश्रय आहे. क्षणात बिजागर बनवा

जय जय जय आंबे कल्याणी. कृपा करून मोरी महाराणी॥
प्रत्येकजण जो अभ्यास करतो, चाळीसा तपे करहिं कृपा जगदीशा॥


प्रत्येक धडा कराई एक बार तर मनुष्य, आपला प्रिय॥
नाम लेट बायधा सर्व पळून गेले. मला हा आजार कधी होणार नाही||

|| दोहा॥
नेहमी आनंदी सासू, सासू
आपण पूर्णपणे आशावादी व्हा, हारू भाव ट्रॅजेडीला मागे टाका.

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN ODIA

|| ଦୋହା ||
ଶ୍ରୀ ଗଣପତି ପ୍ୟାଡ୍ ନାୟି ମୁଣ୍ଡ, ଧରହି ହାଏ ଶାରଦା ଧ୍ୟାନ |
ସାନ୍ତୋଶ ମା କରଣ କିର୍ତ୍ତୀ ସାଙ୍କଲ ବଖାନ।

|| ସୀମା ||
ଜୟ ସାଣ୍ଟୋସି ମା ଜଗ ଜନାନୀ | ଖାଲ ମାଟି ଦୁଷ୍ଟ ରାକ୍ଷସ ଦଳ ହନି |
ଭଗବାନ ଗଣେଶ ତୁମର ପ୍ରିୟ | ରିଦ୍ଧି ସିଦ୍ଧଙ୍କୁ ମାତା କୁହାଯାଏ |

ପିତାମାତାଙ୍କର ସାହସ ଦୁଲାରୀ | କିର୍ତ୍ତୀ କେହି କେହି ଆଇନ କାହାଣୀ ଆସିଲା |
ମୁକୁଟ ମୁଣ୍ଡ ଅନୁପମ ଭାରୀ ସୃଷ୍ଟି | କାନନ କୁଣ୍ଡଲଙ୍କୁ ପ୍ରତିଛବି |

ସୋହାଟ ଅଙ୍ଗ ଛତ ପ୍ରତିଛବି କଟି | ସୁନ୍ଦର ରଂଗ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ରେଖା।
ତୁମେ ଚତୁର୍ଭୁଜ ସୁଗ ବିଶାଲା | ଧରାନା କରହୁ ଜଙ୍ଗଲ ଫୁଲମାଳ

ଗାଉ ଅମିତ ଦୁଲାରୀ ନିକଟବର୍ତ୍ତୀ | କରହୁ ମୟୂର, ତୁମେ ଅସୁରକ୍ଷିତ |
ପ୍ରଭାତାଇ, ତୁମେ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଜାଣ | ସୁର ନର ମୁନି ସାବ କରୀ ଭାନି ହ i |

ମୁଁ ତୁମ ପାଇଁ ଦୁ ଖିତ ଦୁ ଖ ଗରିବ, ସମସ୍ତେ ନାସାଇକୁ ଯାଆନ୍ତି |
ବେଦ ପୁରାଣ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ଥିଲେ | କାରୁ ଭକ୍ତ କି ସାହି ହ i |


ବ୍ରହ୍ମା ଧିଙ୍ଗ ସରସ୍ୱତୀ କହିଛନ୍ତି। ଲକ୍ଷ୍ମୀ ରୂପ ବିଷ୍ଣୁ ଧିଙ୍ଗ ଆଖି।
ବିରାଜୀ ଭାବରେ ଶିବ ଧିଙ୍ଗ ଚର୍ଚ୍ଚ | ସମସ୍ତ ତିନୋଟି ଜଗତ ପାଇଁ ଗ ory ରବ |

ଜାନି ଶକ୍ତି ଆକାରରେ ପ୍ରକାଶ ପାଇଲା | ରୁଦ୍ର ରୂପ ଭୋଇ ମାତ ଭବାନୀ।
ମନ୍ଦ ଆଗ୍ରହ କଳା ବୋଲି ପ୍ରକାଶ ପାଇଲା | ଜଗମାଗ ଜ୍ୟୋତି ପ୍ରଚାନ୍ଦ ନିରାଲ |

ଚାନ୍ଦ ମୁଣ୍ଡ ମହିଷାସୁରାଙ୍କୁ ହତ୍ୟା କରିଥିଲେ। ଶୁମ୍ ନିଶୁମ୍ ଅସୁରା ହାନ୍ ଡେରେ |
ମହିମା ବେଦ ପୁରାଣ ବାରାନି | ବ୍ୟକ୍ତିଗତ ଭକ୍ତିର ସଙ୍କଟ |

ରୁପ୍ ଶାରଦା ହାନ୍ସ ମୋହିନୀ | ନିରକକର ଠିକ୍ ଅନୁଭବ କରୁଛନ୍ତି।
ପ୍ରଗତା ଚାହୁଣ୍ଡିଶ ନିଜ ମାୟା | କଣିକା କଣିକାର ଏକ ତୀବ୍ର ସମୟ ଅଛି |

ପୃଥିବୀ ତାରକା ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚନ୍ଦ୍ର ଆରୁ | ସମସ୍ତ ସୂଚିତ କ୍ରମଗୁଡିକ କ୍ରମରେ ଅଛି |
ତୁମେ ପୋଷଣ କର ନାହିଁ | ଭଗ୍ନ ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ କଥା ହେଲା |

ବ୍ରହ୍ମା ବିଷ୍ଣୁ ତୁମ ପାଇଁ ବହୁତ ଉତ୍ସର୍ଗୀକୃତ | ମହେଶଙ୍କୁ ସବୁବେଳେ ମନେ ରଖ |
ପୂରଣ କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା | ତୁମେ ପାପ ଅମଳ କର |

ଆପଣଙ୍କ ମନ ପ୍ରତି ଧ୍ୟାନ ଦିଅନ୍ତୁ | ତେଣୁ ସେହି ବ୍ୟକ୍ତି ଧନ ଏବଂ ସୁଖ ପାଇଥାଏ |
ବାନ୍ଧୀ ନାରୀ ତୁମହେନ୍ ଜୋ ଧିଆୟାନ୍ | ପୁଟ୍ରା ପୁଷ୍ପ ଲତା ସାମା ସେ ପାଉ |

ସ୍ୱାମୀ ଅନାବଶ୍ୟକ ହାଇପରବୋଲିକ୍ | ତୁମେ ବିଚ୍ଛିନ୍ନ, ବହୁତ ବିଚଳିତ |
ିଅ ଯିଏ ତୁମର ଯତ୍ନ ନିଏ | ତୁମର ମନକୁ ତୁମର ଇଚ୍ଛିତ ବର କର |

ଶେଲୱାନ୍ ଗୁଣବତ୍ତା, ମୋର ପ୍ରିୟ | ତୁମର ଲୋକମାନଙ୍କର ଡଙ୍ଗା ଡଙ୍ଗା |
ଯିଏ ଆଇନ ଅନୁଯାୟୀ ଉପବାସ କରେ | ତାହି ଅମିତ ସୁଖ ସମ୍ପତ୍ତି ପୂରଣ କରନ୍ତୁ ନାହିଁ |

ଗୁଣ୍ଡ ଏବଂ ଗ୍ରାମ ଉପଭୋଗ କରାଯାଏ | ସେବା କର, ଆନନ୍ଦ ପାଭାଇ |
ଧ୍ୟାନ ଯାହା ସମ୍ମାନ କରେ ନାହିଁ | ତେଣୁ ଦୟାକରି ପୁରୁଷ ବିଷୟରେ ନିଶ୍ଚିତ ହୁଅନ୍ତୁ |

ତୁମର ବ୍ୟବସାୟ ତୁମର ହେବା ଉଚିତ୍ | ଟାକୋ ସାହାଜ କରହୁ ନିଷ୍ଟାରା।
ନାରୀ ସୁହାଗିନ ଉପବାସ ଯାହା ପୂର୍ବରୁ କରାଯାଉଥିଲା | ଆନନ୍ଦ ସହିତ ପ୍ରଚୁର ଡକ୍ |

ଯାହା ମନୋବଳ ପରି | ତେଣୁ ମଣିଷ ସମାନ ଫଳ ପାଏ |
ସାତ ଶୁକ୍ର ଯାହା ଉପବାସ କରେ | ଇଚ୍ଛାରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ |

ସେବା କରାହୀ ଭକ୍ତ ୟୁଟ୍ ଜୋଇ | ଗରିବ ଦୁ ଖ ଦୂର କର |
ଯାହା ତୁମ ମାତାର ଆଶ୍ରୟ ଅଟେ | ଏକ ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ ଏକ ହିଙ୍ଗୁ ତିଆରି କରନ୍ତୁ |

ଜୟ ଜୟ ଜୟ ଆମ୍ବେ କଲ୍ୟାଣୀ | ଦୟାକରି ମୋରି ମହାରାଣୀ।
ଅଧ୍ୟୟନ କରୁଥିବା ସମସ୍ତେ, ଚଲିସା | ଟେପ୍ କରହିନ୍ କ୍ରିପା ଜଗଦୀଶା।

ପାଠ୍ୟ ପ୍ରତି କରାଇ ଏକ ବାରା ଖାଆନ୍ତୁ | ତେଣୁ ମଣିଷ, ତୁମର ପ୍ରିୟ।
ନାମ ବିଳମ୍ବ ବାଇଦା ସମସ୍ତେ ଦ ଡ଼ି ପଳାଇଲେ। ମୁଁ କେବେ ଏହି ରୋଗ ପାଇବି ନାହିଁ||

|| ଦୋହା।
ସବୁବେଳେ ଖୁସିର ଶାଶୁ, ଶାଶୁ |
ତୁମେ ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ ଆଶାବାଦୀ, ହାରୁ ଭବ ଟ୍ରାଜେଡିଠାରୁ ଅଧିକ |

CHALISA IN PUNJABI

|| ਦੋਹਾ ||
ਸ਼੍ਰੀ ਗਣਪਤੀ ਪਦ ਨਈ ਹੈਡ, ਧਾਰਿ ਹਿਰ ਸ਼ਾਰਦਾ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ।
ਸੰਤੋਸ਼ ਮੈ ਕਰੋਂ ਕੀਰਤੀ ਸੰਕਲ ਬਚਨ॥
|| ਚੌਪਾਈ ||
ਜੈ ਸੰਤੋਸ਼ੀ ਮੈ ਜਗ ਜਾਨੀ। ਖਲ ਮਤੀ ਦੁਸ਼ਟ ਰਾਖਸ਼ ਟੀਮ ਹੰਨੀ
ਭਗਵਾਨ ਗਣੇਸ਼ ਤੁਹਾਡਾ ਮਨਪਸੰਦ ਹੈ. ਰਿਧੀ ਸਿੱਧੀ ਨੂੰ ਮਾਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ


ਮਾਪਿਆਂ ਦੀ ਦੁਲਾਰੀ ਨੂੰ ਹਿੰਮਤ ਕਰੋ. ਕੀਰਤਿ ਕੇਹੀ ਕਾਨੂੰਨ ਕਹਾਨੀ ਆਇ॥
ਸਿਰਜਿਆ ਤਾਜ ਸਿਰ ਅਨੂਪਮ ਭਾਰੀ। ਕੰਨ ਕੁੰਡਲ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ

ਸੋਹਤ ਅੰਗ ਛਤ ਈਮੇਜ ਕਟੀ। ਸੋਹਣੀ ਰਾਗ ਸੁਨਹਿਰੀ ਧਾਰੀ॥
ਤੂੰ ਚਤੁਰਭੁਜ ਸੁਗਦ ਵਿਸ਼ਾਲਾ। ਧਾਰਣਾ ਕਰਹੁ ਗਲੇ ਜੰਗਲ ਦੀ ਮਾਲਾ॥

ਗਾ ਅਮਿਤ ਦੁਲਾਰੀ ਨੇੜੇ ਹੈ। ਕਰਹੁ ਮਯੂਰ, ਤੂੰ ਬੇਚੈਨ ਹੈਂ
ਤੁਸੀਂ ਸਾਰੇ ਜਾਣੋ, ਪ੍ਰਭਾਤਈ ਸੁਰ ਨਰ ਮੁਨੀ ਸਭ ਕਰਿ ਭਾਣੀ ਹੈ

ਮੈਨੂੰ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਮਾਫ ਕਰਨਾ ਉਦਾਸੀ ਮਾੜੀ ਹੈ, ਹਰ ਕੋਈ ਨਸਾਈ ਨੂੰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.
ਵੇਦ ਪੁਰਾਣ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸੀ. ਕਰੁ ਭਗਤ ਕੀ ਸਹੀ ਹੈ


ਬ੍ਰਹਮਾ hingੀਂਗ ਸਰਸਵਤੀ ਨੇ ਕਿਹਾ. ਲਕਸ਼ਮੀ ਰੂਪ ਵਿਸ਼ਨੂੰ ਧਿੰਗ ਅੱਖ॥
ਬਿਰਾਜੀ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸ਼ਿਵਾ ਧਿੰਗ ਚਰਚ. ਉਹ ਤਿੰਨਾਂ ਜਹਾਨਾਂ ਦੀ ਮਹਿਮਾ ਹੋਵੇ

ਜਾਨੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੋਈ. ਰੁਦ੍ਰ ਰੂਪ ਭਾਈ ਮਾਤ ਭਾਵਨੀ॥
ਦੁਸ਼ਟ ਦਿਲਚਸਪੀ ਕਾਲਾ ਹੋਣ ਦੀ ਗੱਲ ਸਾਹਮਣੇ ਆਈ। ਜਗਮਗ ਜੋਤਿ ਪ੍ਰਚੰਡ ਨਿਰਾਲੀ ||

ਚੰਦ ਮੁੰਡ ਨੇ ਮਾਹੀਸ਼ਾੁਰ ਨੂੰ ਮਾਰਿਆ। ਸ਼ੁੰਭ ਨਿਸ਼ੁੰਭ ਅਸੁਰ ਹਾਨ ਦਾਰੇ
ਮਹਿਮਾ ਵੇਦ ਪੂਰਨਨ ਬਰਾਨੀ। ਨਿੱਜੀ ਸ਼ਰਧਾ ਦਾ ਸੰਕਟ

ਰੂਪ ਸ਼ਾਰਦਾ ਹੰਸ ਮੋਹਿਨੀ। ਨਿਰੰਕਾਰ ਸਹੀ ਸਮਝ॥
ਪ੍ਰਗਟੈ ਚਹੁੰਦਿਸ਼ ਨਿਜ ਮਾਇਆ॥ ਕਣ ਕਣ ਦਾ ਤੇਜ਼ ਸਮਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.

ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਿਤਾਰੇ ਸੂਰਜ ਚੰਦਰ ਅਰੂ. ਸਾਰੇ ਦਰਸਾਏ ਕ੍ਰਮ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਹਨ.
ਤੁਸੀਂ ਪਾਲਣ ਪੋਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਭੁਰਭੁਰਾ ਪਲ ਵਿੱਚ ਬੋਲਿਆ

ਬ੍ਰਹਮਾ ਵਿਸ਼ਨੂੰ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਸਮਰਪਿਤ ਹੈ. ਬਚੇ ਮਹੇਸ਼ ਹਮੇਸ਼ਾ ਮਨ
ਪੂਰਾ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹਾਂ ਤੁਸੀਂ ਪਾਪ ਦੀ ਵਾ .ੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ

ਆਪਣੇ ਮਨ ਵੱਲ ਧਿਆਨ ਦਿਓ. ਇਸ ਲਈ ਆਦਮੀ ਨੂੰ ਦੌਲਤ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ.
ਬੰਧਿ ਨਾਰੀ ਤੁਮ੍ਹਹਿਂ ਜੋ ਧਿਆਯੰ॥ ਪੁਤ੍ਰ ਪੁਸ਼ਪ ਲਤਾ ਸਮਾ ਉਹ ਪੌ।
ਪਤੀ ਬੇਦਾਗ਼ ਹਾਈਪਰਬੋਲਿਕ. ਤੁਸੀਂ ਡਿਸਕਨੈਕਟ ਹੋ ਗਏ, ਬਹੁਤ ਪਰੇਸ਼ਾਨ.
ਉਹ ਕੁੜੀ ਜੋ ਤੁਹਾਡੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰਦੀ ਹੈ. ਆਪਣੇ ਮਨ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਮਨਭਾਉਂਦਾ ਲਾੜਾ ਬਣਾਓ

ਸ਼ੀਲਵਾਨ ਗੁਣਵਾਨ ਹੈ, ਮੇਰੇ ਪਿਆਰੇ. ਆਪਣੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਕਿਸ਼ਤੀ ਕਿਸ਼ਤੀ
ਕੋਈ ਵੀ ਜੋ ਕਨੂੰਨੀ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਤ ਰੱਖਦਾ ਹੈ. ਤਾਹੀ ਅਮਿਤ ਸੁੱਖ ਜਾਇਦਾਦ ਨਹੀਂ ਭਰਦਾ

ਗੁੜ ਅਤੇ ਚਣੇ ਦਾ ਅਨੰਦ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਸੇਵਾ ਕਰੋ, ਅਨੰਦ ਪਾਵੈ
ਧਿਆਨ ਜੋ ਸਤਿਕਾਰ ਨਹੀਂ ਰੱਖਦਾ. ਇਸ ਲਈ ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਨਰ ਬਾਰੇ ਯਕੀਨੀ ਬਣੋ.

ਤੁਹਾਡਾ ਕਾਰੋਬਾਰ ਤੁਹਾਡਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ. ਤਕੋ ਸਹਿਜ ਕਰਹੁ ਨਿਸਤਾਰਾ॥
ਨਾਰਿ ਸੁਹਾਗਿਨ ਤੇਜ ਜੋ ਹੋਇ॥ ਅਨੰਦ ਨਾਲ ਡੌਕ ਦੀ ਕਾਫ਼ੀ

ਜੋ ਮੂਡ ਵਰਗਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਉਹੀ ਫਲ ਮਿਲਦਾ ਹੈ.
ਸੱਤ ਸ਼ੁੱਕਰ ਜੋ ਵਰਤ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ਇੱਛਾ ਨਾਲ ਭਰੇ ਨਜ਼ਰ

ਸੇਵਾ ਕਰਹਿ ਭਗਤੀ ਯੂਤ ਜੋਇ। ਮਾੜੇ ਦੁੱਖ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰੋ
ਜੋ ਤੁਹਾਡੀ ਮਾਂ ਦੀ ਸ਼ਰਨ ਹੈ. ਇੱਕ ਪਲ ਵਿੱਚ ਕਬਜ਼ਾ ਬਣਾ ਲਓ

ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਅੰਬੇ ਕਲਿਆਣੀ। ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰਕੇ ਮੋਰਿ ਮਹਾਰਾਣੀ॥
ਹਰ ਕੋਈ ਜੋ ਪੜ੍ਹਦਾ ਹੈ, ਚਲਦਾ ਹੈ ਤਪ ਕਰਹਿਂ ਕ੍ਰਿਪਾ ਜਗਦੀਸ਼ਾ॥

ਹਰ ਸਬਕ ਖਾਉ ਕਰੈ ਇਕ ਬਾਰ ਸੋ ਆਦਮੀ ਤੇਰਾ ਪਿਆਰਾ॥
ਨਾਮ ਲੇਟ ਬਾਇਦਾ ਸਾਰੇ ਭੱਜ ਗਏ। ਮੈਨੂੰ ਬਿਮਾਰੀ ਕਦੋਂ ਨਹੀਂ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ||

|| ਦੋਹਾ॥
ਸਦਾ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਸੱਸ, ਸੱਸ
ਤੁਸੀਂ ਪੂਰੀ ਆਸਵੰਦ ਹੋਵੋ, ਹਰੁ ਭਵ ਦੁਖਾਂਤ ਨੂੰ ਪਛਾੜੋ.

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान।
सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥
॥ चौपाई ॥
जय संतोषी मां जग जननी। खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥
गणपति देव तुम्हारे ताता। रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥

माता-पिता की रहौ दुलारी। कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥
क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी। कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥

सोहत अंग छटा छवि प्यारी। सुन्दर चीर सुनहरी धारी॥
आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला। धारण करहु गले वन माला॥

निकट है गौ अमित दुलारी। करहु मयूर आप असवारी॥
जानत सबही आप प्रभुताई। सुर नर मुनि सब करहिं बड़ाई॥

तुम्हरे दरश करत क्षण माई। दुख दरिद्र सब जाय नसाई॥
वेद पुराण रहे यश गाई। करहु भक्त की आप सहाई॥


ब्रह्मा ढिंग सरस्वती कहाई। लक्ष्मी रूप विष्णु ढिंग आई॥
शिव ढिंग गिरजा रूप बिराजी। महिमा तीनों लोक में गाजी॥

शक्ति रूप प्रगटी जन जानी। रुद्र रूप भई मात भवानी॥
दुष्टदलन हित प्रगटी काली। जगमग ज्योति प्रचंड निराली॥

चण्ड मुण्ड महिषासुर मारे। शुम्भ निशुम्भ असुर हनि डारे॥
महिमा वेद पुरनान बरनी। निज भक्तन के संकट हरनी ॥

रूप शारदा हंस मोहिनी। निरंकार साकार दाहिनी॥
प्रगटाई चहुंदिश निज माया। कण कण में है तेज समाया॥

पृथ्वी सूर्य चन्द्र अरु तारे। तव इंगित क्रम बद्ध हैं सारे॥
पालन पोषण तुमहीं करता। क्षण भंगुर में प्राण हरता॥

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावैं। शेष महेश सदा मन लावे॥
मनोकमना पूरण करनी। पाप काटनी भव भय तरनी॥

चित्त लगाय तुम्हें जो ध्याता। सो नर सुख सम्पत्ति है पाता॥
बन्ध्या नारि तुमहिं जो ध्यावैं। पुत्र पुष्प लता सम वह पावैं॥

पति वियोगी अति व्याकुलनारी। तुम वियोग अति व्याकुलयारी॥
कन्या जो कोइ तुमको ध्यावै। अपना मन वांछित वर पावै॥

शीलवान गुणवान हो मैया। अपने जन की नाव खिवैया॥
विधि पूर्वक व्रत जो कोई करहीं। ताहि अमित सुख संपत्ति भरहीं॥

गुड़ और चना भोग तोहि भावै। सेवा करै सो आनंद पावै ॥
श्रद्धा युक्त ध्यान जो धरहीं। सो नर निश्चय भव सों तरहीं॥

उद्यापन जो करहि तुम्हारा। ताको सहज करहु निस्तारा॥
नारि सुहागिन व्रत जो करती। सुख सम्पत्ति सों गोदी भरती॥

जो सुमिरत जैसी मन भावा। सो नर वैसो ही फल पावा॥
सात शुक्र जो व्रत मन धारे। ताके पूर्ण मनोरथ सारे॥

सेवा करहि भक्ति युत जोई। ताको दूर दरिद्र दुख होई॥
जो जन शरण माता तेरी आवै। ताके क्षण में काज बनावै॥

जय जय जय अम्बे कल्यानी। कृपा करौ मोरी महारानी॥
जो कोई पढ़ै मात चालीसा। तापे करहिं कृपा जगदीशा॥

नित प्रति पाठ करै इक बारा। सो नर रहै तुम्हारा प्यारा॥
नाम लेत ब्याधा सब भागे। रोग दोष कबहूँ नहीं लागे॥

॥ दोहा ॥
सन्तोषी माँ के सदा, बन्दहुँ पग निश वास।
पूर्ण मनोरथ हों सकल, मात हरौ भव त्रास॥

CHALISA IN TAMIL

|| தோஹா
ஸ்ரீ கணபதி பேட் நய் தலைவர், தர்ஹி ஹாய் ஷர்தா தியானம்.
சந்தோஷ் மா கரூன் கீர்த்தி சங்கல் பகான்

|| கட்டு ||
ஜெய் சந்தோஷி மா ஜக் ஜனானி. கல் மாட்டி பொல்லாத அசுரன் அணி ஹன்னி
விநாயகர் உங்களுக்கு மிகவும் பிடித்தவர். ரித்தி சித்தி தாய் என்று அழைக்கப்படுகிறார்

பெற்றோரின் தைரியமான துலாரி. கீர்த்தி கெஹி கெஹி சட்டம் கஹானி ஆயி
கிரீடம் தலை அனுபம் கனமாக உருவாக்கப்பட்டது. படம் கனன் குண்டலுக்கு

சோஹத் அங் சாட் பட அழகா. அழகான கந்தல் தங்க பட்டை
நீங்கள் நால்வர் சுகத் விஷாலா. தாரணா கர்ஹு வன மாலையை கட்டிப்பிடிக்கவும்

க au அமித் துலாரி அருகில் உள்ளார். கர்ஹு மயூர், நீங்கள் ஒழுங்கற்றவர்
நீங்கள் அனைவரையும் அறிவீர்கள், பிரபுதாய் சுர் நர் முனி சப் கரி பானி ஹை


நான் உனக்காக வருந்துகிறேன். சோகம் ஏழை, எல்லோரும் நாசைக்குச் செல்கிறார்கள்.
வேத் புராணம் பிரபலமானது. கரு பக்த் கி சாஹி ஹை


என்றார் பிரம்மா திங் சரஸ்வதி. லட்சுமி ரூப் விஷ்ணு திங் கண்
பிராஜியாக சிவா திங் சர்ச். மூன்று உலகங்களுக்கும் மகிமை

ஜானி சக்தி வடிவத்தில் வெளிப்பட்டார். ருத்ரா ரூப் பாய் மாட் பவானி
தீய ஆர்வம் கருப்பு என்று தெரியவந்தது. ஜக்மக் ஜோதி பிரச்சந்தா நிராலி ||

மஹிஷாசுரனை சந்த் முண்ட் கொன்றான். ஷும்ப் நிஷும்ப் அசுரா ஹான் டேர்
மஹிமா வேத புராணன் பரணி. தனிப்பட்ட பக்தியின் நெருக்கடி

ரூப் ஷர்தா ஹான்ஸ் மோகினி. நிரக்கர் சரியானதை உணர்ந்தார்
பிரகடை சஹுண்டிஷ் நிஜ் மாயா. துகள் துகள் வேகமான நேரத்தைக் கொண்டுள்ளது.

பூமி நட்சத்திரங்கள் சூர்யா சந்திர அரு. சுட்டிக்காட்டப்பட்ட அனைத்து காட்சிகளும் வரிசையில் உள்ளன.
நீங்கள் வளர்க்கவில்லை உடையக்கூடிய தருணத்தில் பேசினார்

பிரம்மா விஷ்ணு உங்களுக்கு மிகவும் பக்தி கொண்டவர். எஞ்சியிருக்கும் மகேஷ் எப்போதும் கவனத்தில் கொள்ளுங்கள்
நிறைவேற்ற விரும்புகிறேன் நீங்கள் பாவத்தை அறுவடை செய்யட்டும்

உங்கள் மனதில் கவனம் செலுத்துங்கள். எனவே மனிதன் செல்வத்தையும் மகிழ்ச்சியையும் காண்கிறான்.
பந்தி நாரி டும்ஹீன் ஜோ த்யாயான். புத்ரா புஷ்ப் லதா சாமா ஷே பாவ்.

கணவர் வெளிப்படையான ஹைபர்போலிக். நீங்கள் துண்டிக்கப்பட்டுள்ளீர்கள், மிகவும் தொந்தரவு.
உங்களைப் பராமரிக்கும் பெண். உங்கள் மனதை நீங்கள் விரும்பிய மணமகனாக ஆக்குங்கள்

ஷீல்வான் நல்லொழுக்கமுள்ளவர், என் அன்பே. உங்கள் மக்களின் படகு படகு
சட்டப்பூர்வமாக நோன்பு நோற்கும் எவரும். தாஹி அமித் சுக் சொத்தை நிரப்பவில்லை

வெல்லம் மற்றும் கிராம் அனுபவிக்கப்படுகின்றன. சேவை, ஆனந்த் பவாய்
பயபக்தியைக் கொண்டிருக்காத தியானம். எனவே தயவுசெய்து ஆணின் மீது உறுதியாக இருங்கள்.


உங்கள் வணிகம் உங்களுடையதாக இருக்க வேண்டும். டகோ சஹாஜ் கர்ஹு நிஸ்தாரா
நரி சுஹாகின் வேகமாக செய்யப்படுகிறது. மகிழ்ச்சியுடன் ஏராளமான கப்பல்துறை

இது மனநிலை போன்றது எனவே மனிதனுக்கு அதே பழம் கிடைக்கும்.
உண்ணாவிரதம் இருக்கும் ஏழு வீனஸ் ஆசை நிறைந்ததாக இருங்கள்

சேவா காரஹி பக்தி யூட் ஜோய். ஏழை துக்கத்தை நீக்குங்கள்
இது உங்கள் தாயின் அடைக்கலம். ஒரு கணத்தில் ஒரு கீல் செய்யுங்கள்

ஜெய் ஜெய் ஜெய் அம்பே கல்யாணி. தயவுசெய்து மோரி மகாராணி
படிக்கும் அனைவரும், சாலிசா டேப் கர்ஹின் கிருபா ஜகதீஷா

ஒரு பாடத்திற்கு சாப்பிடுங்கள் காரை எக் பரா எனவே மனிதனே, உங்கள் அன்பே
நாம் மறைந்த பைதா அனைவரும் ஓடிவிட்டனர். எனக்கு எப்போது நோய் வரக்கூடாது||

|| தோஹா
எப்போதும் மகிழ்ச்சியான மாமியார், மாமியார்
நீங்கள் முற்றிலும் நம்பிக்கையுடன் இருக்கட்டும், ஹரு பாவ் சோகத்தை விஞ்சிவிடுங்கள்.

CHALISA IN TELUGU

|| దోహా | |
శ్రీ గణపతి ప్యాడ్ నాయి హెడ్, ధార్హి హాయ్ శారదా ధ్యానం.
సంతోష్ మా కరూన్ కీర్తి సంకల్ బఖాన్

|| బౌండ్ ||
జై సంతోషి మా జగ జనాని. ఖల్ మాటి చెడ్డ రాక్షసుల జట్టు హన్నీ
గణేశుడు మీకు ఇష్టమైనది. రిద్ధి సిద్ధిని తల్లి అంటారు

తల్లిదండ్రుల ధైర్యం దులారి. కీర్తి కేహి కేహి లా కహానీ ఆయి
కిరీటం తల అనుపమ్ హెవీ సృష్టించింది. చిత్రం కనన్ కుండల్

సోహత్ అంగ్ చాట్ ఇమేజ్ అందమైన పడుచుపిల్ల. అందమైన రాగ్ బంగారు గీత
మీరు చతుర్భుజం సుఘ్ద్ విశాలా. ధరణ కర్హు అటవీ దండను కౌగిలించు

గౌ అమిత్ దులారి దగ్గర. కర్హు మయూర్, మీరు కనిపెట్టలేదు
మీ అందరికీ తెలుసు, ప్రభుతాయ్ సుర్ నార్ ముని సాబ్ కర్హి భాణి హై

నేను మీ కోసం క్షమించండి. విచారం పేలవమైనది, అందరూ నాసాయికి వెళతారు.
వేద పురాణం ప్రసిద్ధి చెందింది. కరు భక్త్ కి సాహి సాహి


అన్నాడు బ్రహ్మ ధింగ్ సరస్వతి. లక్ష్మి రూప్ విష్ణు ధింగ్ ఐ॥
బిరాజీగా శివ ధింగ్ చర్చి. మూడు ప్రపంచాలకు మహిమ

జానీ శక్తి రూపంలో వ్యక్తమయ్యాడు. రుద్ర రూప్ భాయ్ మాట్ భవానీ
చెడు ఆసక్తి నల్లగా ఉందని వెల్లడించారు. జగ్‌మగ్ జ్యోతి ప్రచందా నిరాలి ||

చాంద్ ముండ్ మహిషాసురుడిని చంపాడు. శంభ్ నిశుంబ్ అసుర హాన్ డేర్
మహిమా వేద పురాణన్ బారాణి. వ్యక్తిగత భక్తి సంక్షోభం

రూప్ శారదా హన్స్ మోహిని. నీరక్కర్ సరైనది గ్రహించాడు
ప్రగతై చాహుండిష్ నిజ్ మాయ. కణ కణానికి వేగవంతమైన సమయం ఉంటుంది.

భూమి నక్షత్రాలు సూర్య చంద్ర అరు. సూచించిన అన్ని సన్నివేశాలు క్రమంలో ఉన్నాయి.
మీరు పెంపకం చేయరు పెళుసైన క్షణంలో మాట్లాడండి

బ్రహ్మ విష్ణువు మీకు చాలా భక్తి. మిగిలి ఉన్న మహేష్ ఎప్పుడూ చూసుకోండి
నెరవేర్చాలని కోరుకుంటున్నాను మీరు పాపం పొందుతారు


మీ మనసుకు శ్రద్ధ వహించండి. కాబట్టి మనిషి సంపద మరియు ఆనందాన్ని కనుగొంటాడు.
బాంధీ నారి తుమ్హీన్ జో ధ్యాయన్. పుత్రా పుష్ప్ లతా సామ షీ పావు.

భర్త విపరీతమైన హైపర్బోలిక్. మీరు డిస్‌కనెక్ట్ అయ్యారు, చాలా చెదిరిపోయారు.
మీ కోసం పట్టించుకునే అమ్మాయి. మీ మనస్సును మీకు కావలసిన వరుడిగా చేసుకోండి

షీల్వాన్ సద్గురువు, నా ప్రియమైన. మీ ప్రజల పడవ పడవ
చట్టబద్ధంగా ఉపవాసం ఉన్న ఎవరైనా. తాహి అమిత్ సుఖ్ ఆస్తిని నింపలేదు

బెల్లం మరియు గ్రాము ఆనందించండి. సర్వ్, ఆనంద్ పావై
భక్తిని కలిగి ఉండని ధ్యానం. కాబట్టి దయచేసి మగవారి గురించి ఖచ్చితంగా తెలుసుకోండి.

మీ వ్యాపారం మీదే ఉండాలి. టాకో సహజ్ కర్హు నిస్టారా
నారి సుహాగిన్ ఫాస్ట్ ఇది ఉపయోగించబడుతుంది. ఆనందంతో డాక్ పుష్కలంగా ఉంది

ఇది మూడ్ లాంటిది కాబట్టి మనిషికి అదే ఫలం వస్తుంది.
ఉపవాసం ఉన్న ఏడు శుక్రుడు కోరికతో నిండి ఉండండి

సేవా కరాహి భక్తి యుట్ జోయి. పేద దు .ఖాన్ని తొలగించండి
ఇది మీ తల్లికి ఆశ్రయం. క్షణంలో ఒక కీలు చేయండి

జై జై జై అంబే కల్యాణి. దయచేసి మోరి మహారాణి
చదువుకునే ప్రతి ఒక్కరూ, చాలీసా టేప్ కర్హిన్ కృపా జగదీషా

ప్రతి పాఠానికి తినండి కారై ఏక్ బారా కాబట్టి మనిషి, మీ ప్రియమైన
నామ్ లేట్ బైదా అందరూ పారిపోయారు. నాకు ఎప్పుడు వ్యాధి రాకూడదు||

|| దోహా | |
ఎల్లప్పుడూ సంతోషంగా ఉన్న అత్తగారు, అత్తగారు
మీరు పూర్తిగా ఆశాజనకంగా ఉండండి, హారు భావ్ విషాదాన్ని అధిగమిస్తారు.

CHALISA IN URDU

|| دوحہ۔ | |
شری گنپتی پیڈ نی ہیڈ ، دھرھی ہی شاردا مراقبہ۔
سنتوش ما کارون کیرتی سنکل بچھن۔
|| پابند ||
جئے سنتوشی ما جگ جانانی۔ خل متی شریر راکشس ٹیم ہنی
بھگوان گنیش آپ کے پسندیدہ ہیں۔ ردھی سدھی کو ماں کہا جاتا ہے

والدین کی دلاری کی ہمت کریں۔ کیرٹی کیہی قانون کہانی آیا ہے
ولی عہد سر انوپم بھاری بنایا۔ کنن کنڈال کی تصویر


سوہت انگ چھت امیج پیاری۔ خوبصورت چیتھ سنہری پٹی۔
آپ چوکور سغد ویشالا۔ دھرنہ کرھو گلے جنگل کی مالا۔

گو امیت دلاری قریب ہے۔ کارھو میور ، آپ ناگوار ہیں
پربھوتائی ، آپ سب کو جانتے ہو سور نار مونی سب کرہی بنی ہے

مجھے آپ کے لئے افسوس ہے اداسی غریب ہے ، ہر کوئی نسائی کے پاس جاتا ہے۔
وید پوران مشہور تھا۔ کرو بھکت کی ساہی ہے


برہما دھنگ سرسوتی نے کہا۔ لکشمی روپ وشنو ڈھینگ آئی۔
شیوا ڈھنگ چرچ بطورجی۔ پاک ہے تینوں جہانوں کا

جانی طاقت کی شکل میں ظاہر ہوئی۔ رودر روپ بھائی مات بھویانی۔
ناجائز مفاد کالا ہونے کا انکشاف ہوا۔ جگماگ جیوتی پراچندا نیرالی ||

چاند منڈ نے مہیشور کو مار ڈالا۔ شمبھ نشومبھ اسورا ہان ہمت
مہیما وید پورانن بارانی۔ ذاتی عقیدت کا بحران

روپ شاردا ہنس موہینی۔ نیرککر حق کا احساس کرتے ہوئے۔
پراگتائی چہونڈیش نیج مایا۔ ذرہ ذرہ میں تیز تیز وقت ہوتا ہے۔

زمین کے ستارے سوریا چندر ارو۔ تمام اشارے کی ترتیب ترتیب میں ہیں۔
تم پرورش نہیں کرتے ٹوٹے ہوئے لمحے میں بولا


برہما وشنو آپ سے بہت عقیدت مند ہیں۔ باقی رہنا مہیش کو ہمیشہ ذہن میں رکھنا
پورا کرنا چاہتے ہیں آپ گناہ کاٹ سکتے ہیں

اپنے دماغ پر دھیان دو۔ تو آدمی دولت اور خوشی پاتا ہے۔
بندھی ناری تمھیوں جو دھیان۔ پترہ پشپ لتا سما وہ پاؤ۔

شوہر غیر معلوم ہائپربولک۔ آپ کا رابطہ منقطع ہوا ، بہت پریشان ہوا۔
وہ لڑکی جو آپ کا خیال رکھتی ہے۔ اپنے دماغ کو اپنا مطلوبہ دولہا بنائیں

شیلوان نیک ہے ، میرے پیارے اپنے لوگوں کی کشتی کشتی
جو بھی حلال روزہ رکھتا ہے۔ تاہی امت سکھ پراپرٹی نہیں بھرتی

گڑ اور چنے کا مزہ لیا جاتا ہے۔ خدمت کرو ، آنند پائی
مراقبہ جو تعظیم نہیں رکھتا ہے۔ تو براہ کرم اس نر کا یقین رکھیں۔

آپ کا کاروبار آپ کا ہونا چاہئے۔ تکو سہج کرہو نستارا۔
ناری سوہگین روزہ جو پہلے ہوا کرتا تھا۔ خوشی کے ساتھ کافی گودی

جو مزاج کی طرح ہے تو انسان کو وہی پھل ملتا ہے۔
سات وینس جو روزہ رکھتی ہے خواہش سے بھرا گھورنا

خدمت کرہی بھکتی یوت جوئی۔ ناقص غم دور کرو
جو آپ کی والدہ کی پناہ ہے۔ ایک لمحے میں قبضہ کرلیں

جئے جئے جئے امبی کلیانی۔ براہ کرم موری مہارانی۔
ہر ایک جو مطالعہ کرتا ہے ، چالیسہ تپ کرہین کرپا جگدیشا۔
فی سبق کھا لو کرئ ایک بار تو یار تیرا محبوب۔
نام مرحوم بائدہ سب بھاگ گئے۔ مجھے یہ بیماری کب نہیں لینا چاہئے؟

|| دوحہ۔ ||
ہمیشہ خوش رہنے والی ساس ، ساس
آپ پوری امید مند ہو ، ہارو بھاؤ سانحہ کو بہتر بنائے۔

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